
Image: ShutterStock
विषय सूची
इंसान के शरीर को कई सारे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। उन्हीं पोषक तत्वों में से एक है फॉलिक एसिड या फोलेट। अक्सर लोगों को फॉलिक एसिड और फोलेट के बीच अंतर करने में दुविधा होती है। कई लोगों के मन में सवाल हो सकता है कि क्या फोलेट और फोलिक एसिड एक ही है? फोलेट और फोलिक एसिड के अच्छे स्रोत क्या है? ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब हम स्टाइलक्रेज के इस लेख से देने की कोशिश कर रहे हैं। यहां हम न सिर्फ फोलेट और फोलिक एसिड के बीच के फर्क की जानकारी देंगे, बल्कि फोलेट और फोलिक एसिड के स्त्रोत के बारे में भी बताएंगे। तो फोलेट और फोलिक एसिड से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।

लेख विस्तार से पढ़ें
सबसे पहले जानते हैं कि फॉलिक एसिड क्या है। लेख के इस भाग में हम इसी विषय में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।
फोलिक एसिड क्या है? – What is Folic Acid in Hindi
फॉलिक एसिड बी विटामिन होता है, जो स्वस्थ कोशिकाओं को बनाने में सहायता करता है। हर किसी को फॉलिक एसिड की आवश्यकता होती है। खासतौर पर, उन महिलाओं के लिए जो गर्भधारण करना चाहती हैं। गर्भावस्था में फोलिक एसिड का सेवन, होने वाले शिशु को रीढ़ और मस्तिष्क के जन्म दोष के जोखिम से बचा सकता है (1)। आगे आप जानेंगे फॉलिक एसिड और फोलेट के बीच का अंतर।
- फोलेट बनाम फोलिक एसिड
अब सबसे बड़ा सवाल, जो सभी के मन में आता है, वो यह है कि फोलेट और फॉलिक एसिड में आखिर क्या फर्क है। कई बार लोग इस संशय में रहते हैं कि फोलेट और फोलिक एसिड एक ही है। दरअसल, फोलेट और फोलिक एसिड दोनों ही बी विटामिन (विटामिन बी 9) के प्रकार होते हैं। जहां फोलेट प्राकृतिक रूप से खाद्य पदार्थों में मौजूद होता है। वहीं, फॉलिक एसिड अप्राकृतिक (synthetic) रूप में मौजूद होता है। यह मनुष्य द्वारा बनाया जाता है और इसका उपयोग सप्लीमेंट के तौर पर किया जाता है (2)। जब व्यक्ति के शरीर में इसकी जरूरत से ज्यादा कमी हो जाती है, तो विकल्प के रूप में फोलिक एसिड सप्लीमेंट दिए जाते हैं (3)। आगे हम शरीर में फोलेट की कमी के लक्षणों के बारे में जानेंगे।
- फोलेट या फोलिक एसिड की कमी के लक्षण
शरीर में फोलेट की कमी होने से स्वास्थ्य पर इसका असर कुछ लक्षणों से देखा जा सकता है। यहां हम फोलेट की कमी के ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (2):
- शारीरिक विकास में कमी।
- सफेद या ग्रे बाल।
- मुंह में छाले होना।
- पेप्टिक अल्सर (आंत में होने वाला एक प्रकार का घाव)।
- दस्त की समस्या होना।
- जीभ में सूजन (Glossitis)।
आगे है और जानकारी
अब लेख के इस भाग में हम फोलेट के अच्छे स्त्रोत के बारे में बताएंगे, यानी जानेंगे कि कौन-कौन से खाद्य पदार्थों में फोलेट पाया जाता है।
फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ – Folate Rich Foods in Hindi
फोलेट मानव शरीर के लिए कितना जरूरी है, यह बात तो आप जान ही गए हैं। अब जानते हैं कि ऐसे कौन-से खाद्य पदार्थ हैं, जिनमें फोलेट पाया जाता है। लेख के इस भाग में हम कुछ ऐसे ही फोलेट युक्त खाद्य पदार्थों की सूची लेकर आए हैं। तो फोलेट युक्त खाद्य पदार्थों की जानकारी कुछ इस प्रकार दी गई है:
1. ब्रोकोली
हरी सब्जियों की अगर बात की जाए, तो उसमें ब्रोकोली का नाम न हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। फूलगोभी की तरह दिखने वाली ब्रोकोली काफी पौष्टिक सब्जी है। ब्रोकोली में फोलेट के साथ-साथ कई अन्य पौष्टिक तत्व जैसे – प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस मौजूद होते हैं (4)। स्वास्थ्य के लिए ब्रोकोली के फायदे की बात की जाए, तो यह एंटीडायबिटिक, एंटी-ओबेसिटी, एंटी-कैंसर, एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। हृदय स्वास्थ्य के लिए भी ब्रोकोली एक उपयोगी सब्जी है (5)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम ब्रोकोली में 63 माइक्रोग्राम फोलेट मौजूद होता है (4)।
आहार में शामिल करें:
- ब्रोकोली की सब्जी या करी बनाकर सेवन कर सकते हैं।
- उबालकर भी ब्रोकोली को खा सकते हैं।
- ब्रोकोली को पास्ता में डालकर भी खाया जा सकता है।
- मिक्स वेज में भी ब्रोकोली डालकर सेवन किया जा सकता है।
2. राजमा
राजमा खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद हो सकता है। राजमा के फायदे की बात करें, तो यह ह्रदय को स्वस्थ रखने, पेट संबंधी परेशानियों से राहत दिलाने, मधुमेह और यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारी के जोखिम को भी कम करने में सहायक हो सकता है (6)। वहीं राजमा में फोलेट समेत अन्य कई जरूरी पोषक तत्व जैसे – प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर मौजूद होते हैं। ये पोषक तत्व राजमा को सेहत के प्रति और ज्यादा गुणकारी बनाते हैं (7)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम राजमा में 394 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (7)।
आहार में शामिल करें:
- राजमा को उबालकर खाया जा सकता है।
- राजमा की करी या सब्जी बनाकर सेवन किया जा सकता है।
- राजमा का सलाद भी बना सकते हैं।
3. बादाम
फोलिक एसिड खाद्य पदार्थ की लिस्ट में बादाम भी शामिल है। फोलेट के साथ ही बादाम में आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक और सोडियम जैसे प्रमुख पोषक तत्व होते हैं। वजन को नियंत्रित करने के साथ ही बादाम का सेवन मोटापा, हाइपरटेंशन और डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। वहीं बादाम की ऊपरी परत (Skin) आंतों के लिए लाभकारी हो सकती है (8)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम बादाम में 44 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (9)।
आहार में शामिल करें:
- बादाम का सेवन साबूत किया जा सकता है।
- रातभर पानी में बादाम को भिगोकर, अगली सुबह उसे छिलके के साथ या छिलका उतार कर खा सकते हैं।
- नाश्ते में ओट्स या कॉर्नफ्लेक्स में बादाम के टुकड़ों को डालकर आहार में शामिल कर सकते हैं।
- बादाम का हलवा बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
4. शतावरी
शतावरी एक जड़ी-बूटी है, जिसे शतावर के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे एस्पेरेगस (Asparagus) कहते हैं। इसकी मदद से शरीर में फोलिक एसिड के स्तर को बेहतर किया जा सकता है। फोलिक एसिड से समृद्ध शतावरी में विटामिन-ए, विटामिन बी 1, विटामिन बी 2, विटामिन-सी, विटामिन-ई, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन जैसे कई पोषक तत्व शामिल हैं (10)। इसके साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-एलर्जी और प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने वाले गुण होने की पुष्टि हुई है। खासतौर पर, महिलाओं के लिए शतावरी का सेवन काफी लाभकारी हो सकता है (11)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम शतावरी में 52 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (12)।
आहार में शामिल करें:
- शतावरी का जूस ले सकते हैं।
- शतावरी को उबालकर भी उपयोग किया जा सकता है।
- सलाद के रूप में भी शतावरी का सेवन किया जा सकता है।
5. अंडा
अंडा शरीर में फोलेट के अलावा कई अन्य पोषक तत्व जैसे – कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक आदि की कमी को पूरा करता है। इसके अलावा, इसमें विटामिन-ए, विटामिन-बी 12 और सेलेनियम होता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायक हो सकता है। साथ ही, अंडे में जियाजैंथिन और ल्यूटिन भी होते हैं, जो आंखों के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकते हैं। अंडे का सेवन मस्तिष्क और त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकता है (13)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम अंडे में 71 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (14)।
आहार में शामिल करें:
- अंडे को उबालकर खा सकते हैं।
- अंडे की एग करी बना सकते हैं।
- नाश्ते में ब्रेड-आमलेट का सेवन किया जा सकता है।
6. मटर
कई व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए मटर का इस्तेमाल किया जाता है। प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल्स और फाइटोकेमिकल्स से भरपूर मटर शरीर में फोलेट और सेलेनियम की कमी को दूर करने में अहम भूमिका अदा कर सकता है (15)। मटर में एंटी-बैक्टीरियल, एंटीडायबिटिक, एंटी फंगल, एंटी इंफ्लामेटरी प्रभाव होते हैं। इसके अलावा, मटर में एंटीऑक्सीडेंट के साथ एंटी-कैंसर गुण भी मौजूद होते हैं, जो कैंसर से बचाव में सहायक हो सकते हैं (16)। इस आधार पर मटर को एक पौष्टिक सब्जी कहा जा सकता है।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम मटर में 65 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (17)।
आहार में शामिल करें:
- मटर की आलू या पनीर के साथ सब्जी बना सकते हैं।
- मटर को उबालकर चाट बना सकते हैं।
- सलाद में भी इसे शामिल किया जा सकता है।
7. एवोकाडो
एवोकाडो भी शरीर में फोलेट की कमी को पूरा करने के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। रिसर्चगेट पर उपलब्ध एक शोध के मुताबिक एवोकाडो में ओलिक एसिड और विटामिन-बी 6 होता है, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार हो सकते हैं। साथ ही, इसमें एंटी-कैंसर प्रभाव होते हैं, जो मुंह, त्वचा और प्रोस्टेट ग्रंथि कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम करने में सहायक हो सकते हैं (18)। इस आधार पर एवोकाडो का सेवन स्वास्थ्य के लिए उपयोगी माना जा सकता है।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम एवोकाडो में 81 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (19)।
आहार में शामिल करें:
- एवोकाडो को फ्रूट सलाद में शामिल कर सकते हैं।
- सैंडविच में एवोकाडो को डाल सकते हैं।
- एवोकाडो को फ़्राई करके भी खा सकते हैं।
पढ़ते रहें
8. सोयाबीन
फोलिक एसिड के स्रोत के रूप में सोयाबीन को आहार में शामिल किया जाना अच्छा विकल्प हो सकता है। फोलेट के अलावा, सोयाबीन में कई विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं। इसमें मौजूद आइसोफ्लेवोंस (Isoflavones) में एंटी-इंफ्लामेटरी प्रभाव होता है, जो हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर सकता है। इसके अलावा, सोयाबीन में ओमेगा-3, ओमेगा-6 जैसे फैटी एसिड भी पाए जाते हैं। स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा के लिए भी यह लाभकारी हो सकता है (20)। वहीं, यह फाइबर का भी अच्छा स्त्रोत है, तो डाइट में सोयाबीन को शामिल कर पेट से जुड़ी समस्याओं से भी बचाव किया जा सकता है (21)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम सोयाबीन में 165 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (21)।
आहार में शामिल करें:
- सोयाबीन का उपयोग सब्जी के रूप में किया जा सकता है।
- सोयाबीन के बीजों को अंकुरित करके भी सेवन कर सकते हैं।
- सोयाबीन को सूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
9. केला
केले की गिनती भी फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थों में होती है। कई लोगों को जानकर हैरानी हो सकती है कि केले का उपयोग कब्ज और दस्त दोनों ही स्थितियों में घरेलू नुस्खे के तौर पर किया जाता है। दांतों व हड्डियों को स्वस्थ रखने में भी केले का सेवन लाभकारी माना जाता है। वहीं, केले का सेवन खून की कमी (एनीमिया) की स्थिति से भी बचाव कर सकता है। यहां तक कि केला एक इम्यून बूस्टिंग खाद्य पदार्थ है। केले में विटामिन बी 6 मौजूद होता है, जो इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ मस्तिष्क के लिए भी लाभकारी हो सकता है। ऐसे में केले का सेवन रोग-प्रतिरोधक क्षमता का सुधार करने में भी सहायक हो सकता हो सकता है (22)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम कच्चे केले में 20 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (23)।
- वहीं 100 ग्राम पके केले में 14 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (24)
आहार में शामिल करें:
- कच्चे केले की सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
- केले और दूध का शेक बनाकर पी सकते हैं।
- केला, एवोकाडो, दही और शहद से स्मूदी तैयार कर सकते हैं।
10. टमाटर
टमाटर का इस्तेमाल अमूमन हर सब्जी में किया जाता है। टमाटर की गिनती भी फोलेट से भरपूर खाद्य पदार्थों की श्रेणी में होती है। इसके अलावा, इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals) मोटापा, डायबिटीज, हृदय रोग और हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में मदद कर सकते हैं। टमाटर के फायदे यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी कैंसर गुण भी मौजूद हैं (25)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम टमाटर में 15 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (26)।
आहार में शामिल करें:
- अमूमन हर करी वाली सब्जी में टमाटर का इस्तेमाल किया जाता है।
- टमाटर को सलाद में भी शामिल किया जा सकता है।
- टमाटर का सूप बनाकर भी पी सकते हैं।
11. पपीता
फोलिक एसिड खाद्य पदार्थ में पपीता का नाम भी शामिल है। पोषक तत्वों से समृद्ध पपीते के फायदे कई सारे हैं।पपीता में पैपीन (Papain) और कीमो पैपीन (Chymopapain) नामक एंजाइम (Enzyme) के साथ विटामिन-सी और विटामिन-ई के रूप में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ओस्टियोआर्थराइटिस की समस्या, अस्थमा, रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद विटामिन-ए फेफड़ों को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है। हृदय स्वास्थ्य और कोलन कैंसर (पेट का कैंसर) से बचाव के लिए यह फल बेहद उपयोगी हो सकता है (27)। हालांकि, कैंसर एक गंभीर बीमारी है, इसलिए पपीता का सेवन इस समस्या से बचाव कर सकता है। अगर कोई इस बीमारी से पीड़ित है तो डॉक्टरी इलाज को ही प्राथमिकता दें।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम पपीता में 37 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (28)।
आहार में शामिल करें:
- फ्रूट सलाद में पपीता मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
- पपीता का जूस निकालकर पी सकते हैं।
- कच्चे पपीते की सब्जी या पराठे बना सकते हैं।
12. संतरा
संतरा भी कुछ हद तक फोलेट की कमी को दूर कर सकता है। फोलेट के अलावा, संतरा शरीर को हाइड्रेट कर डिहाइड्रेशन के जोखिम को कम कर सकता है। संतरे के जूस के सेवन से शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल सकते हैं और शरीर डिटॉक्सीफाई सकता है। संतरा गठिया, अस्थमा, डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से भी शरीर को बचा सकता है (29)। संतरे की तरह अन्य सिट्रस फ्रूट्स जैसे- नींबू और मौसंबी में भी फोलेट पाया जाता है (30)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम संतरे में 30 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (31)।
आहार में शामिल करें:
- संतरे का उपयोग जूस के तौर पर किया जा सकता है।
- फ्रूट चार्ट में संतरे को शामिल कर सकते हैं।
13. पालक
पालक को स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है। इसमें फोलेट के साथ विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-के मौजूद होता है। इसके अलावा, इसमें उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। साथ ही, पालक में मौजूद प्रमुख यौगिक ल्यूटिन और जियाजैंथिन (lutein and zeaxanthin), मैक्यूलर डिजनरेशन (उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम होना) से बचाव कर सकते हैं (32)। जिन लोगों को पालक नहीं पसंद वो इसकी जगह केल का सेवन भी कर सकते हैं। 100 ग्राम केल में 62 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (33)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम पालक में 166 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा होती है (34)।
आहार में शामिल करें:
- पालक का इस्तेमाल साग बनाने के लिए कर सकते हैं।
- पालक का जूस निकालकर भी पी सकते हैं।
- पालक को सलाद के रूप में भी शामिल कर सकते हैं।
- पालक के पराठे भी बना सकते हैं।
- पालक पनीर बहुत लोगों को पसंद होता है।
14. काबुली चना
चने का सेवन फोलेट की कमी को पूरा करने के साथ-साथ कई अन्य स्वास्थ्य लाभ प्रदर्शित कर सकता है। यह कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का भी अच्छा स्त्रोत है, जिस वजह से इसे रोजाना के आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है। हृदय संबंधित रोगों, टाइप 2 डायबिटीज, पाचन रोग के इलाज के लिए भी चने का उपयोग लाभकारी माना जाता है। हालांकि, ध्यान रखें कि चने के बीजों में भी एंटी-न्यूट्रिशनल फैक्टर भी होते हैं, जिन्हें पकाने के अलग-अलग तरीकों के जरिए कम या खत्म किया जा सकता है (35)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम चने में 155 माइक्रोग्राम फोलेट होता है (36)।
आहार में शामिल करें:
- चने की सब्जी बना सकते हैं।
- चने को उबालकर खा सकते हैं।
- चने के कबाब बनाकर खा सकते हैं।
स्क्रॉल करें
15. मसूर की दाल
यदि फोलेट के स्रोत के रूप में किसी ऐसे खाद्य पदार्थ की तलाश में है, जिसे रोजमर्रा की जीवनशैली में आसानी से शामिल किया जा सकता है, तो मसूर की दाल का सेवन करना अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें आयरन, जिंक, विटामिन-ए, थियामिन, बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं (37)। इसके अलावा, मसूर दाल में मौजूद फ्लैवनॉइड्स और लेक्टिन (Lectin-एक तरह का प्रोटीन) में एंटी-कैंसर प्रभाव होते हैं, जो पेट, थायराइड, लिवर, स्तन और प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं (38)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम मसूर की दाल में 479 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा होती है (39)।
आहार में शामिल करें:
- मसूर की दाल को उबालकर जीरा और हींग का तड़का लगाकर सेवन कर सकते हैं।
- मसूर की दाल का टमाटर के साथ सूप बना सकते हैं।
- पालक मसूर दाल भी लोग बेहद पसंद करते हैं।
16. भिंडी
भिंडी औषधीय गुणों से संपन्न होती है। इसमें कार्डियो प्रोटेक्टिव (हृदय को स्वस्थ रखने वाले गुण), रीनल प्रोटेक्टिव (किडनी को सुरक्षित रखने वाले गुण), न्यूरोप्रोटेक्टिव (नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने वाला प्रभाव), एंटी-कैंसर, एंटी-अल्सर और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं (40)।
फाइबर से भरपूर होने के कारण भिंडी शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के साथ डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। इसके नियमित सेवन करने से किडनी रोग से भी बचा जा सकता है। इसके अलावा, पाचन संबंधित परेशानियों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, भिंडी पेट को साफ और स्वस्थ रखने के लिए उपयोगी हो सकती है (41)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम भिंडी में 60 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा होती है (42)।
आहार में शामिल करें:
- भिंडी का उपयोग स्वादिष्ट सब्जी बनाने के लिए कर सकते हैं।
- बेसन के साथ तैयार की गई कुरकुरी भिंडी कई लोग चाव से खाते हैं।
- भरवा भिंडी बना सकते हैं।
- भिंडी की इडली भी बहुत लोगों को पसंद होती है।
17. ब्रसल्स स्प्राउट्स
ब्रसल्स स्प्राउट्स (Brussels sprout) की गिनती फोलिक एसि़ड खाद्य पदार्थ के तौर में की जाती है (43)। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, ब्रसल्स स्प्राउट्स का सेवन हृदय रोग, डायबिटीज, हाइपरटेंशन व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है (44)। ऐसे में अपने हर रोज के आहार में इन्हें शामिल करना एक पौष्टिक विकल्प हो सकता है।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम ब्रसल्स स्प्राउट्स में 61 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा होती है (45)।
आहार में शामिल करें:
- फ्रेश ब्रसल्स स्प्राउट्स का सेवन किया जा सकता है।
- ब्रसल्स स्प्राउट्स को स्टीम करके भी खा सकते हैं।
18. फूल गोभी
फूल गोभी में भी फोलेट उच्च मात्रा में पाया जाता है। बात करें फूल गोभी के फायदों की तो इसमें फाइटोकेमिकल्स के साथ ही विटामिन-ए, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, कैल्शियम, आयरन और फास्फोरस जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को कई गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं (46)। इसके अलावा, हृदय संबंधी परेशानियों से बचाव के लिए भी फूलगोभी का जूस पीने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इसमें सेलेनियम, फ्लेवोनॉयड्स, एंथोसायनिन, पॉलीफेनॉल्स और कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो सकते हैं (47)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम फूल गोभी में 57 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा होती है (48)।
आहार में शामिल करें:
- फूल गोभी की आलू के साथ सब्जी बना सकते हैं।
- फूल गोभी के पराठे बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं।
- फूल गोभी, गाजर और टमाटर का सूप बनाकर सेवन कर सकते हैं।
19. चुकंदर
चुकंदर में फोलेट की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है। इसके साथ ही इसमें कई महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जिस वजह से इसे स्वास्थ्य के लिए गुणकारी माना जाता है। एनसीबीआई (NCBI) द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार, डायबिटीज के लिए चुकंदर का सेवन उपयोगी हो सकता है। इतना ही नहीं, यह ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने व हृदय रोग का जोखिम कम करने में भी सहायक हो सकता है (49)। इसके अलावा, चुकंदर में कई ऐसे कंपाउंड होते हैं जो लिवर को डिटॉक्सीफाई करने और लिवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं (50)।
फोलेट की मात्रा:
- 100 ग्राम चुकंदर में 109 माइक्रोग्राम फोलेट की मात्रा पाई जाती है (51)
आहार में शामिल करें:
- चुकंदर को सलाद के रूप में ले सकते हैं।
- चुकंदर का रस निकालकर
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.