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प्रेगनेंसी में न सिर्फ खान-पान, बल्कि इस दौरान इस्तेमाल में लाई जाने वाली हर चीजों को लेकर सतर्कता बरतना जरूरी होता है। इसमें फैशन के तौर पर इस्तेमाल करने वाली चीजे भी शामिल हैं। ऐसा नहीं है कि महिलाएं इस दौरान फैशन पर ध्यान देना ही छोड़ दें, लेकिन कुछ चीजों को प्रयोग में लाने से पहले उसके विषय में सही जानकारी होना जरूरी है। दरअसल, यहां हम प्रेगनेंसी में पियर्सिंग कराने या न कराने के विषय में आपको बताने जा रहे हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में जानिए प्रेगनेंसी में पियर्सिंग करवानी चाहिए या नहीं। इसके अलावा, इस लेख में इससे होने वाले नुकसानों को साझा किया गया है। पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में पियर्सिंग करवाना सुरक्षित है या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी में पियर्सिंग करा सकते हैं?
गर्भावस्था की संवेदनशीलता को देखते हुए इस दौरान पिर्यर्सिंग करवाना सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि गर्भावस्था के दौरान नाभि, निप्पल या मुंह के पियर्सिंग से जोखिम पैदा हो सकते हैं (1)। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान शरीर में ऐसे ही कई बदलाव और परेशानी होती है, तो इस बीच पियर्सिंग का दर्द क्यों लेना। कई बार तो जो पियर्सिंग करते हैं, वो भी गर्भवती को पियर्सिंग कराने की सलाह नहीं देते हैं। इसलिए, हमारी सलाह यही है कि प्रेगनेंसी के दौरान पियर्सिंग से बचना चाहिए।
प्रेगनेंसी में पियर्सिंग कराने के सही समय से जुड़ी जानकारी नीचे दी गई है।
प्रेगनेंसी में कब पियर्सिंग करवाना सुरक्षित है?
जैसा कि पहले ही हमने यह बात साफ कर दी है कि गर्भावस्था में पियर्सिंग कराना जोखिम भरा हो सकता है। खासतौर पर जब बात संवेदनशील अंगों की हो। गर्भावस्था के लक्षणों के साथ प्रेगनेंसी के दौरान पियर्सिंग करवाना कष्टदायक हो सकता है। इससे संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है (2)। ऐसे में बेहतर है कि गर्भावस्था के कुछ वक्त बाद ही पियर्सिंग का निर्णय लें।
नीचे जानिए पियर्सिंग के लिए सूई और गन में से कौन सा बेहतर है।
गर्भवती के लिए पियर्सिंग सुई ज्यादा सुरक्षित है या पियर्सिंग गन?
पियर्सिंग गन से की जाए या सुई से, गर्भावस्था के दौरान दोनों ही जोखिम पैदा कर सकते हैं। जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि पियर्सिंग करना त्वचा और अंग दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है (3)। इसलिए, हम फिर से यही सलाह देंगे कि गर्भावस्था के दौरान पियर्सिंग कराने का जोखिम न उठाएं। लेख में आगे इससे होने वाले जोखिमों को विस्तार से बताया गया है।
अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में पियर्सिंग करना कितना जोखिम भरा हो सकता है।
प्रेगनेंसी में पियर्सिंग कराने के जोखिम
गर्भावस्था में पियर्सिंग करवाना कितना जोखिम भरा हो सकता है, इसकी जानकारी हम नीचे विस्तारपूवर्क दे रहे हैं (4) :
- संक्रमण : प्रेगनेंसी में पियर्सिंग कराने से संक्रमण का जोखिम हो सकता है। दरअसल, पियर्सिंग के लिए उपयोग की जाने वाली चीजों को अगर ढंग से साफ न किए गया हो, तो इससे बैक्टीरियल संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है। साथ ही हेपेटाइटिस सी और एचआईवी जैसे घातक संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। पियर्सिंग की जगह पर भी इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
- सूजन : पियर्सिंग से प्रेगनेंसी में सूजन और पीयर्स की हुई त्वचा लाल हो सकती है। इसके साथ ही दर्द भी हो सकता है। इसके अलावा, पियर्सिंग के बाद गर्भवती को सिस्ट की समस्या भी हो सकती है। आसान शब्दों में समझा जाए, तो पियर्सिंग वाले हिस्से में गांठ बन सकती है।
- ब्लीडिंग : पियर्सिंग से दर्द के साथ-साथ प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग की परेशानी भी हो सकती है। इसलिए, इस दौरान पियर्सिंग न करवाना ज्यादा बेहतर है।
- स्ट्रेच मार्क्स : प्रेगनेंसी में स्ट्रेच मार्क्स होना सामान्य है (5)। महिलाएं स्ट्रेच मार्क्स के दाग को हल्का करने के लिए कई उपाय भी करती हैं। ऐसे में त्वचा में पियर्सिंग कराने से स्ट्रेच मार्क्स ज्यादा हो सकते हैं (1)। अब जिन दागों को महिलाएं हल्का करना चाह रही हैं, वही दाग पियर्सिंग के कारण और भी बढ़ सकते हैं।
- एलर्जी : कई बार पियर्सिंग के लिए सोना, चांदी और तांबे जैसे धातु का उपयोग किया जाता है। ऐसे में अगर किसी महिला को किसी विशेष धातु से एलर्जी की समस्या है, तो पियर्सिंग के बाद एलर्जी हो सकती है। इतना ही नहीं, पियर्सिंग से डर्माटाइटिस (त्वचा पर खुजली और सूजन के साथ लाल चकत्ते) भी हो सकता है।
लेख के इस भाग में जानिए कौन से अंगों में पियर्सिंग नहीं करवानी चाहिए।
शरीर के कौन से अंगों की पियर्सिंग से आपको बचना चाहिए
गर्भावस्था के दौरान पियर्सिंग कराना जोखिम पैदा कर सकता है, यह तो आप जान गए हैं। वहीं, शरीर के कुछ ऐसे संवेदनशील अंग होते हैं, जहां पियर्सिंग कराना प्रेगनेंसी तो क्या सामान्य दिनों में भी परेशानी पैदा कर सकता है। यहां जानिए कौन से अंगों पर पियर्सिंग कराने से बचना चाहिए (1) (6)।
- मुंह या जीभ की पियर्सिंग कराने से बचें, क्योंकि इससे मुंह से जुड़ा संक्रमण हो सकता है।
- नाक की पियर्सिंग से बचें क्योंकि इससे ऑक्सीजन ट्यूब लगाते वक्त परेशानी हो सकती है।
- नाभि की पियर्सिंग कराने से गर्भाशय के विकास में बाधा आ सकती है। इसके अलावा, इससे स्ट्रेच मार्क्स भी हो सकता है।
- निप्पल की पियर्सिंग कराने से बचें क्योंकि इससे शिशु को स्तनपान कराने में परेशानी हो सकती है।
- गुप्तांगों में पियर्सिंग न कराएं, इससे संक्रमण हो सकता है।
अब जानते हैं प्रेगनेंसी में पियर्सिंग से जुड़ी सावधानियों के बारे में।
प्रेग्नेंट होने पर पियर्सिंग कराने से पहले किन बातों को ध्यान में रखें
हमारा सुझाव अब भी यही है कि गर्भावस्था के दौरान पियर्सिंग कराना सही नहीं है। वहीं, फिर भी अगर कोई गर्भवती पियर्सिंग कराना चाहती है, तो इसके लिए डॉक्टरी परामर्श के साथ-साथ नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है :
- किसी भी जोखिम से बचने के लिए डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है।
- संवेदनशील अंगों में पियर्सिंग कराने से बचें।
- पियर्सिंग कराने के लिए उस धातु को चुनें जिससे एलर्जी न हो।
- संक्रमण से बचने के लिए पियर्सिंग के लिए हमेशा नई चीजों को ही प्रयोग में लाएं।
- पियर्सिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों को स्टरलाइज जरूर करें।
- पियर्सिंग के कुछ दिनों बाद या घाव भरने के दौरान ज्वेलरी को न बदलें।
- पियर्सिंग के बाद रक्त निकलना बंद न हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- प्रेगनेंसी में पियर्सिंग कराने के बाद अगर दर्द असहनीय हो, तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।
तो ये थीं प्रेगनेंसी में पियर्सिंग कराने से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां। इस लेख को पढ़ने के बाद आप यह जान चुके होंगे कि प्रेगनेंसी में पियर्सिंग क्यों नहीं करानी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती को ऐसे ही कई शारीरिक बदलाव और जोखिम का सामना करना पड़ता है। ऐसे में थोड़े से फैशन के लिए एक और दर्द क्यों लेना। हमारी राय बस यही है कि गर्भावस्था के बाद शिशु के थोड़े बड़े हो जाने के बाद ही पियर्सिंग कराएं। साथ ही इस लेख को अन्य महिलाओं के साथ भी शेयर करें और इस विषय के प्रति जागरूकता बढ़ाएं।
References
2. [Piercing and its infectious complications. A public health issue in France] By NCBI
3. Ear piercing techniques and their effect on cartilage, a histologic study By NCBI
4. Body Piercing By NCBI
5. Stretch Marks By Medlineplus
6. Navel piercing during pregnancy: a cautionary tale for the family physician, the obstetrician and the midwife. By Semantic Scholar
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