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6 महीने के शिशुओं के लिए आहार का चयन करना हर माता-पिता के लिए चिंता का विषय होता है। बच्चों को सॉलिड फूड शुरू करने से पहले उन्हें इससे जुड़ी पूरी जानकारी होना जरूरी होता है। माता-पिता की इस परेशानी को दूर करने के लिए हम मॉमजंक्शन का यह लेख लेकर आए हैं। यहां हम बताएंगे कि शिशुओं को ठोस आहार देने का सही समय क्या है। साथ ही इसकी शुरुआत कैसे करनी चाहिए और इस दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। यही नहीं, लेख में आपको 6 महीने के शिशु के लिए डाइट चार्ट और मजेदार रेसिपी के बारे में भी जानने को मिलेगा।
लेख की शुरुआत हम शिशु को ठोस आहार देने की उम्र से करेंगे।
शिशु को ठोस आहार कब से देना शुरू करें?
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, जन्म से लेकर 6 महीने तक शिशु को केवल स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। वहीं, 6 महीने की उम्र के बाद शिशुओं को ठोस खाद्य पदार्थों का सेवन कराया जा सकता है (1)। दरअसल, 6 महीने की उम्र के बाद शिशु के विकास के लिए मां का दूध पर्याप्त नहीं होता है। इसलिए, शिशुओं को 6 महीने के बाद ठोस आहार देने की सलाह दी जाती है (2)।
वहीं, अगर शिशुओं को 6 महीने की उम्र से पहले कोई ठोस आहार खिलाया जाए, तो इससे उनमें आइलेट ऑटोइम्यूनिटी, जो मधुमेह का कारण बन सकती है, मोटापा, सीलिएक रोग और एक्जिमा जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, अगर शिशुओं को देरी से ठोस आहार खिलाया गया, तो आगे चलकर उसे खाने से संबंधित परेशानी हो सकती है या फिर इसका असर उसके शारीरिक विकास पर पड़ सकता है (1)। इसलिए जरूरी है कि सही समय पर शिशुओं को ठोस आहार दिया जाए।
लेख में आगे जानते हैं कि 6 महीने के बच्चे को क्या खिलाया जा सकता है।
6 महीने के बच्चे को क्या खिलाना चाहिए?
आमतौर पर 6 महीने के शिशुओं को केवल मैश्ड फूड, प्यूरी या फिर सेमी सॉलिड फूड का सेवन कराने की सलाह दी जाती है। वहीं, 8 महीने की उम्र के बाद उन्हें फिंगर फूड खिलाने की सलाह दी जाती है (2)।
6 महीने के शिशुओं को निम्नलिखित चीजों का सेवन कराया जा सकता है (3):
- पकी हुई सब्जियां, जैसे – गाजर, पार्सनिप, आलू, शकरकंद, तोरी, फूलगोभी और ब्रोकली
- स्तन या फार्मूला दूध के साथ मिलाकर, चावल, मक्का, बाजरा
- नरम और पके फलों की प्यूरी, जैसे – केला, नाशपाती, कीवी, सेब
- बीन्स और दाल
- लाल मांस
- मछली, जैसे- सार्डिन, टूना और पायलचर्ड
- आयरन युक्त अनाज, जो मीठा न हो
- दही, दूध, और दूध से बने उत्पाद
नोट : लेख में बताए गए आहार को अच्छे से मैश करें या फिर उसकी प्यूरी बनाकर ही 6 महीने के शिशुओं को खिलाएं।
8 माह होने के बाद शिशु को नीचे दिए गए खाद्य पदार्थों का सेवन कराया जा सकता है (3):
- मुलायम फलों के टुकड़े, जैसे – खरबूजा, केला, पका हुआ नाशपाती, आड़ू और कीवी
- पकी हुई सब्जियों को पतला और लंबा-लंबा काटकर, जैसे – गाजर, हरी बीन्स, तोरी, आलू और शकरकंद
- कुछ पकी हुई सब्जियों के टुकड़े, जैसे – फूलगोभी और ब्रोकली
- पास्ता अच्छी तरह से पका कर
- ब्रेड का मुलायम वाला हिस्सा
- पनीर के टुकड़े
लेख के इस हिस्से में 6 माह के शिशु के लिए आहार की मात्रा जानिए।
6 माह के शिशु को कितनी मात्रा में खाना देना चाहिए?
6 महीने के शिशु के भोजन की मात्रा उसके पेट की क्षमता या आकार पर निर्भर करती है, जो आमतौर पर बच्चे के शरीर के वजन का 30 मिली प्रति किलो होता है। उदाहरण के लिए अगर किसी बच्चे का वजन 8 किलो है, तो उसके पेट की क्षमता 240 मिली होगी यानी लगभग एक बड़ा कप (2)।
वहीं, ऊर्जा के अनुसार बात करें तो 6 महीने के शिशु को एक दिन में 200 किलो कैलोरी ऊर्जा की जरूरत होती है। इस आधार पर उसे दिन में कम से कम 2 से 3 बार भोजन कराना चाहिए। वहीं, इसकी शुरुआत 2 या 3 चम्मच से करनी चाहिए (2)।
शिशुओं को दी जाने वाली आहार की मात्रा जानने के बाद फीडिंग से जुड़े कुछ टिप्स जान लीजिए।
शिशु को ठोस आहार शुरू करने के लिए टिप्स
यहां हम कुछ ऐसे ही टिप्स बता रहे हैं, जो शिशु को ठोस आहार शुरू करने में मददगार हो सकते हैं (4) (5):
- बच्चे को एक बार में केवल एक ही प्रकार का खाना देने की कोशिश करें। इससे यह समझने में आसानी होगी कि बच्चे को उस भोजन से किसी प्रकार की खाद्य एलर्जी तो नहीं है।
- इसके अलावा, बच्चे को नए भोजन खिलाने के बीच 3 से 5 दिनों तक प्रतीक्षा करें।
- दूध, अंडा, मछली, सेलफिश, नट्स, मूंगफली, गेहूं और सोयाबीन, इन सब की गिनती एलर्जी वाले खाद्य पदार्थों में की जाती है। ऐसे में बच्चों को इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें। खासकर अगर परिवार में किसी को इन खाद्य पदार्थों से एलर्जी है, तो शिशुओं को इसका सेवन न कराएं।
- बच्चों को खिलाने के लिए आहार का चुनाव हमेशा उनकी उम्र को ध्यान में रख कर करें।
- शिशुओं को हमेशा कुछ नया खिलाने का ट्राई करें। इससे बच्चे को खाना चबाने और निगलने की प्रक्रिया सीखने में मदद मिलेगी।
- बच्चों को खिलाने के लिए हमेशा छोटी चम्मच या बर्तन का इस्तेमाल करें।
- बच्चे को कभी भी एक बार में सारा भोजन खिलाने की कोशिश न करें। उसे उतना ही खिलाएं, जितनी उसकी इच्छा हो।
- शिशुओं को गर्म खाना खिलाने से पहले एक बार सुनिश्चित कर लें कि कहीं खाना अधिक गर्म तो नहीं है।
- शुरुआत में शिशु को दिन भर में एक बार भोजन कराएं। इसके बाद धीरे-धीरे बच्चे को तीन बार तक खाना खिलाने की आदत डालें।
यहां जानें 6 महीने के शिशु का आहार चार्ट कैसा होना चाहिए।
6 माह के शिशु का आहार चार्ट-| Food chart for 6 month old baby
यहां हम 6 महीने के शिशु के लिए डाइट चार्ट का एक नमूना पेश कर रहे हैं (5) :
समय | आहार |
सुबह उठते ही | ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क |
7:30 से 8 am | ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क और आयरन युक्त भोजन |
10:30 से 11:30pm | ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क और आयरन युक्त भोजन |
12.30 से 1.30 | ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क |
3.00 से 4 pm | ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क और आयरन युक्त भोजन |
5.30 से 6.30 | ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क |
7.30 से 8.00 pm | ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क |
डाइट चार्ट जानने के बाद शिशु के लिए कुछ मजेदार रेसिपी जानिए।
6 माह के शिशु के लिए उपयुक्त 6 रेसिपी | 6 month baby food recipes in hindi
6 महीने के शिशु के लिए यहां हम कुछ लाजवाब रेसिपी बता रहे हैं, जो उनके लिए स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी मानी जाती हैं।
1. कद्दू की प्यूरी
सामग्री :
- आधा कप कटा हुआ मीठा कद्दू
- एक कप पानी
बनाने की विधि :
- कद्दू की प्यूरी बनाने के लिए सबसे पहले कद्दू को धो लें। फिर उसके छिलके को निकालकर अलग कर लें।
- अब, छिले हुए कद्दू को छोटे टुकड़ों में काट लें और मिक्सी में डालकर पानी के साथ अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें।
- कद्दू जब अच्छी तरह से ब्लेंड हो जाए, तो एक पैन गैस पर चढ़ाएं और उसमें पिसे हुए कद्दू को डालकर पकाएं।
- पकने के बाद इसे एक बाउल में निकाल लें। इस तरह तैयार हो जाएगी शिशुओं के लिए कद्दू की प्यूरी।
2. केले की प्यूरी
सामग्री :
- आधा केला
- आधा कप दूध (पाश्चुरीकृत या फिर ब्रेस्ट मिल्क)
बनाने की विधि :
- सबसे पहले केले को छील लें।
- एक बाउल में इसे अच्छी तरह से मैश कर लें।
- इसके बाद इसमें दूध मिलाएं। अगर यह मिश्रण मोटा लग रहा हो, तो इसमें हल्का पानी भी मिला सकते हैं।
- इस तरह मिनटों में तैयार हो जाएगी बच्चों के लिए केले की प्यूरी।
3. मूंग दाल सूप
सामग्री :
- 3 से 4 चम्मच मूंग दाल
- पानी – एक कप
बनाने की विधि :
- सबसे पहले मूंग दाल को अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें।
- इसके बाद इसे एक कुकर में डालकर दो से तीन सीटी आने तक पकने दें।
- मूंग दाल जब अच्छी तरह से पक जाए, तो इसे मिक्सी में डालकर ब्लेंड कर लें।
- इसके बाद एक पैन गैस पर चढ़ाएं और उसमें पिसी हुई मूंग दाल को डालकर एक मिनट तक फिर से पकाएं।
- अब बच्चों के लिए बनाए गए सूप को एक बाउल में डालें और हल्का ठंडा होने बच्चे को खिलाएं।
4. हरी बीन्स की प्यूरी
सामग्री :
- 3 से 4 चम्मच हरी बीन्स
- एक कप पानी
बनाने की विधि :
- बीन्स की प्यूरी बनाने के लिए सबसे पहले बीन्स लगभग 15 मिनट के लिए उबाल लें।
- इसके बाद उबले हुए बीन्स को ब्लेंडर में अच्छे से ब्लेंड कर लें।
- फिर इसे एक बाउल में निकाल लें। इस तरह तैयार हो जाएगी हरी बीन्स की प्यूरी।
5. मटर की प्यूरी
सामग्री :
- 3 से 4 चम्मच मटर
- दूध – आधा कप (पाश्चुरीकृत या फिर ब्रेस्ट मिल्क)
बनाने की विधि :
- सबसे पहले मटर को उबाल लें।
- इसके बाद इसे पानी से निकाल कर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें।
- फिर इसमें दूध मिलाएं और एक बार फिर से ब्लेंड करें।
- अब इस मिश्रण को एक बाउल में निकाल कर बच्चे को सर्व करें।
6. उबले शकरकंद की प्यूरी
सामग्री :
- शकरकंद – एक (मध्यम आकार का)
- पानी – एक कप
बनाने की विधि :
- सबसे पहले शकरकंद को उबाल लें।
- इसके बाद इसे छीलकर ब्लेंडर में डालें।
- फिल इसमें पानी मिलाएं और दोनों को अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें।
- इस तरह तैयार हो जाएगी शिशुओं के लिए शकरकंद की प्यूरी।
लेख के अंत में जानें शिशु का आहार बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
6 महीने का शिशु का आहार बनाते और देते वक्त सावधानियां
शिशुओं को पहली बार जब भोजन कराया जाता है, तो उस समय कुछ खास बातों का ख्याल रखना जरूरी है, जो इस प्रकार है (6) (7):
- शिशुओं के लिए आहार बनाते समय और खिलाते समय अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
- इसके अलावा, बच्चों को दी जाने वाले फलों और सब्जियों को भी अच्छी तरह साफ करें।
- कच्चे मांस मछलियों को शिशु के भोजन से अलग रखें।
- छोटे बच्चों को भोजन देने से पहले यह सुनिश्चित करें की वह अच्छी तरह से पका है या नहीं।
- शिशुओं को मांस मछली देने से पहले उसमें से हड्डियों और कांटों को अच्छी तरह से निकाल लें।
- एक साल से पहले शिशुओं को शहद का सेवन न कराएं। इसमें बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो बोटुलिज्म का कारण बन सकते हैं। बता दें कि बोटुलिज्म एक दुर्लभ, लेकिन गंभीर बीमारी होती है।
- इसके अलावा, एक साल की उम्र से पहले बच्चों को गाय का दूध भी न दें। एक साल से कम उम्र के बच्चे इसे अच्छी तरह नहीं पचा पाते हैं।
- डॉक्टर की सलाह लिए बिना शिशुओं को बोतल में भोजन डालकर न खिलाएं।
- बच्चा जब भूखा हो तभी उसे खाना खिलाएं।
- बच्चे के भोजन को एक से दूसरे समय इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर इसके बाद भी खाना बच जाता है, तो उसे फिर से बच्चे को खाने के लिए नहीं दें।
- 8 महीने की उम्र से पहले कभी भी शिशुओं को फिंगर फूड का सेवन न कराएं।
जन्म से लेकर 6 महीने तक मां का दूध ही शिशु के लिए संपूर्ण आहार माना जाता है। वहीं, 6 महीने के बाद उसे ठोस आहार खिलाने की आवश्यकता होती है। इस लेख को पढ़ने के बाद अब आपको 6 महीने के शिशुओं को दिए जाने वाले आहार के बारे में जानकारी मिल गई होगी। इसके अलावा, हमने यहां शिशुओं को आहार देने की शुरुआत कैसे करें, इससे जुड़े टिप्स भी बताए हैं। साथ ही यहां मजेदार व्यंजनों की रेसिपी भी बताई गई हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारा यह लेख शिशुओं के लिए आहार का चुनाव करने में आपकी मदद करेगा।
References
- Introduction of Solid Food to Young Infants
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3195680/ - Complementary feeding
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK148957/ - Complementary Feeding for Infants 6 to 12 months
https://www.researchgate.net/publication/43180222_Complementary_Feeding_for_Infants_6_to_12_months - When What and How to Introduce Solid Foods
https://www.cdc.gov/nutrition/infantandtoddlernutrition/foods-and-drinks/when-to-introduce-solid-foods.html - Feeding Your Baby 6 months to 1 year
https://www.gov.mb.ca/healthychild/healthybaby/hb_solidfoods.pdf - Baby’s first foods From birth to 12 months
https://www.childrens.health.qld.gov.au/wp-content/uploads/PDF/pomin/babys-first-foods-flipchart.pdf - Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years
https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000713.htm
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