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गर्भावस्था के समय महिलाओं में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कुछ कम हो जाती है। इससे मां और शिशु को संक्रमण हो सकता है और उसके कई गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं (1)। मां और शिशु को इन संक्रमण से बचाने का सबसे सरल तरीका टीकाकरण है। गर्भावस्था में टीकाकरण कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है (1)। मॉमजंक्शन का यह लेख गर्भावस्था के दौरान लगने वाले टीकों पर ही आधारित है। इस लेख में आपको गर्भावस्था के दौरान लगने वाले टीकों से जुड़े कई सवालों के जवाब मिलेंगे।
पहले हम यह जान लेते हैं कि टीकाकरण का इतना महत्व क्यों है।
गर्भावस्था में टीकाकरण क्यों जरूरी है? | Pregnancy Me Tikakaran
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में विभिन्न तरह के बदलाव आते हैं। इस दौरान उनका शरीर संक्रामक रोगों के प्रति संवेदनशील हो जाता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान मां और शिशु की रक्षा के लिए सिर्फ पौष्टिक भोजन और व्यायाम ही काफी नहीं है। कुछ अन्य बातों पर भी गौर करने की जरूरत है और टीकाकरण उन्हीं में से एक है। गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल और सुरक्षा के लिए गर्भवती मां को टीके जरूर लगवाने चाहिए। टीकाकरण से मां और शिशु दोनों कई प्रकार के संक्रामक रोगों से बचे रहते हैं। टीके लगने से गर्भवती महिला का शरीर एंटीबॉडी बना लेता है, जो बॉडीगार्ड की तरह काम करता है। यह मां के जरिए शिशु को भी संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है (1)। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण जरूरी है।
आगे हम जान लेते हैं कि गर्भावस्था के दौरान टीके लगवाना कितना सुरक्षित है।
क्या गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण सुरक्षित हैं?
हां, गर्भावस्था के दौरान योग्य डॉक्टर से टीके लगवाना सुरक्षित है। शोध से पता चलता है कि काली खांसी और फ्लू के टीके गर्भवती महिला को महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हैं। विशेषज्ञ हर टीके की सुरक्षा का बारीकी से निरीक्षण करते हैं (2)। इन टीकों का परीक्षण एफडीए की देखरेख में किया जाता है। साथ ही एफडीए और सीडीसी द्वारा प्रत्येक टीके की निगरानी की जाती है (3)। अत: गर्भावस्था के दौरान टीकाकारण सुरक्षित और जरूरी है। गर्भवती महिला को टीके लगाने के बाद भ्रूण को एंटीबॉडी प्रदान होती है (4)। एंटीबॉडी गर्भ में ही शिशु को संक्रमण से लड़कर बीमारियों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने में मदद करती है।
क्या टीकों से शिशु को कोई खतरा हो सकता है। इस बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
क्या टीके आपके अजन्मे बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं?
वैसे तो सभी टीके माता और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए लाभदायक हैं, फिर भी विशेषज्ञ लाइव वायरस के टीके गर्भवती महिलाओं को न देने की सलाह देते हैं। ये टीके अजन्मे शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं (5)।
आर्टिकल के इस हिस्से में हम बता रहे हैं कि कौन सा टीका कब लगेगा।
गर्भवती होने से पहले मुझे कौन से टीके लगवाने चाहिए?
सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के अनुसार, कुछ टीके गर्भावस्था से एक महीने या उससे पहले लगवाने चाहिए (4)। टीके लगवाने से पहले डॉक्टर की सलाह पर रक्त की जांच करवाना आवश्यक है। इससे गर्भधारण के पूर्व ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता चल सकता है (4)। इसके बाद डॉक्टर की सलाह पर कुछ टीके लगवाए जा सकते हैं, जैसे :
- MMR (खसरा, मम्प्स व रूबेला) : रूबेला ऐसी गंभीर बीमारी है, जिसके परिणामस्वरूप गर्भपात या फिर अन्य कोई गंभीर नकारात्मक स्थिति बन सकती है। इस बीमारी के खिलाफ सबसे अच्छी सुरक्षा MMR (खसरा-मम्प्स-रूबेला) वैक्सीन है (4)।
- हेपेटाइटिस-बी : अगर गर्भावस्था के दौरान हेपेटाइटिस-बी संक्रमण है, तो यह जन्म के बाद शिशु को भी हो सकता है। हेपेटाइटिस-बी बच्चे के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए, हेपेटाइटिस-बी के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें कि आपको टीका लगवाने की आवश्यकता है या नहीं (2)।
अब जानते हैं कि गर्भवती महिला को कौन-कौन से टीके लगाए जाते हैं।
गर्भावस्था में कौन-कौन से टीके लगाने की सलाह दी जाती है? | Pregnancy Me Kitne Tike Lagte Hain
सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कुछ गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए टीका लगवाने की आवश्यकता होती है। साथ ही डॉक्टर की सलाह से कुछ अन्य टीके भी लगवाने चाहिए :
- टीडैप वैक्सीन (Tdap) : टिटनेस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस बहुत गंभीर बीमारियां हैं। गर्भवती महिलाओं और शिशु को इनसे बचाने के लिए हर गर्भावस्था के दौरान Tdap वैक्सीन जरूर देनी चाहिए। इस टीके को लगाने से शिशु को एकसाथ टेटनस, काली खांसी और डिप्थीरिया से बचाया जा सकता है (6)। इसके अलावा, गर्भवती स्त्री को टिटनेस टॉक्साइड (टीटी) के 2 टीके लगाए जाते हैं। टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन का उपयोग टिटनेस के खिलाफ रक्षा के लिए किया जाता है। गर्भावस्था के प्रारंभिक दिनों में टीटी-1 का टीका लगाया जाता है और इसके चार हफ्तों के बाद टीटी-2 टीका लगाया जाता है। इसके बाद अगर अगले तीन वर्ष के अंदर महिला फिर से गर्भवती होती है, तो उसे इस बार सिर्फ बूस्टर टीटी का टीका ही लगाया जाएगा (7)।
वैक्सीन | वैक्सीन देने का सही समय | खुराक | कहां लगेगा टीका |
---|---|---|---|
टीटी – 1 | गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में | 0.5 ml | बांह के ऊपर |
टीटी – 2 | टीटी – 1 के 4 सप्ताह के बाद | 0.5 ml | बांह के ऊपर |
टीटी बूस्टर | पिछले 3 वर्षों में अगर गर्भवती महिला टीटी के 2 टीके लगवा चुकी है, तो उसे वर्तमान गर्भावस्था के समय सिर्फ बूस्टर टीटी का टीका ही दिया जाना चाहिए। | 0.5 ml | बांह के ऊपर |
- इंफ्लुएंजा का टीका : गर्भवती महिलाओं (दो सप्ताह के प्रसव के बाद) की प्रतिरक्षा प्रणाली, हृदय और फेफड़े फ्लू के कारण प्रभावित हो सकते हैं। इससे गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। यह गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी हानिकारक हो सकता है। इसलिए, इंफ्लुएंजा का टीका लगवाना जरूरी है। अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भवती महिलाओं को दिया जाने वाला इन्फ्लुएंजा का टीका 6 महीने की आयु तक के शिशुओं की इन्फ्लूएंजा नामक बीमारी को 63% तक कम कर देता है (8)।
- व्हूपिंग कफ (काली खांसी) का टीका : निमोनिया और मस्तिष्क की सूजन जैसी की गंभीर जटिलताओं के कारण व्हूपिंग कफ अर्थात काली खांसी होती है। यह स्थिति गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरनाक हो सकती है (8)। डॉक्टर, तीसरी तिमाही (गर्भावस्था के 27 और 36 सप्ताह के बीच) में जल्द से जल्द यह टीका लगवाने की सलाह देते हैं (2)। वैसे Tdap टीके में ही इस रोग का टीका शामिल होता है।
क्या आपको मालूम है कि कुछ ऐसे टीके भी हैं, जिन्हें लेने के लिए डॉक्टर भी मना करते हैं।
गर्भावस्था में किन टीकों से बचना चाहिए?
सीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार सभी टीके भ्रूण के लिए सुरक्षित नहीं हैं। विशेष रूप से लाइव-वायरस के टीके गर्भवती महिलाओं को नहीं दिए जाने चाहिए, क्योंकि ये शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं (5)।
आइए, टीकाकरण के कुछ नुकसान भी जान लेते हैं।
टीकाकरण के बाद साइड इफेक्ट्स
किसी भी दवा की तरह टीके के भी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन ये आमतौर पर हल्के होते हैं और अपने आप चले जाते हैं। टीके के साइड इफेक्ट्स कुछ इस प्रकार से नजर आ सकते हैं (2) :
- जहां शॉट दिया गया वहां दर्द, लालीमा या सूजन आना
- उस जगह मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- बुखार
गर्भावस्था में टीकाकरण के लिए बरती जाने वाली सावधानियां
गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं, जैसे :
- टीकाकरण कराने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
- अगर वैक्सीन होने के 4 सप्ताह के भीतर आप गर्भवती होती हैं, तो इस बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बताएं।
- अगर आपके ऑफिस में जरूरी टीके लग रहे हैं, तो टीका लगवाने से पहले यह बता दें कि आप गर्भवती हैं। बेहतर यही होगा कि आप इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
- पहली बार गर्भधारण करने पर हर स्त्री को टिटनेस टॉक्साइड के 2 टीके जरूर लगवाने चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या गर्भावस्था के दौरान टिटनेस इंजेक्शन अनिवार्य है?
हां, गर्भावस्था के दौरान टिटनेस का इंजेक्शन अनिवार्य है, क्योंकि यह क्लोस्ट्रीडियम टेटानी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से शिशु को सुरक्षा प्रदान करता है (1)।
मुझे पिछली गर्भावस्था के दौरान एक Tdap इंजेक्शन लिया था। क्या मुझे इस गर्भावस्था के दौरान दोबारा उसको लेने की जरूरत है?
गर्भावस्था के दौरान एक Tdap इंजेक्शन लेना जरूरी है। अगर अगले तीन वर्ष के अंदर महिला फिर से गर्भवती होती है, तो इस बार उसे सिर्फ बूस्टर टीटी का टीका ही लगाया जाएगा (7)।
इस लेख के माध्यम से आप जान ही गए होंगे कि गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण कितना जरूरी है। अगर प्रेगनेंसी के दौरान टीकाकरण नहीं ले पाते हैं, तो बच्चे को कई तरह के संक्रमण व रोग होने का खतरा रहता है। इस कारण प्रेगनेंसी के समय टीके लगाने की आवश्यकता होती है। साथ ही इस जानकारी को अपनी परिचित गर्भवती महिला के साथ भी शेयर करें।
References
1. Vaccination during pregnancy: Today’s need in India By NCBI
2. Vaccines for Pregnant Women By Vaccines
3. Vaccine Safety By Vaccines
4. Maternal Vaccines: Part of a Healthy Pregnancy By CDC
5. Guidelines for Vaccinating Pregnant Women By CDC
6. Tdap (Tetanus, Diphtheria, Pertussis) VIS By CDC
7. सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम By NHP
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