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गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में थकान होना एक आम समस्या है, मगर कुछ मामलों में यह थकान महिलाओं को जरूरत से अधिक परेशान करती है। इस वजह से हर महिला को यह जानने की उत्सुकता होती है कि गर्भावस्था में थकान क्यों होती है? प्रेगनेंसी में थकान के कारण क्या हैं और प्रेगनेंसी में थकान का इलाज क्या है? इसी उत्सुकता को शांत करने के उद्देश्य से मॉमजंक्शन के इस लेख में हम ऐसे ही कई सवालों के जवाब शामिल कर रहे हैं, ताकि गर्भावस्था में थकान को लेकर आपके में मन में कोई संशय बाकी न रह जाए।
आइए, सबसे पहले हम जानने का प्रयास करते हैं कि प्रेगनेंसी में अधिक थकान सामान्य है या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी में अधिक थकान होना सामान्य है? | Pregnancy Me Kamjori Lagna
यह जरूरी नहीं है कि ज्यादा काम करने के बाद ही गर्भवती महिलाओं को अधिक थकान महसूस हो। लम्बे समय की नींद लेने के बावजूद भी गर्भावस्था में थकान महसूस हो सकती है। इसलिए, ऐसे में बिलकुल भी घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा होना बिल्कुल सामान्य है। गर्भावस्था में अधिक थकान एक आम समस्या है, जो शारीरिक, मानसिक, हार्मोन में बदलाव और दैनिक दिनचर्या के प्रभाव के कारण हो सकती है (1) (2)।
लेख के अगले भाग में जानिए गर्भावस्था में थकान कब शुरू होती है?
गर्भावस्था में थकान होनी कब शुरू होती है? | Pregnancy Mein Thakan Hona
विशेषज्ञों के मुताबिक गर्भधारण के बाद पहली तिमाही में सामान्य रूप से सभी महिलाओं को थकान का अनुभव हो सकता है (2)। इसलिए, जरूरी है कि पहली तिमाही में अधिक थकान लगने पर महिलाएं घबराएं नहीं बल्कि अपनी दैनिक दिनचर्या के साथ खान-पान पर विशेष ध्यान दें, ताकि शरीर में उचित ऊर्जा की मात्रा बनी रहे। लेख में आगे हम गर्भावस्था में थकान से राहत पाने के उपायों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
स्क्रॉल करके पढ़ें गर्भावस्था में अधिक थकान कब तक होती है।
गर्भावस्था में अधिक थकान कब तक होती है?
पहली तिमाही से शुरू होने वाली यह गर्भावस्था की थकान दूसरी तिमाही में अपने आप खत्म हो सकती है। वहीं, तीसरी तिमाही में यह थकान वापस हो सकती है, जो इस दौरान महिलाओं को तकलीफदेह महसूस होती है। इसलिए, इस दौरान महिलाओं को रात में सोने में अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। गर्भ में भ्रूण की हलचल, बार-बार पेशाब आना, उपापचय प्रक्रिया में बदलाव कुछ आम कारण हैं, जो तीसरे माह में थकान की वजह माने जा सकते हैं (2)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि यह समस्या पूरी तरह से गर्भावस्था के बाद ही खत्म होती है।
लेख के अगले भाग में अब हम गर्भावस्था में थकान के कारण जानने का प्रयास करेंगे।
गर्भावस्था में अधिक थकान के कारण | प्रेगनेंसी में थकान क्यों महसूस होती है?
गर्भावस्था में थकान के कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में यहां हम क्रमवार बताने जा रहे हैं।
- हार्मोनल बदलाव : गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में थकान का अहम कारण प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का अधिक उत्पादन हो सकता है। बताया जाता है कि यह हार्मोन प्राकृतिक रूप से गर्भावस्था को बनाए रखने और दुग्ध उत्पादन में मुख्य भूमिका अदा करता है। प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन के बढ़ने से महिलाओं को थकान का अनुभव हो सकता है (3) (4)।
- नींद न पूरी होना : एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में माना गया है कि गर्भावस्था में थकान का एक कारण नींद पूरा न होना भी हो सकता है। शोध में जिक्र मिलता है कि सामान्य तौर पर छह घंटे से कम नींद लेने वाली कुछ महिलाओं को थकान की शिकायत हो सकती है (5)।
- पोषक तत्वों की कमी : आमतौर पर गर्भावस्था में कई महिलाओं को आयरन की कमी हो जाती है। इस स्थिति में महिलाओं को थकान का अनुभव हो सकता है (6)। इसके साथ ही संतुलित आहार न लेने की स्थिति में महिलाओं में गर्भावस्था के लिए जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इस कारण भी महिलाओं को गर्भावस्था में थकान का सामना करना पड़ सकता है (7)।
- अधिक काम करने के कारण : विशेषज्ञों के मुताबिक काम कैसा भी हो शारीरिक या मानसिक, उसके कारण थकान होती है। यही वजह है कि गर्भावस्था के दौरान अधिक काम करने के कारण भी महिलाओं को अत्यधिक थकान का अनुभव हो सकता है (8)।
- वजन बढ़ने के कारण : विशेषज्ञों के मुताबिक अधिक वजन के कारण लोग सामान्य रूप से थकान का अनुभव करते हैं (9)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रेगनेंसी में बढ़ता वजन भी महिलों में थकान का एक बड़ा कारण हो सकता है।
- मॉर्निंग सिकनेस : गर्भावस्था से संबंधित एक शोध में माना गया है कि प्रेगनेंसी में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस की समस्या के कारण भी अत्यधिक थकान का अनुभव हो सकता है (10)।
- खून की कमी : गर्भावस्था में आयरन की कमी के कारण आमतौर पर महिलाओं को एनीमिया की शिकायत हो जाती है। वहीं, एनीमिया होने की स्थिति में शरीर के ऊतकों में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। इस कारण महिलाओं को अत्यधिक थकान का अनुभव होता है (6)।
- बीपी और शुगर : गर्भावस्था में होने वाली हाई बीपी की समस्या के कारण भी महिलाओं को थकान का अनुभव हो सकता है (11)। वहीं, गर्भावस्था में शुगर की समस्या होने पर थकान एक लक्षण के रूप में सामने आ सकती है (12)।
- भावनात्मक बदलाव : गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं में अवसाद की शिकायत हो सकती है, जिसके लक्षणों में थकान की समस्या भी शामिल है (13)।
लेख के अगले भाग में अब हम डॉक्टर द्वारा अपनाए जाने वाले प्रेगनेंसी में थकान का इलाज करने के तरीके के बारे में बताएंगे।
प्रेगनेंसी में थकान का इलाज | Pregnancy Fatigue Treatment In Hindi
निम्न बिंदुओं के माध्यम से हम गर्भावस्था में थकान के इलाज के बारे में जान सकते हैं (14)।
- डॉक्टर गर्भावस्था में होने वाली थकान को दूर करने के लिए अधिक से अधिक आराम करने की सलाह दे सकता है।
- डॉक्टर महिला के संपूर्ण स्वास्थ की देखभाल करने पर विशेष जोर दे सकता है।
- डॉक्टर मूत्र मार्ग में संक्रमण की जांच करा सकता है और संक्रमण होने की स्थिति में उसे दूर करने वाली दवाओं को लेने का सुझाव दे सकता है।
- वहीं, डॉक्टर आयरन की कमी के कारण गर्भावस्था में होने वाली एनीमिया की जांच कर सकता है। साथ ही पुष्टि होने पर आयरन सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकता है।
- इसके अलावा, डॉक्टर गर्भावस्था में थकान के अन्य कारणों को परखने और उनके इलाज की दिशा में कदम बढ़ाने का भी सुझाव दे सकता है।
लेख के अगले भाग में अब हम आपको प्रेगनेंसी में थकान को दूर करने के उपायों के बारे में बताएंगे।
प्रेगनेंसी में अधिक थकान दूर करने के उपाय | Dealing With Fatigue During Your Pregnancy In Hindi
लेख के इस भाग में हम प्रेगनेंसी में थकान की समस्या को दूर करने के आसान उपायों को समझने का प्रयास करेंगे, जो कुछ इस प्रकार हैं :
- पौष्टिक आहार लें : जैसा कि आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि पोषक तत्वों की कमी के कारण भी गर्भावस्था में थकान की समस्या हो सकती है। यही वजह है कि गर्भावस्था में थकान जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार (जैसे:- पाश्चराइज्ड दूध, फल और सब्जियां) लेने की सलाह दी जाती है (7)।
- अच्छी नींद लें : आवश्यक नींद पूरी न होने की स्थिति में भी गर्भवती को थकान का अनुभव हो सकता है (5)। इस कारण पर्याप्त नींद लेकर इस समस्या के जोखिम को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है। इसलिए, बेहतर होगा कि रात को सोने का एक नियत समय तय करें और कम से कम आठ घंटे की पूरी नींद हासिल करने का प्रयास करें।
- खूब पानी पिएं : गर्भावस्था में अच्छी मात्र में पानी पीना लाभकारी माना जाता है (15)। वहीं, नींद में सुधार के लिए एक दिन में करीब ढाई लीटर पानी पीने की सलाह दी जा सकती है। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत मानसिक स्वास्थ्य को बरकरार रखने में भी मदद कर सकती है (16)। चूंकि यह दोनों ही स्थिति गर्भावस्था में थकान का कारण मानी जाती हैं। इसलिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना गर्भावस्था की थकान को दूर करने का एक आसान उपाय माना जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए संबंधित डॉक्टर से परामर्श लिया जा सकता है।
- हल्का व्यायाम करें : गर्भावस्था में थकान से संबंधित एक शोध में जिक्र मिलता है कि हल्का व्यायाम कर थकान की समस्या को दूर करने में राहत पाई जा सकती है (17)। इस आधार पर कहना गलत नहीं होगा गर्भाव्था में अगर नियमित रूप से हल्का व्यायाम किया जाए तो गर्भावस्था में होने वाली थकान को कम करने में मदद मिल सकती है।
- अत्यधिक मीठा खाने से बचें : मीठे की अधिकता मानसिक तनाव पैदा कर सकती है, जिसके कारण थकान की समस्या हो सकती है (18)। ऐसे में गर्भावस्था में होने वाली थकान से बचने के लिए अधिक मीठा खाने से बचना चाहिए।
- संतुलित आहार लें : ऊर्जा की कमी के कारण भी थकान का अनुभव होता है। ऐसे में पोषक आहार के साथ जरूरी है कि नियमित समय पर संतुलित आहार लेने की आदत डाली जाए (19)। ऐसे में जरूरी है कि गर्भावस्था में होने वाली थकान के जोखिम को कम करने के लिए हर दो घंटे में थोड़ा-थोड़ा कुछ खाते रहना चाहिए, ताकि शरीर में ऊर्जा बनी रहे और थकान का अनुभव कम हो।
लेख के अगले भाग में हम जानेंगे कि गर्भावस्था में थकान शिशु के लिए कितनी हानिकारक है।
गर्भावस्था में अधिक थकान होना शिशु के लिए कितना हानिकारक होता है?
सामान्य तौर पर गर्भाव्था में थकान होना आम है और इसके कोई भी हानिकारक प्रभाव शिशु पर नहीं पड़ते। मगर कुछ निम्न स्थितियों (जैसे :- एनीमिया, हाई बीपी या शुगर) जो कि थकान के अहम कारण माने जाते हैं, में बच्चे के विकास, समय पूर्व प्रसव, जन्मजात विकार (मानसिक, रीढ़ और हृदय), बच्चे का कम वजन और गंभीर परिस्थियों में गर्भपात की स्थिति पैदा हो सकती है (20) (21) (22)।
लेख के अगले भाग में अब हम आपको प्रेगनेंसी में अत्यधिक थकान के नुकसान बताएंगे।
प्रेगनेंसी में अधिक थकान होना कितना नुकसानदेह है? |Tiredness in pregnancy In Hindi
प्रेगनेंसी में अत्यधिक तनाव को हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
तनाव : एनसीबीआई के एक शोध के मुताबिक तनाव और थकान दोनों एक दूसरे से संबंधित है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि अत्यधिक थकान के कारण तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है। वहीं, निरंतर तनाव बने रहना गर्भावस्था में अवसाद के जोखिम को बढ़ा सकता है (23)।
एनीमिया : उचित समय पर एनीमिया को दूर करने का इलाज न किए जाने की स्थिति में हृदय विकार की स्थिति पैदा हो सकती है। वहीं, गंभीर स्थिति में हार्ट फेल होने की स्थिति भी पैदा हो सकती है (24)।
लेख के अगले भाग में अब हम जानेंगे कि गर्भावस्था में चिकित्सक से संपर्क कब करना चाहिए।
चिकित्सक से कब संपर्क करें?
सामान्य तौर पर गर्भावस्था में थकान होना सामान्य है और स्वस्थ जीवनशैली और पौष्टिक के सेवन से इससे बचाव हो सकता है। वहीं, नियमित पोषक और संतुलित आहार लेने के बावजूद अगर अत्याधिक थकान महसूस हो रही है या रात को सोने में असुविधा महसूस हो रही है, तो ऐसे में बिना देर किए डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। मुमकिन है, थकान का कारण एनीमिया, बीपी, शुगर या अवसाद की समस्या हो, जिनके बारे में लेख में ऊपर बताया जा चुका है (25)।
उम्मीद है कि अब आपको समझ आ गया होगा कि गर्भावस्था में थकान होना एक आम समस्या है। इसमें घबराने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। बस जरूरत होती है, तो रोज ली जाने वाली डाइट में सुधार की। वहीं, गर्भावस्था में थकान के अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिन पर नजर रखना आवश्यक है। ऐसे में लेख को अच्छे से पढ़ें और समझें कि गर्भावस्था में थकान होना कितना सामान्य है और कब आपको इस मामले में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। आशा करते हैं कि यह लेख गर्भावस्था में थकान विषय से जुड़ी हर जानकारी हासिल करने में मददगार हुआ होगा। गर्भावस्था से जुड़े ऐसे ही अन्य विषयों को समझने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।
References
1.Fatigue in early pregnancy. An exploratory study By Ncbi
2.Body changes and discomforts By Womenshealth
3.Insomnia during pregnancy: Diagnosis and Rational Interventions By Ncbi
4.Progesterone Test By Medlineplus
5.Fatigue in Pregnancy By Ncbi
6.The impact of maternal iron deficiency and iron deficiency anemia on child’s health By Ncbi
7.Dietary Change during Pregnancy and Women’s Reasons for Change By Ncbi
8.Physical Hazards in Employment and Pregnancy Outcome By Ncbi
9.Obesity-related sleepiness and fatigue: the role of the stress system and cytokines By Ncbi
10.Associations between Nausea, Vomiting, Fatigue and Health-Related Quality of Life of Women in Early Pregnancy: The Generation R Study By Ncbi
11.High Blood Pressure in Pregnancy By Medlineplus
12.Gestational diabetes By Medlineplus
13.Depression in pregnant women and mothers: How children are affected By Ncbi
14.Pregnancy in Multiple Sclerosis By Veterans
15.Nutrition Column An Update on Water Needs during Pregnancy and Beyond By Ncbi
16.Effects of Changes in Water Intake on Mood of High and Low Drinkers By Ncbi
17.Muscle strengthening exercises during pregnancy are associated with increased energy and reduced fatigue By Ncbi
18.Energy, tiredness, and tension effects of a sugar snack versus moderate exercise By Ncbi
19.Fatigue By Medlineplus
20.Anemia in pregnancy By Ncbi
21.High Blood Pressure During Pregnancy By Cdc
22.Type 1 or Type 2 Diabetes and Pregnancy By Cdc
23.Perinatal Stress, Fatigue, Depressive Symptoms, and Immune Modulation in Late Pregnancy and One Month Postpartum By Ncbi
24.Anemia By Medlineplus
25.Pregnancy complications By Womenshealth