बच्चों की ये 7 बातें मां के दिल को पहुंचाती हैं चोट
नन्हे दिलों की मासूमियत में छुपा है माताओं के जज़्बातों का अनमोल दर्द।

Image: ShutterStock
बच्चा भले ही बड़ा होने के बाद अपने दोस्तों के साथ मस्त हो जाए, लेकिन मां के दिल में अपने बच्चे के लिए प्यार कभी कम नहीं होता। ये मां ही होती है, जो बिना किसी स्वार्थ के अपने बच्चे को जिंदगी-भर प्यार करती है। वहीं, बच्चे बड़े होने के बाद बात-बात पर मां के दिल को चोट पहुंचाते हैं। क्यों बच्चे इतने स्वार्थी हो जाते हैं? क्यों मां की परवाह करना छोड़ देते हैं और ऐसे बच्चों की कौन सी बातें हैं, जो मां के दिल को दुख पहुंचाती हैं? यहां हम इसी नाजुक मसले पर बात करते हैं।
- जब बच्चे देते हैं उल्टा जवाब – बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, वैसे-वैसे उनकी आदतें और जरूरतें बदलने लगती हैं। कुछ बातें मां को पसंद आती हैं और कुछ चीजों पर मां रोक लगाती है। ऐसे में कभी-कभी मां और बच्चे में तू-तू मैं-मैं होना स्वाभाविक है, लेकिन कई बार यही छोटे-मोटे झगड़े कुछ अलग रूप ले लेते हैं। इसी में बच्चे मां को कुछ ऐसा बोल देते हैं, जो उनके दिल को लग जाती है और वो दुखी हो जाती हैं।
- बच्चे के दूर जाने का ख्याल – आजकल स्कूल के बाद कई बच्चे अपने घर से दूर पढ़ाई करने जाते हैं। ऐसे में जब बच्चे पहली बार अपनी मां से बाहर जाने की बात करते हैं, तो मां का दिल दुखी हो जाता है। मां को इस बात की खुशी तो होती है कि बच्चा तरक्की करेगा, लेकिन अपने दिल के टुकड़े को दूर जाते देख दिल दुखी भी हो जाता है।
- जब बच्चे आपस में लड़ें – अगर घर में दो बच्चे हों, तो उनके बीच लड़ाई होना सामान्य है। मां को भी बच्चों की शरारतें अच्छी लगती हैं, लेकिन वही बच्चे जब बड़े होकर किसी गंभीर विषय पर लड़ने लगें और अलग होने तक की नौबत आ जाए, तो मां का दिल दुखी होता है। मां के लिए उनका हर बच्चा एक समान होता है। ऐसे में अपने दिल के टुकड़ों को लड़ते देख वो बहुत दुखी हो जाती हैं।
- न करें अगर मां को याद – आजकल हर कोई व्यस्त है, कोई पढ़ाई में तो कोई काम में। ऐसे में कई लोग ऐसे हैं, जो हफ्ते में एक या दो दिन ही परिवार को फोन कर पाते हैं। हाल तो यह है कि एक ही घर में होते हुए भी व्यस्तता के कारण परिवार में बात नहीं हो पाती है। ऐसे में जब कई दिनों तक मां की बात बच्चे से न होए, तो मां का दिल दुखी होता है। मां अपने बच्चे की आवाज सुनने के लिए घंटों फोन के पास बैठी रहती है, लेकिन कई दिन गुजर जाने के बाद भी फोन नहीं आता।

- आपको नहीं आता – जब मां बच्चे के मुंह से यह सुनती हैं “आपको नहीं आता”, तो उनका दिल बहुत दुखता है। जिस मां ने अपने बच्चे को उंगली पकड़कर चलना सिखाया, शब्दों का ज्ञान दिया, सही-गलत का भेद बताया। आज वही बच्चा जब यह कहता है, “मां तुम कुछ नहीं जानती”, तो सोचिए कितना दुखी होता होगा एक मां का दिल यह सुनकर। वो भी वक्त के साथ बदलना चाहती है, अपने बच्चों के कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है। वो अपने बच्चों से उम्मीद करती है कि उनके बच्चे भी धैर्य के साथ उन्हें नई चीजें सिखाएं।
- जब बच्चे झूठ बोलें – मां अपने बच्चों पर हमेशा भरोसा करती है, लेकिन कभी-कभी बच्चे कुछ बातें अपनी मां से छिपा जाते हैं या झूठ बोल देते हैं। ऐसे में इस बारे में जब मां को कहीं और से पता चलता है, तो मां का दिल बहुत दुखी होता है। मां चाहती है कि वो बच्चों की दोस्त बने, इसके लिए वो नए जमाने के साथ-साथ अपने आपको बदलने की भी कोशिश करती हैं। ऐसे में बच्चों को उनके इस प्रयास को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि उनसे झूठ बोलना या बातों को छिपाना चाहिए।
- बेटी की विदाई – बेटियां मां-बाप के आंखों का तारा होती है। लेकिन, यही बेटी जब शादी के बंधन में बंधती है, तो मां को खुशी तो होती है, पर बेटी के दूर जाने से मां का दिल दुखी भी हो जाता है।
मां को चाहे कुछ भी कह दो, लेकिन उसके प्यार में कभी कमी नहीं आती। अगर मां का दिल दुखी भी होता है, तो भी वो अपने बच्चों के सामने यह जाहिर नहीं करती है। इसलिए, यह बच्चों का फर्ज है कि वो मां के दिल को समझे और उनके दिल का ख्याल रखें। हर रिश्ते से अलग और ऊपर है, एक मां और बच्चे का रिश्ता। हर बच्चे को जरूरत है, इस रिश्ते को समझने और इस प्यार के बदले भरपूर प्यार देने की। बच्चों को भूलना नहीं चाहिए कि अगर वो बड़े हो रहे हैं, तो उनके माता-पिता भी बूढ़े हो रहे हैं। अब उनको भी उनके बच्चों की उतनी ही जरूरत है, जितनी कभी बचपन में बच्चों को अपने माता-पिता की थी।
Kids’ Hurtful Remarks Explained
Watch this video to learn why kids' blunt remarks hurt your feelings and how to respond with warmth and understanding—tips for every caring parent.