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गर्भावस्था के दौरान किसी खाद्य पदार्थ को लेकर क्रेविंग होना सामान्य है (1)। कई बार क्रेविंग होने से गर्भवती महिलाएं दुविधा में पड़ जाती है। खासकर जब नॉन वेज की क्रेविंग हो तो ये उलझन होना लाजमी है। क्या हो अगर गर्भवती को मटन खाने की इच्छा हो। इसी खास विषय पर है मॉमजंक्शन का हमारा यह लेख। यहां हम गर्भावस्था के दौरान मटन खाना चाहिए या नहीं इससे जुड़ी जानकारी लाए हैं। साथ ही गर्भावस्था के दौरान मटन खाने के फायदे हैं या नुकसान, ये भी साझा करेंगे। तो गर्भावस्था में मटन खाने से जुड़ी हर जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
लेख की शुरुआत हम इसी सवाल से करते हैं कि गर्भवती मटन का सेवन कर सकती है या नहीं।
क्या गर्भवती महिलाएं मटन खा सकती हैं?
हां, गर्भवती महिलाएं मटन का सेवन कर सकती हैं। इस बात की जानकारी ऑस्ट्रेलियन डाइटरी गाइडलाइंस की तरफ से गर्भवती महिलाओं के लिए जारी किए गए आहार चार्ट से मिलती है। जिसमें महिलाओं को 65 ग्राम पके हुए बकरी के मांस के सेवन की सलाह दी गई है (2)।
वहीं, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध की मानें तो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को किसी भी प्रकार के मांस का सेवन करते समय सतर्कता बरतनी चाहिए। दरअसल, इस शोध में 3 प्रतिशत महिलाओं ने माना है कि गर्भावस्था के दौरान मटन खाने से नवजात शिशु को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं (3)। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान मटन का सेवन करने से पहले बेहतर होगा कि गर्भवती महिलाएं एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
चलिए, अब जरा प्रेगनेंसी में मटन खाने के फायदों को जान लीजिए।
गर्भावस्था के दौरान बकरी का मांस खाने के स्वास्थ्य लाभ
गर्भावस्था के दौरान मटन का सेवन करना सुरक्षित हो सकता है। एक बार डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद जब गर्भावस्था में मटन खाने की मंजूरी मिल जाए तो इसके सेवन के बाद नीचे बताए गए फायदे हो सकते हैं। तो प्रेगनेंसी में मटन खाने के लाभ कुछ इस प्रकार हैं:
1. प्रोटीन से भरपूर
स्वस्थ गर्भावस्था और भ्रूण के बेहतर विकास के लिए प्रोटीन का सेवन जरूरी माना गया है (4)। इसकी पूर्ति के लिए मटन खाना फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एक शोध से जानकारी मिलती है कि बकरी के मांस में प्रोटीन समृद्ध मात्रा में मौजूद होता है (5)। इसके अलावा, एक अन्य रिसर्च पेपर में बताया गया है कि पके हुए 100 ग्राम रेड मीट में 28-36 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है। बता दें कि बकरी को भी रेड मीट की श्रेणी में रखा गया है (6)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि प्रेगनेंसी के दौरान प्रोटीन की पूर्ति के लिए मटन खाना लाभकारी साबित हो सकता है।
2. आयरन से समृद्ध
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध की मानें तो गर्भवती महिलाओं को भ्रूण के विकास के लिए प्रतिदिन 30 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है। वहीं, बच्चे के जन्म के बाद, उन्हें प्रतिदिन लगभग 20 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है। वहीं, पके हुए मटन की गिनती आयरन से समृद्ध खाद्य पदार्थों के रूप में की जाती है (7)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रेगनेंसी के दौरान आयरन की कमी को पूरा करने के लिए अन्य खाद्य पदार्थों के साथ ही मटन का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है।
3. जिंक की पूर्ति
मटन का सेवन शरीर में जिंक की पूर्ति भी करने में मदद कर सकता है। बता दें कि जिंक भ्रूण के विकास के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है (8)। वहीं, मटन को जिंक के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक माना गया है (6)। इस आधार पर माना जा सकता गर्भावस्था के दौरान जिंक से समृद्ध मटन का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
4. ऊर्जा से भरपूर
गर्भावस्था के दौरान थकान होना आम माना जाता है (9)। वहीं, इस थकान को दूर करने के लिए एनर्जी से भरपूर मटन का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। बकरी के मांस पर हुए शोध बताते हैं कि 100 ग्राम मांस में 580 किलो जूल ऊर्जा मौजूद होती है। इसके अलावा, इसमें समृद्ध मात्रा में विटामिन-बी भी पाया जाता है, जो भोजन को ऊर्जा में बदलने के लिए जाना जाता है (10)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली थकान को मिटाने के लिए बकरी के मांस का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है।
अब बारी आती है मटन के सेवन से जुड़े जोखिमों के बारे में जानने की।
गर्भावस्था के दौरान मटन खाने के जोखिम
गर्भावस्था के दौरान अगर सावधानीपूर्वक मटन का सेवन नहीं किया गया तो यह कई प्रकार के जोखिमों को बढ़ा सकता है। नीचे क्रमवार तरीके से हम उन्हीं जोखिमों का जिक्र कर रहे हैं:
1. लिस्टेरियोसिस का खतरा
लिस्टेरियोसिस एक प्रकार का संक्रमण है जो दूषित भोजन के माध्यम से मानव शरीर में पहुंचता है। ये संक्रमण कच्चे मांस और प्रोसेस्ड मीट में मौजूद होते हैं। ऐसे में अगर कोई गर्भवती महिला सही तरीके से मीट को पका कर नहीं खाती है तो उसके माध्यम से उसका बच्चा गर्भाशय में या फिर जन्म के समय संक्रमित हो सकता है (11)।
2. टोक्सोप्लाज्मोसिस का जोखिम
टोक्सोप्लाज्मोसिस, टोक्सोप्लाज्मा गोंडी नामक परजीवी के कारण होने वाला संक्रमण है। अधपका या फिर दूषित मांस के सेवन से इसके फैलने का खतरा अधिक होता है। सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) की मानें तो अगर कोई गर्भवती महिला इस तरह के दूषित मांस का सेवन करती है तो टोक्सोप्लाज्मोसिस संक्रमण उसके साथ-साथ होने वाले बच्चे में भी फैल सकता है (12)।
3. मधुमेह की समस्या
एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध एक शोध के मुताबिक, लाल मांस खासकर प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन मधुमेह की समस्या का जोखिम बढ़ा सकता है (13)। इस आधार पर मान सकते हैं कि अगर कोई गर्भवती महिला अधिक मात्रा में बकरी के मांस का सेवन करती है तो उसे गर्भकालीन मधुमेह के होने का खतरा हो सकता है।
4. शिशु के स्वास्थ्य को खतरा
प्रेगनेंसी के दौरान मटन खाने से, होने वाले शिशु को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती है। इस बात की जानकारी, एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च से मिलती है। इस शोध में 3 प्रतिशत महिलाओं के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान मटन खाने से शिशु के सेहत पर असर पड़ने की बात कही गई है (3)।
इसके अलावा, एक अन्य शोध के मुताबिक, मटन की गिनती प्रेगनेंसी के दौरान नहीं खाने वाले खाद्य पदार्थों में की जाती है। ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान मटन खाने से बच्चे के शरीर पर लंबे बाल हो सकते हैं। इसलिए महिलाएं इससे परहेज करती हैं (14)।
5. फूड प्वॉइजनिंग
अगर मटन को सही तरीके से साफ और ठीक ढंग से पका कर नहीं खाया जाए तो इससे फूड प्वॉइजनिंग का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल, कच्चे अंडे और अधपके मांस में साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया मौजूद होता है, जो विषाक्तता का कारण बन सकता है। यह गर्भपात के जोखिम को भी बढ़ा सकता है (2)। ऐसे में बेहतर होगा कि गर्भावस्था के दौरान मटन के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह अवश्य लें और जब भी मटन का सेवन करें अच्छे से पका कर ही करें।
लेख के अंत में मटन खाने के सही तरीके को जान लीजिए।
प्रेगनेंसी में मटन खाने का सही तरीका
यहां हम कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से सही तरीके से मटन का सेवन किया जा सकता है। साथ ही इससे होने वाली समस्याओं से भी बचा जा सकता है।
- मटन को बनाने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह से धोएं। साथ ही मटन बनाने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले बर्तनों की भी सफाई अच्छी तरह से कर लें।
- मटन को हमेशा दूसरे खाद्य पदार्थों से दूर रखें, खासकर सब्जी, फल जैसी अन्य चीजों से, ताकि इसमें मौजूद बैक्टीरिया उनमें न जा सके।
- अगर मटन को तुरंत नहीं पकाना चाहती हैं तो उसे बाहर रखने के बजाए फ्रिजर में ही रखें।
- मटन को खाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह पूरी तरह से पका है या नहीं।
- हमेशा ताजा मटन लाकर ही बनाएं।
- मटन को पकाने के बाद उसे बासी करके न खाएं।
- ज्यादा तेल मसाले वाली मटन करी न खाएं।
- मटन का सूप बनाकर सेवन कर सकते हैं।
- मटन खाने के बाद खूब पानी पिएं।
- मटन के साथ कैल्शियम से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करते रहें, इससे शरीर को ज्यादा पोषक तत्व मिल सकते हैं।
- मटन का सेवन करने के बाद अगर स्वास्थ्य जुड़ी कोई भी असुविधा महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
गर्भावस्था के दौरान मटन का सेवन सुरक्षित हो सकता है, बशर्ते इसे बनाते समय सावधानी बरती जाए। इस लेख में हमने मटन के फायदे बताने के साथ-साथ उसे खाने के सही तरीकों के बारे में भी बताया है। इसके अलावा, यहां हमने मटन के सेवन से जुड़े जोखिमों की चर्चा भी की है। ऐसे में गर्भवती महिलाएं सावधानीपूर्वक इसका सेवन कर सकती हैं। वहीं, अगर इसके सेवन से किसी महिला को किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस लेख को अन्य लोगों के साथ शेयर करके हर किसी को प्रेगनेंसी में मटन खाने से जुड़ी जानकारी दें।
References
1. Pickles and ice cream Food cravings in pregnancy hypotheses preliminary evidence and directions for future research; By NCBI
2. Pregnancy and diet; By Better Health
3. Food beliefs and practices among the Kalenjin pregnant women in rural Uasin Gishu County Kenya; By NCBI
4. Protein and Amino Acids; By NCBI
5. Goat Meat Does Not Cause Increased Blood Pressure; By NCBI
6. Nutritional composition of red meat; By Onlinelibrary
7. How can I get enough iron?; By NCBI
8. Maternal Zinc Intakes and Homeostatic Adjustments during Pregnancy and Lactation; By NCBI
9. Common symptoms during pregnancy; By Medlineplus
10. The quality of goat meat and its impact on human health; By Researchgate
11. Get the Facts about Listeria; By CDC
12. Toxoplasmosis General FAQs; By CDC
13. Potential health hazards of eating red meat; By NCBI
14. Food taboos in pregnancy and early lactation among women living in a rural area of West Bengal; By NCBI
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