
Image: ShutterStock
पेट से जुड़ी आम समस्याओं में दस्त भी है। यह वो चिकित्सीय स्थिति है, जब मल सामान्य से बिल्कुल पतला यानी पानी की तरह आता है। मरीज को बार-बार शौच जाना पड़ता है। दस्त को डायरिया और लूस मोशन भी कहा जाता है। इस अवस्था में शरीर में पानी और ऊर्जा की कमी होने लगती, जिससे मरीज कमजोरी महसूस करने लगता है। लूस मोशन दो प्रकार के होते हैं। पहला एक्यूट डायरिया, जो 1-2 दिन तक रहता है। वहीं, दूसरा क्रोनिक डायरिया है, जो दो से अधिक दिन तक बना रहता है (1)। दूसरी स्थिति ज्यादा गंभीर होती है। दस्त से पीड़ित मरीज बस यही सोचता है कि लूस मोशन कैसे रोकें। स्टाइलक्रेज के आर्टिकल में हम विभिन्न शोधों पर आधारित दस्त रोकने के घरेलू उपाय बता रहे हैं। हां, अगर दस्त की समस्या गंभीर है, तो बिना देरी के डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।
अंत तक जरूर पढ़ें
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि दस्त के कारण क्या-क्या हैं।
दस्त के कारण – Causes of Loose Motion in Hindi
यह स्थित स्टैफिलोकोकस व एस्चेरिचिया कोलाई जैसे बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में आने से पैदा होती है (2)। इसके अलावा, दूषित, मसालेदार व जंक फूड का सेवन करने और शराब पीने से भी यह समस्या हो सकती है। इस समस्या के अन्य कारण इस प्रकार हैं (1):
- फ्लू, नोरोवायरस या रोटावायरस जैसे वायरस के कारण। बच्चों में एक्यूट दस्त का सबसे आम कारण रोटावायरस है।
- दूषित भोजन व पानी में पाए जाने वाले पैरासाइटिस के कारण।
- एंटीबायोटिक्स, कैंसर ड्रग्स और एंटासिड जैसी दवाओं का सेवन, जिनमें मैग्नीशियम होता है।
- अपच का कारण बनने वाले भोजन के कारण।
- ऐसी बीमारियां जो पेट या छोटी आंत को प्रभावित करती हैं।
- कुछ लोगों को पेट की सर्जरी के बाद भी दस्त हो जाते हैं।
आगे हम आपको दस्त के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।
दस्त के लक्षण – Symptoms of Loose Motion in Hindi
दस्त होने पर नजर आने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं (1):
- पेट में ऐंठन या दर्द का होना।
- बार-बार शौचालय जाना।
- आंतों के कार्य प्रणाली का कमजोर होना।
- अगर वायरस या बैक्टीरिया दस्त का कारण है, तो बुखार, ठंड लगना और खूनी दस्त भी हो सकते हैं।
स्क्रॉल करें
दस्त रोकने के घरेलू उपाय जानने के लिए आर्टिकल के इस हिस्से को जरूर पढ़ें।
दस्त (लूस मोशन) रोकने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Loose Motion in Hindi
दस्त की समस्या होने पर मन में यही सवाल आता है कि लूस मोशन कैसे रोके जा सकते हैं। इसके लिए वैसे तो लोग दस्त रोकने की गोली का उपयोग करते हैं, लेकिन कुछ मामलों में उसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसलिए, यहां हम बता रहे हैं कि दस्त का घरेलू इलाज क्या है।
1. नारियल पानी
सामग्री :
- एक-दो गिलास नारियल पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- दिन में एक से दो बार नारियल पानी पिएं।
- यह प्रक्रिया एक हफ्ते तक जारी रखें।
कैसे है लाभदायक :
लूज मोशन के घरेलू उपाय में नारियल पानी के फायदे देखे गऐ हैं। दरअसल, दस्त के कारण शरीर में ग्लूकोज और पानी की कमी हो जाती है और नारियल पानी इस कमी को पूरा करने का काम करता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, नारियल पानी को ग्लूकोज इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यृशन के रूप में हल्के दस्त को दूर करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। दुनिया के कुछ हिस्सों में ग्लूकोज इलेक्ट्रोलाइट ओरल रिहाइड्रेशन के कारण इसे हाइड्रेटिंग पेय के रूप में भी उपयोग किया जाता है। इसलिए, दस्त के कारण निर्जलीकरण से पीड़ित रोगियों में पानी की कमी को दूर करने में नारियल पानी फायदेमंद हो सकता है। इस प्रकार नारियल पानी हल्के दस्त का घरेलू इलाज हो सकता है, लेकिन गंभीर दस्त होने पर और किडनी की समस्या होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए (3)। इस दौरान केवल डॉक्टर के द्वारा बताई गई चिकित्सा ही लाभदायक हो सकती है।
2. दही
सामग्री :
- एक कप दही
कैसे करें इस्तेमाल :
- भोजन के बाद दही का सेवन करें।
- दिन में दो बार दही की एक-एक कटोरी खाई जा सकती है।
कैसे है लाभदायक :
दही को दस्त की घरेलू दवा माना जा सकता है। इसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया आंतों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ खराब बैक्टीरिया से लड़ने का काम करते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, दही में प्रोबायोटिक्स लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया (लैक्टोबैसिली) पाए जाते हैं। ये बैक्टीरिया उन कीटाणुओं को खत्म करने में कारगर होते हैं, जो दस्त का कारण बनते हैं। यह शरीर को उनसे लड़ने में भी मदद करते हैं। दस्त रोकने के उपाय के रूप में दही का सेवन कर सकते है (4)।
3. लूज मोशन के घरेलू उपाय में जीरा पानी
सामग्री :
- एक चम्मच जीरा
- एक गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- पानी में जीरा डालकर 10 मिनट तक अच्छी तरह गर्म करें।
- अब पानी को छान लें और ठंडा होने पर धीरे-धीरे पिएं।
- दिन में तीन से चार बार यह प्रक्रिया दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
जीरा एक गुणकारी खाद्य पदार्थ है, जो दस्त की घरेलू दवा के रूप में काम करता है। शोध में पाया गया है कि जीरा सबसे पुराने हर्बल में से एक है। जीरा को ऊर्जा और प्रतिरक्षा बढ़ाने वाला व पाचन को बेहतर करने वाला माना जाता है। शोध में पाया गया कि जीरे में पाए जाने वाले गुण के कारण इसका सेवन करने से डायरिया से पीड़ित रोगियों में दर्दनाक शौच के उपचार में कुछ सुधार हो सकता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि जीरा का उपयोग कुछ हद तक पेट दर्द और दस्त का इलाज करने में फायदेमंद हो सकता है (5)। हालांकि, इसका कौन-सा गुण दस्त पर असरदायक होता है यह अभी शोध का विषय है।
4. नींबू पानी द्वारा लूस मोशन रोकने के उपाय
सामग्री :
- आधा नींबू
- एक गिलास पानी
- चीनी आवश्यकतानुसार
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक गिलास पानी में आधा चम्मच नींबू निचोड़ लें।
- अब आवश्यकतानुसार चीनी मिलाकर मिश्रण को पिएं।
- हर दो घंटे में यह प्रक्रिया दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
दस्त रोकने के उपाय के रूप में आप नींबू पानी का सहारा ले सकते हैं। नींबू एक कारगर एंटीमाइक्रोबियल और अल्मीय गुणों से समृद्ध होता है, जो संक्रमित आंतों को आराम पहुंचाने और दस्त का कारण बनने वाले एस्चेरिचिया कोलाई (Escherichia coli) नामक बैक्टीरिया को खत्म करने का काम कर सकता है (6) (7)। इस प्रकार दस्त रोकने के घरेलू उपाय में नींबू के फायदे भी हो सकते हैं। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की जरूरत है।
5. कैमोमाइल टी
सामग्री :
- 1 से 2 चम्मच कैमोमाइल टी
- 1 कप पानी
- शहद
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक से दो चम्मच कैमोमाइल टी को पानी में डालकर तीन बार उबाल लें।
- थोड़ा ठंडा होने दें और फिर एक कप में छान लें।
- अब इसमें शहद मिलाएं और पिएं।
- यह प्रक्रिया दिन में तीन बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
कैमोमाइल एक प्रकार की औषधि है, जो शक्तिशाली एंटी-डायरियल एजेंट की तरह काम करती है (8)। कैमोमाइल में पाचन निवारक गुण होता है, जो अपच, दस्त, मोशन सिकनेस, मतली और उल्टी सहित विभिन्न पेट संबंधी विकारों को ठीक करने में मदद कर सकता है (9)। इसलिए, लूज मोशन से छुटकारा पाने के लिए कैमोमाइल टी का सहारा लिया जा सकता है और इसे दस्त रोकने के उपाय में शामिल भी किया जा सकता है।
6. लूज मोशन के घरेलू उपाय में मेथी के बीज
सामग्री :
- 2 चम्मच मेथी के बीज
- 1 गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- मेथी के बीजों को पानी में 15 मिनट तक भिगोकर रखें।
- अब बीजों को ग्राइंड कर एक गिलास पानी में मिला लें।
- अब इस पानी को पी लें।
- यह प्रक्रिया दिन में दो से तीन बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
मेथी के बीज और उससे निकाले गए तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो पेट में संक्रमण फैलाने वाले और दस्त का कारण बनने वाले एस्चेरिचिया कोलाई नामक बैक्टीरिया से लड़ने का काम भी कर सकते हैं। वहीं, ऊपर विस्तार से बताया गया है कि दस्त होने का एक कारण एस्चेरिचिया कोलाई बैक्टीरिया होता है। इसलिए, दस्त का और उसके दस्त के दौरान हाेने वाले पेट दर्द का इलाज करने के लिए मेथी के बीजों का सहारा ले सकते हैं (10)।
7. सेब के सिरका से लूस मोशन रोकने के उपाय
सामग्री :
- 2 चम्मच सेब का सिरका
- 1 गिलास गर्म पानी
- 1 चम्मच शहद
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक गिलास पानी में सेब के सिरके को अच्छी तरह से मिला लें।
- अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं।
- फिर इसे धीरे-धीरे पिएं।
- यह प्रक्रिया दिन में एक से दो बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
दस्त के इलाज के लिए सेब के सिरके का सहारा लिया जा सकता है। सेब के सिरके में एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं और यह प्रकृतिक एंटीबायोटिक होता है। ये गुण बैक्टीरिया के संक्रमण से होने वाले दस्त के इलाज के लिए प्रभावी हो सकते हैं। इस प्रकार के संक्रमण अक्सर खराब या दूषित भोजन के कारण होते हैं, जिसमें एस्चेरिचिया कोलाई या साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया हो सकते हैं (11)। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की जरूरत है।
8. अदरक
सामग्री :
- 1 से 2 चम्मच अदरक का रस
- आधा चम्मच शहद
कैसे करें इस्तेमाल :
- अदरक के रस को शहद के साथ मिला लें।
- अब इस मिश्रण को पी लें।
- यह प्रक्रिया दिन में दो से तीन बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
दस्त रोकने के उपाय में अदरक का उपयोग कर सकते हैं। अदरक एक गुणकारी खाद्य-पदार्थ है, जो एंटीबैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुणों से समृद्ध होता है अदरक पाचन तंत्र को संक्रमित करने वाले बैक्टेरिया से लड़ने के साथ-साथ आंतों को आराम पहुंचाता है। शोध में पाया गया कि आयुर्वेद में अदरक का उपयोग पेट कर कई समस्याओं के साथ ही दस्त को दूर करने के लिए भी किया जाता रहा है। इसके अलावा यह पाचन को सुधारने के साथ ही कब्ज और मतली में भी फायदेमंद हो सकता है (12)। अदरक में पाए जाने वाले बायोएक्टिव कंपाउंड दस्त और संक्रमण का कारण बनने वाले एस्चेरिचिया कोलाई और हीट-लैबाइल नामक बैक्टीरिया को कम कर सकते हैं। इससे बैक्टीरिया के द्वारा होने वाले दस्त को रोका जा सकता है (13)।
9. पुदीना और शहद
सामग्री :
- 1 चम्मच पुदीने का रस
- 1 चम्मच नींबू का रस
- 1 चम्मच शहद
- 1 कप गर्म पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- शहद को नींबू और पुदीने के रस के साथ मिलाएं।
- अब इस मिश्रण को एक कप गर्म पानी में मिलाएं।
- फिर इसे धीरे-धीरे पिएं।
- यह प्रक्रिया दिन में दो बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
पुदीना दस्त की घरेलू दवा के रूप में काम कर सकता है (14)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर इस संबंध में शोध प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन में डायरिया के लक्षणों से राहत के लिए पुदीना के तेल के फायदे देखे गए हैं। अध्ययन में यह बात सामने आई कि पुदीना का उपयोग दस्त के दौरान होने वाले पेट दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (15)। नींबू और शहद के साथ मिलकर यह और भी प्रभावकारी हो जाता है। शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटीइंफ्लेमेशन गुण पेट को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने का काम कर सकते हैं (16)। इस प्रकार दस्त रोकने के उपाय में पुदीने को इस्तेमाल किया जा सकता है।
10. दालचीनी और शहद
सामग्री :
- आधा चम्मच दालचीनी पाउडर
- एक चम्मच शहद
- एक गिलास गुनगुना पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- एक गिलास गुनगुने पानी में दालचीनी पाउडर और शहद को डालकर मिला लें।
- अब इसे धीरे-धीरे पिएं।
- इसका सेवन दिन में दो से तीन बार किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
सेहत के लिए दालचीनी के फायदे देखे गए हैं। यह एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-ऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होती है। इसके तेल में पाया जाने वाला एंटीमाइक्रोबियल गुण दस्त का कारण बनने वाले और संक्रमण फैलाने वाले ई. कोलाई नामक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकता है (17)। यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की ओर से किए गए जांच से पता चला है कि दस्त के इलाज में दालचीनी प्रभावी हो सकती है (18)। शहद के साथ मिलकर यह और भी प्रभावशाली हो जाती है और संक्रमित पेट को आराम पहुंचाने का काम कर सकती है।
11. दलिया
सामग्री :
- एक कप दलिया
- दो से तीन कप पानी
- आधा से एक चम्मच तेल
- नमक (स्वादानुसार)
कैसे करें इस्तेमाल :
- सबसे पहले कुकर में तेल डालें।
- तेल गर्म होने के बाद उसमें दलिया डालकर भून लें।
- अब इसमें पानी डालें और कुकर को बंद कर दें।
- दो से तीन सीटी के बाद गैस कम कर दें।
- दो से तीन मिनट तक धीमी आंच पर पकने के बाद गैस बंद कर दें।
- पक जाने के बाद इसका सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
ओट ब्रान यानी दलिया भी दस्त के इलाज में कारगर साबित हो सकता है। इस संबंध में एचआईवी से ग्रस्त 51 मरीजों पर 2 हफ्ते तक परीक्षण किया गया। मरीजों ने बताया कि उनके दस्त कुछ हद तक कम हो गए थे। प्रतिभागियों ने भोजन से आधे घंटे पहले ओट ब्रान लिया था। शोध के अनुसार, दलिया ने दस्त की समस्या को प्रभावी रूप से कम किया है। यह शोध एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है (19)। हालांकि, इसका कौन-सा गुण दस्त में फायदेमंद होता है, इस पर और शोध किए जाने की जरूरत है।
12. मोरिंगा का पत्ता
सामग्री :
- दो से चार मोरिंगा यानी सहजन के पत्ते
- एक गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- सहजन के पत्तों को पानी में 15 मिनट तक भिगोकर रखें।
- अब सहजन के पत्ताें को ग्राइंड कर एक गिलास पानी में मिला लें।
- फिर इस पानी को पी लें।
- इस पानी का सेवन दिन में दो से तीन बार किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
मोरिंगा जीनस यानी सजहन को ड्रम स्टिक का पेड़ कहा जाता है। स्वास्थ्य में सुधार के लिए इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका पारंपरिक उपयोग संक्रमण, बुखार को दूर करने के साथ ही दस्त को ठीक करने में भी किया जा सकता है (20)। साथ ही सहजन पत्तियों के अर्क में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो कॉलिफोर्म बैक्टीरिया के कारण होने वाले डायरिया को नियंत्रित करने में फायदेमंद हो सकते हैं (21)।
13. ब्लैक टी और नींबू
सामग्री :
- एक चम्मच चाय पत्ती
- एक चम्मच नींबू का रस
- एक गिलास पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- पानी में चाय पत्ती डालकर कुछ देर उबाल लें।
- 5 मिनट उबालने के बाद इसको छान लें और साथ ही नींबू का रस मिला लें।
- फिर इस मिश्रण को पी लें।
- यह प्रक्रिया दिन में दो बार दोहराएं।
कैसे है लाभदायक :
विश्वभर में काली चाय का सेवन किया जाता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में भी डायरिया के संबंध में काली चाय का जिक्र किया गया है। इस रिसर्च पेपर में कहा गया है कि ईरानी पारंपरिक चिकित्सा में ब्लैक टी का उपयोग दस्त का इलाज करने के लिए किया जाता है। वहीं, प्रसिद्ध मेडिकल बुक मखजान-उल-अफिया में काली चाय के एंटीडायरिया प्रभाव का उल्लेख किया है (22)।
पढ़ते रहें आर्टिकल
आर्टिकल के इस हिस्से में हम दस्त के दौरान खाने-पीने के संबंध में बरती जाने वाली सावधानी के बारे में बता रहे हैं।
दस्त में क्या खाएं, क्या न खाएं – Foods to Eat in Loose Motion in Hindi
दस्त के दौरान शरीर में ऊर्जा के साथ-साथ जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, इसलिए खानपान ठीक रखना जरूरी है। इस अवस्था में मसालेदार, जंक फूड्स और शराब से दूर रहे हैं और नीचे बताई जा रही चीजों का सेवन करें (23):
- केला : दस्त के दौरान केला काफी लाभदायक माना गया है। यह पोटैशियम से समृद्ध होता है, जो लूस मोशन को रोककर पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।
- अनार: दस्त के दौरान अनार का सेवन कर सकते हैं, इसमें एस्ट्रिंजेंट गुण पाए जाते हैं, जो लूस मोशन को नियंत्रित करने का काम करते हैं। यह शरीर की कमजोरी को भी दूर कर सकते हैं।
- स्ट्रॉबेरी : मरीज स्ट्रॉबेरी भी खा सकता है। इसमें फाइबर होता है, जो मल को सामान्य कर देता है, जिससे लूस मोशन बंद हो जाते हैं।
- ब्राउन राइस : दस्त के दौरान ब्राउन राइस का सेवन भी कर सकते हैं। यह विटामिन-बी से समृद्ध होता है, जो आराम पहुंचा सकता है।
- गाजर : डायरिया को नियंत्रित करने के लिए गाजर या गाजर का जूस पी सकते हैं। इसमें पेक्टिन पाया जाता है, जो लूस मोशन को रोकने का काम करता है। इसके अलावा, अमरूद भी खा सकते हैं।
- ओआरएस : डायरिया के दौरान शरीर में तरल की कमी हो जाती है। इसे पूरा करने के लिए ओआरएस पीते रहें। ओआरएस को एक लीटर पानी में छह चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक के साथ घोलकर बनाकर दे सकते हैं। ओआरएस दस्त के देसी इलाज के रूप में काम करता है।
आगे पढ़ें
आइए, अब जानते हैं कि किन अवस्थाओं में दस्त होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है।
दस्त के जोखिम कारक – Risk Factors of Loose Motion in Hindi
दस्त की समस्या बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी हो सकती है। यहां हम बता रहे हैं उन जोखिम कारकों के बारे में, जिससे दस्त होने की आशंका बढ़ जाती है (24):
- दस्त जीवन में हर किसी को हाे सकते हैं, यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
- अशुद्ध पानी पीने वालों को यह समस्या होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है।
- अधिक समय तक स्टोरी किए गए भोजन को खाने वाले भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
- इर्रिटेबल बॉवल सिंड्रोम, सीलिएक रोग, क्रोहन रोग व हाइपरथायरॉइडिज्म से ग्रस्त मरीजों को भी दस्त की समस्या हो सकती है।
- फीडिंग बोतल को बिना साफ किए बच्चों को दूध पिलाने से भी दस्त हो सकते हैं।
अभी बाकी है जानकारी
आर्टिकल के इस हिस्से में दस्त के इलाज के बारे में बताया जा रहा है।
दस्त का इलाज – Treatment For Loose Motion in Hindi
दस्त का इलाज करने के लिए एक महत्वपूर्ण पदार्थ है इलेक्ट्रोलाइट, जो दस्त के दौरान शरीर से निकलने वाले पानी के नुकसान की भरपाई करने में मदद करता है। इसके अलावा निम्न उपायों के द्वारा भी दस्त का उपचार किया जा सकता है (23):
- मरीजों को फलों का रस पीने के लिए दिया जाना चाहिए, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो।
- कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाने चाहिए।
- मल-स्राव को कम करने के लिए एंटी-सेक्रेटरी गुण या एंटी-मोटिलिटी दवा के साथ ही एंटी-डायरियल थेरेपी की जा सकती है।
- प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स भी एक्यूट दस्त वाले रोगियों में फायदेमंद हो सकते हैं।
- क्रोनिक दस्त के उपचार के लिए कोलोनोस्कोपी या अपर एंडोस्कोपी जैसी टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है।
अभी बाकी है जानकारी
यहां हम दस्त की समस्या से बचने के उपाय बता रहे हैं।
दस्त (लूस मोशन) से बचाव के उपाय – Prevention Tips For Loose Motion in Hindi
दस्त की समस्या न हो इसके लिए हम पहले से ही कुछ उपायों को अपना सकते हैं, जो इस प्रकार है:
- डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खूब पानी पीना चाहिए।
- खराब भोजन से बचाना चाहिए, क्योंकि वह दस्त का कारण बन सकता है।
- अल्कोहल के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में यह पेट की खराबी का कारण बन सकता है।
- भोजन करने से पहले और बाद में हाथ व मुंह को अच्छी तरह साफ करें। अपने शरीर और अपने आसपास की जगह को साफ-सुधरा रखें।
आपने आर्टिकल के माध्यम से जाना कि अगर समय रहते दस्त का इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर रूप भी ले सकता है। इसके अलावा, आपने दस्त के घरेलू उपचार के बारे में भी विस्तार से जाना, लेकिन दिए हुए दस्त के घरेलू उपचार कुछ हद तक ही फायदेमंद हो सकते हैं। इसके अलावा, किसी भी गंभीर स्थिति के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और दस्त का उपचार करवाएं। आशा करते हैं कि यह आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद रहा होगा। स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहें स्टाइलक्रेज।
References
Articles on thebridalbox are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
- Diarrhea
 https://medlineplus.gov/diarrhea.html
- Diarrhea
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK414/
- Young Coconut Water for Home Rehydration in Children With Mild Gastroenteritis
 https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/1496708/
- Can probiotics help against diarrhea?
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK373095/
- Cumin Extract for Symptom Control in Patients with Irritable Bowel Syndrome: A Case Series
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3990147/
- Diarrhoea Caused by Escherichia Coli
 https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/7687108/
- Phytochemical, antimicrobial, and antioxidant activities of different citrus juice concentrates
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4708628/
- Antidiarrhoeal, antisecretory and antispasmodic activities of Matricaria chamomilla are mediated predominantly through K+-channels activation
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4410481/
- Chamomile: A herbal medicine of the past with bright future
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2995283/
- Investigating Therapeutic Potential of Trigonella foenum-graecum L. as Our Defense Mechanism against Several Human Diseases
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4739449/
- Antimicrobial activity of apple cider vinegar against Escherichia coli, Staphylococcus aureus and Candida albicans; downregulating cytokine and microbial protein expression
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5788933/
- Ginger in gastrointestinal disorders: A systematic review of clinical trials
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6341159/
- Ginger and Its Bioactive Component Inhibit Enterotoxigenic Escherichia Coli Heat-Labile Enterotoxin-Induced Diarrhea in Mice
 https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17880155/
- Peppermint and Its Functionality: A Review
 https://www.researchgate.net/publication/319529691_Peppermint_and_Its_Functionality_A_Review
- Efficacy of Peppermint Oil in Diarrhea Predominant IBS – A Double Blind Randomized Placebo – Controlled Study
 https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23416804/
- Honey: Its Antibacterial Action in the Treatment of Gastroenteritis
 https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12314387/
- Cinnamon: A Multifaceted Medicinal Plant
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4003790/
- Cinnamon effects on metabolic syndrome: a review based on its mechanisms
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5220230/
- Oat Bran Treats Diarrhea
 https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/11366840/
- Moringa Genus: A Review of Phytochemistry and Pharmacology
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5820334/
- Control of Coliform Bacteria Detected From Diarrhea Associated Patients by Extracts of Moringa Oleifera
 https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/20677603/
- The Effect of Black Tea (Camellia sinensis (L) Kuntze) on Pediatrics With Acute Nonbacterial Diarrhea
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5871214/
- Diarrhea
 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK448082/
- Risk Factors for the Transmission of Diarrhoea in Children: A Case-Control Study in Rural Malaysia
 https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/1521988/
Read full bio of Dr. Zeel Gandhi
Read full bio of Saral Jain
 
 