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दिन-ब-दिन बढ़ती बीमारियों के चलते लोग सेहत के प्रति सजग तो हो रहे हैं, लेकिन ओरल हेल्थ पर ध्यान नहीं देते। जी हां, आज भी कई लोग खाना खाने के बाद कुल्ला करना और रात में सोने से पहले मुंह की अच्छे से सफाई करना भूल जाते हैं। साथ ही ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिनकी दिनचर्या में ये आदतें शामिल ही नहीं हैं। नतीजन आगे चलकर मुंह से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें दांतों में कैविटी यानी दांतों में कीड़े लगना भी शामिल है। स्टाइलक्रेज के इस लेख के जरिए हम कैविटी के लक्षण और कैविटी का घरेलू उपचार कैसे किया जाए, इस संबंध में जानकारी दे रहे हैं।
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कैविटी के लक्षण और कारण जानने से पहले हम कैविटी क्या है, यह बता रहे हैं।
कैविटी क्या है – What is Tooth Cavity in Hindi
मुंह में कई सारे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इनमें से कुछ बैक्टीरिया मौखिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जिनके कारण मुंह से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। ये बुरे बैक्टीरिया मुंह में एसिड बनाते हैं और दांतों की कठोर परत (एनामेल) को नष्ट करने लगते हैं। इस कारण दांतों का क्षय (Tooth decay) होता है (1)।
दांतों का क्षय होने से उनमें छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं, जिन्हें हम कैविटी कहते हैं। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन बच्चे इस समस्या की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। यदि दांतों की सड़न का इलाज नहीं किया जाता है, तो इसके कारण दर्द, संक्रमण और कई सारी बीमारियां हो सकती हैं (2)।
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कैविटी क्या है, यह बताने के बाद लेख के अगले भाग में हम इसके लक्षण बता रहे हैं।
कैविटी के लक्षण – Cavity Symptoms in Hindi
शुरुआती दौर में कैविटी के कोई भी लक्षण नजर आते, लेकिन समस्या बढ़ने पर कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। आइए, कुछ बिंदुओं के माध्यम से उनके बारे में जानते हैं (1):
- दांत में हल्का या तेज दर्द
- खाद्य या पेय पदार्थों से दांतों में ठंडा या गर्म लगना
- दांतों पर सफेद या भूरे रंग के धब्बों का दिखना
- दांतों में छेद दिखाई देना
- मुंह का इंफेक्शन, जिससे मसूड़ों या चेहरे पर सूजन या फिर बुखार आना
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कैविटी के लक्षण के बाद आगे हम दांतों में कैविटी के कारण पर प्रकाश डालेंगे।
कैविटी (दांतों में कीड़े) के कारण – Causes of Cavity in Hindi
जब भी हम कुछ खाते हैं या पीते हैं, तो उसके कुछ अंश हमारे दांतों के बीच अटके रह जाते हैं। दांतों की सफाई न करने से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया खाने में मौजूद शुगर से एसिड बनाते हैं (3)। यह एसिड एक पीले रंग की परत के रूप में दांतों पर जमा होने लगता है, जिसके कारण कैविटी हो जाती है (1)। यह तो हो गया दांतों में कैविटी का मुख्य कारण। अब हम कुछ बिंदुओं के माध्यम से इसके अन्य कारणों के बारे में भी जान लेते हैं।
- चिपचिपे खाद्य पदार्थों का सेवन, जैसे कैंडी
- शुगर व स्टार्च वाले खाद्य या पेय पदार्थ जैसे दूध, सोडा व जूस का लगातार सेवन
- मुंह और दांतों की अच्छे से सफाई न करना
- मुंह का सूखापन यानी मुंह में लार की कमी
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दांतों में कैविटी के कारण के बाद आगे हम कैविटी का घरेलू उपचार बता रहे हैं।
कैविटी के लिए कुछ घरेलू उपाय – Home Remedies for Cavity in Teeth in Hindi
कैविटी को हटाने के लिए डॉक्टर द्वारा बताए गए चिकित्सकीय इलाज के अलावा घर में कुछ घरेलू उपचार भी किए जा सकते हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही कैविटी हटाने के घरेलू उपचार के बारे में बता रहे हैं।
1. नारियल तेल से कुल्ला
सामग्री :
- एक चम्मच शुद्ध कोल्ड प्रेस्ड नारियल तेल
कैसे इस्तेमाल करें :
- नारियल तेल को मुंह में डालें।
- करीब दस मिनट तक इसे मुंह में अच्छे से घुमाते हुए कुल्ला करें।
- समय पूरा होने पर इसे थूक दें।
- बाद में दांतों को अच्छे से ब्रश और फ्लॉस (दांतों के बीच पतले धागे की मदद से की जाने वाली सफाई) कर लें।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन एक बार दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
नारियल तेल का उपयोग दांतों की कैविटी को दूर कर सकता है। शोध के अनुसार, नारियल के तेल में लोरिक एसिड होता है। यह लार में मौजूद एसिड, जैसे – सोडियम हाइड्रोक्साइड और बाइकार्बोनेट के साथ मिलकर प्लाक को कम करता है और दांतों की सफाई में मदद कर सकता है। शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि लोरिक एसिड में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कैविटी को रोककर मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं (4)।
2. मुलेठी की जड़
सामग्री :
- मुलेठी की जड़ का एक टुकड़ा या पाउडर
कैसे इस्तेमाल करें :
- मुलेठी की जड़ या पाउडर से ब्रश करें।
- अच्छे से ब्रश करने के बाद पानी से कुल्ला करके मुंह साफ कर लें।
- इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
कैविटी की समस्या से राहत पाने के लिए मुलेठी की जड़ का उपयोग भी फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि मुलेठी की जड़ में एंटी-कैविटी गुण होता है, जो कैविटी से बचाव कर सकता है। साथ ही इसका एंटी बैक्टीरियल गुण संक्रमण के कारण दांतों में होने वाली सड़न और प्लाक से बचाव कर सकता है (5)।
3. नीम
सामग्री :
- नीम की टहनी का एक टुकड़ा
कैसे इस्तेमाल करें :
- सबसे पहले नीम के टुकड़े के ऊपर वाले हिस्से को चबाकर नरम कर लें।
- जब उसके रेशे नरम हो जाएं, तो उसे दांतों पर 10 से 15 मिनट तक मलें।
- दांतों की अच्छी तरह सफाई हो जाने पर पानी से कुल्ला करें।
- इस प्रक्रिया को दिन में एक बार दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
सदियों से ही नीम का उपयोग दांतों की सफाई के लिए दातुन के रूप में किया जाता रहा है। नीम पर हुए शोध के अनुसार, इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होता है, जो ओरल कैविटी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के प्रभाव को कम कर सकता है (6)।
इसके अलावा, नीम की छाल और पत्ती का अर्क भी प्रभावी रूप से कैविटी और मसूड़ों की बीमारी को रोकने के लिए किया जा सकता है। नीम के पत्तियों को पानी में उबालकर माउथ वॉश की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं (6)।
4. लौंग
सामग्री :
- दो से तीन बूंद लौंग का तेल
कैसे इस्तेमाल करें :
- सबसे पहले एक रूई का टुकड़ा लें।
- रूई के टुकड़े पर दो से तीन बूंद लौंग का तेल डालें।
- अब रूई के इस टुकड़े को प्रभावित दांत पर लगा लें।
- इस प्रक्रिया को रात में सोने से पहले करें और रात भर के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- जब तक दांतों का दर्द दूर नहीं हो जाता, इस प्रक्रिया को प्रतिदिन रात में दोहरा सकते हैं।
- इसके अलावा, इस तेल को दांतों पर मलकर 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
- फिर साफ पानी से कुल्ला कर लें।
कैसे है उपयोगी :
कैविटी की वजह से होने वाले दर्द को कम करने के लिए लौंग के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, लौंग में यूजेनॉल नामक कंपाउंड होता है, जो दांत के दर्द को दूर कर सकता है। साथ ही यूजेनॉल कंपाउंड का इस्तेमाल डेंटिस्ट जिंक ऑक्साइड के साथ कैविटी को अस्थायी रूप से भरने के लिए भी करते हैं। इसी वजह से कैविटी और उसके कारण होने वाले दर्द को दूर करने में लौंग के तेल को सहायक माना जाता है (7)।
5. लहसुन
सामग्री :
- तीन से चार लहसुन की कलियां
कैसे इस्तेमाल करें :
- लहसुन की कलियों को कुचल कर अच्छे से पेस्ट बना लें।
- अब इस पेस्ट को दांतों पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
- समय पूरा होने पर साफ पानी से कुल्ला करें और फिर ब्रश कर लें।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन एक बार दोहराने से आपको आराम मिलना शुरू हो जाएगा।
कैसे है उपयोगी :
लहसुन का उपयोग करके भी प्लाक और कैविटी की समस्या को दूर किया जा सकता है। एक शोध में पाया गया है कि लहसुन में मौजूद एंटी बैक्टीरियल और फंगीसाइडल गुण दांतों को कीड़ों से बचा सकते हैं। ये दोनों गुण कैविटी का कारण बनने वाले फंगस कैंडीडा एल्बीकैंस (Candida Albicans) को खत्म करके कैविटी से बचाव कर सकते हैं (8)।
6. नमक पानी का मिश्रण
सामग्री :
- एक चम्मच नमक
- एक गिलास गर्म पानी
कैसे इस्तेमाल करें :
- एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नमक मिला लें।
- पानी गुनगुना हो जाने पर इससे कुल्ला करें।
- इस प्रक्रिया को दिन में करीब तीन से चार बार तक दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
नमक पानी के घोल से भी कैविटी का उपचार किया जा सकता है। नमक पानी का नियमित रूप से उपयोग करने पर यह एंटीप्लाक एजेंट की तरह कार्य करता है। मतलब यह प्लाक को खत्म करके कैविटी से बचाव कर सकता है। इसके लिए 100 ml पानी में 4.7 ग्राम सोडियम क्लोराइड यानी टेबल साल्ट मिलाकर मुंह कुल्ला कर सकते हैं, जिससे प्लाक और हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकता है (9)।
7. हल्दी
सामग्री :
- एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर
कैसे इस्तेमाल करें :
- हल्दी पाउडर को उंगली पर लेकर अपने दांतों और मसूड़ों पर मलें।
- अब 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- फिर पानी से कुल्ला कर लें।
- इस प्रक्रिया को प्रतिदिन दोहरा सकते हैं।
कैसे है उपयोगी :
हल्दी का उपयोग भी दांत की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, हल्दी में करक्यूमिन कंपाउंड होता है, जो बैक्टीरिया को नष्ट करके दांतों में कैविटी होने से बचा सकते हैं। इतना ही नहीं, हल्दी से गिंगिवाइटिस (मसूड़ों में सूजन) और परियोडोंटिस (मसूड़ों का ढीलापन) से भी बचाव हो सकता है (10)।
8. आंवला
सामग्री :
- एक चौथाई चम्मच आंवला चूर्ण
कैसे इस्तेमाल करें :
- आंवला चूर्ण को उंगली पर लेकर दांतों पर अच्छे से मल लें।
- अब इसे 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
- अंत में पानी से कुल्ला करके मुंह को अच्छे से साफ कर लें।
कैसे है उपयोगी :
आंवला का इस्तेमाल भी कैविटी से बचाव कर सकता है। दरअसल, इसमें एंटी माइक्रोबियल गुण होता है, जो मुंह में पनपने वाले हानिकारक बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी असर दिखा सकता है। खासकर आंवला कैविटी पैदा करने वाले लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus ) बैक्टीरिया को दूर करता है (11)। इसी कारण से आंवले का चूर्ण और आंवला पानी से माउथवॉश करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से दांतों को कैविटी से बचा जा सकता है।
9. फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट
सामग्री :
- फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट
कैसे इस्तेमाल करें :
- फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से अच्छे से ब्रश करें।
- बाद में पानी से कुल्ला करके मुंह को साफ कर लें।
- इसे नियमित रूप से दिन में दो बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है उपयोगी :
फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट कैविटी को दूर करने सहायक हो सकता है। ऐसा करने से टूथपेस्ट में मौजूद फ्लोराइड दांत में आसानी से अवशोषित हो जाता है, जिससे दांत मजबूत होते हैं। शोध के मुताबिक, हर दिन फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करने पर दांतों के क्षय को रोका जा सकता है (12)। इस कारण हम यह कह सकते हैं कि फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट से ब्रश करके दांतों में कैविटी की समस्या से कुछ हद तक बचा जा सकता है।
10. शुगर फ्री गम
सामग्री :
- शुगर फ्री च्युइंग गम
कैसे इस्तेमाल करें :
- शुगर-फ्री च्युइंग गम को चबाएं।
- इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
कैविटी का उपचार करने के लिए शुगर-फ्री च्युइंग गम का भी उपयोग किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, शुगर-फ्री च्युइंग गम को चबाने से मुंह के बैक्टीरिया और कैविटी की समस्या दोनों से राहत मिल सकती है। साथ ही यह दांतों पर प्लाक (परत) को भी जमने नहीं देता (13)। इस विषय पर स्पष्टता के लिए अधिक रिसर्च करने की भी सिफारिश की गई है।
11. एलोवेरा
सामग्री :
- आधा चम्मच एलोवेरा जेल
कैसे इस्तेमाल करें :
- आधा चम्मच एलोवेरा जेल को टूथब्रश पर लगाएं।
- अब कुछ मिनट इससे दांतों को अच्छे से साफ करें।
- बाद में पानी से कुल्ला कर लें।
- इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार दोहराएं।
कैसे है उपयोगी :
कैविटी का घरेलू उपचार करने के लिए एलोवेरा की भी मदद ले सकते हैं। एक शोध में यह पाया गया है कि एलोवेरा में मौजूद एंटी माइक्रोबियल गुण कैविटी पैदा करने वाले बुरे बैक्टीरिया को दूर कर सकता है (14)। इस कारण दांतों में कीड़े लगने के उपाय के तौर पर एलोवेरा जेल का उपयोग किया जाता है (15)।
12. विटामिन डी
सामग्री :
- विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ
कैसे इस्तेमाल करें :
- विटामिन-डी युक्त पदार्थ, जैसे – मछली, अंडा व पनीर को आहार में शामिल करें।
- डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
कैसे है उपयोगी :
विशेषज्ञों के मुताबिक, विटामिन-डी दांतों के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकता है। शोध में पाया गया है कि विटामिन डी का उपयोग करने पर यह दांतों के क्षय को रोकने में मददगार हो सकता है (16)। इस कारण दांतों में कीड़े लगने के उपाय के तौर पर विटामिन-डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
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कैविटी का घरेलू उपचार जानने के बाद आगे कैविटी के निदान पर एक नजर डाल लेते हैं।
कैविटी का निदान कैसे करें – Diagnosis of Cavity Disease in hindi
नियमित तौर पर दांतों की जांच से कैविटी का निदान हो सकता है। इसके लिए डेंटिस्ट दो तरह की जांच करने की सलाह दे सकते हैं (17):
- रेगुलर डेंटल चेकअप
- दांतों में सफेद स्पॉट चेक करके
- एक्स-रे
कैविटी के निदान के बाद आर्टिकल में कैविटी के इलाज के बारे में पढ़ें।
कैविटी का इलाज – Cavity Treatments in Hindi
कैविटी की समस्या का इलाज उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। इसका इलाज कई प्रकार से किया जा सकता है। शोध में हम आपको आगे कैविटी के इलाज के तरीकों के बारे में बता रहे हैं (1) (17):
- फ्लोराइड ट्रीटमेंट: दांतों के क्षय को दूर करने के लिए फ्लोराइड का उपयोग किया जा सकता है। फ्लोराइड के उपयोग से एनेमल को रिपेयर होते हैं, जिससे कैविटी से बचाव हो सकता है।
- फिलिंग: कैविटी के इलाज के लिए डेंटिस्ट आमतौर पर खोखले दांतों की फिलिंग करके कैविटी का इलाज करते हैं। फिलिंग से पहले डॉक्टर कैविटी वाले दांत के ऊतकों को हटा देते हैं और फिर फिलिंग मटेरियल से खाली स्थान को भर देते हैं।
- रूट कैनाल: यदि दांतों में संक्रमण अंदर तक फैल गया है, तो रूट कैनाल की आवश्यकता हो सकती है। इसमें डेंटिस्ट जड़ तक सड़े हुए दांतों की रूट को साफ करते हैं। इसके बाद अस्थायी फिलिंग कर दी जाती है। फिर कुछ समय के बाद दांतों को स्थायी रूप से भरके उसपर फिलिंग या क्राउन चढ़ाया जाता है।
- दांत निकालना: संक्रमण की समस्या गंभीर होने पर डेंटिस्ट सड़े हुए दांतों को जड़ से निकाल देते हैं, इस दांत के स्थान पर कोई दूसरा नकली दांत लगाया जा सकता है।
आगे पढ़ें
चलिए, आगे कैविटी के बचाव से जुड़े कुछ टिप्स जान लेते हैं।
कैविटी से बचाव – Prevention Tips for Cavity in Hindi
आइए, निम्न बिंदुओं के माध्यम से दांतों में कैविटी से बचाव संबंधी कुछ अहम बातों को जान लेते हैं (1) (17)।
- दांतों में कैविटी की समस्या होने पर ध्यान रहे कि पर्याप्त मात्रा में फ्लोराइड युक्त पदार्थों का उपयोग करें, जैसे – फ्लोराइड टूथपेस्ट, फ्लोराइड युक्त पानी, फ्लोराइड युक्त माउथवॉश आदि।
- प्रतिदिन दांतों को ब्रश और फ्लॉस करें और मुंह की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- खाने के बाद कुल्ला करना न भूलें।
- चिपचिपे खाद्य और पेय पदार्थों का कम सेवन करें।
- तंबाकू युक्त पदार्थों से दूर रहें।
- डेंटिस्ट से दांतों की समय-समय पर जांच कराते रहें।
- मुमकिन हो तो अपने बच्चों के दाढ़ के दांतों में सीलेंट (एक सिरेमिक पाउडर, जो दांतों के खांचों में भरा जाता है) लगवाएं, ताकि खाद्य पदार्थ दांतों पर चिपका न रह जाए।
लेख को पढ़ने के बाद हम उम्मीद करते हैं कि कैविटी क्या है, इस सवाल का जवाब आपको मिल ही गया होगा। दांतों में कीड़े लगने के लक्षण और उपचार संबंधी इन उपायों को अपनाकर कैविटी से बचा जा सकता है। इसके अलावा, अगर आपका कोई करीबी इस समस्या से जूझ रहा है, तो लेख से हासिल जानकारी का इस्तेमाल आप उसकी सहायता के लिए भी कर सकते हैं। साथ ही इस आर्टिकल को उनके साथ साझा भी कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या कैविटी फैल सकती हैं?
कैविटी एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में सीधे तौर पर स्थानांतरित नहीं होती। जब तक दूसरा व्यक्ति प्रभावित व्यक्ति के मुंह के बैक्टीरिया के सीधा संपर्क में नहीं आता। मुख्य तौर पर ऐसा जूठा खाने व छींकने से हो सकता है।
कैविटी की समस्या के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
जब दांतों में दर्द या ठंडा-गर्म पानी लग रहा हो, तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
क्या किसिंग से कैविटी फैल सकती है?
किसिंग के माध्यम से कैविटी फैलाने वाले जर्मस और बैक्टीरिया फैल सकते हैं (18)।
दांतों को भरने में कितना समय लगता है?
डॉक्टर दांतों की फिलिंग करने के लिए आधे से एक घंटे तक का समय ले सकते हैं।
कैविटी कैसे दिखती है यानी दांतों के कीड़े कैसे दिखते हैं?
कैविटी होने पर दांतों में छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं, जो समय के साथ बढ़ सकते हैं।
बिना फिलिंग के कैविटी को कैसे ठीक किया जा सकता है?
किसी भी उपाय से खुद-ब-खुद दांत दोबारा से नहीं भरते हैं। इसके लिए फिलिंग करवानी जरूरी है। हां, भविष्य में होने वाली कैविटी से दांतों को उसका सही देखभाल करके बचाया जा सकता है। इसके लिए दांतों को ब्रश करने के लिए फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट, माउथवॉश और ऊपर दिए गए उपाय को आजमा सकते हैं।
क्या कैविटी अपने आप ठीक हो सकती है?
नहीं, कैविटी के कारण दांतों की क्षति होने पर यह अपने आप ठीक नहीं होती है। इसके इलाज के लिए डेंटिस्ट के पास जाना ही बेहतर उपाय है।
References
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- Tooth Decay
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https://www.nidcr.nih.gov/health-info/tooth-decay - The Tooth Decay Process: How to Reverse It and Avoid a Cavity
https://www.nidcr.nih.gov/health-info/tooth-decay/more-info/tooth-decay-process - Oil pulling for maintaining oral hygiene – A review
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5198813/#:~:text=The%20process%20of%20emulsification%20of,5%20min%20of%20oil%20pulling.&text=This%20oil%20will%20coat%20the,co%2Daggregation%20and%20plaque%20formation.&text=Thus%20plaque%20building%20bacteria%20responsible,removed%20from%20the%20oral%20cavity. - Tooth brushing, oil pulling and tissue regeneration: A review of holistic approaches to oral health
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3131773/ - Azadirachta indica: A herbal panacea in dentistry – An update
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4441161/ - Antibacterial effect of different concentrations of garlic (Allium sativum) extract on dental plaque bacteria
https://www.ijdr.in/article.asp?issn=0970-9290%3Byear=2013%3Bvolume=24%3Bissue=1%3Bspage=71%3Bepage=75%3Baulast=Houshmand - Comparative evaluation of salt water rinse with chlorhexidine against oral microbes: A school-based randomized controlled trial
https://www.jisppd.com/article.asp?issn=0970-4388%3Byear=2017%3Bvolume=35%3Bissue=4%3Bspage=319%3Bepage=326%3Baulast=Aravinth - Role of curcumin in systemic and oral health: An overview
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3633300/ - An in-vivo comparative evaluation of two herbal extracts Emblica officinalis and Terminalia Chebula with chlorhexidine as an anticaries agent: A preliminary study
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3842725/ - Preventing tooth decay in children and teenagers
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279515/ - SUGAR-FREE CHEWING GUM AND DENTAL CARIES – A SYSTEMATIC REVIEW
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4327235/ - Benefits of Aloe vera in dentistry
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4439686/ - Aloe Vera in Dentistry
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4253296/ - Vitamin D and its impact on oral health–an update
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21748977/ - Tooth Decay
https://www.nidcr.nih.gov/health-info/tooth-decay/more-info - Shaping the oral microbiota through intimate kissing
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4233210/
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