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प्रकृति पर शायरी और कविता लिखना, पढ़ना व सुनना किसे पसंद नहीं है। यह प्रकृति ही है, जो मनुष्य को जीने का आधार देती है। इसी वजह से हम प्रकृति पर कविता और कुछ शायरी लेकर आए हैं। इन्हें पढ़कर कभी आपको प्रकृति की अहमियत का एहसास होगा, तो कभी इस पर हो रहे अत्याचार के दर्द का अनुभव होगा। ऐसे ही मिश्रित एहसास वाले 50 से अधिक प्रकृति पर कोट्स नीचे हमने दिए हैं। इन्हें पढ़ें और समझें कि प्रकृति का संरक्षण कितना जरूरी है।
विस्तार से पढ़ें
लेख में आगे हम कुछ प्रकृति पर शायरी और कुछ प्रकृति पर कविता दे रहे हैं।
प्रकृति पर शायरी – Quotes on Nature in Hindi
प्रकृति पर शायरी को लेकर कुछ नया पढ़ना चाहते हैं, तो नीचे आपको प्रकृति पर शायरी और प्रकृति पर कविता का एकदम न्यू स्टॉक मिलेगा। चलिए पढ़ते हैं नीचे।
- बुझा जिसने वही है सयाना,
प्रकृति में ही छुपा है अपार खजाना।
- कुदरत का करिश्मा है, देखो चारों तरफ हरियाली है,
हम इनको हैं काटते और यह करती हमारी रखवाली है।
- कुदरत ने क्या खूब रंग दिखाया है,
इंसानों को प्रकृति दोहन का सबक सिखाया है,
घर में कैद होने के बाद समझ आया है,
कि प्रकृति को हमने कितना रुलाया है।
- प्रकृति ने ही सबको पोषित किया है,
प्रकृति ने ही सबकुछ रोपित किया है,
प्रकृति से बढ़कर कोई वरदान नहीं,
प्रकृति से खिलवाड़ से बढ़कर कोई पाप नहीं।
- हमारा पहला कर्तव्य प्रकृति की सुरक्षा,
इससे बड़ा काम नहीं कोई दूजा,
प्रकृति का संरक्षण फर्ज है हमारा,
क्योंकि प्रकृति से ही जुड़ा है जीवन हमारा।
- पर्वत से सीखो गर्व से शीश उठाना,
सागर से सीखो जी भरकर लहराना,
प्रकृति नहीं सिखाती किसी को ठुकराना,
इसे बस आता है सबको अपनाना।
- सुहाना मौसम, हवा का तराना,
खुशरंग है प्रकृति का हर नजारा।
- हवा की सरसराहट,
चिड़िया की चचहाहट,
समुद्र का शोर,
जंगलों में नाचते मोर,
इनका नहीं कोई मोल,
क्योंकि प्रकृति है अनमोल।
- प्रकृति कहना चाहती है हमसे,
बचा है वक्त संभल जाओ अभी से,
बहुत हुआ दोहन और चली मनमर्जी,
नहीं सुधरे, तो फिर दिखेगी प्रकृति की सख्ती।
- सौंदर्यता से प्रकृति भरी पूरी है,
इसकी रक्षा भी उतनी ही जरूरी है।
- फिजा में बादल छा रहे हैं,
बारिश आने के आसार हैं,
हवा मग्न होकर नाच रही है,
प्रकृति को दिल से आभार है।
- प्रकृति है सबसे प्यारी,
कभी सूरज की धीमी रोशनी,
कभी हो जाती है धूप चिलचिलाती,
कभी छा जाता है घना अंधियारा,
कभी तारों की रोशनी है टिमटिमाती।
- कभी आसमां में बादल काले,
कभी आसमां में सफेदी प्यारी,
कभी फूल हैं मुरझा जाते,
कभी खिलती है कली प्यारी-प्यारी।
- ये प्यारी ओस की बूंदे,
ये खिलखिलाती सूरज की किरणें,
ये लहराते हवा के झोकें,
सब हैं प्रकृति का तोहफे।
- प्रकृति तेरे हर रूप की मैं दीवानी,
तेरी धूप, तेरी छांव के बिन दुनिया अधूरी,
नदी-नहरों का बहता ये पावन पानी,
ऐसी पावन प्रकृति बिन अधूरी मनुष्य की कहानी।
- गगनचुंबी पहाड़ी,
ऊंचाई की खामोशी,
सूरज की रोशनी,
चंदा की चांदनी,
कुदरत की मदहोशी,
इनका कर्ज चुका सकती है सिर्फ सरफरोशी।
- प्रकृति से ही है जीवन का आधार
इसे बिना सबका जीवन है बेकार।
- नदी मर जाएंगी, पर्वत मर जाएंगे,
हवा, मिट्टी और पेड़ भी मर-मर जाएंगे,
नहीं रोका तूने प्रकृति संग खिलवाड़,
तो खत्म हो जाएगी जीने की आस।
- प्रकृति वरदान है, मत बना इसे अभिशाप,
हर किसी को दंड दे जाएंगे तेरे ये पाप,
बच्चों के लिए कहा से ला पाएगा ये शुद्ध हवा,
क्या अशुद्ध हवा में सांस ले पाएंगे बच्चे तेरे जवां,
वक्त रहते रोक दे यूं प्रदूषण और गंदगी को फैलाना,
वरना करना होगा हम सबको प्रकृति के प्रकोप का सामना।
- यह धरा, ये हवा, ये गगन, ये पवन सब हैं प्रकृति के ही फूल,
इनका एहसास ही है जीवन की खुशबू और जिंदगी का मूल।
- प्रकृति अभी भी बरकरार है,
तभी तो धरती पर बहार है।
- मेघ के साए में, गिरि के बाहों में,
सुकून बसता है प्रकृति तेरी ही पनाहों में।
- पेड़ ताजी हवा देता है,
मनुष्य इसे कटवा देता है,
नदियां शीतल जल देती हैं,
मनुष्य इसे मोड़कर प्लॉट बना देता है,
प्रकृति जीवन दान देती है,
मनुष्य विनाश को न्योता देता है।
- क्यों सिमटा रहे हो पर्वतों को,
क्यों काटते हो वृक्षों को,
क्यों छीन रहे हो जानवरों के घर को,
क्यों बर्बाद कर रहे हो प्रकृति को।
- नदियों से रास्ता तुमने छिना है,
बाढ़ लाने का न्योता तुमने ही दिया है,
नदियों को कोसने से कुछ नहीं होगा,
प्रकृति को प्रताड़ित तुमने ही किया है।
- पहाड़ों ने टूटकर रास्ता तोड़ दिया,
नदियों के वेग ने घर तेरा बहा दिया,
तबाही के इस मंजर ने तुझे अंदर तक दहला दिया,
ये सब तेरी करनी है, जिसका सिला प्रकृति ने दिया।
पढ़ते रहें प्रकृति पर कविता
- पेड़ तू काटता जा रहा,
नदी-नालों को ढकता तू जा रहा,
फिर भी सुकून की तलाश में पहाड़ों पर तू जा रहा,
प्यारे एहसास के लिए नदियों के पास तू पहुंच रहा,
इतना अजीब व्यवहार क्यों मनुष्य तू कर रहा,
क्यों, तू आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ भी नहीं बचा रहा।
- सुबह की ताजी हवा तुझे पसंद है,
चिड़ियों की आवाजें तुझे पसंद हैं,
मेघों का बरसना तुझे पसंद है,
तुझे प्रकृति की हर रचना पसंद है,
फिर क्यों, तू प्रकृति को नष्ट कर रहा है?
- अचरच होती है मनुष्य का व्यवहार देखकर,
मनुष्य द्वारा प्रकृति संग हो रहा खिलवाड़ देखकर,
मन खुश होता है प्रकृति का अपार स्नेह देखकर,
दिल में सांप लोटते हैं, मनुष्य तेरा निर्लज्ज व्यवहार देखकर।
- प्रकृति से मिलती हमें हवा,
प्रकृति से मिलती हमें दुआ,
प्रकृति से मिलता है सब कुछ,
फिर भी नहीं होती प्रकृति संग वफा।
- आओ करें अपने आस-पास प्रकृति का बचाव,
इसी से होगा आने वाली पीढ़ियों का बचाव।
- जो गर आज काटोगे तुम पेड़-पौधे, तो कल नहीं होगी हरियाली,
कल जो होगी संतान तुम्हारी, वो फिर कैसे काटेगी जिंदगानी।
- बचपन में हमने लगाए थे कुछ पेड़ आज उसी की छाया है,
कल हम रहें न रहें पर ये पेड़ रहेंगे यही प्रकृति की माया है।
- विकासवाद की अंधी दौड़ में काट रहें हम पेड़ों को क्यों?
पा लेंगे कुछ जमीं का टुकड़ा, पर मत पूछो हम खो देंगे क्या?
- आओ हम मिलकर पेड़ लगाए,
धरती को फिर से स्वर्ग बनाएं।
- प्रकृति की आभा को आंकों न कम तुम,
सूकून की नींद कहीं आएगी, तो वो इसी की छांव है।
- हमने गर लगाए खूब सारा पेड़, काम वो हमारे ही आएगा,
सींचेंगे गर हम उसे रोज, साथ वो हमारा जीवन भर निभाएगा।
- आज सींचोगे तो कल फल जरूर मिलेगा,
ये वो रिश्ता है जहां कभी धोखा नहीं मिलेगा।
- नदी, पहाड़, जंगल और झरने ये सब हैं प्रतीक निस्वार्थ के,
आओ इनको संरक्षित कर सुरक्षित करें जीवन अपनों के।
- जंगल हैं, तो किसके हैं, नदी है, तो है किसकी,
ये पेड़, पहाड़ और झरने, ये सारी प्रकृति है किसकी,
इन बातों को ध्यान में रखकर उठाना अपनी कुल्हाड़ी,
वरना प्रकृति दिखाएगी ऐसा रूप, मात खा जाएंगे बड़े से बड़े खिलाड़ी।
- गर करोगे पेड़ और पौधों को नष्ट,
जल्द ही खत्म हो जाएगा मानव जीवन का पूरा चक्र।
- पेड़ तो हैं मानव जीवन का आधार,
इसको तो संरक्षित करो मेरे यार।
- दुनिया वो नहीं जो दिखती है,
दुनिया तो प्रकृति के सात रंगों से ही खिलती है।
- दुनिया में तुम्हें वही मिलता है, जो तुम दूसरों को देते हो,
प्रकृति ही एक ऐसी व्यवस्था है, जो सिर्फ देती है, बदले में कुछ लेती नहीं।
- इस नश्वर जीवन में कुछ भी मुफ्त का नहीं है,
सिर्फ प्रकृति ही वो सुविधा है, जो मुफ्त में सब कुछ देती है।
- तुम्हारी गलतियां एक दिन तुम्हारा काल बनेगी,
पेड़ लगाओं और अपनी गलतियों को सुधारों।
- पता नहीं हम अपनों से क्यों रिश्तों को तोड़ देते हैं,
प्रकृति फिर भी किसी न किसी बहाने हमसे रिश्ता जोड़ लेती है।
- भूलकर भी मत काटना किसी पेड़ को, इनमें भी बसती है जान,
नहीं रहेंगे अगर पेड़, तो यह धरती हो जाएगी सुनसान।
- आएगा एक ऐसा वक्त जब सांस लेना हो जाएगा दुश्वार,
अभी से लगाओ पेड़, नहीं तो जीवन हो जाएगा बेकार।
- अगर अगली पीढ़ी को देनी है चैन की सांस,
लगाओ अनगिनत पेड़ और संरक्षित करो पूरा जहान।
- प्रकृति मुफ्त में हवा बेशकीमती देती है,
सांस लेने और जिंदा रहने का आधार देती है,
लोग वेंटिलेटर के ऑक्सीजन को कीमती समझते हैं,
जिंदगी देने वाले पेड़ और प्रकृति से खिलवाड़ करते हैं।
ये थीं कुछ प्रकृति पर शायरी, कोट्स और संदेश। उम्मीद करते हैं कि इनको पढ़कर आपके दिल में प्रकृति के संरक्षण का जज्बा जरूर जगा होगा। हमें अपनी आने वाली पीढ़ी और अपने लिए इसे सुरक्षित रखना जरूरी है। हर महीने एक पौधा लगाने और वृक्षों को न काटने का संकल्प अगर हम ले लें, तो प्रकृति को बचाया जा सकता है। इसके साथ ही प्रदूषण न करने और प्रकृति के गर्भ में कचरा न डालने का भी प्रण हमें लेना चाहिए, क्योंकि हमारे कंधोंं पर ही प्रकृति को बचाने की जिम्मेदारी है। प्रकृति संरक्षण का संदेश अन्य लोगों तक पहुंचाने के लिए आप इन कोट्स को शेयर जरूर करें।
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