Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

किसी पार्टी में अच्छी तरह सजकर जाने के कुछ देर बाद ही काफी पसीना आने लगे, तो लुक खराब हो जाता है। साथ ही शरीर से बदबू आने का डर लगा रहता है। बेशक, यह परिस्थिति शर्मींदगी का कारण बन सकती है। ऐसे में वक्त रहते ज्यादा पसीना आने के कारण समझना जरूरी है। यूं तो पसीना आना सामान्य है, लेकिन ज्यादा पसीना आना बीमारी का संकेत हो सकता है। आप इस लेख के जरिए ज्यादा पसीना आने के कारण और ज्यादा पसीना आने का इलाज जान सकते हैं।

नीचे जरूरी जानकारी है

लेख के पहले भाग में जानिए हाइपरहाइड्रोसिस क्या होता है।

हाइपरहाइड्रोसिस क्या है – What is Hyperhidrosis (Excessive Sweating) in Hindi

हाइपरहाइड्रोसिस एक तरह की मेडिकल कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति को बहुत ज्यादा पसीना आता है। इस समस्या से परेशान व्यक्ति को तापमान ठंडा होने पर या आराम करने पर भी पसीना आ सकता है। व्यक्ति के पसीने की ग्रंथि अति सक्रिय यानी ओवर एक्टिव होने पर यह समस्या होती है (1)। शरीर में ज्यादा पसीना आने का कारण और प्रकार अलग-अलग हैं, जिनके बारे में लेख के अगले भागों में जानकारी दी गई है।

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आइए, अब जानते हैं कि हाइपरहाइड्रोसिस के प्रकार कितने हैं।

हाइपरहाइड्रोसिस के प्रकार – Types of Hyperhidrosis in Hindi

अधिक पसीना आने की समस्या के दो प्रकार होते हैं। सबसे पहला प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस और दूसरा सेकंडरी हाइपरहाइड्रोसिस है (2) (1):

  1. प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस – पसीना जो किसी बीमारी के कारण नहीं होता है, उसे प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है। यह अधिक पसीना आने का सबसे आम प्रकार है। इस स्थिति में बगल, हाथ, पैर और चेहरे से ज्यादा पसीना आता है।
  2. सेकंडरी हाइपरहाइड्रोसिस – यदि किसी अन्य समस्या के कारण पसीना आता है, तो इसे
    सेकंडरी हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है। इस प्रकार के हाइपरहाइड्रोसिस का कारण सेंट्रल नर्वस सिस्टम होता है।

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इस लेख के अगले भाग में हम हाइपरहाइड्रोसिस के लक्षण की जानकारी दे रहे हैं।

ज्यादा पसीना (हाइपरहाइड्रोसिस) आने के लक्षण – Symptoms of Hyperhidrosis in Hindi

बहुत ज्यादा पसीना आना अपने आप में ही एक लक्षण है। हां, पसीना आते हुए कुछ संकेत नजर आ सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (1)।

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हाइपरहाइड्रोसिस के लक्षण के बाद जानिए ज्यादा पसीना आने का कारण और जोखिम कारक।

ज्यादा पसीना (हाइपरहाइड्रोसिस) के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Hyperhidrosis in Hindi

ज्यादा पसीना आने का कारण अधिकतर मामलों में स्पष्ट नहीं है। माना जाता है कि परिवार में किसी को यह समस्या हो, तो अन्य सदस्यों को भी यह शिकायत हो सकती है। कई बार पसीना आने के पीछे कुछ बीमारियां भी होती हैं, जिसे सेकंडरी हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है। ये बीमारियां अधिक पसीना आने का कारण और जोखिम कारक दोनों हो सकती हैं (1):

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ज्यादा पसीना आने के कारण के बाद अब हाइपरहाइड्रोसिस का निदान जानेंगे।

हाइपरहाइड्रोसिस का निदान – Diagnosis of Hyperhidrosis in Hindi

पसीना आने का निदान करने के लिए डॉक्टर व्यक्ति का शारीरिक परिक्षण कर सकता है। उसके बाद वह कुछ इस तरह के टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं (1):

  1. स्टार्च-आयोडीन टेस्ट – इस परिक्षण के दौरान अधिक पसीना आने वाली जगह पर आयोडीन का घोल लगाया जाता है। आयोडीन के सूखने के बाद उस हिस्से पर स्टार्च छिड़का जाता है। इससे अधिक पसीना आने वाले भाग में स्टार्च-आयोडीन का संयोजन होने पर वहां रंग गहरे नीले से काला हो सकता है। इससे ज्यादा पसीना आने वाले भाग का पता लगाया जाता है।
  2. पेपर टेस्ट – इस टेस्ट को करने के लिए पेपर का इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, एक पेपर को अधिक पसीना आने वाली जगह पर लगाया जाता है, जिससे कि पेपर पसीने को सोखता है। फिर उस ​पेपर का वजन किया जाता है। पेपर का वजन जितना अधिक होता है, उतना ही ज्यादा पसीना आता है। इससे पसीना कितना ज्यादा आ रहा है, यह स्पष्ट होता है।
  3. ब्लड टेस्ट – अधिक पसीना आने के लिए रक्त की जांच भी कर सकते हैं। यह परिक्षण ​थायराइड या किसी तरह की अन्य समस्या के संदेह होने पर किया जाता है ।
  4. इमेजिंग टेस्ट – इस परिक्षण को अधिक पसीना आने पर ट्यूमर की आशंका होने पर किया जाता है।

इन जांच के अलावा पसीने की समस्या का निदान करने के लिए डॉक्टर कुछ सवाल भी कर सकते हैं। ये सवाल कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं।

  1. जगह – डॉक्टर पूछ सकते हैं कि किस क्षेत्र में अधिक पसीना आता है। जैसे – चेहरा, हथेली, बगल या पूरे शरीर पर।
  2. टाइम पैटर्न – रात में ज्यादा पसीना आता है या कभी भी अचानक से ज्यादा पसीना आना शुरू होता है या नहीं।
  3. ट्रिगर – क्या पसीना तब ज्यादा आता है, जब कोई चीज परेशान करती है, जैसे – दर्दनाक घटना।
  4. अन्य लक्षण – विशेषज्ञ कुछ दिनों पहले शरीर में हुए बदलाव से जुड़े लक्षण के बारे में पूछ सकते हैं। जैसे – वजन घटना, दिल की धड़कन तेज होना, हाथ का ठंडा होना, बुखार और भूख में कमी आदि।

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अब जानिए कि हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी का इलाज किस तरह से किया जा सकता है।

ज्यादा पसीना आने का इलाज – Treatment of Hyperhidrosis (Excessive Sweating) in Hindi

अगर ज्यादा पसीना आने की समस्या से परेशान हैं, तो इसके लिए कई तरह के उपचार किए जा सकते हैं। ज्यादा पसीना आने का इलाज करने के लिए डॉक्टर कुछ इस तरह की सलाह दे सकते हैं (1) :

  1. एंटीपर्सपिरेंट्सअत्यधिक पसीने की समस्या को एंटीपर्सपिरेंट्स के उपयोग से नियंत्रित किया जा सकता है। यह पसीने की नलिकाओं को बंद करता है। इसमें 10% से 20% तक एल्यूमीनियम क्लोराइड हेक्साहाइड्रेट होता है, जो अंडरआर्म के पसीना का पहला उपचार है। यह उत्पाद कई लोगों के त्वचा में जलन उत्पन्न कर सकता है।
  2. दवाएं – हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी का इलाज दवाई के उपयोग द्वारा भी किया जा सकता है। दरअसल, दवाई पसीने की ग्रंथियों की उत्तेजना को रोकने में मदद कर सकती है। वैसे दवाई का उपयोग नुकसानदायक भी हो सकता है, इसलिए इसे हर किसी को लेने की सलाह नहीं दी जाती है।
  3. आयनोफोरेसिस – चेहरे पर पसीना रोकने के उपाय में आयनोफोरेसिस को भी शामिल किया जा सकता है। यह एक तरह की प्रक्रिया है, जिसमें पसीने की ग्रंथि को अस्थायी रूप से बंद करने के लिए बिजली का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया लगभग 10 से 30 मिनट तक चलती है।
  4. बोटुलिनम टॉक्सिन – यह पसीने का इलाज करने की ऐसी प्रक्रिया है, जिसका उपयोग गंभीर अंडरआर्म, हथेली और तलवे के पसीने के लिए किया जाता है। इस स्थिति को प्राइमरी एक्सिलरी हाइपरहाइड्रोसिस के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान बोटुलिनम टॉक्सिन को अंडरआर्म में इंजेक्ट किया जाता है। यह पसीने को उत्तेजित करने वाली नसों को अस्थायी रूप से ब्लॉक कर देता है।
  5. एंडोस्कोपिक थोरैसिक सिम्पैथेक्टोमी – पसीना आने के गंभीर मामलों में सिम्पैथेक्टोमी नामक मिनिमली इन्वेसिव सर्जिकल प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है। इस प्रक्रिया के दौरान उस तंत्रिका को काटा जाता है, जो शरीर को अत्यधिक पसीना आने के लिए सिग्नल भेजती है।यह इलाज अधिकतर उन लोगों पर किया जाता है, जिनकी हथेलियों से अधिक पसीना आता है। इसके अलावा, चेहरे पर अधिक पसीना आने पर भी इस उपचार को किया जा सकता है। बगल में ज्यादा पसीने वालों पर यह इलाज काम नहीं करता।
  6. अंडरआर्म सर्जरी – इस सर्जरी को बगल के पसीने की ग्रंथियों को हटाने के लिए किया जाता है। इसके लिए उपयोग की जाने वाली विधियों में लेजर, स्क्रैपिंग और लिपोसक्शन आदि शामिल हैं।

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अब जान लेते हैं कि ज्यादा पसीना आने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

हाइपरहाइड्रोसिस में क्या खाना चाहिए – क्या नहीं – Diet in Hyperhidrosis in Hindi

चेहरे पर पसीना रोकने के उपाय में खानपान पर ध्यान देना भी शामिल है। ऐसी स्थिति में सही आहार का चयन करना जरूरी है, जिसकी जानकारी हम इस भाग में दे रहे हैं।

क्या खाना चाहिए :

  • तरल पदार्थ अधिक पिएं। खासकर, जिनमें इलेक्ट्रोलाइट की अच्छी मात्रा हो (3)
  • डेयरी उत्पाद जैसे पनीर, दही और दूध का सेवन करें
  • फल में खरबूजा और स्ट्रॉबेरी अच्छा रहेगा
  • सब्जियों में सलाद पत्ता, पालक और तोरी का सेवन कर सकते हैं
  • नट्स में बादाम और कद्दू के बीज ले सकते हैं
  • ओट्स और शकरकंद का सेवन करें

क्या नहीं खाना चाहिए :

  • अधिक मसालेदार खाद्य पदार्थ का सेवन न करें (4)
  • अधिक तले हुए खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें
  • वसा युक्त खाद्य पदार्थ का उपयोग कम करें
  • चॉकलेट खाने से बचें
  • फास्टफूड न खाएं
  • शराब न पिएं

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आइए, जानते हैं पसीना आने से बचने के लिए कौन-कौन से उपाय को अपनाया का सकता है।

हाइपरहाइड्रोसिस से बचने के उपाय – Prevention Tips for Hyperhidrosis in Hindi

शरीर की गर्मी के बढ़ने की वजह से ज्यादा पसीना आता है। ऐसे में शरीर की गर्मी को कम करके पसीने को आने से थोड़ा रोका जा सकता है। ऐसे में पसीना न आने के उपाय में निम्नलिखित टिप्स को शामिल किया जा सकता हैं (5):

  • हल्के और ढीले-ढाले कपड़े पहनें
  • घर में हमेशा ठंडे कमरे में पंखा चलाकर बैठें
  • शारीरिक गतिविधि सुबह या शाम के समय ही करें
  • दोपहर की धूप में खेलने से बचें
  • अधिक से अधिक पानी व जूस का सेवन करें
  • ज्यादा गर्म खाना खाने से बचें

शरीर से अधिक पसीना आने की समस्या किसी को भी हो सकती है। यह परेशानी इतनी आम है कि लोग इसे अनदेखा कर देता है। आप ऐसा बिल्कुल भी न करें, क्योंकि कई मामलों में यह किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। अगर लगे कि पहले से ज्यादा पसीना आने लगा है, तो इस बारे में एक बार डॉक्टर से जरूर बात करें। अब आगे हाइपरहाइड्रोसिस से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब पर नजर डालते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या हाइपरहाइड्रोसिस का इलाज किया जा सकता है?

जी हां, हाइपरहाइड्रोसिस का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर स्थिति के हिसाब से एंटीपर्सपिरेंट्स, आयनोफोरेसिस, बोटुलिनम टॉक्सिन और अंडरआर्म सर्जरी जैसे कुछ ट्रीटमेंट करवाने की सलाह दे सकते हैं (1)।

क्या हाइपरहाइड्रोसिस जीवन के लिए खतरा है?

हाइपरहाइड्रोसिस जीवन के लिए खतरनाक है या नहीं, इसपर किसी तरह का स्पष्ट वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। हां, अगर ज्यादा पसीना आने का कारण कैंसर या कोई अन्य गंभीर समस्या है, तो इसे खतरनाक माना जा सकता है (1)।

क्या व्यायाम हाइपरहाइड्रोसिस के लिए अच्छा है?

व्यायाम के दौरान शरीर का तापमान बढ़ता है और उस वक्त अधिक पसीना आ सकता है (1)। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि हाइपरहाइड्रोसिस के लिए व्यायाम करना सही है या नहीं।

अत्यधिक पसीने का सबसे अच्छा इलाज क्या है?

एंटीपर्सपिरेंट्स को अधिक पसीना आने का अच्छा इलाज माना जा सकता है। वैसे पसीना आने की समस्या का इलाज इसकी गंभीरता और प्रभावित हिस्से के आधार पर डॉक्टर निर्धारित करते हैं (1)।

हाइपरहाइड्रोसिस का निदान कैसे किया जाता है?

पसीना आने का निदान व्यक्ति के स्टार्च-आयोडीन टेस्ट, पेपर टेस्ट, ब्लड टेस्ट और इमेजिंग टेस्ट का भी सहारा लिया जा सकता है (1)।

हाइपरहाइड्रोसिस सर्जरी किसे करवानी चाहिए?

जिनकी समस्या बहुत ज्यादा गंभीर है, उन्हें डॉक्टर की सलाह पर हाइपरहाइड्रोसिस की सर्जरी करानी चाहिए (1)।

हाइपरहाइड्रोसिस के लिए मुझे अपने डॉक्टर से क्या प्रश्न पूछने चाहिए?

इस समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को डॉक्टर से खानपान और दवाई के सेवन से जुड़े सवाल पूछने चाहिए।

References

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  1. Hyperhidrosis
    https://medlineplus.gov/ency/article/007259.htm
  2. Hyperhidrosis—Causes and Treatment of Enhanced Sweating
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2695293/
  3. Sweating
    https://medlineplus.gov/ency/article/003218.htm
  4. Hyperhidrosis – an unknown widespread “silent” disorder
    https://www.jneurology.com/articles/hyperhidrosis–an-unknown-widespread-silent-disorder.pdf
  5. Tips for Preventing Heat-Related Illness
    https://www.cdc.gov/disasters/extremeheat/heattips.html
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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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