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गर्भावस्था में महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इसके कारण गर्भवती को कभी-कभी शरीर में दर्द भी होने लगता है। इस दर्द को कम करने के लिए गर्भवतियां कभी अपनी मर्जी से, तो कभी किसी सलाह पर दवाओं का सेवन कर लेती हैं। ऐसी ही एक दवाई ट्रामाडोल (Tramadol) भी है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम ट्रामाडोल से जुड़े हर पहलू पर विस्तार से बात करेंगे।हम बताएंगे कि गर्भावस्था में ट्रामाडोल टैबलेट का उपयोग करना चाहिए या नहीं और ट्रामाडोल लेने के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं। इन सभी बातों को जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।

आर्टिकल के शुरूआत में जानते हैं कि ट्रामाडोल क्या है।

ट्रामाडोल (Tramadol) क्या है?

ट्रामाडोल एक खास प्रकार की नारकोटिक यानी नशीली दवा है, जिसे ओपियोइड कहा जाता है। इसका इस्तेमाल मध्यम से गंभीर दर्द को कम करने के लिए किया जाता है। ट्रामाडोल दवाई बाजार में जेनरिक रूप में और कई सारे ब्रांड के नाम से भी बिकती है जैसे – अल्ट्राम, अल्ट्रासेट (Ultram, Ultracet )। इसके अलावा, ट्रामाडोल कुछ अन्य दवाओं के कॉम्बिनेशन के साथ भी बाजार में उपलब्ध है (1)

आगे जानिए कि गर्भावस्था में दर्द कम करने के लिए ट्रामाडोल का सेवन किया जा सकता है या नहीं।

क्या आप गर्भवती होने पर ट्रामाडोल ले सकती हैं?

गर्भावस्था में दवाई का सेवन बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं करना चाहिए। कुछ ऐसा ही ट्रामाडोल के साथ भी है। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इस दवाई को ‘सी’ श्रेणी में रखा है (2)। इसका मतलब यह है कि गर्भवती जानवरों पर किए गए परीक्षण के दौरान भ्रूण पर इसके प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दिए, जबकि मनुष्यों को लेकर किसी तरह का सटीक अध्ययन मौजूद नहीं है। डॉक्टर इस दवा से होने वाले संभावित लाभ और नुकसान दोनों को देखते हुए इसे गर्भवती को देने और न देने का फैसला ले सकते हैं (3)

इसके अलावा, एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि ओपियोइड का सेवन गर्भावस्था में बड़ी सावधानी के साथ करना चाहिए। खासकर गर्भावस्था के आखिरी समय में इसकी ज्यादा डोज लेने वालों को सतर्कता बरतनी जरूरी है (4)

अब लेख में आगे बढ़ते हुए जानते हैं कि ट्रामाडोल का उपयोग कब कर सकते हैं।

गर्भावस्था में ट्रामाडोल टैबलेट का उपयोग कब करें?

हम ऊपर बता ही चुके हैं कि गर्भावस्था में ट्रामाडोल का इस्तेमाल डॉक्टर से पूछ कर ही करना चाहिए। डॉक्टर ही ट्रामाडोल लेने का सही समय बता सकते हैं। वैसे कुछ रिसर्च कहती हैं कि शुरुआती गर्भावस्था में इसका सेवन करने से गर्भस्थ शिशु पर हल्का टेराटोजेनिक प्रभाव पड़ता है। मतलब यह भ्रूण के असामान्य विकास का कारण बन सकता है (5)। साथ ही इसे गर्भवस्था के आखिरी दिनों में और प्रसव के दौरान भी न लेने की सलाह दी जाती है (2)। ऐसे में डॉक्टर जरूरत पड़ने पर शुरूआती और आखिरी गर्भावस्था के मध्य महिला की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ट्रामाडोल लेने की सलाह दे सकते हैं।

ट्रामाडोल के उपयोग के बाद इससे होने वाले नुकसान पर एक नजर डाल लेते हैं।

गर्भावस्था के दौरान ट्रामाडोल लेने के साइड इफेक्ट्स?

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि प्रेगनेंसी के समय ट्रामाडोल लेना खतरनाक हो सकता है। इससे हल्के और गंभीर दोनों तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसी वजह से इसके सेवन का निर्णय डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए। आइए, सबसे पहले ट्रामाडोल के सामान्य साइड इफेक्ट्स जानते हैं, जो आम हैं और गर्भावस्था में भी नजर आ सकते हैं (5) (6)

सामान्य नुकसान

  • आलस्य और सोने में कठिनाई
  • सिरदर्द, घबराहट और मतली
  • चिंता और चक्कर आना
  • कब्ज, अपच और हार्टबर्न
  • मांसपेशियों में जकड़न
  • मुंह का सूखना
  • त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ना (ड्रग रिएक्शन)

गर्भावस्था से जुड़े नुकसान

  • जन्मजात विकृति और हृदय दोष (7)
  • नवजात को दौरे पड़ना (2)
  • गर्भपात यानी गर्भाश्य में भ्रूण की मृत्यु होना (2)
  • स्टिल बर्थ यानी जन्म से पहले ही शिशु की मृत्यु (2)
  • समय से पहले प्रसव
  • बच्चों में क्लब फुट यानी पैर का टेढ़ा होना (8)
  • बच्चे का कम वजन या कमज़ोर होना

अगर आप गर्भावस्था से पहले या बाद में ट्रामाडोल ले चुकी हैं तो क्या होगा?

अगर आपने प्रेगनेंसी से पहले या बाद में बिना डॉक्टर की सलाह के ट्रामाडोल खा लिया है, तो तुरंत चिकित्सक को इसके बारे में बताएं। फिर आपकी स्थिति और दर्द के कारण को देखते हुए विशेषज्ञ बता सकते हैं कि इस दवाई को जारी रखा जा सकता है या नहीं। इसके अलावा, डॉक्टर दवा की खुराक कम करने व अन्य दवा लेने की सलाह भी दे सकते हैं।

आगे हम बता रहे हैं कि ट्रामाडोल दवाई से मिसकैरेज का खतरा होता है या नहीं।

क्या ट्रामाडोल से गर्भपात हो सकता है?

कुछ अध्ययनों के मुताबिक, गर्भावस्था में ओपियोइड ले रही महिलाओं ने जब इसका सेवन बंद कर दिया, तो उन्हें अचानक गर्भपात और निर्धारित समय से पहले प्रसव जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ा (9)फिलहाल, इस विषय पर स्पष्टता के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है ।

ट्रामाडोल और बर्थ डिफेक्ट के खतरे से संबंधित जानकारी आगे है।

क्या ट्रामाडोल बच्चे में जन्म दोष की आशंका को बढ़ा सकता है?

हां, कुछ रिसर्च इस बात की पुष्टि करते हैं कि ट्रामाडोल की वजह से नवजात में जन्म दोष की आशंका बढ़ सकती है (10)। ट्रामाडोल की वजह से कुछ मामलों में बच्चों में मस्तिष्क, रीढ़ या रीढ़ की हड्डी से संबंधित जन्म दोष (न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट) देखने को मिलता है। इससे बच्चे के दिल की संरचना पर भी खराब असर पड़ सकता है। इनके अलावा, ट्रामाडोल के कारण पेट से संबंधित जन्म दोष ‘गैस्ट्रोसिस ‘भी हो सकता है, जिसमें बच्चे की आंतें शरीर से बाहर को रहती हैं (11)

लेख के अगले भाग में ट्रामाडोल और गर्भावस्था से जुड़ी दूसरी जटिलताओं के बारे में जानिए।

क्या ट्रामाडोल गर्भावस्था में अन्य जटिलताओं का कारण बनता है?

प्रेगनेंसी में ट्रामाडोल के सेवन को लेकर हुए कुछ रिसर्च के अनुसार, इसका अधिक सेवन करने से मेटरनल डेथ यानी प्रसव के दौरान मां की मृत्यु होने का खतरा हो सकता है। साथ ही नवजात शिशु को नियोनेटल एब्सटीनेंस सिंड्रोम (NAS) भी हो सकता है, जिसमें बच्चे को कई सारी परेशानियां एक साथ हो जाती हैं। यह परेशानियां हर बच्चे में अलग-अलग हो सकती है (12)

आगे जानिए ट्रामाडोल से जुड़ी अन्य जरूरी बातें।

क्या गर्भावस्था में ट्रामाडोल लेने के कारण बच्चे में भी विड्रॉल (प्रत्याहार) लक्षण दिखते हैं?

हां, गर्भावस्था के समय ट्रामाडोल का अधिक सेवन करने की वजह से बच्चे के पैदा होने के बाद उसमें विड्रॉल (Withdrawal) के कई लक्षण दिखते हैं। इन लक्षणों के समूह को नियोनेटल एब्सटीनेंस सिंड्रोम (NAS) कहा जाता है। इन लक्षणों में नवजात को उल्टी होना, चिड़चिड़ापन, कंपन, जोर-जोर से रोना, दौरे पड़ना, छींकें और अधिक पसीना आना शामिल हैं (12)

ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बच्चा गर्भ में मां द्वारा ली जाने वाली विशेष दवा जैसे ट्रामाडोल का आदि हो जाता है। पैदा होने के बाद जब उसे वो दवा नहीं मिलती, तो प्राकृतिक रूप से उसकी बॉडी उस दवा को शरीर से साफ करती है। इस प्रक्रिया के दौरान ये लक्षण दिखाई देते हैं (13)

ट्रामाडोल के सेवन से जुड़ी सावधानियां, जानने के लिए लेख को आगे पढ़ें।

ट्रामाडोल लेते समय बरती जाने वाली सामान्य सावधानियां

ट्रामाडोल को बिना प्रिसक्रिप्शन के नहीं लेना चाहिए। जरा सी लापरवाही से मां और गर्भस्थ शिशु दोनों को नुकसान हो सकता है। ऐसे में इस दवाई के सेवन से जुड़ी कुछ सावधानी बरतना जरूरी है, जो कुछ इस प्रकार हैं (5)

  • सबसे पहली और जरूरी सावधानी यही है कि बिना डॉक्टरी सलाह के इसका सेवन न करें।
  • अगर ट्रामाडोल के किसी भी सक्रिय तत्व से एलर्जी है, तो फौरन डॉक्टर को बताएं।
  • डॉक्टर को उन सभी दवाइयों के बारे में जानकारी दें, जिन्हें आप नियमित रूप से ले रहीं हैं। एंटीकोगुलेंट्स और एंटीडिप्रेसेंट दवाओं के साथ ट्रामाडोल लेने पर प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं होती हैं, जिससे स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
  • अपने डॉक्टर को उन हर्बल सप्लीमेंट और विटामिन के बारे में भी बताएं, जिनका सेवन आप कर रहीं हैं।
  • ट्रामाडोल के सेवन के बाद शरीर सुस्त हो जाता है। ऐसे में दवा लेने के बाद कार या अन्य गाड़ी न चलाएं।
  • ट्रामाडोल दवा को अचानक बंद न करें, वरना विड्रॉल लक्षण नजर आ सकते हैं। हमेशा अपने चिकित्सक के परामर्श के हिसाब से धीरे-धीरे इसकी खुराक कम करें।

ट्रामाडोल के हर पहलू पर हमने विस्तार से आपको जानकारी दी है। अगर आपको गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह का दर्द होता है, तो खुद से दवा लेने की जगह सीधे डॉक्टर से संपर्क करें। इस नाजुक अवस्था में किसी भी तरह की लापरवाही मां और भ्रूण दोनों के लिए हानिकारक हो सकती है। दवाओं और प्रेगनेंसी से जुड़ी अन्य जरूरी बाते जानने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।