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गर्भधारण करने के बाद महिला को एक अलग-सी खुशी महसूस होती है। ये समय ऐसा होता है, जब गर्भवती को आने वाले बच्चे को लेकर उत्सुकता और एक अद्भुत अनुभव का एहसास होता है। एक तरह से गर्भावस्था भावनात्मक दौर है, जिसमें उत्साह के साथ-साथ शारीरिक और हार्मोन बदलाव की वजह से होने वाली समस्याएं भी शामिल हैं।

मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपको गर्भावस्था में स्तन में दर्द क्यों होता है और इससे राहत पाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इस लेख के जरिए हमारा प्रयास है कि आपको गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट पेन की वजह से किसी गंभीर समस्या का सामना न करना पड़े।

प्रेगनेंसी के दौरान स्तनों में दर्द के उपचार और इससे संबंधित अन्य अहम जानकारियों के लिए पढ़ते रहें यह लेख।

क्या प्रेगनेंसी के दौरान स्तन में दर्द होना सामान्य है?| Garbhavastha Me Stan Me Dard

प्रेगनेंसी के समय स्तनों में दर्द होना आम समस्या है। गर्भधारण करने के बाद स्तन सख्त होने लगते हैं, जिस कारण उनमें दर्द होता है। इस दौरान गर्भवती के स्तन संवेदनशील भी हो जाते हैं। महज एक कपड़े की रगड़ से भी स्तनों में दर्द हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोन आपके स्तनों को स्तनपान के लिए तैयार करते हैं, जिस वजह से आपको असुविधा और दर्द का सामना करना पड़ सकता है (1)

स्तन में दर्द होना सामान्य है, यह तो आप जान ही चुके हैं। आगे लेख में हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान स्तन में दर्द क्यों होता है।

प्रेगनेंसी में स्तनों में दर्द क्यों होता है?

प्रेगनेंसी के दौरान स्तनों में होने वाले दर्द के कई कारण हो सकते हैं। इन्हीं कारणों के बारे में विस्तार से हम आपको नीचे जानकारी दे रहे हैं (1) (2) (3) (4) (5) (6)

  1. हार्मोन में बदलाव : गर्भ में पल रहे शिशु के सही विकास के लिए गर्भवती में कई बदलाव होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एस्ट्रोजन (Estrogen) हार्मोन में परिवर्तन होने लगता है। हार्मोन में बदलाव होने के कारण ही गर्भवती महिला के स्तन भारी होने लगते हैं और उसमें दर्द होने लगता है।
  1. ब्रेस्ट लीक (Breast Leak) : गर्भावस्था की दूसरी या तीसरे तिमाही में स्तनों में कोलोस्ट्रम (Colostrum) नामक तरल पदार्थ बनना शुरू हो जाता है। गाढ़ा व पीले रंग का होता है, जिसे पहला दूध भी कहा जाता है। इस कारण से भी स्तनों में भारीपन व दर्द महसूस होता है। कभी-कभी कोलोस्ट्रम स्तनों से निकलने लगता है, जो आम है। यह एंटीबॉडीज से भरपूर होता है, जो आपके गर्भस्थ शिशु (नवजात) के पैदा होने के बाद उसे पोषित करता है और संक्रमण से बचा सकता है।
  1. स्तनों में परिवर्तन : प्रेगनेंसी के दौरान स्तनों का आकारा बदलता है, क्योंकि गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए महिला के स्तनों में दूध बनना शुरू हो जाता है। इस दौरान, दूध बनाने वाली कोशिकाएं शरीर में विकसित होने लगती हैं। इससे स्तनों के आकार में वृद्धि होने के साथ ही साथ दर्द भी होने लगता है। जैसे-जैसे गर्भवती के प्रसव का समय नजदीक आने लगता है, वैसे-वैसे स्तनों का भारीपन बढ़ जाता है।
  1. फाइब्रोसिस्टिक (Fibrocystic) : फाइब्रोसिस्टिक भी गर्भावस्था के दौरान स्तनों में होने वाले दर्द का कारण हो सकता है। इस दौरान एक या दोनों स्तनों में छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिन्हें गांठ भी कहा जा सकता है। इस गांठ के कारण सूजन व दर्द हो सकता है। दरअसल, मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण स्तनों के टिशू प्रभावित होते हैं और फाइब्रोसिस्टिक का सामना करना पड़ सकता है। हर महीने मासिक चक्र में महिला का शरीर संभावित गर्भावस्था के लिए तैयार होता है। इसलिए, महिला के गर्भधारण करने के बाद फाइब्रोसिस्टिक के कारण स्तनों में दर्द बना रह सकता है।

गर्भावस्था में स्तनों में होने वाले बदलाव तो आप जान ही चुके हैं। अब हम लेख के आगे के भाग में स्तन दर्द से संबंधित लक्षण के बारे में बताएंगे।

गर्भावस्था में स्तन दर्द होने के लक्षण

  • दोनों स्तनों में भारीपन (7)
  • स्तनों का संवेदनशील होना (7)
  • स्तनों में सूजन आना (7)
  • कभी-कभी तो छूने भर से दर्द महसूस हो सकता है।

लेख में आगे जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द कब होता है और कब तक रहता है।

गर्भावस्था में स्तनों में दर्द कब होता है? | Pregnancy Me Breast Pain Kab Hota Hai

गर्भावस्था में स्तनों में दर्द होना सामान्य है, यह तो आप जान ही चुके हैं। चलिए, अब आपको बताते हैं कि यह दर्द कब होता है (8)।

  • गर्भधारण करने के बाद से ही स्तनों में हल्का दर्द होना शुरू हो जाता है। पहली तिमाही यानी 1 से 12 हफ्ते के दौरान आपके स्तनों में सूजन और कोमलता महसूस होने लगती है। इनमें हल्की झुनझुनाहट भी हो सकती है।
  • दूसरी तिमाही यानी 13 से 27 हफ्ते के बीच में आपके स्तन बड़े और भारी होने लगते हैं, जिनकी वजह से भी आपके स्तन में दर्द हो सकता है। हालांकि, ये दर्द पहली तिमाही के मुकाबले कम हो सकता है।
  • इसके बाद जब आपके निपल्स से कोलोस्ट्रम नामक पीले रंग का पदार्थ निकलता है, उस दौरान भी आपके स्तनों में दर्द रह सकता है। इसे प्री-मिल्क भी कहते हैं और इसकी वजह से स्तन सामान्य से ज्यादा भारी हो जाते हैं।
  • तीसरी तिमाही के दौरान भी आपके स्तन का आकार बढ़ता है और ये भारी होने लगते हैं। इस कारण से भी स्तनों में दर्द हो सकता है।

आगे हम बता रहे हैं कि स्तनों में अधिक दर्द होने पर कौन-कौन से टेस्ट किए जा सकते हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान स्तनों में दर्द का निदान कैसे होता है?

कुछ गर्भवती महिलाओं को स्तनों में इस कदर दर्द होता है कि उन्हें डॉक्टर की सलाह लेनी पड़ती है। इस स्थिति में डॉक्टर कुछ टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं, जो इस प्रकार है (9) (10) (11) (12) :

  1. क्लिनिकल ब्रेस्ट चेकअप: डॉक्टर आपके स्तन, गर्दन और अंडरआर्म्स में गांठ की जांच करेंगे। संभव है कि डॉक्टर आपके दिल की धड़कन को सुनकर, आपके सीने और पेट की जांच भी करें। अगर इस दौरान कुछ भी असामान्य नहीं मिला, तो आपको किसी अतिरिक्त परीक्षण की जरूरत नहीं होगी।
  1. मैमोग्राम: अगर डॉक्टर को स्तनों में किसी प्रकार की गांठ या ट्यूमर की आशंका महसूस हुई, जो आपके स्तनों के दर्द का कारण बन रहा है, तो वो ​​मैमोग्राम की सलाह दे सकते हैं । यह स्तनों का एक्स-रे होता है। इस टेस्ट से दर्द के कारण का पता चल सकता है।
  1. अल्ट्रासाउंड: स्तनों में होने वाले दर्द का कारण जानने के लिए अल्ट्रासाउंड भी कराया जा सकता है, जिसे मैमोग्राम के साथ किया जाता है। अगर मैमोग्राम में किसी तरह की समस्या सामने नहीं आती है, तो अल्ट्रासाउंड की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि, यह टेस्ट महिला के उम्र पर भी निर्भर करता है, क्योंकि महिला की उम्र के हिसाब से ही डॉक्टर मेडिकल टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।
  1. स्तन की बायोप्सी: अगर मैमोग्राम और अल्ट्रासाउंड के दौरान स्तनों में कुछ असामान्य या गांठ नजर आती है, तो डॉक्टर आपको बायोप्सी कराने का सुझाव दे सकते हैं। इस टेस्ट के लिए डॉक्टर आपके स्तन के गांठ वाले हिस्से का टिश्यू या सेल लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजते हैं। इससे कैंसर होने या न होने का पता लगाया जा सकता है।

लेख के अगले हिस्से में हम बता कर रहे हैं कि दर्द का मेडिकल ट्रीटमेंट क्या-क्या हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी में स्तनों में दर्द का उपचार

अगर स्तनों में दर्द के कारण आपकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है, तो इसका उपचार जरूरी है। इन उपचारों में नीचे बताई गई चीजें शामिल हो सकती है –

  • मालिश
  • व्यायाम
  • दवाइयां

नोट : इनमें से कौन सा उपचार आपके लिए ठीक है, यह आपको डॉक्टर ही बेहतर बता सकता है।

अगर दर्द सहन करने जितना हो, तो आप इस लेख के आगे के भाग में बताए गए घरेलू उपायों को अपना सकती हैं।

प्रेगनेंसी में स्तनों में दर्द के लिए 8 घरेलू उपचार व टिप्स

प्रेगनेंसी के दौरान स्तनों में होने वाले दर्द को आप कुछ घरेलू उपाय व आसान टिप्स की मदद से कम कर सकती हैं। ध्यान रहे कि जब आप किसी चीज को आहार में शामिल करें, तो उससे पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें (13) (14)

  • कैफीन वाले खाद्य पदार्थ से दूरी बनाए रखें।
  • कम वसा युक्त भोजन का सेवन करें।
  • अलसी के बीज (Flaxseed)।
  • अधिक से अधिक पानी पिएं।
  • गर्म पानी या फिर बर्फ की मदद से स्तनों की सिकाई करें।
  • सोयाबीन और अन्य सोय खाद्य पदार्थ खाएं। सोय में फाइटोएस्ट्रोजेन नामक हार्मोन होता है, जो हार्मोनल उतार-चढ़ाव को प्रभावित कर सकते हैं।
  • आप पत्ता गोभी को कुछ देर के लिए ब्रा के अंदर रख सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे दर्द से कुछ आराम मिल सकता है।
  • विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से भी दर्द को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। बादाम, पालक व मूंगफली आदि को विटामिन-ई का मुख्य स्रोत माना गया है।

नोट : ध्यान रहे कि इन उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें, क्योंकि आपको स्वास्थ्य के अनुसार कौन-सा खाद्य पदार्थ आपके लिए सही है, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।

चलिए, अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में होने वाले स्तन के दर्द से कैसे बचा जा सकता है।

प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट में दर्द से कैसे बचें?

आप गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट में होने वाले दर्द को काफी हद तक कम कर सकती हैं। बस जरूरी है तो इन निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखने की (14) :

  • प्रेगनेंसी में आप ऐसी ब्रा पहनें जो आपकी पीठ और स्तनों को अच्छा सपोर्ट दे। आप स्तनों के दर्द को अच्छे गद्देदार स्ट्रैप वाली ब्रा के सहारे भी थोड़ा कम कर सकती हैं।
  • इस दौरान कॉटन की ब्रा आरामदायक हो सकती है।
  • रात में स्लिप ब्रा का इस्तेमाल करें। ये नरम व हल्की होती हैं, जो सोते समय आपके स्तनों को अच्छा सपोर्ट देती हैं।
  • अपने निपल्स के आसपास के क्षेत्र को साबुन से न धोएं। इससे त्वचा की नमी खत्म सकती हैं, जिससे दर्द हो सकता है। इसकी जगह आप गुनगुने पानी से निपल्स के आसपास के क्षेत्र को धो सकती हैं।
  • अगर आपको दर्द के साथ खुजली भी हो रही है, तो आप गर्म पानी से नहाने से बचें।
  • नहाने के बाद, शरीर के पानी को पोंछकर मॉइस्चराइजर लगाएं। आप अपने मॉइस्चराइजर को थोड़ी देर के लिए रेफ्रिजरेटर में रखकर भी उपयोग कर सकती हैं। इसे लगाने के बाद आपको ठंडक और आराम महसूस होगा।

प्रेगनेंसी के दौरान स्तनों में होने वाला दर्द किसी बीमारी का इशारा भी हो सकता है। इसलिए, अब जानते हैं कि ब्रेस्ट पेन में डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए।

प्रेगनेंसी में स्तनों में दर्द होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

गर्भधारण करने के बाद स्तनों में होने वाले दर्द को लेकर अक्सर महिलाओं के मन में सवाल उठता है कि उन्हें डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए या नहीं। ऐसे में डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए, आपको इस सवाल का जवाब लेख के इस भाग में मिल जाएगा (1) (5)

  • किसी गांठ का बनना।
  • स्तन में खासकर किसी एक ही जगह पर दर्द होना और उसका बढ़ता ही जाना।
  • स्तनों का लाल होना ।
  • त्वचा या निप्पल में बदलाव जैसे गड्ढे पड़ना व अल्सर।
  • निप्पल से निकलने वाला कोई भी रंगीन पदार्थ (कोलोस्ट्रम के अलावा)।
  • बगल में गांठ पड़ना ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

गर्भावस्था के दौरान स्तनों में और किस तरह के बदलाव आ सकते हैं?

गर्भावस्था के दौरान, आपके शरीर में हार्मोन बदलाव होते रहते हैं, क्योंकि इसी बदलाव के कारण स्तनपान के लिए आपके स्तन तैयार होते हैं। इस दौरान आपके स्तन आपको बड़े और भारी महसूस होने लगते हैं। साथ ही निपल्स और उसके आसपास के काले घेरे भी बड़े होने लगते हैं। साथ ही निपल्स के रंग में भी बदलाव हो सकता है। इसके अलावा, आपके स्तनों में नसें भी दिखने लगती हैं, क्योंकि आपके ब्रेस्ट में रक्त की आपूर्ति बढ़ने लगती है (1)

डिलीवरी के कितने समय बाद तक स्तनों में दर्द रहता है?

अगर आपको लगता है कि प्रसव के बाद स्तन के दर्द से राहत मिल जाएगी, तो ऐसा नहीं है। डिलीवरी के बाद भी ये दर्द बना रहता है, क्योंकि स्तनों में दूध बनता रहता है, जिससे स्तन काफी भारी महसूस होते हैं। इसी वजह से दर्द भी हो सकता है। इसके अलावा, अगर आपका शिशु ठीक तरह से स्तनपान न कर रहा हो, तो भी आपके स्तनों में दर्द रह सकता है (14)

प्रेगनेंसी के बाद महिला को स्तन में सूजन रहने की समस्या भी हो सकती है, जिसे मैस्टाइटिस (Mastitis) भी कहा जाता है (15)। जब तक स्तनों में दूध आता रहता है, तब तक मैस्टाइटिस की समस्या हो सकती है। यह समस्या हर महिला को नहीं होती, लेकिन इसे आम माना जाता है। इसलिए, सटीक तौर पर यह बता पाना मुश्किल है कि गर्भावस्था के बाद स्तनों में दर्द कब तक रह सकता है, यह काफी हद तक महिला के स्वास्थ्य पर भी निर्भर होता है। आप अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से भी बात कर सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान स्तन में होने वाला दर्द काफी असुविधाजनक होता है, लेकिन यह सामान्य पीड़ा है, जिससे हर गर्भवती को गुजरना पड़ता है। ऐसे में आशा करते हैं कि इस लेख में बताए गए उपाय से आपको काफी हद तक मदद मिल सकेगी। अगर आपके पास भी गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द से संबंधित कोई सवाल या उपाय है, तो आप उसे हमारे साथ कमेंट बॉक्स के जरिए साझा कर सकती हैं। साथ ही अपने प्रगनेंसी के अनुभव को भी हमारे साथ शेयर करना न भूलें।

हैप्पी प्रेगनेंसी!

References

1. Breast Changes During Pregnancy By The Government of Hongkong
2. Body changes and discomforts By OWH
3. Normal Breast Changes in Pregnancy By AZ Gov
4. Fibrocystic Breasts By MyUofMHealth
5. Breast pain By Medlineplus
6. Hormonal effects in newborns By Medlineplus
7. What are some common signs of pregnancy? By NICHD
8. Breast Changes During Pregnancy By British Columbia
9. Breast pain: Not just a premenopausal complaint By Havard
10. Common Breast Problem By UMICH
11. Mammogram By Medlineplus
12. Biopsy By Medlineplus
13. Breast Pain By UMICH
14. Pregnancy: The Ultimate Week-by-week Pregnancy Guide By Google Book
15. Infant and Young Child Feeding By NCBI

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