शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने और उसके विकास के लिए कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इन्हीं पोषक तत्वों में से एक है विटामिन K। यह ऐसा विटामिन है, जो वसा में घुलनशील होता है। यह खून को जमाने और प्रोटीन के अवशोषण में सहायक माना जाता है। साथ ही यह उपयोग में लाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से मिलने वाले कैल्शियम को शरीर में अवशोषित और सक्रिय करने में सहायक माना जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको विटामिन K के फायदे, प्रकार और इसकी कमी से होने वाली समस्याओं के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। साथ ही लेख के माध्यम से आपको इससे समृद्ध कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में भी बताएंगे।
लेख में हम सबसे पहले बात करेंगे विटामिन K के फायदे के बारे में।
विषय सूची
विटामिन K के लाभ – Vitamin K Benefits In Hindi
विटामिन K हमारे शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। आइए, कुछ बिन्दुओं के माध्यम से जानते हैं विटामिन K के फायदे (1)।
- धमनियों की दीवारों का सख्त होने से बचाता है।
- हार्ट अटैक के जोखिम कारकों को दूर करने में मददगार साबित होता है।
- कैंसर से संबंधित जोखिम कारकों को दूर करने में सक्षम है।
- हड्डियों को मजबूती प्रदान कर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं को दूर करता है।
- इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाने में सहायक साबित होता है। इससे डायबिटीज की समस्या में राहत मिलती है।
विटामिन K के फायदे जानने के बाद अब हम बात करेंगे इसके प्रकार के बारे में।
विटामिन K के प्रकार – Types of Vitamin K in Hindi
विटामिन K के प्रकार के बारे में बात करें, तो मुख्य रूप से यह दो प्रकार का होता है। पहला है विटामिन के-1 और दूसरा है विटामिन के-2 (1)।
- विटामिन के-1 : विटामिन के-1 सामान्य रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है।
- विटामिन के-2 : चिकन, मक्खन, अंडे की जर्दी, पनीर और फर्मेंटेड सोयाबीन को विटामिन के-2 का मुख्य स्रोत माना गया है।
लेख के आगे के भाग में हम बात करेंगे विटामिन के की कमी के बारे में।
विटामिन K की कमी क्या है? – What is Vitamin K Deficiency in Hindi
विटामिन के की कमी मुख्य रूप से शिशुओं में ज्यादा देखी जाती है। कारण यह है कि वो मां के दूध पर ही निर्भर करते हैं और मां के दूध में विटामिन K की मात्रा काफी कम होती है। वहीं, वयस्कों में इसकी कमी बमुश्किल ही देखी जाती है, लेकिन गलत खान-पान, आंतरिक समस्याओं या विशेष दवा के उपयोग के कारण विटामिन k की कमी की शिकायत वयस्कों में पाई जा सकती है (2)।
विटामिन K की कमी होने का कारण – Causes of Vitamin K Deficiency in Hindi
विटामिन k की कमी के कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें निम्न बिन्दुओं के माध्यम से समझा जा सकता है (3)।
- अनियमित खान-पान के कारण विटामिन के की कमी हो सकती है। कारण यह है कि यह कुछ खास खाद्य पदार्थों में ही उपलब्ध होता है।
- शरीर में विटामिन के का अवशोषण न हो पाना।
- बड़ी अंत में पाए जाने वाले खास जीवाणुओं की कमी, जो विटामिन के-2 को शरीर में अवशोषित करने का काम करते हैं।
- वहीं, कुछ खास बीमारी जैसे :- लिवर संबंधी समस्या, आंतों में सूजन और सिस्टिक फाइब्रोसिस( फेफड़ों और पाचन तंत्र से जुड़ा एक अनुवांशिक रोग) के
रोगियों में विटामिन के की कमी होने का खतरा रहता है।
विटामिन के की कमी के कारणों को जानने के बाद अब आती है इसके लक्षणों को जानने की बारी।
विटामिन K की कमी के लक्षण – Symptoms of Vitamin K Deficiency in Hindi
विटामिन के की कमी के लक्षणों को कुछ इस प्रकार समझा जा सकता है (3) :
- हल्की चोट लगने पर अधिक खून का बहना।
- नाक से अचानक खून आना।
- मसूड़ों से खून आना।
- मूत्र में खून आना।
- मल में खून आना या गाढ़ा काले रंग का मल होना।
- मासिक धर्म में अनियमित खून आना।
लक्षणों को जानने के बाद अब हम बात करेंगे विटामिन के युक्त खाद्य पदार्थों की।
विटामिन K युक्त खाद्य पदार्थ – Vitamin K Rich Foods in Hindi
ऐसे कई खाद्य पदार्थ है, जिन्हें नियमित आहार में शामिल कर विटामिन के की कमी को पूरा किया जा सकता है। इनमें से कुछ के बारे में हम यहां बता रहे हैं।
1. अनार
सामग्री :
- दो अनार
- काला नमक (स्वादानुसार)
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले अनार को छिलकर उसके दानों को अलग कर लें।
- अब इन दानों को जूसर में डालें और अनार का रस निकाल लें।
- रस पूरी तरह निकल आने के बाद इसे गिलास में डालें और उसमें स्वादानुसार काला नमक मिला कर पिएं।
कैसे है उपयोगी :
अनार में विटामिन सी, थियामिन, राइबोफ्लेविन और नियासिन के साथ विटामिन के भी पाया जाता है। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि अनार का उपयोग विटामिन K के स्रोत के रूप में किया जा सकता है (4)।
2. हरी सेम
सामग्री :
- 200 ग्राम कटी हुई हरी सेम
- एक कटा हुआ प्याज
- जीरा एक छोटा चम्मच
- पिसा धनिया एक छोटा चम्मच
- पिसी हल्दी आधा चम्मच
- नमक स्वादानुसार
- दो चम्मच सरसों का तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले आप गैस पर एक कढ़ाई रखें और सुनिश्चित करें कि उसमें पानी न हो।
- कढ़ाई में दो चम्मच तेल डालें और कुछ देर उसे गरम होने दें।
- तेल गरम हो जाने पर उसमें एक छोटा चम्मच जीरा डालें।
- जीरा चटकने का इंतजार करें।
- जब जीरा चटकने लगे, तो उसमें कटा हुआ प्याज डालें।
- अब प्याज को अच्छे से भून लें, जब तक वह लाल न हो जाएं।
- अब कढ़ाई में कटी हुई सेम को डाल लें। इसमें हल्दी, धनिया और नमक डालें और अच्छे से मिला लें।
- अब सेम को दो से तीन मिनट तक चलाते हुए अच्छे से भून लें।
- सबसे आखिरी में इसमें आधा कप पानी डालें और अच्छे से सब्जी में मिक्स करें।
- इसके बाद किसी बर्तन से कढ़ाई को ढक दें और 5 से 10 मिनट तक उसे ऐसे ही छोड़ दें।
- इस दौरान जरूरत होगी कि आप बीच-बीच में देखते रहें कि सेम कढ़ाई में चिपकने न पाए।
- जब सुनिश्चित हो जाए कि सेम पूरी तरह से पक गई है, तो सेम को प्लेट में निकाल लें।
कैसे है उपयोगी :
हरी सेम में विटामिन सी, नियासिन, राइबोफ्लेविन व थियामिन के साथ विटामिन के भी अच्छी मात्रा में उपलब्ध होता है। इस कारण विटामिन के की कमी में इसे खाने की सलाह दी जाती है (5)।
3. पालक
सामग्री :
- 200 ग्राम कटी हुई पालक
- दो चम्मच सरसों का तेल
- 2 से 3 लहसुन की कटी हुई कली
- आधा चम्मच कटी हुई अदरक
- कटी हुई दो हरी मिर्च
- एक कटा हुआ प्याज
- दो टमाटर कटे हुए
- आधा चम्मच जीरा
- आधा चम्मच गरम मसाला
- नमक स्वादानुसार
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले गैस पर कढ़ाई चढ़ाएं और उसमें दो चम्मच तेल डालें।
- थोड़ी देर तेल को गरम होने दें।
- तेल गरम होने के बाद उसमें जीरा डालें।
- जीरा चटकने लगे, तो उसमें कटा हुआ प्याज, लहसुन और अदरक डालें और उसे लाल होने तक भूने।
- अब उसमें कटी हुई पालक डालें, फिर एक-एक करके मिर्च, टमाटर, गरम मसाला और नमक डालें और अच्छे से मिलाएं।
- अब उसे दो से तीन मिनट तक चलाते रहे और सभी मसालों को पालक में मिलने दें।
- अब उसमें आधा कप पानी डालकर कढ़ाई को किसी बर्तन से ढक दें।
- इसे 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें, लेकिन बीच-बीच में ध्यान देते रहे कि पालक चिपकने न पाए।
- अंत में समय पूरा होने पर सुनिश्चित कर लें कि पालक अच्छी तरह पक गई है, तो उसे प्लेट में परोस लें।
कैसे है उपयोगी :
विटामिन ए, बी, सी और फोलेट के साथ-साथ पालक में विटामिन के भी मौजूद होता है। इस कारण इसे विटामिन K के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है (6)।
4. पत्ता गोभी
सामग्री :
- तीन कप बारीक कटी हुई पत्ता गोभी
- एक कप मटर के दानें
- एक टमाटर कटा हुआ
- आधा चम्मच पिसी हल्दी
- आधा चम्मच लाल मिर्च
- दो चम्मच सरसों का तेल
- एक चम्मच जीरा
- चौथाई चम्मच हींग
- दो तेज पत्ते
- दो से तीन हरी कटी मिर्च
- एक चम्मच बारीक कटी धनिया
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले कढ़ाई को गैस पर रखें और थोड़ी देर गरम होने दें।
- फिर कढ़ाई में दो चम्मच सरसों का तेल डालें और उसे गरम होने दें।
- तेल गरम होने के बाद उसमें जीरा डालें।
- जब जीरा भुन जाए, तो उसमें हींग, कटी मिर्च व हल्दी डालकर दो से तीन मिनट तक भूनें।
- अब इसमें करीब आधा कप पानी डालें और उसे अच्छे से चलाएं।
- इसके बाद कटी हुई पत्ता गोभी और मटर डालें और धीमी आंच पर दो से तीन मिनट तक अच्छे से मिलाएं।
- अब नमक, लाल मिर्च और टमाटर डालकर सब्जी में मिलाएं।
- इसके बाद कढ़ाई को किसी बर्तन से ढक दें और 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- अब आपकी सब्जी पूरी तरह से पक गई है और इसे किसी बर्तन में खाने के लिए परोस लें।
कैसे है उपयोगी :
बता दें कि पत्ता गोभी में आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम के साथ-साथ विटामिन ए, विटामिन बी-6, विटामिन सी और विटामिन के प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इस कारण इसका उपयोग विटामिन के की कमी से होने वाले जोखिमों को कम करने में सहायक माना जाता है (7)।
5. ब्रोकली
सामग्री :
- 200 ग्राम कटी हुई ब्रोकली
- एक चम्मच कटा हुआ अदरक
- आधा नींबू
- दो कटी हुई हरी मिर्च
- एक चौथाई चम्मच काली मिर्च
- एक चौथाई चम्मच जीरा
- नामक स्वादानुसार
- एक चम्मच मक्खन
- एक चम्मच कटा हरा धनिया
- आधा जग पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले एक बर्तन में पानी लें और उसे गैस पर रख कर उबाल लें।
- जब पानी उबलने लगे, तो उसमें कटी हुई ब्रोकली को डालें और 3 से 4 मिनट के लिए बर्तन को ढककर ऐसे ही छोड़ दें।
- जब ब्रोकली अच्छे से उबल जाएं, तो चेक करें कि ब्रोकली नरम हो गई है या नहीं। नरम होने की स्थिति में ब्रोकली का रंग हल्का हरा हो जाएगा।
- अब एक छलनी की सहायता से ब्रोकली को पानी से अलग कर लें।
- इसके बाद कढ़ाई में एक चम्मच मक्खन डालकर गरम कर लें।
- मक्खन गरम हो जाने के बाद जीरा डालकर भून लें।
- जब जीरा चटकने लगे, तो उसमें अदरक, हरी मिर्च, नमक और काली मिर्च डालकर अच्छी तरह से मिलाएं।
- अब इसमें ब्रोकली के कटे हुए टुकड़े डालें और उसे मसाले में अच्छी तरह से मिलाएं।
- फिर इसे दो से तीन मिनट तक चलाते हुए पकाएं और बाद में नींबू का रस डालें।
- इसके बाद कढ़ाई को 10 से 15 मिनट के लिए ढक कर रख दें।
- समय पूरा होने के बाद सुनिश्चित करें कि ब्रोकली पूरी तरह से पक गई है कि नहीं।
- अच्छी तरह पक जाने के बाद इसे किसी बर्तन में परोस लें और ऊपर से कटा हुआ हरा धनिया डालें।
कैसे है उपयोगी :
ब्रोकली में कई जरूरी पोषक तत्वों के साथ-साथ विटामिन के भी अच्छी मात्रा में उपलब्ध होता है। इसलिए, इसे विटामिन के की कमी को पूरा करने का एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है (8)।
6. कीवी फल
सामग्री :
- 4 कीवी फल
- दो कप पानी
- चीनी स्वादानुसार
कैसे करें इस्तेमाल :
- पहले कीवी फल को छोटे टुकड़ों में काट लें।
- फिर इन टुकड़ों को पानी और चीनी के साथ ब्लेंडर में डालकर ग्राइंड कर लें।
- मिक्स हो जाने के बाद तैयार जूस को गिलास में निकाल लें।
नोट :- आप चाहें तो कीवी फल को सीधे खाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है उपयोगी :
कीवी फल में कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम के साथ विटामिन ए, बी-6, विटामिन सी और विटामिन के उपलब्ध होता है। इस कारण इसका इस्तेमाल विटामिन के की कमी को पूरा करने में किया जा सकता है (9)।
7. काजू
सामग्री :
- 5-6 काजू
- दूध एक गिलास
- शहद (वैकल्पिक)
- एक चुटकी इलायची पाउडर (स्वाद के लिए)
कैसे करें इस्तेमाल :
- काजू को 10 से 15 मिनट के लिए दूध में भिगोकर रख दें।
- समय पूरा होने के बाद आप ग्राइंडर में काजू और दूध को डालकर अच्छे से पीस लें।
- आप इसमें स्वाद के लिए शहद मिक्स कर सकते हैं।
- फिर इसे गिलास में निकाल कर सर्व करें।
नोट– शेक के अलावा आप काजू को ऐसे ही स्नैक्स के तौर पर भी खा सकते हैं।
कैसे है उपयोगी :
काजू में विटामिन ए, विटामिन बी के साथ विटामिन के भी अच्छी मात्रा में उपलब्ध होता है। इसलिए इसे विटामिन के के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है (10)।
8. गाजर
सामग्री :
- 4 से 5 बड़ी गाजर घिसी हुई
- दूध एक कप
- आधा कप खोया
- आधा कप चीनी
- एक कप घी
- 5 इलायची पिसी हुई
- 8 से 10 बादाम बारीक कटे हुए
- 8 से 10 काजू बारीक कटे हुए
- 6 से 7 किशमिश
- 4 से 5 पिस्ता बारीक कटे हुए
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले गाजर को छिल लें, ताकि उसके रेशे पूरी तरह से निकल जाएं।
- इसके बाद गाजर को अच्छे से घिस लें।
- अब गैस पर कढ़ाई रखें और उसमें दूध और घिसी हुई गाजर डालें।
- अब इसे धीमी आंच पर पकाएं और लगातार चलाते रहें।
- जब गाजर का सारा पानी सूख जाए और दूध गाढ़ा होने लगे, तो उसमें चीनी और घी डालकर मिला लें।
- जब सारा दूध गाजर के साथ सूख जाए, तो उसमें खोया डालकर मिलाएं।
- अब गाजर में काजू, बादाम, किशमिश, पिस्ता और इलायची मिला दें।
- गैस को बंद करने के बाद भी गाजर को दो से तीन मिनट तक चलाएं, ताकि वह चिपके नहीं।
- समय पूरा होने पर गैस को बंद करें और किसी बर्तन में तैयार हुए हलवे को परोस लें।
नोट– गाजर को छोटे टुकड़े में काटकर सलाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कैसे है उपयोगी :
विटामिन ए, बी-6 और ई के साथ विटामिन के भी गाजर में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इस कारण इसे विटामिन के के स्रोत के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है (11)।
9. एवोकाडो
सामग्री :
- दो से तीन एवोकाडो
- एक चौथाई कटा हुआ प्याज
- नमक स्वादानुसार
- पिसी मिर्च स्वादानुसार
- कटी हुई सलाद (खीरा, ककड़ी, चुकंदर व गाजर)
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले एवोकाडो को बीच से काट लें।
- अब इसके बीच से बीज को चाकू की मदद से बाहर निकालें।
- फिर चम्मच की सहायता से एवोकाडो के गूदे को बाहर निकाल लें।
- इसके बाद आप सबसे पहले एवोकाडो के गूदे को किसी कटोरी में लेकर अच्छे से मैश कर लें।
- अब उसमें कटे हुए प्याज, सलाद, नमक और मिर्च को डालें और अच्छे से मिक्स करें।
- अब एवोकाडो की सलाद तैयार है।
कैसे है उपयोगी :
कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस के साथ विटामिन सी, बी-6, फोलेट और विटामिन के भी उपलब्ध होता है। इस कारण इसे विटामिन के की कमी को पूरा करने का एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है (12)।
10. मक्खन
सामग्री :
- 4 पीस आटा ब्रेड
- दो चम्मच मक्खन
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले हल्की आंच पर ब्रेड को सेक लें।
- अब इस पर मक्खन को लगाएं।
- अब इसे खाने के लिए प्लेट में सर्व करें।
कैसे है उपयोगी :
सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस के साथ-साथ इसमें थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन ई और विटामिन के पाया जाता है। इस कारण इसे विटामिन के के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है (13)।
विटामिन के युक्त खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद हम बात करते हैं, इसकी कमी से होने वाले रोगों के बारे में।
विटामिन K की कमी से होने वाले रोग
आइए कुछ बिन्दुओं के माध्यम से विटामिन के की कमी से होने वाले रोगों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं (2)।
- अधिक खून बहना– विटामिन के मुख्य रूप से खून को गाढ़ा करने का काम करता है। वहीं, इसकी कमी के कारण खून अधिक पतला हो जाता है। इस कारण जरा-सी चोट लग जाने के कारण खून अधिक बह जाने का खतरा रहता है। वहीं, बच्चों में विटामिन के की कमी के कारण अधिक खून बहने की समस्या को वीकेबीडी (Vitamin K deficiency bleeding) कहा जाता है।
- हड्डियों के विकास में कमी– जैसे कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि विटामिन के खाद्य पदार्थों से मिलने वाले कैल्शियम को शरीर में अवशोषित करने का कार्य करता है। इस कारण इसकी कमी कैल्शियम की कमी का भी कारण बनती है। इस कारण हड्डियों के विकास में कमी और कमजोरी आ जाती है। इस कारण उनके जरा सी चोट लगने पर टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
- ऑस्टियोपोरोसिस– विटामिन के शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने में सहायक माना जाता है। इस कारण इसकी कमी ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का एक विकार) की समस्या को भी बढ़ावा देने का काम करती हैं।
- ह्रदय रोग– विशेषज्ञों के मुताबिक विटामिन के की कमी के कारण ह्रदय रोग संबंधित जोखिमों के बढ़ने का खतरा रहता है।
विटामिन के से संबंधित रोगों के बारे में जानने के बाद अब समय है इसकी कमी से बचाव के बारे में जानने का।
विटामिन K की कमी से बचने के उपाय – Prevention Tips for Vitamin K Deficiency in Hindi
संतुलित आहार और आहार में विटामिन के युक्त खाद्य पदार्थो जैसे :- अनार, हरी सेम, पालक, पत्ता गोभी, ब्रोकली, काजू को शामिल कर इस समस्या को खुद से दूर रखा जा सकता है।
विटामिन के हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना जरूरी है, इस बारे में आप अब अच्छी तरह से जान ही गए होंगे। साथ ही आपको इससे संबंधित सभी समस्याओं के बारे में भी जानकारी मिल गई होगी। लेख के माध्यम से हमने आपको इसकी कमी को दूर करने वाले सभी मुमकिन उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया है। ऐसे में अगर आप या आपका कोई भी पारिवारिक सदस्य इस समस्या से ग्रस्त है, तो बेहतर होगा कि आप पहले लेख में दी गई सभी जानकारियों को अच्छी तरह पढ़ लें। उसके बाद ही सुझाए गए विकल्पों को इस्तेमाल में लाएं। इस संबंध में किसी अन्य जानकारी या सुझाव के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का उपयोग कर सकते हैं।
अगर आप बहुत अधिक विटामिन K लेते हैं, तो क्या होता है?
खाद्य पदार्थों के माध्यम से विटामिन के की अधिकता होने की संभावना काफी कम होती है। वहीं, अगर दवाओं या सप्लीमेंट्स के रूप में विटामिन के को डॉक्टर की सलाह के बिना लिया जाए, तो खून के थक्के जरूरत से ज्यादा बन सकते हैं। कारण यह है कि विटामिन के को मुख्य रूप से खून को गाढ़ा करने में सहायक माना जाता है।
क्या विटामिन K पानी में घुलनशील है?
नहीं, विटामिन के पानी में घुलनशील नहीं होता, बल्कि यह वसा में घुलनशील होता है।
क्या विटामिन K और पोटैशियम एक ही है?
पोटैशियम एक मिनरल होता है, जबकि विटामिन के विटामिन का एक प्रकार होता है।
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