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गर्भावस्था के दौरान महिला और होने वाले शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं। इन दवाओं का निर्धारण डॉक्टर गर्भवती महिला की उम्र, स्वास्थ्य और शारीरिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए करते हैं। इन्हीं दवाओं में शामिल है, निफेडिपीन। अब यह दवा क्या है और गर्भावस्था में इसे क्यों उपयोग में लाया जाता है? इन तमाम सवालों के जवाब आपको मॉमजंक्शन के इस लेख में मिलेंगे।

आइए, लेख के पहले भाग में हम यह जानते हैं कि निफेडिपीन क्या है।

निफेडिपीन क्या है?

निफेडिपीन एक कैल्शियम चैनल ब्लॉकर यानी शरीर में कैल्शियम की अधिकता को कम करने वाली दवा है। इसे मुख्य रूप से शरीर में कैल्शियम की अधिकता को कम करके साथ-साथ हाई बीपी और सीने में दर्द (धमनी विकार) को दूर करने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है (1)

आगे हम जानेंगे कि गर्भावस्था में निफेडिपीन लेना सुरक्षित है या नहीं।

क्या प्रेगनेंसी में निफेडिपीन टैबलेट खाना सुरक्षित है? | Nifedipine In Pregnancy In Hindi

निफेडिपीन टैबलेट से संबंधित दो अलग शोध को देखने से पता चलता है कि यह गर्भावस्था में सुरक्षित है। साथ ही यह गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं, जैसे – गर्भावस्था में हाई बीपी से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। बशर्ते, इसे सुरक्षित मात्रा में ही इस्तेमाल किया जाए। वजह यह है कि इसकी अधिक मात्रा कुछ दुष्प्रभाव भी प्रदर्शित कर सकती है (2) (3)। इन दुष्प्रभावों के बारे में हम लेख में आगे विस्तार से बताएंगे। इसलिए, बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा को किसी भी स्थिति में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

लेख के अगले भाग में हम गर्भावस्था में निफेडिपीन की सुरक्षित खुराक के बारे में जानेंगे।

प्रेगनेंसी में निफेडिपीन टैबलेट की कितनी खुराक जरूरी है? | Nifedipine Dose In Pregnancy In Hindi

गर्भावस्था में निफेडिपीन की सुरक्षित खुराक की बात करें, तो 10 से 30 मिली ग्राम की इसकी खुराक को सुरक्षित माना जा सकता है। इसकी 10 मिली ग्राम खुराक को हाई बीपी को जल्द नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है (3)। इसके बावजूद, इसकी ली जाने वाली खुराक में महिला की उम्र, स्वास्थ्य और शारीरिक स्थिति के आधार पर अंतर देखा जा सकता है। इसलिए, गर्भावस्था में निफेडिपीन को इस्तेमाल करने से पहले इस संबंध में अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

यहां अब हम गर्भावस्था में निफेडिपीन टैबलेट के फायदे को समझने का प्रयास करेंगे।

प्रेगनेंसी में निफेडिपीन टैबलेट का उपयोग क्यों किया जाता है?

गर्भावस्था में मुख्य रूप से निफेडिपीन टैबलेट का इस्तेमाल हाई बीपी की समस्या को नियंत्रित करने और कमजोर प्लेसेंटा की मजबूती के लिए किया जाता है। वहीं, गर्भाशय के संकुचन यानी समय पूर्व प्रसव पीड़ा जैसी गंभीर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भी इसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है (2) (3)

फायदे के बाद अब बारी आती है निफेडिपीन टैबलेट के साइड इफेक्ट्स जानने की।

निफेडिपीन टैबलेट के साइड इफेक्ट | Nifedipine Side Effects In Pregnancy In Hindi

फायदे के साथ ही निफेडिपीन टैबलेट के साइड इफेक्ट भी हैं, जो इसके अधिक इस्तेमाल करने के कारण नजर आ सकते हैं। ये साइड इफेक्ट्स कुछ इस प्रकार हो सकते हैं (3) (4):

  • त्वचा पर लाली
  • सिरदर्द
  • प्लाज्मा की कमी वाले मरीजों में लो बीपी
  • डिसमेनोरिया (मासिक चक्र के साथ पेल्विक में दर्द)
  • मूत्राशय से जुड़ी परेशानी
  • गर्भावस्था में उल्टी-मतली
  • चक्कर जैसा महसूस होना
  • सीने में जलन
  • धड़कन तेज होना
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • गर्भावस्था में कब्ज की समस्या
  • खांसी
  • यौन क्षमता का कमजोर होना

साइड इफेक्ट्स के बाद हम निफेडिपीन टैबलेट इस्तेमाल करने का तरीका जानेंगे।

प्रेगनेंसी में निफेडिपीन टैबलेट का इस्तेमाल कैसे करें?

डॉक्टर की सलाह पर गर्भावस्था के दौरान 10 से 30 मिली ग्राम तक निफेडिपीन टैबलेट को हर 6 घंटे के अंतराल पर लिया जा सकता है (3)। हांलाकि, इसे कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना है और कब तक इस्तेमाल करना है इस बारे में एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। इस दवा को एकदम से बंद नहीं किया जाता, बल्कि इसकी खुराक धीरे-धीरे बढ़ाई और घटाई जाती है (4)

यहां अब हम भ्रूण पर निफेडिपीन टैबलेट का क्या प्रभाव पड़ता है, यह जानेंगे।

निफेडिपीन का भ्रूण पर क्या प्रभाव पड़ता है?

मादा चूहों पर आधारित एक शोध के मुताबिक, निफेडिपीन टैबलेट की सामान्य खुराक भ्रूण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालती है (2)। वहीं, मादा भेड़ पर किए गए शोध में पाया गया कि निफेडिपीन की अधिक मात्रा भ्रूण को ऑक्सीजन की कमी और खून में एसिड की अधिकता का कारण बन सकती है (5)। इसलिए, बिना डॉक्टर की सलाह के इसे इस्तेमाल में नहीं लाना चाहिए।

निफेडिपीन टैबलेट इस्तेमाल करने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानते हैं।

निफेडिपीन टैबलेट इस्तेमाल करने से पहले बरती जाने वाली सावधानियां

निफेडिपीन टैबलेट का इस्तेमाल करने से पूर्व कुछ बातों को अवश्य ध्यान में रखें, जो इस प्रकार हैं (4):

  • अगर आपको कुछ विशेष दवाओं के उपयोग से एलर्जी है, तो अपने डॉक्टर को जरूर बताएं।
  • अगर आप किसी अन्य दवाओं का नियमित सेवन कर रहे हैं, तो डॉक्टर को उनके बारे में जानकारी जरूर दें।
  • इसी प्रकार अगर आप किसी आयुर्वेदिक औषधि को नियमित इस्तेमाल कर रही हैं, तो इसकी सूचना भी डॉक्टर को देना न भूलें।
  • अगर कोई सर्जरी हुई है जैसे – दांत की सर्जरी, तो निफेडिपीन टैबलेट लेने से पहले डॉक्टर को जरूर बताएं।
  • निफेडिपीन टैबलेट के साथ शराब या तंबाकू का उपयोग न करें।
  • निफेडिपीन टैबलेट के साथ ग्रेपफ्रूट यानी चकोतरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अगर निफेडिपीन टैबलेट के साथ कम नमक लेने की सलाह दी है, तो इस पर जरूर ध्यान देना आवश्यक है।

अंत में हम जान लेते हैं कि निफेडिपीन टैबलेट के विषय में डॉक्टर से कब मिलना चाहिए।

डॉक्टर से कब मिलें?

लेख के शुरुआत में बताया गया है कि निफेडिपीन टैबलेट को गर्भावस्था में बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए। इसलिए, निफेडिपीन टैबलेट के इस्तेमाल से पूर्व एक बार डॉक्टर से अवश्य राय लें। इसके अलावा, अगर आपको इसके उपयोग के बाद किसी तरह की एलर्जी या फिर नुकसान से जुड़े लक्षण दिखाई देते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलना चाहिए।

बेशक, अब आपने निफेडिपीन टैबलेट क्या है और गर्भावस्था में इसका क्या उपयोग है, इस विषय में जान लिया हो, फिर भी बिना डॉक्टरी परामर्श के इसे इस्तेमाल करने की कोशिश न करें। वजह यह है कि इस दवा का अधिक मात्रा में उपयोग गर्भवती और गर्भ में पल रहे भ्रूण दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, स्वस्थ गर्भावस्था के प्रति सचेत रहें और निफेडिपीन के इस्तेमाल से पूर्व डॉक्टर से जरूर बात करें। गर्भावस्था से जुड़ी अन्य दवाओं के विषय में जानने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

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