Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

क्या हो अगर किसी की सूंघने और चखने की शक्ति अचानक चली जाए? ये दोनों समस्याएं किसी के साथ भी और उम्र के किसी भी पड़ाव में हो सकती हैं। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सामान्य सर्दी, सांस संबंधी समस्या या विटामिन की कमी सबसे आम है (1) (2)। अगर समय के साथ-साथ कोई इन परेशानियों की चपेट में आ रहा हैं और भविष्य में इनके नकारात्मक प्रभाव से बचना चाहता है, तो ऐसे में यह लेख काफी मददगार होगा। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम सूंघने और स्वाद लेने की शक्ति को ठीक करने के सबसे सटीक घरेलू उपाय बता रहे हैं। हालांकि, इसके साथ ही यह समझना जरूरी है कि घरेलू उपाय इस समस्या में राहत पहुंचा सकते हैं। पूर्ण उपचार डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।

विस्तार से पढ़ें लेख

चलिए, सबसे पहले समझ लेते हैं कि गंध और स्वाद किस प्रकार से काम करते हैं।

गंध और स्वाद किस प्रकार काम करते हैं? – How Do Smell And Taste Work in Hindi

गंध और स्वाद इंद्रियां आपस में जुड़ी होती हैं। उम्र के हिसाब से इन इंद्रियों में बदलाव आ सकता है, जिससे किसी भी व्यक्ति को गंध या स्वाद में बदलाव या कमी का अनुभव हो सकता है। दरअसल, गंध और स्वाद इंद्रियां मनुष्य के रसायन विज्ञान प्रणाली का ही एक हिस्सा हैं। आसपास की चीजों को सूंघने की क्षमता विशेष सेंसरी कोशिकाओं से आती हैं, जिसे ओल्फेक्ट्री सेंसरी न्यूरॉन्स कहा जाता है। ये नाक के अंदर टिशू के एक छोटे से भाग में पाए जाते हैं। इनमें से प्रत्येक ओल्फेक्ट्री न्यूरॉन्स में एक गंध रिसेप्टर होता है, जो आसपास के पदार्थों द्वारा जारी सूक्ष्म अणुओं (माइक्रोस्कोपिक मॉलिक्यूल्स) द्वारा उत्तेजित होता है। गंध दो मार्गों के माध्यम से ओल्फेक्ट्री रिसेप्टर्स तक पहुंचती है। पहली नासिका के माध्यम से और दूसरी एक चैनल के माध्यम से, जो गले के ऊपरी हिस्से को नाक से जोड़ता है। भोजन की सुगंध को इस चैनल के माध्यम से महसूस किया जाता है (3)

वहीं स्वाद को पहचाने की क्षमता की बात करें, तो इस काम में स्वाद की पहचान करने वाली कोशिकाएं काम करती हैं, जो जीभ से होकर गुजरती हैं। इन्हें ‘गस्टोरी रिसेप्टर’ के नाम से भी जाना जाता है। गस्टोरी रिसेप्टर्स सेल्स टेस्ट बड (जीभ की ऊपरी सतह पर मौजूद उभारनुमा आकृति का भीतरी हिस्सा) में मौजूद होती हैं। टेस्ट बड में मुख्य रूप से पांच अहम और बड़े टेस्ट शामिल होते हैं (4):

  • मिठास
  • खट्टापन
  • कड़वापन
  • नमकीन
  • चटपटा

जीभ के जरिए मस्तिष्क संकेत प्राप्त करता है और उन्हें अलग-अलग स्वादों में बांटता है। स्वाद इंद्रियां अन्य इंद्रियों जैसे सूंघने और मस्तिष्क के कार्यों से भी जुड़ी हो सकती हैं (4)

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नीचे जानिए स्वाद और सूंघने की शक्ति को प्रभावित करने के विभिन्न कारणों के बारे में।

स्वाद और सूंघने की शक्ति कमजोर होने के कारण – What causes the loss of taste and smell in Hindi

स्वाद और सूंघने की शक्ति कमजोर होने के कारण कई हो सकते हैं। आइए, सबसे पहले जान लेते हैं कि सूंघने की शक्ति कमजोर होने के कारण (2)

  • साइनस
  • नाक या गले का संक्रमण
  • एलर्जी
  • इंडोक्राइन डिसॉर्डर (हॉर्मोन के अधिक उत्पादन से संबंधी परेशानी )
  • डिमेंशिया या अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याएं
  • पोषक तत्वों की कमी
  • सिर या नाक की चोट
  • साइनस की सर्जरी
  • सिर या चेहरे पर विकिरण चिकित्सा
  • कुछ दवाएं जैसे- एम्फैटेमिन, एस्ट्रोजन व नेफाजोलिन आदि।
  • सांस संबंधी समस्या
  • बढ़ती उम्र
  • नाक से जुड़ी एलर्जी
  • नाक के छिद्रों को विभाजित करने वाली कार्टिलेज का अपनी जगह से हटना (Deviated  Nasal Septum)
  • नाक की हड्डी बढ़ना (Hypertrophy of Turbinates)
  • नाक का मांस बढ़ना (Nasal Polyps)

चलिए, अब स्वाद चले जाने के कारण जान लेते हैं (1)

  • बेल्स पाल्सी (चेहरे के एक तरफ की मांसपेशियों का कमजोर होना)
  • सामान्य जुकाम
  • फ्लू और अन्य वायरल संक्रमण
  • नाक में संक्रमण
  • साइनसिसिस
  • फैरिन्जाइटिस (ग्रसनी में सूजन)
  • स्ट्रेप थ्रोट (संक्रमण के कारण गले में सूजन होने)
  • लार ग्रंथि संक्रमण
  • सिर में चोट

स्वाद के बिगड़ने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं –

  • साइनस या खोपड़ी की सर्जरी
  • धूम्रपान (विशेषकर पाइप या सिगार धूम्रपान)
  • मुंह, नाक या सिर में चोट लगना
  • मुंह का सूखापन
  • मसूड़े की सूजन
  • विटामिन-बी12 की कमी
  • जिंक की कमी
  • कुछ दवाएं जैसे- थायराइड ड्रग्स, कैप्टोप्रिल, ग्रिसोफुल्विन, लिथियम व पेनिसिलिन आदि।
  • अल्जाइमर रोग या पार्किंसंस रोग

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चलिए, अब हम गंध और स्वाद को ठीक करने के घरेलू उपाय के बारे में जान लेते हैं।

गंध और स्वाद को ठीक करने के घरेलू उपाय – Home Remedies To Treat Loss Of Smell And Taste in Hindi

अगर किसी के मन में यह सवाल हो कि मुंह का टेस्ट कैसे ठीक करें, तो यहां हम क्रमवार गंध और स्वाद को ठीक करने के घरेलू उपाय बता रहे हैं। इनके माध्यम से इस बात को आसानी से समझा जा सकता है। गंध और स्वाद ठीक करने के यह घरेलू नुस्खे कुछ इस प्रकार हैं –

1. अरंडी का तेल

सामग्री :

  • एक चम्मच गर्म कोल्ड-प्रेस्ड कैस्टर ऑयल

उपयोग करने का तरीका :

  • अरंडी के तेल की एक-एक बूंद अपनी दोनों नाक की नलियों में डालें।
  • इस प्रक्रिया को दिन में एक बार और रात में एक बार दोहराया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :अरंडी का तेल

फ्लू, सर्दी और सूजन में मददगार साबित हो सकता है (5)एक अन्य शोध के मुताबिक, अरंडी के तेल में एंटी माइक्रोबियल गुण (बैक्टीरिया से लड़ने वाला) और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण (सूजन को कम करने वाला) होते हैं। इन गुणों के कारण यह तेल कई संक्रमणों से भी बचाने में भी मदद कर सकता है (6)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अगर बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण या फिर सामान्य सर्दी की वजह से स्वाद और गंध से जुड़ी समस्या होती है, तो अरंडी का तेल मददगार साबित हो सकता है।

2. लहसुन

सामग्री :

  • लहसुन की दो-तीन कलियां बारीक कटी हुईं
  • एक कप पानी

उपयोग करने का तरीका :

  • पानी को एक बर्तन में गर्म करने के लिए रखें।
  • अब इसमें कटे हुए लहसुन को डालें और कुछ मिनट तक पानी को उबलने दें।
  • अब पानी को छान लें और हल्का ठंडा होने पर चाय की तरह पिएं।
  • यह प्रक्रिया दिन में दो बार दोहराई जा सकती है।

कैसे है फायदेमंद :

सूंघने और मुंह के स्वाद के लिए लहसुन के फायदे भी उपयोगी हो सकते हैं। दरअसल, लहसुन एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकता है (7)। इसके अलावा, सर्दी, फ्लू और सांस संबंधित समस्याओं को भी कम करने में लहसुन उपयोगी साबित हो सकता है (8)। एक शोध से पता चलता है कि लहसुन अल्जाइमर से भी बचाव करने में भी मदद कर सकता है (9)बता दें कि सूंघने और स्वाद लेने की शक्ति के कमजोर होने के पीछे का एक कारण अल्जाइमर रोग को भी माना जाता है (10)। इसके अलावा, सामान्य सर्दी, फ्लू, सांस संबंधी समस्या या सक्रमंण के कारण मुंह का स्वाद और सूंघने की शक्ति प्रभावित होती है। ऐसे में लहसुन का उपयोग मददगार माना जा सकता है।

3. अदरक

सामग्री :

  • आवश्यकतानुसार छिला हुआ अदरक

उपयोग करने का तरीका :

  • दिनभर बीच-बीच में थोड़ा-थोड़ा अदरक चबाते रहें।
  • विकल्प के तौर पर अदरक की चाय भी पी जा सकती है।
  • रोजाना इस प्रक्रिया को इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

जैसा कि हमने लेख के शुरुआत में बताया कि सामान्य सर्दी, फ्लू, एलर्जी या किसी प्रकार का संक्रमण सूंघने और मुंह के स्वाद को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में अदरक का सेवन फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार, अदरक का इस्तेमाल आम सर्दी, फ्लू व एलर्जी जैसे लक्षणों को दूर करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो सूजन से बचाने में मदद कर सकता है (11)। इस आधार पर अदरक का इस्तेमाल गंध और स्वाद को ठीक करने के घरेलू उपाय के तौर पर किया जा सकता है।

4. लाल मिर्च

सामग्री : 

  • एक चम्मच लाल मिर्च
  • एक चम्मच शहद
  • एक कप गर्म पानी

उपयोग करने का तरीका :

  • एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद और लाल मिर्च पाउडर मिलाएं।
  • अब इसे आराम से पिएं।
  • रोजाना एक बार इस उपाय को इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

लाल मिर्च खोए हुए स्वाद और गंध को वापस लाने में मदद कर सकती है, क्योंकि इसमें कैप्साइसिन होता है। कैप्साइसिन नॉन-एलर्जी राइनाइटिस (गंभीर रूप से नाक का बंद होना या बहना) की समस्या में मददगार हो सकता है (12) वहीं, नाक बंद होने के कारण भी सूंघने की क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिसका जिक्र हमने लेख में पहले ही किया है। इसके अलावा, कैप्साइसिन में सूजन को कम करने के प्रभाव भी मौजूद होते है। साथ ही यह लार के स्राव को भी उत्तेजित कर सकता है (13)। मुंह का सूखापन भी स्वाद से जुड़ी समस्या का एक कारण माना जाता है (1)। इसके अलावा, बात करें शहद की, तो शहद का इस्तेमाल एलर्जिक रायनाइटिस से राहत दिलाने में मदद कर सकता है, जिसमें एलर्जी के कारण बंद नाक की समस्या हो सकती है (14)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि लाल मिर्च और शहद का सेवन गंध और स्वाद को ठीक करने के घरेलू उपाय के तौर पर उपयोगी साबित हो सकता है।

5. नींबू

सामग्री: 

  • आधा नींबू
  • एक गिलास पानी
  • शहद (आवश्यकतानुसार)

उपयोग करने का तरीका : 

  • एक गिलास पानी में आधे नींबू का रस मिलाएं।
  • अब शहद डालकर अच्छी तरह मिलाएं और पी जाएं।
  • भोजन से पहले दिन में दो बार इसे पिएं।

कैसे है फायदेमंद :

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, नींबू का उपयोग एलर्जिक राइनाइटिस से होने वाली समस्या जैसे- एलर्जी के कारण नाक में होने वाली सूजन से राहत दिला सकता है (15)। इसके अलावा, नींबू और शहद का मिश्रण शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव प्रदर्शित करता है, जो बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली सांस संबंधी समस्याओं से बचाने में मदद कर सकता है (16)एक अन्य रिसर्च के मुताबिक, नींबू का इस्तेमाल ओलफैक्टोरी डिसऑर्डर (olfactory disorders) यानी सुंघने की क्षमता में सुधार कर सकता है। इस शोध में इस बात का साफ तौर से जिक्र मिलता है कि कैंसर के इलाज के बाद अक्सर सूंघने की क्षमता में कमी देखी जाती है। ऐसे में नींबू की महक का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है (17)। वहीं बंद नाक, सांस संबंधी संक्रमण और ओलफैक्टोरी डिसऑर्डर स्वाद और गंध की समस्या के मुख्य कारणों में शामिल हैं (3) (2) (1)। इस आधार पर माना जा सकता है कि शहद और नींबू के पानी के साथ उपयोग इस समस्या में सहायक हो सकता है।

6. शहद

सामग्री : 

  • एक चम्मच शहद
  • एक गिलास पानी

उपयोग करने का तरीका : 

  • एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद मिलाएं।
  • अब इस मिश्रण को पी जाएं।
  • एक दिन छोड़कर इस प्रक्रिया को इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से इस बात की जानकारी मिलती है कि शहद एलर्जिक रायनाइटिस (एलर्जी के कारण नाक में होने वाली सूजन की समस्या) से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। वहीं, एलर्जिक रायनाइटिस के लक्षण में बंद नाक की समस्या भी शामिल है, जिससे राहत पाने में शहद कारगर हो सकता है (14)। वहीं, शहद एंटी बैक्टीरियल प्रभाव से भी समृद्ध होता है, जो बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली सांस संबंधी समस्या में कुछ हद तक कारगर साबित हो सकता है (18)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि अगर नाक से जुड़ी एलर्जी या फिर किसी संक्रमण के संपर्क में आने के कारण सूंघने और स्वाद लेने की शक्ति कमजोर हो जाती है, तो ऐसे में शहद का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है।

7. सेब का सिरका

सामग्री : 

  • एक बड़ा चम्मच सेब का सिरका
  • एक कप पानी
  • शहद (आवश्यकतानुसार)

उपयोग करने तरीका :

  • एक गिलास गर्म पानी में सेब का सिरका मिलाएं।
  • आवश्यकतानुसार थोड़ा शहद मिलाएं और धीरे-धीरे पिएं।
  • बेहतर लाभ के लिए इस मिश्रण को रोज एक बार पिया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :मुंह का स्वाद और नाक में सुगंध न आने के उपचार में सेब के सिरके के फायदे भी सहायक हो सकते हैं।

दरअसल, सेब के सिरके से जुड़े एक शोध से पता चलता है कि सेब के सिरके में एंटीबायोटिक (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) और एंटीइंफ्लेमेट्री (सूजन को कम करने वाला) गुण पाया जाता है। यह दोनों गुण श्वसन संबंधी समस्या को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। वहीं लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि श्वसन संबंधी समस्या के कारण स्वाद और गंध न आने की परेशानी हो सकती है (2) (1)। ऐसे में सेब के सिरके का सेवन श्वसन संबंधी समस्या के कारण गंध और स्वाद चले जाने की स्थिति में लाभकारी माना जा सकता है।

8. ऑयल पुलिंग

सामग्री :

  • एक बड़ा चम्मच नारियल या तिल का तेल

उपयोग करने का तरीका :

  • मुंह में नारियल या तिल का तेल भर लें।
  • तेल को लगभग 10 से 15 मिनट तक मुंह के अंदर ही घुमाएं।
  • अब कुल्ला कर लें और दांतों को ब्रश कर लें।
  • रोजाना सुबह-शाम एक बार जरूर करें।

कैसे है फायदेमंद :ऑयल पुलिंग के फायदे

भी सूंघने और मुंह के स्वाद को ठीक करने में देखे जा सकते हैं। दरअसल, ऑयल पुलिंग ओरल हेल्थ को बढ़ावा देता है, जिससे मुंह में मौजूद दुर्गंध से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही यह शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों और रोगाणुओं को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा ऑयल पुलिंग इंद्रियों को मजबूत करने के लिए सहायक माना जाता है। यही नहीं, गल

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Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor with 7 years of experience and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine, Panchakarma, Yoga, Ayurvedic Nutrition, and formulations.

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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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