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जन्म से लेकर छह महीने तक शिशु को केवल स्तनपान करने की सलाह दी जाती है। उसके बाद धीरे-धीरे उन्हें मसला हुआ और ठोस आहार दिया जाता है (1)। बस इस दौरान अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्योंकि खिलाया जाने वाला खाद्य पदार्थ बच्चे के गले में अटक सकता है, जिसे चोकिंग कहा जाता है। मॉमजंक्शन का यह लेख इसी विषय पर है। यहां हमने चोकिंग के कारण, लक्षण और उससे बचाव के टिप्स बताए हैं।
लेख की शुरुआत इसी सवाल से करते हैं कि बच्चों को घुटन का जोखिम क्यों होता है।
शिशुओं को चोकिंग का खतरा क्यों होता है?
जैसा कि हमने लेख के शुरुआत में बताया कि छह महीने की उम्र के बाद शिशु ठोस खाद्य पदार्थ के सेवन के लिए तैयार हो जाते हैं। इस दौरान वे धीरे-धीरे चबाने और निगलने की प्रक्रिया सीख रहे होते हैं। यह उनके लिए नया अनुभव होता है (2)। इसी वजह से वो थोड़े अधिक जिज्ञासु हो जाते हैं। इस दौरान वे हर चीज को चख कर देखना चाहते हैं। ऐसे में वे किसी भी चीज को मुंह में डाल लेते हैं, जिस कारण उनमें चोकिंग का खतरा बढ़ जाता है।
चलिए, अब जरा शिशुओं को चोकिंग होने के कारण जान लेते हैं।
छोटे बच्चे के घुटन का क्या कारण है?
आमतौर पर छोटे बच्चे को घुटन तब होती है, जब उसके गले या श्वास नली यानी वायु मार्ग में कोई वस्तु फंस जाती है। इस कारण बच्चा सांस नहीं ले पता है। ये वस्तुएं कुछ भी हो सकती हैं, जैसे कि बटन, सिक्का, गुब्बारा, खिलौने का हिस्सा या घड़ी की बैटरी आदि (3)।
यही नहीं, शिशुओं को खिलाए जाने वाले खाद्य पदार्थ भी चोकिंग का कारण बनते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ जो ठीक तरह से पके न हों या फिर खाद्य के बड़े टुकड़े क्या होगा। ऐसे पदार्थ उनके गले में अटक सकते हैं। इन्हीं सब कारणों की वजह से शिशुओं को भोजन हमेशा छोटे टुकड़ों में काटकर या मैश करके खिलाने की सलाह दी जाती है (4)।
लेख के इस हिस्से में हम घुटन के लक्षण बता रहे हैं।
छोटे बच्चे में चोकिंग के क्या लक्षण होते हैं?
शिशुओं में घुटन के निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं (3):
- त्वचा का रंग नीला पड़ना
- सांस लेने में कठिनाई, क्योंकि पसलियां और छाती अंदर की ओर खींचने लगती हैं
- बच्चा प्रतिक्रिया देना बंद कर सकता है
- बच्चे को रोने या आवाज निकालने में परेशानी होना
- खांसने में परेशानी होना
- सांस लेते समय हल्की या तेज आवाज सुनाई देना
यहां हम बताएंगे कि छोटे बच्चे को अगर घुटन हो, तो किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
शिशु को चोकिंग हो रही हो तो क्या करना चाहिए? | Shishu ko choking se bachane ke tips
अगर शिशु को घुटन हो रही हो, तो सबसे पहले अपने डॉक्टर को कॉल करें और फिर बिना देर किए फर्स्ट ऐड प्रक्रिया शुरू करें। फर्स्ट ऐड के कई चरण होते हैं, लेकिन बच्चे की उम्र के आधार पर इसके तरीके अलग हो सकते हैं। आगे जानते हैं बच्चों को चोकिंग से बचाने के तरीके (5):
पहला चरण : चोकिंग के कारण का पता लगाएं
- सबसे पहले तो पता लगाएं कि बच्चे में घुटन का कारण क्या है। ये लार, बलगम, भोजन के छोटे टुकड़े या फिर कोई भी छोटी वस्तु हो सकती है।
- दरअसल, छह महीने से कम उम्र के शिशुओं को स्तन के दूध या फॉर्मूला जैसे तरल पदार्थों के कारण चोकिंग का जोखिम अधिक होता है।
- अगर, शिशु की उम्र 6 महीने से कम है और अधिक दूध या पानी के कारण उसे चोकिंग की समस्या हो रही है, तो उससे बचने के लिए बल्ब सिरिंज का उपयोग किया जा सकता है।
- इसके लिए सबसे पहले बल्ब सिरिंज को दबाएं और धीरे से उसे शिशु के मुंह में रखें।
- फिर धीरे-धीरे बल्ब पर बनाए गए दबाव को छोड़ दें। ऐसा करने से बच्चे के मुंह से बलगम या तरल पदार्थ बाहर निकल सकेगा। अंत में बच्चे के मुंह से बल्ब सिरिंज हटा दें।
- अगर जरूरत पड़े तो इस प्रक्रिया को दोबारा कर सकते हैं।
- अगर बच्चे में घुटन का कारण कोई ठोस पदार्थ है और बल्ब सीरिंज के जरिए उसे बाहर निकालना संभव नहीं हो पा रहा है, तो अपनी उंगली बच्चे के मुंह में न डालें। ऐसा करने से वह पदार्थ और अंदर जा सकता है।
- इसके लिए बच्चे को खांसी करवा सकते हैं। खांसी एक प्राकृतिक तरीका माना जाता है, जो नली में अटकी हुई चीजों को बाहर निकालने में मदद करता है।
- खांसी के जरिए अटका हुआ पदार्थ नहीं निकलता है, तो फिर सबसे पहले इस बात की जांच करें कि शिशु सही तरीके से सांस ले रहा या नहीं। साथ ही इसका भी पता लगाएं कि शिशु को खांसने में कोई परेशानी तो नहीं हो रही। अगर इन दोनों चीजों में शिशु को परेशानी हो रही है, तो इसका मतलब है कि चोकिंग की समस्या गंभीर है। इसके लिए फर्स्ट ऐड के दूसरे चरण को अपनाने की जरूरत है।
दूसरा चरण : पीठ थपथपाना
- सबसे पहले खुद एक कुर्सी पर बैठ जाएं। फिर अपने बच्चे अपनी गोद में पीठ के लेटाएं। अब अपना बाएं हाथ शिशु की छाती पर रखते हुए उसके जबड़े को अपनी उंगलियों से पकड़ें।
- इस दौरान ध्यान रखें कि शिशु का सिर शरीर से थोड़ा नीचे की ओर हो।
- इसके बाद दाएं हाथ का उपयोग करते हुए बच्चे के कंधे और गले वाले हिस्से पर जोर से 5 थपकी लगाएं।
- थपकी लगाने के बाद थोड़ा रूकें और देखें कि शिशु सही तरीके सांस ले रहा है या नहीं। अगर शिशु सही ढंग से सांस ले रहा है, मगर अटका हुआ पदार्थ फिर भी बाहर नहीं निकला तो थपकी को दोबारा से शुरू करें जब तक कि खाद्य पदार्थ श्वास नली से बाहर न निकल जाए।
तीसरा चरण : छाती दबाएं
- अब शिशु को पलट कर पीठ के बल अपनी गोद में लेटाएं।
- फिर तर्जनी और मध्यम उंगली का इस्तेमाल कर शिशु के ब्रेस्टबोन यानी छाती के बीच की हड्डी को 5 बार जोर से दबाएं।
- इसके बाद कुछ सेकंड के लिए रुकें और देखें कि उसके मुंह में अटका हुआ पदार्थ निकल कर आया या नहीं। अगर ऐसा नहीं होता है, तो दोबारा से छाती को दबाएं।
- अगर अटका हुआ पदार्थ शिशु के मुंह में आ जाता है तो उसे अपनी उंगलियों की मदद से बाहर निकाल लें।
चौथा चरण : सीपीआर
अगर चोकिंग की समस्या के दौरान शिशु कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, तो बिना देर किए सीपीआर की प्रक्रिया शुरू कर दें। सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन, यह एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है। यह तब की जाती है, जब बच्चे की सांस या दिल की धड़कन बंद हो जाती है। यह प्रक्रिया डूबने, घुटन, चोकिंग या अन्य चोटों के बाद होने वाली समस्याओं से बचाने के लिए की जाती है (6)।
स्क्रॉल कर जानें छोटे बच्चे को फर्स्ट ऐड देते समय किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
शिशु को फर्स्ट ऐड देते समय ध्यान रखने योग्य बातें
शिशुओं को चोकिंग की समस्या से बचाने के लिए फर्स्ट ऐड देने की सलाह दी जाती है। हालांकि, इसे देते समय भी कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिसकी चर्चा हम नीचे कर रहे हैं (3):
- अगर चोकिंग के दौरान शिशु को जोर से खांसी हो रही है या रोने की आवाज तेज आ रही हो तो ऐसी स्थिति में फर्स्ट ऐड का उपयोग न करें। दरअसल, जोर की खांसी और तेज रोने से अटकी हुई वस्तु वायु मार्ग के माध्यम से बाहर निकाल सकती है।
- अगर गले में कुछ अटकने के बाद शिशु प्रतिक्रिया दे रहा है, तो ऐसी स्थिति में भी अटकी हुई वस्तु को बाहर निकालने की कोशिश न करें।
- शिशु अगर अस्थमा, संक्रमण, सूजन, या सिर पर चोट लगने जैसे अन्य कारणों की वजह से सांस नहीं ले पा रहा है, तो इन परिस्थितियों में भी पीठ और छाती पर थपकी न लगाएं। ऐसे हालात में शिशु को सीपीआर जरूर दें।
अब जानिए कि अगर शिशु सीपीआर के बाद प्रतिक्रिया न दे, तो क्या करना चाहिए।
शिशु अगर सीपीआर (CPR) का जवाब नहीं दे तो क्या करें?
अगर शिशु सीपीआर का जवाब नहीं देता है, तो इसका मतलब है कि समस्या गंभीर रूप ले चुकी है। ऐसे में बिना देर किए डॉक्टर की मदद लें। इसमें जरा सी लापरवाही शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में बेहतर होगा कि तुरंत शिशु को डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
चलिए, अब जानते हैं छोटे बच्चों को घुटन से कैसे बचाया जा सकता है।
शिशु को चोकिंग से कैसे बचाएं ?
शिशुओं को घुटन से बचाने के लिए नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखना चाहिए (3) (4):
- अगर बच्चा 3 साल से कम उम्र का है, तो उसे गुब्बारे या खिलौने न दें। ऐसी चीजें बच्चे मुंह में अटक सकती हैं।
- शिशुओं को बटन, पॉपकॉर्न, सिक्के, अंगूर, नट्स और अन्य छोटी वस्तुओं से दूर रखें।
- हमेशा अपनी निगरानी में ही बच्चे को भोजन दें।
- एक साल तक शिशु को हमेशा भोजन को छोटे टुकड़े में या मैश कर के खिलाएं।
- शिशु को समय से पहले सॉलिड फूड या फिर फिंगर फूड का सेवन न कराएं।
लेख के अंत में जानिए कि किन हालातों में चोकिंग के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
डॉक्टर से कब संपर्क करें
छोटे बच्चों में चोकिंग की समस्या खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में निम्नलिखित लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए :
- शिशु को अगर सांस लेने में परेशानी हो रही हो।
- अगर खांसते समय या रोते समय शिशु की आवाज नहीं निकल रही हो।
- शिशु यदि फर्स्ट ऐड के बाद भी कोई प्रतिक्रिया न दे रहा हो।
हर माता-पिता के लिए उनका बच्चा बेहद खास होता है। ऐसे में वे उनके खान-पान को लेकर थोड़े अधिक सतर्क रहते हैं। हालांकि, कभी-कभी लापरवाही हो जाती है, जिस वजह से चोकिंग जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। ऐसी स्थिति में हमारा यह लेख आपकी मदद कर सकता है। यहां हमने चोकिंग से बचाव के टिप्स और फर्स्ट ऐड देने के तरीके बताए हैं।
संदर्भ (Reference) :
- Complementary Feeding: Review of Recommendations, Feeding Practices, and Adequacy of Homemade Complementary Food Preparations in Developing Countries – Lessons from Ethiopia
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5065977/ - Choking among Infants and Young Children
https://www.researchgate.net/publication/282951279_Choking_among_Infants_and_Young_Children - Choking – infant under 1 year
https://medlineplus.gov/ency/article/000048.htm - Choking Hazards
https://www.cdc.gov/nutrition/infantandtoddlernutrition/foods-and-drinks/choking-hazards.html - Choking first aid – infant under 1 year – series—Part 1
https://medlineplus.gov/ency/presentations/100221_1.htm - CPR – infant
https://medlineplus.gov/ency/article/000011.htm