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पनीर से लगभग सभी परिचित हैं, लेकिन पनीर की तरह दिखने वाले ‘टोफू’ के बारे में शायद कम ही लोगों को पता होगा। इसका इस्तेमाल ज्यादातर वीगन (vegan-पशु उत्पादों के उपयोग से परहेज करने वाले) लोग करते हैं। टोफू को पौष्टिक तत्वों का अच्छा स्त्रोत माना गया है, जिस कारण टोफू खाने के फायदे कई सारे हो सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम टोफू पनीर के फायदे से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिश करेंगे। यहां हम न सिर्फ टोफू पनीर क्या है यह बताएंगे, बल्कि टोफू के फायदे-नुकसान और बनाने की विधि भी साझा करेंगे। इसलिए, टोफू पनीर से जुड़ी हर जानकारी के लिए यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें।
नीचे है विस्तृत जानकारी
इससे पहले कि टोफू के फायदे जानें, उससे पहले जानते हैं कि टोफू पनीर होता क्या है।
टोफू क्या है? – What Is Tofu in Hindi?
टोफू सोया मिल्क से बनने वाला खाद्य पदार्थ होता है। इसे ठीक पनीर की तरह बनाया जाता है, बस फर्क इतना है कि इसमें सोया दूध का उपयोग किया जाता है। यह पनीर की तरह ही दिखता है और इसे टोफू पनीर या सोया पनीर भी कहा जा सकता है। टोफू में कैल्शियम, आयरन और कई अन्य पौष्टिक तत्व मौजूद हैं (1)। लेख में आगे हम न सिर्फ टोफू खाने के फायदे बताएंगे, बल्कि टोफू बनाने की विधि की भी जानकारी देंगे।
टोफू किसे कहते हैं, यह जानने के बाद अब इसके स्वाद के बारे में भी जान लेते हैं।
टोफू का स्वाद कैसा होता है?
यह स्वाद में पनीर से थोड़ा अलग होता है। यह पनीर की तुलना में कम मुलायम होता है। देखा जाए तो इसका अपना कोई स्वाद नहीं होता है। यह इसके बनने के तरीके पर भी निर्भर करता है। इसे बनाने के लिए जिस तरह के मसाले का उपयोग किया जाए, उसका स्वाद वैसा ही हो सकता है। यह सोया दूध को फाड़ने की तकनीक पर निर्भर करता है। संभव है कि कुछ लोगों को यह हल्का खट्टा लगे।
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टोफू किसे कहते हैं और इसके स्वाद के बाद अब टोफू खाने के फायदे जानते हैं।
टोफू के स्वास्थ्य लाभ – Health Benefits of Tofu in Hindi
ध्यान रहे यहां बताए टोफू पनीर के फायदे बीमारी से बचाने या बीमारी के अवस्था में कुछ लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इन्हें किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का इलाज न समझें। चलिए, जानते हैं टोफू पनीर के फायदे :
1. टोफू में है आइसोफ्लेवोन्स
टोफू आइसोफ्लेवोंस का अच्छा स्त्रोत है। आइसोफ्लेवोंस एक प्रकार के पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो हार्मोन से संबंधित कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। अगर महिलाएं अपनी डाइट में संतुलित मात्रा में सोया युक्त खाद्य पदार्थ को शामिल करें, तो उनमें ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर का जोखिम कम हो सकता है (2)।
2. हृदय के लिए टोफू के फायदे
टोफू का सेवन हृदय रोग के खतरे को भी कम कर सकता है। यह बात एक स्टडी में सामने आई है। जिन पुरुष और महिलाओं ने हफ्ते में एक बार टोफू का सेवन किया है, उनमें हृदय रोग का खतरा उन लोगों से कम पाया गया, जिन्होंने महीने में सिर्फ एक बार टोफू का सेवन किया। टोफू में मौजूद आइसोफ्लेवोंस हृदय रोग के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं (3)। ऐसे में हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए हफ्ते में कम से कम एक दिन डाइट में टोफू को शामिल कर सकते हैं (4)।
3. डायबिटीज के लिए टोफू के फायदे
से बचने के लिए भी टोफू लाभकारी हो सकता है। मधुमेह के मरीज अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त टोफू को शामिल कर सकते हैं (5)। सोय युक्त टोफू कम कार्बोहाइड्रेट वाला खाद्य पदार्थ है, जिसका सेवन डायबिटीज में लाभकारी हो सकता है (6)। ध्यान रहे कि डायबिटीज के मरीज अनस्वीटेंड यानी बिना मीठा वाले टोफू का सेवन करें, क्योंकि मीठा सोया खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर उपलब्ध रिसर्च पेपर से होती है (7)।
4. किडनी के लिए टोफू
किडनी के लिए टोफू लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में यह बात सामने आई है कि सोया प्रोटीन अन्य उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन की तुलना में गुर्दे पर कम तनाव डालता है। इससे डायबिटीज में होने वाले किडनी की समस्या का जोखिम कम हो सकता है (6)। किडनी की समस्या से परेशान लोग टोफू को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं (8)। फिर भी इस बारे में एक बार डॉक्टरी सलाह भी लें, क्योंकि टोफू का सेवन मरीज की स्थिति पर भी निर्भर करता है।
5. मांसाहार का अच्छा विकल्प
टोफू मांसाहार का अच्छा विकल्प हो सकता है। टोफू प्रोटीन का स्त्रोत है। इसलिए, जो लोग नॉन वेज या डेयरी प्रोडक्ट नहीं खाते हैं, उनके लिए टोफू अच्छा विकल्प हो सकता है। एक स्वस्थ डाइट प्लान में टोफू को शामिल करके अपने आहार को पूर्ण आहार बना सकते हैं (9)।
6. वजन के लिए टोफू के फायदे
बढ़ते वजन की समस्या को सही दिनचर्या और संतुलित आहार से कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इसके लिए आहार में टोफू को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि सोया प्रोडक्ट या उसके सप्लीमेंट्स मोटापे की समस्या पर असरदार हो सकते हैं। इसके सेवन से भूख कम हो सकती है और शरीर के अधिक फैट को भी कम किया जा सकता है (10)। एक अन्य स्टडी में सोया प्रोडक्ट में मौजूद आइसोफ्लेवोंस को वजन कम करने में सहायक पाया गया है (11)। ऐसे में कई लोग वेटलॉस डाइट में टोफू को शामिल करते हैं।
7. लिवर के लिए टोफू
टोफू का सेवन लिवर को स्वस्थ रखने के लिए भी किया जा सकता है। दरसअल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, एसिटामिनोफेन (acetaminophen) दवा की वजह से चूहों का लिवर डैमेज हो गया था। ऐसे में उन्हें टोफू देने से उनके लिवर में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया। टोफू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और हेपटोप्रोटेक्टिव गुण लिवर डैमेज के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकता है (12)।
8. रजोनिवृत्ति के लक्षण के लिए टोफू
टोफू मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति (एक उम्र के बाद पीरियड्स का बंद होना) में भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, यह मेनोपॉज के बाद होने वाले लक्षण हॉट फ्लैशेज की समस्या से कुछ हद तक राहत दिला सकता है (13)। हॉट फ्लैशेज में महिलाओं को अचानक शरीर में तेज गर्मी महूसस होने लगती है या पसीना आने लगता है।
हालांकि, मेनोपॉज में सोया युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन को लेकर कुछ संशय भी है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित, शोध के अनुसार 10 में से चार स्टडी में यह पाया गया कि सोया आहार का सेवन हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। वहीं, एक परिणाम में यह पता चला कि सोया युक्त आहार लक्षणों को और ज्यादा बिगाड़ सकता है। वहीं, कुछ मामलों में लाभकारी भी पाया गया (14)। लिहाजा, रजोनिवृत्ति के मामले में टोफू का सेवन डॉक्टर से पूछकर करना ही सही रहेगा।
9. हड्डियों के लिए टोफू खाने के फायदे
कैल्शियम ऐसा पोषक तत्व है, जो हड्डियों के लिए लाभकारी है। कई लोगों को यह जानकर हैरानी हो सकती है कि शरीर करीब 99 प्रतिशत तक कैल्शियम को स्टोर करके रखता है, ताकि हड्डियों और दांतों को मजबूती मिल सके। ऐसे में कैल्शियम के लिए टोफू का सेवन अच्छा विकल्प हो सकता है (15)। जो लोग दूध या मांसाहारी आहार का सेवन नहीं करते, वो भी टोफू खा सकते हैं।
10. प्रोटीन से भरपूर टोफू
अन्य पोषक तत्वों की तरह ही प्रोटीन भी मानव शरीर के लिए आवश्यक है। मानव शरीर की हर कोशिका प्रोटीन से बनी है। बच्चों, वयस्कों और गर्भवती महिलाओं के लिए प्रोटीन जरूरी है। इतना ही नहीं प्रोटीन मांसपेशियों, हड्डियों और शरीर में ऊर्जा के लिए भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में अपने डाइट में प्रोटीन को शामिल करने के लिए टोफू का सेवन किया जा सकता है। टोफू प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है (16)।
11. कैंसर से बचाव के लिए टोफू
टोफू का सेवन कैंसर से बचाव करने में भी सहायक हो सकता है। दरअसल, टोफू में मौजूद आइसोफ्लेवोंस और सोया प्रोटीन ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं (2) (17)। डाइट में टोफू को शामिल करना न सिर्फ स्वास्थ्यवर्धक हो सकता है, बल्कि गंभीर बीमारी के जोखिम से बचा सकता है। साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि कैंसर जानलेवा बीमारी है। टोफू सिर्फ कैंसर से बचा सकता है, लेकिन अगर किसी को कैंसर है, तो उसे डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए।
12. त्वचा के लिए टोफू
टोफू का सेवन त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकता है
। दरअसल, सोया उत्पादों में मौजूद आइसोफ्लेवोंस त्वचा के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकता है। सोया प्रोडक्ट या उसके सप्लीमेंट के सेवन से त्वचा पर झुर्रियों व पिगमेंटेशन जैसी समस्या में सुधार हो सकता है। इतना ही नहीं आइसोफ्लेवोंस त्वचा की इलास्टिसिटी में भी सुधार कर सकता है (18)।
13. बालों के स्वास्थ्य के लिए टोफू
टोफू का सेवन बालों के लिए भी लाभकारी हो सकता है। दरअसल, प्रोटीन बालों के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। प्रोटीन की कमी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है (19)। ऐसे में प्रोटीन युक्त टोफू बालों के लिए उपयोगी हो सकता है। टोफू का सेवन बालों के झड़ने से बचाव करने में भी सहायक हो सकता है (20)।
अब जानते हैं टोफू में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।
टोफू के पोषण तथ्य – The nutritional Profile of Tofu (Soya Paneer Nutrition) In Hindi
टोफू में मौजूद पोषक तत्वों की सूची कुछ इस प्रकार है (21) :
पोषक तत्व | मात्रा |
---|---|
पानी | 5.78 ग्राम |
एनर्जी | 477 केसीएल |
प्रोटीन | 52.47 ग्राम |
टोटल लिपिड (फैट) | 30.34 ग्राम |
ऐश | 1.38 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 10.3 ग्राम |
फाइबर | 7.2 ग्राम |
कैल्शियम | 364 मिलीग्राम |
आयरन | 9.73 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 59 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 483 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 20 मिलीग्राम |
सोडियम | 6 मिलीग्राम |
जिंक | 4.9 मिलीग्राम |
कॉपर | 1.179 मिलीग्राम |
मैंगनीज | 3.689 मिलीग्राम |
सेलेनियम | 54.3 माइक्रोग्राम |
विटामिन-सी | 0.7 मिलीग्राम |
थायमिन | 0.494 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.317 मिलीग्राम |
नियासिन | 1.189 मिलीग्राम |
पैंटोथेनिक एसिड | 0.415 मिलीग्राम |
विटामिन-बी6 | 0.286 मिलीग्राम |
फोलेट | 92 माइक्रोग्राम |
विटामिन-ए आरएई | 26 माइक्रोग्राम |
विटामिन-ए आईयू | 518 आईयू |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 4.388 ग्राम |
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 6.701 ग्राम |
फैटी एसिड, टोटल पोलीअनसैचुरेटेड | 17.128 ग्राम |
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अब जानते हैं कि घर में टोफू कैसे बनता है।
सोयाबीन के दूध से टोफू बनाने की विधि – How to make Tofu at home In Hindi
यहां जानिए कि सोयाबीन दूध से घर में टोफू कैसे बनता है :
सामग्री :
- एक से दो लीटर सोयाबीन दूध
- दो नींबू
- तीन से चार इलायची
- एक बड़ा बर्तन
- एक छलनी
- एक साफ कपड़ा
टोफू बनाने का तरीका :
- सबसे पहले सोयाबीन दूध को एक पतीले में डालें और उसे उबलने के लिए गैस में चढ़ा दें।
- ध्यान रहे दूध को उबालते वक्त लगातार उसे चलाते रहें, अगर ऐसा न किया जाए, तो दूध नीचे से काला हो सकता है।
- इसी बीच इलायची को डाल दें।
- जब दूध उबल जाए, तो गैस बंद कर दें।
- दूध को हल्का ठंडा होने दें।
- फिर कुछ देर बाद नींबू का रस दूध में डालें और दूध को चलाते रहें।
- अब एक बड़ा बर्तन लें उस पर छलनी और छलनी पर साफ कपड़ा रखें।
- अब इसमें दूध को छान लें और इलयाची को हटा दें।
- फिर हल्का निचोड़कर पानी को दूध से अलग कर दें।
- इसके बाद छाने हुए टोफू को साफ पानी से धो लें, ताकि नींबू का खट्टापन निकल जाए।
- फिर उसी कपड़े में टोफू को अच्छे से लपेट लें जैसे कि पनीर बनाते वक्त लपेटते हैं।
- अब इस पर कोई भारी सामान जैसे – चकला या कोई भारी बर्तन रख दें।
- कुछ घंटों बाद भार व कपड़े को हटाएं, लीजिए पनीर जैसा टोफू बनकर तैयार है।
- अब बचे हुए पानी को अलग कर टोफू को छोटे टुकड़ों में पनीर की तरह काट लें।
अब जानते हैं कि टोफू कितने प्रकार के होते हैं।
टोफू के प्रकार
वैसे तो टोफू कई प्रकार के होते हैं, लेकिन हम यहां कुछ मुख्य प्रकारों के बारे में ही जानकारी दे रहे हैं।
- सिल्कन – इसे जापानीज स्टाइल टोफू भी कहा जाता है। इसमें पानी की अधिक मात्रा होती है। इसका उपयोग ड्रेसिंग, डिप्स (एक प्रकार का सॉस) व स्मूदी में किया जाता है।
- रेगुलर टोफू – यह टोफू का सामान्य प्रकार है, जिसे खाने में उपयोग किया जाता है। इसे फ्राई किया जाता है, सूप बनाया जाता है व सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है।
- फर्म – यह भी रेगुलर टोफू की तरह ही होता है। यह सुपरमार्केट में उपलब्ध होता है। इसे अक्सर तरल या पानी में डालकर रखा जाता है, लेकिन अब यह पैकेट में भी आने लगा है।
- एक्स्ट्रा फर्म – इसमें कम पानी होता है और यह थोड़ा कड़ा होता है। इसे पैन फ्राई या डीप फ्राई करना आसान हो सकता है। इसका उपयोग भी सैंडविच बनाने में किया जा सकता है।
- सुपर फर्म टोफू – यह काफी गाढ़ा होता है। यह मीट का अच्छा विकल्प हो सकता है।
नोट :
टोफू जितना सॉफ्ट होगा, उसमें फैट उतना ही कम होगा (22)।
लेख अभी बाकी है
अब जानते हैं कि टोफू के फायदे के लिए खाने में इसे कैसे उपयोग कर सकते हैं।
टोफू को खाने में कैसे उपयोग कर सकते हैं?
टोफू को खाने में कुछ इस प्रकार उपयोग कर सकते हैं :
- टोफू का उपयोग सैंडविच में किया जा सकता है।
- पनीर की तरह ही टोफू की सब्जी बना सकते हैं।
- टोफू को हल्का तल के खा सकते हैं।
- टोफू को स्क्रैम्बल यानी भुर्जी बनाकर खा सकते हैं।
- टोफू को पैन फ्राई करके खा सकते हैं।
- टोफू को सलाद के साथ खा सकते हैं।
- टोफू को सूप के साथ सेवन कर
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