How To Potty Train AChild with Autism, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

पानी स्वच्छ करना हो या आफ्टर शेव लोशन के लिए इस्तेमाल करना हो, फिटकरी के ये उपयोग आप में से कई लोगों ने देखे और सुने होंगे। वहीं, शायद ही आपको मालूम हो की यह पारदर्शी पत्थर जैसी दिखने वाली फिटकरी स्वास्थ्य संबंधी कई मामलों में भी कारगर है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही फिटकरी के फायदे बता रहे हैं, जिनके बारे में आपने इससे पहले बमुश्किल ही सुना होगा। लेख में बताए जाने वाले फिटकरी के फायदे महज घरेलू उपाय है, जो केवल समस्या में राहत दिला सकते हैं। इसे किसी समस्या का उपचार नहीं कहा जा सकता। किसी भी बीमारी का पूर्ण उपचार डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।

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आइए, सबसे पहले हम फिटकरी क्या है? इस बारे में जान लेते हैं। बाद में हम फिटकरी के फायदे से जुड़ी जानकारी हासिल करेंगे।

फिटकरी क्या है? – What is Alum in Hindi

फिटकरी एक रंगहीन रसायानिक पदार्थ है, जो एक क्रिस्टल की तरह होती है। इसका रासायनिक नाम पोटेशियम एल्यूमीनियम सल्फेट है। इसे अंग्रेजी में एलम कहा जाता है। सामान्य से दिखने वाले इस पदार्थ में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इन्हीं गुणों की मौजूदगी के कारण फिटकरी का महत्व चिकित्सा के क्षेत्र में अहम है (1)। फिटकरी किस काम आती है और फिटकरी में मौजूद औषधीय गुणों से जुड़ी विस्तृत जानकारी हम आपको लेख के अगले भागों में देंगे।

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फिटकरी क्या है, जानने के बाद आइए संक्षेप में हम फिटकरी के औषधीय गुण जान लेते हैं।

फिटकरी के औषधीय गुण

निम्न बिंदुओं के माध्यम से हम फिटकरी में मौजूद कुछ सामान्य औषधीय गुणों के बारे में जान सकते हैं (2):

  • एंटीबायोटिक (सूक्ष्म जीवों को नष्ट करने वाला)
  • एंटी-ट्राइकोमोनस (प्रोटोजोवल इन्फेक्शन को खत्म करने वाला)
  • एस्ट्रिंजेंट (संकुचन पैदा करने वाला)
  • एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को नष्ट करने वाला)
  • एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन को कम करने वाला)

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फिटकरी किस काम आती है जानने के बाद लेख के अगले भाग में अब हम आपको फिटकरी के प्रकार के बारे में बताएंगे।

फिटकरी के प्रकार – Types of Alum in Hindi

फिटकरी का सही चुनाव करना एक बड़ा सवाल हो सकता है। सही चुनाव करने के लिए आपको इसके विभिन्न रूपों के बारे में पता होना चाहिए। आइए, नीचे जानते हैं फिटकरी के विभिन्न प्रकारों के बारे में।

  1. पोटैशियम एलम : पोटैशियम एलम को पोटाश एलम और पोटैशियम एलम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। माना जाता है कि 1500 ईसा पूर्व के आसपास फिटकरी के इस रूप का इस्तेमाल पानी की गंदगी को साफ करने के लिए किया गया था।
  2. अमोनियम एलम : अमोनियम एलम एक सफेद क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। फिटकरी के इस प्रकार का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन और व्यक्तिगत देखभाल संबंधी उत्पादों में किया जाता है, जैसे आफ्टरशेव लोशन और हाथों से जुड़े उत्पाद।
  3. क्रोम एलम : क्रोम एलम भी फिटकरी का एक प्रकार है, जिसे क्रोमियम पोटैशियम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। यह क्रोमियम (एक रासायनिक तत्व) का पोटैशियम डबल सल्फेट है, जिसका इस्तेमाल चमड़ा बनाने की प्रक्रिया में किया जाता है।
  4. एल्यूमीनियम सल्फेट : इस कम्पाउन्ड को पेपरमेकर की फिटकरी के रूप में भी जाना जाता है। वैसे, तकनीकी रूप से यह फिटकिरी नहीं है।
  5. सोडियम एलम : यह एक अकार्बनिक (Inorganic) कंपाउंड है, जिसे सोडा एलम के नाम से भी जाना जाता है। इस सफेद ठोस का उपयोग बेकिंग पाउडर के निर्माण और फूड एडिटिव के रूप में किया जाता है। इसे खाने वाली फिटकरी भी कहा जा सकता है।
  6. सेलेनेट एलम : फिटकरी का वो प्रकार, जिसमें सल्फर की जगह सेलेनियम मौजूद होता है।

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लेख के अगले भाग में हम फिटकरी के फायदे से जुड़ी जानकारी देंगे।

फिटकरी के फायदे – Benefits of Alum in Hindi

लेख के इस भाग में हम शारीरिक समस्याओं में फिटकरी के फायदे बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं:

1. दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखे

दांतों में कैविटी और इस कैविटी के कारण दांतों के क्षय की समस्या काफी आम है। फिटकरी के उपाय इस समस्या से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकते हैं। अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक शोध से यह बात साफ होती है। शोध में माना गया कि फिटकरी का दांतों पर नियमित उपयोग दांतों पर जमा होने वाली कैविटी को नष्ट करने में मदद कर सकता है (3) इस तथ्य को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि दंत स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए फिटकरी के लाभ सहायक साबित हो सकते हैं।

2. तन की दुर्गन्ध हटाए

तन की दुर्गन्ध हटाने के लिए भी फिटकरी का उपयोग लाभकारी माना जा सकता है। इस बात की पुष्टि फिटकरी से संबंधित एक शोध से होती है। शोध में माना गया कि फिटकरी में एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) गुण पाया जाता है। इसी गुण के कारण तन की दुर्गन्ध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट कर फिटकरी से नहाने के फायदे हासिल किए जा सकते हैं। यही वजह कि कई डियोड्रेंट बनाने वाली कंपनियां इसे एक सक्रिय घटक के रूप में अपने उत्पाद में शामिल करती हैं (4)। ऐसे में फिटकरी के उपाय के तौर पर नहाने के गुनगुने पानी में फिटकरी मिलाकर इस्तेमाल करने से तन की दुर्गन्ध से राहत पाई जा सकती है।

3. माउथवाश

एक कारगर माउथवाश के तौर पर भी फिटकरी के लाभ हासिल किए जा सकते हैं। टर्की की गाजी यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में बताया गया है कि फिटकरी दांतों पर जमा प्लाक को हटाने के साथ ही लार में उपस्थित हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने में भी मदद करती है। इस कारण इसका उपयोग खासकर बच्चों के मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है (5)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि फिटकरी के गुण माउथवाश के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं, लेकिन इसे पीना नहीं है हैं।

4. बुखार, खांसी और अस्थमा

अन्य शारीरिक समस्याओं के साथ ही फिटकरी का उपयोग बुखार, खांसी और अस्थमा जैसी समस्या में भी कारगर साबित हो सकता है। फिटकरी से संबंधित एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है। इस शोध में सीधे तौर पर जिक्र मिलता है कि फिटकरी का उपयोग खांसी, काली खांसी, अस्थमा और मलेरिया व थायराइड फीवर में सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकता हैं (6)। वहीं, विशेषज्ञों की मानें, तो यह सही है कि फिटकरी का उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है, लेकिन इसके सीधे सेवन से बचना चाहिए। अच्छा होगा इस विषय को लेकर डॉक्टर से संपर्क करें

5. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से जुड़ी समस्याओं में भी फिटकरी खाने के फायदे सहायक साबित हो सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, फिटकरी मूत्राशय से होने वाले भारी रक्तस्राव को रोकने का काम कर सकती है, जो किसी संक्रमण की वजह से हो सकता है। फिटकरी एक कारगर एस्ट्रिंजेंट है, जो रक्तस्राव वाले भाग पर प्रभावी रूप से काम कर सकती है (7)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि फिटकरी के लाभ यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन में भी सहायक हो सकते हैं। वहीं, इस बात का ध्यान रखा जाए कि इसे प्राइवेट पार्ट पर सीधे इस्तेमाल न किया जाए, क्योंकि इससे जलन और चुभन की समस्या हो सकती है। इसके लिए डॉक्टरी परामर्श पर फिटकरी के पानी का सेवन किया जा सकता है। फिटकरी का पानी बनाने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में फिटकरी का एक छोटा टुकड़ा डालें और कुछ देर बाद उसे निकालकर पानी का सेवन करें।

6. जुओं से दिलाए छुटकारा

फिटकरी के फायदे बालों के लिए भी उपयोगी साबित हो सकते हैं। जुएं बालों की एक आम समस्या हैं। इससे राहत पाने के लिए भी फिटकरी का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, जुओं से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार से संबंधित इंडियन जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी के शोध से इस बात की पुष्टि होती हैं। शोध में जुओं से छुटकारा दिलाने वाले कई उपचार सुझाए गए हैं, जिनमें फिटकरी का भी जिक्र शामिल हैं। शोध में माना गया है कि जुओं से राहत पाने के लिए पेस्ट के रूप में फिटकरी का उपयोग स्कैल्प पर करना लाभदायक साबित हो सकता है (8)

7. कटने और घाव भरने के लिए

फिटकरी में घाव भरने का गुण भी पाया जाता है। इस कारण मामलू काटने और छोटे घावों को साफ करने व भरने के लिए भी फिटकरी के लाभ असरदार साबित हो सकते हैं। इस बात की पुष्टि फिटकरी के औषधीय लाभों से संबंधित एक शोध में मिलता है (6)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कट या हल्के घाव पर फिटकरी का उपयोग लाभकारी हो सकता है।

8. मुंहासों के लिए

फिटकरी के उपयोग से मुंहासों की समस्या में भी राहत मिल सकती है। इस बात का जिक्र इंटरनेशनल जर्नल ऑफ वूमेंस डर्मेटोलॉजी के शोध में मिलता है। शोध में बताया गया है कि अपने एस्ट्रिंजेंट गुण के  कारण यह रोम छिद्रों में कसाव लाने का काम कर सकता है। चूंकि, रोम छिद्रों के बड़े होने के कारण मुंहासों का जोखिम अधिक रहता है। इस कारण चेहरे पर फिटकरी लगाने के फायदे मुंहासों से राहत दिलाने में कुछ हद तक कारगर साबित हो सकते हैं (9)। इसके लिए फिटकरी का पेस्ट प्रभावित जगह पर इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, लेकिन ध्यान रहे कि इसके अधिक इस्तेमाल से त्वचा काली हो सकती है।

9. झुर्रियां घटाएं और बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करे

फिटकरी से संबंधित एनसीबीआई के एक शोध के मुताबिक यह एक प्राकृतिक एस्ट्रिंजेंट का काम करती है। फिटकरी का यह गुण त्वचा में कसाव लाकर रूखी, बेजान और लटकी त्वचा को ठीक करने में सहायक साबित हो सकता है (2)। वहीं, फिटकरी के इसी गुण को देखते हुए कई कॉस्मेटिक क्रीम में भी इसे सक्रीय घटक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है (1)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि चेहरे पर फिटकरी लगाने के फायदे बढ़ती उम्र के प्रभाव को और झुर्रियों की समस्या को ठीक करने में कुछ हद तक उपयोगी साबित हो सकते हैं। फिर भी ठोस प्रमाण की कमी के कारण साफ तौर पर यह कह पाना मुश्किल होगा कि इस मामले में यह कितनी प्रभावी साबित होगी।

10. एक्जिमा और खुजली

फिटकरी के लाभदायक गुण एक्जिमा और खुजली जैसी त्वचा से संबंधित समस्याओं में भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई के फिटकरी से संबंधित एक शोध से होती है। शोध में माना गया है कि फिटकरी कई शारीरिक समस्याओं के साथ ही एक्जिमा (त्वचा रोग का एक प्रकार) और प्यूरिटिस (खुजली) की समस्या में लाभकारी प्रभाव प्रदर्शित कर सकती है (2)

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फिटकरी के लाभदायक गुण जानने के बाद लेख के अगले भाग में अब हम फिटकरी के उपयोग के बारे में बताएंगे।

फिटकरी का उपयोग – How to Use Alum in Hindi

अलग-अलग समस्याओं में फिटकरी के उपयोग कुछ खास तरीकों से करने की सलाह दी जाती है, जो कुछ इस प्रकार हैं:

खांसी और अस्थमा के लिए : 10 ग्राम फिटकरी और 10 ग्राम चीनी को पीस कर चूर्ण बना लें और 14 भागों में अलग कर दें। अब रोज रात को सोने से पहले एक कप गर्म दूध के साथ इस चूर्ण के एक भाग का सेवन करें।

नोटखांसी के लिए फिटकरी के प्रयोग से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

दांतों और मुंह के लिए : दांतों से प्लाक और कैविटी हटाने के लिए फिटकरी को माउथवाश के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी गर्म कर लें और उसमें चुटकी भर नमक और एक छोटा चम्मच फिटकरी पाउडर मिलाकर छान लें। ठंडा होने पर इस पानी को इस्तेमाल में ला सकते हैं।

जुओं के लिए : जुओं के लिए फिटकिरी का उपयोग करने के लिए फिटकरी का पाउडर लें और इसे पानी में मिलाएं। अब इस मिश्रण को अपने स्कैल्प पर लगाएं और 10 मिनट तक मसाज करें, इसके बाद ठंडे पानी से बालों को धो लें। इसके बाद अपने बालों को शैम्पू और कंडीशन करना न भूलें।

ऐंठन के लिए : इसके लिए समान मात्रा में हल्दी और फिटकरी पाउडर लें और पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। ध्यान रहे पेस्ट मले नहीं, बल्कि लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें और बाद में हल्के गुनगुने पानी से त्वचा को धो लें। दिन में दो-तीन बार कुछ दिन यह उपाय करके दर्द से राहत मिल जाएगी।

चोट या घाव के लिए : एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच फिटकरी पाउडर मिलाएं और गुनगुना होने के लिए रख दें। अब इस पानी से चोट या घाव को दिन में दो से तीन बार धोएं।

शेव करने के बाद : शेव करने के बाद आप चेहरे पर पानी की कुछ बूंदें छिड़कर सीधा फिटकरी को रगड़ सकते हैं। ऐसा करने से सेप्टिक होने की आशंका कम हो सकती है। मगर, फिटकरी की जगह आफ्टर शेव लोशन का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर माना जाता है

झुर्रियों और एंटीएजिंग के लिए : चेहरे पर साफ पानी छिड़कें और फिटकरी के टुकड़े को सीधा पूरे चेहरे (आंखों और होंठों को छोड़कर) पर धीरे-धीरे रगड़ें।

आगे है और जानकारी

फिटकरी के उपयोग के बाद लेख के अगले भाग में हम अब फिटकरी को सुरक्षित रखने के बारे में जानेंगे।

फिटकरी को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें

निम्न बिन्दुओं के माध्यम से फिटकरी को सुरक्षित रखने के बारे में जाना जा सकता है।

  • फिटकरी के क्रिस्टल को हमेशा सुखाकर रखना चाहिए, इससे वह लंबे समय तक सुरक्षित रह सकती है।
  • इस्तेमाल के बाद इसे किसी एयर टाइट कंटेनर में रख कर इसे सुरक्षित किया जा सकता है।
  • फिटकरी पाउडर की बात करें, तो इसे हमेशा एयरटाइट कंटेनर में रखा जाना चाहिए।

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लेख के अगले भाग में हम फिटकरी से होने वाले नुकसान के बारे में बात करेंगे।

फिटकरी से नुकसान – Side Effects of Alum in Hindi

इसमें कोई शक नहीं है कि फिटकरी गुणकारी पदार्थ है, जिसका इस्तेमाल शरीर से जुड़ी कई परेशानियों के लिए कर सकते हैं, लेकिन फिटकरी के फायदे के साथ फिटकरी से नुकसान को भी नकारा नहीं जा सकता है। नीचे जानिए फिटकरी से होने वाले कुछ नुकसान (10)

  • फिटकरी को सूंघने से नाक-गले में जलन, फेफड़ों को प्रभावित करने वाली खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  • अधिक मात्रा में चेहरे पर फिटकरी लगाने के नुकसान के रूप में स्किन पर जलन व रैशेज की समस्या हो सकती है।
  • पानी में मिलाई गई फिटकरी के संपर्क में आने से आंखें बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।

अब तो आप जान गए होंगे कि सामान्य-सा दिखने वाला यह पदार्थ कितना लाभदायक है। ऐसे में आप लेख में बताई गई समस्याओं के लिए फिटकरी के उपयोग को ध्यान में रखते हुए इसे प्रयोग में ला सकते हैं। इसे इस्तेमाल में लाना बिल्कुल आसान है और इसके लिए ज्यादा मशक्कत करने की भी जरूरत नहीं है। हो सकता कि इसे लगाने से कुछ फिटकरी के नुकसान नजर आएं, लेकिन ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं, बल्कि सीधा डॉक्टर से संपर्क करें। आशा है फिटकरी के फायदे और नुकसान जानने में यह लेख काफी हद तक मददगार साबित हुआ होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या गुनगुने पानी में फिटकरी डालकर पीना फायदेमंद है?

बता दें कि पानी को साफ करने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल होता रहा है। इसके लिए पानी में फिटकरी का टुकड़ा डाल दिया जाता है और फिर बाद में पानी को छान कर पीने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। वहीं, लेख में ऊपर विस्तार से बताया गया है कि मलेरिया में फिटकरी का पानी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसके लिए गुनगुने फिटकरी के पानी का सेवन लाभकारी माना जा सकता है।

क्या फिटकरी का पानी पीना फायदेमंद है?

फिटकरी का पानी पीने से क्या होता है? अगर आपके मन में अभी भी यह सवाल है, तो बता दें कि लेख में हमने फिटकरी के सेवन के कई फायदे बताएं हैं। इसके लिए चुटकी भर फिटकरी को कुछ देर पानी में डालकर फिर उस पानी को छानकर पिया जा सकता है।

क्या फिटकरी और शहद साथ में ले सकते हैं?

फिटकरी और शहद के फायदे अस्थमा और खांसी की समस्या में राहत पहुंचा सकते हैं। इसके लिए फिटकरी और शहद को मिलाकर चाटने की सलाह दी जाती है।

फिटकरी की तासीर कैसी होती है?

फिटकरी की तासीर गर्म होती है।

क्या हम फिटकरी खा सकते हैं? क्या यह सुरक्षित है?

विशेषज्ञ के अनुसार, फिटकरी को सीधे खाने की सलाह नहीं दी जा सकती है। हां, इसके पानी का सेवन जरूर किया जा सकता है, जिसकी जानकारी हमने ऊपर लेख में दे दी है।

References

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  1. COMPOUND SUMMARY Aluminum potassium sulfate
    https://pubchem.ncbi.nlm.nih.gov/compound/Aluminum-potassium-sulfate
  2. An Experimental Study of the Anti-oxidant and the Anti-inflammatory Effects of Alum and Burnt Alum
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4331937/
  3. Effect of Supervised Use of an Alum Mouthrinse on Dental Caries Incidence in Caries-Susceptible Children: A Pilot Study
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/9017171/
  4. Potassium Aluminium Sulphate (Alum) Inhibits Growth of Human Axillary Malodor-Producing Skin Flora in Vitro
    https://www.researchgate.net/publication/305116293_Potassium_Aluminium_Sulphate_Alum_Inhibits_Growth_of_Human_Axillary_Malodor-Producing_Skin_Flora_in_Vitro
  5. Effect of an Alum-Containing Mouthrinse in Children for Plaque and Salivary Levels of Selected Oral Microflora
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/9796505/
  6. An Appraisal of Medicinal Properties of Shibb-e-Yamani (Alum): A Review
    https://www.researchgate.net/publication/330557019_An_Appraisal_of_Medicinal_Properties_of_Shibb-e-Yamani_Alum_A_Review
  7. The Use of an Alum Irrigation in the Treatment of Massive Bladder Haemorrhage
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/2594469/
  8. Treatment of Pediculosis Capitis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4458933/
  9. The age-old problem of acne
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5440448/
  10. Aluminum Sulfate Fact Sheet
    https://www.nj.gov/health/eoh/rtkweb/documents/fs/0068.pdf

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Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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