
Image: ShutterStock
विषय सूची
मां बनना हर महिला का ख्वाब होता है, क्योंकि यह उसे संपूर्णता का अहसास दिलाता है। वहीं, कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें यह खुशी हासिल नहीं होती। लाख कोशिशों के बावजूद गर्भधारण कर पाने में उन्हें सफलता नहीं मिलती। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनकी वजह से उन्हें इस समस्या से जूझना पड़ता है। इनमें से ही एक है फैलोपियन ट्यूब में रुकावट यानी ट्यूब का ब्लॉक होना। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम इस समस्या के होने के कारण, उपाय, उपचार और निदान के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही इससे संबंधित कुछ घरेलू उपचारों की जानकारी भी आपको लेख के माध्यम से दी जाएगी।

उपचार, उपाय और निदान के बारे में जानने से पहले हम यह पता करते हैं कि फैलोपियन ट्यूब में रुकावट क्या होती है।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट क्या होती है?
गर्भधारण की प्रक्रिया में फैलोपियन ट्यूब की भूमिका अहम है। बता दें कि इसी ट्यूब की सहायता से महिला के सक्रीय अंडे अंडाशय से निकलकर गर्भाशय तक जाते हैं। वहीं, इसी ट्यूब में महिला का अंडा शुक्राणुओं के संग मिलन यानी निषेचन के लिए इंतजार करता है। फिर भ्रूण इसी फैलोपियन ट्यूब से होते हुए गर्भाशय तक पहुंचते हैं। इस ट्यूब में किसी प्रकार का जमाव, इन्फेक्शन या सूजन आ जाने के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती। इसे ही फैलोपियन ट्यूब में रुकावट या ब्लॉकेज कहा जाता है (1)।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के कई प्रकार हो सकते हैं, जिनके बारे में हम लेख के आगे के भाग में जानेंगे।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावटों के प्रकार
मुख्य रूप से फैलोपियन ट्यूब में रुकावट तीन प्रकार से हो सकती है, जो ट्यूब के अलग-अलग भागों पर निर्भर करता है (1)।
- डिस्टल ट्यूबल ब्लॉकेज : जब ट्यूब में रुकावट अंडाशय के सबसे करीबी भाग में हो, तो इस स्थिति को डिस्टल ट्यूबल ब्लॉकेज कहा जाता है।
- मिडसेग्मेंट ब्लॉकेज : जब फैलोपियन ट्यूब के मध्य भाग में किसी कारण से अवरोध पैदा हो जाता है, तो इसे मिडसेग्मेंट ब्लॉकेज के नाम से जाना जाता है।
- प्रोक्सिमल ट्यूब ब्लॉकेज : फैलोपियन ट्यूब में आने वाली रुकावट उसके अंतिम भाग (गर्भाशय के पास जहां ट्यूब खत्म होती है) में भी हो सकती है। रुकावट की इस स्थिति को प्रोक्सिमल ट्यूब ब्लॉकेज कहा जाता है
फैलोपियन ट्यूब में रुकावटों के प्रकार जानने के बाद हम इसके लक्षणों के बारे में बात करेंगे।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के लक्षण क्या हैं? | Fallopian Tube Band Hone Ke Lakshan
बता दें कि किसी भी महिला के लिए यह जान पाना कि उसके फैलोपियन ट्यूब में रुकावट है या नहीं मुश्किल होता है। सामान्य तौर पर इस समस्या के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते। ऐसे में हम पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) के लक्षणों को फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के लक्षणों के तौर पर देख सकते हैं, क्योंकि फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का मुख्य और सबसे आम कारण इसी समस्या को माना जाता है। बता दें कि पीआईडी की समस्या के कारण फैलोपियन ट्यूब में इंफेक्शन होता है। इंफेक्शन बढ़ने की स्थिति में टयूब में रुकावट की समस्या पैदा होती है। यहां हम कुछ ऐसे ही लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जो पीआईडी की समस्या से जुड़े हैं (2)।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द का होना। बता दें यह दर्द हल्का भी हो सकता है और कुछ स्थितियों में ज्यादा भी।
- बार-बार बुखार आना भी फैलोपियन ट्यूब से संबंधित हो सकता है।
- योनि से बदबूदार पदार्थ का निकलना।
- संभोग के वक्त दर्द का अहसास होना।
- पेशाब करने में तकलीफ महसूस होना।
- अनियमित मासिक चक्र और पेट के ऊपरी हिस्से में असहनीय दर्द का होना।
नोट :- इन लक्षणों के दिखाई देने की स्थिति में तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के लक्षणों के बाद अब हम इसके कारणों के बारे में जानते हैं।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के कारण क्या हैं?
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के कारणों के बारे में बात करें, तो इसके होने की कई वजह हो सकती है। इनमें से कुछ जरूरी वजहों को हम निम्न बिन्दुओं के माध्यम से समझाने की कोशिश करेंगे।
- पीआईडी (पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज) : फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का एक कारण पीआईडी यानी पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज हो सकती है। बता दें कि यह महिला के यौन अंग से संबंधित एक संक्रमण है (2)।
- एसआईटी (यौन संचारित संक्रमण) : फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का एक कारण यौन संचारित संक्रमण भी हो सकता है। एक शोध में इस बात का जिक्र किया गया है कि यौन संचारित संक्रमण जैसे :- क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस और गोनोरिया के उपचार के बाद फैलोपियन ट्यूब में रुकावट आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं (3)।
- पेट के रोग या सर्जरी : फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का एक मुख्य कारण पेट से संबंधित रोग जैसे:- कोलाइटिस और एपेंडिसाइटिस भी हो सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर पेट से संबंधित सर्जरी भी इसकी एक बड़ी वजह बन सकती है। बताया जाता है कि इन दोनों ही स्थितियों में फैलोपियन ट्यूब के पूर्ण या आंशिक रूप से बंद होने की आशंका रहती है (4)।
- एंडोमेट्रियोसिस : यह फैलोपियन ट्यूब से संबंधित ऐसी अवस्था है, जिसमें गर्भाशय के टिशू गर्भ से बाहर की ओर (यानी फैलोपियन ट्यूब में) बढ़ने लगते हैं। इस कारण गर्भाशय के ये बढ़े हुए टिशू फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का कारण बन सकते हैं (6)।
- एक्टोपिक गर्भावस्था : एक्टोपिक प्रेगनेंसी वह स्थिति है जिसमें अंडा निषेचित तो होता है, लेकिन गर्भाशय में नहीं जा पाता। वह फैलोपियन ट्यूब में ही अटक कर रह जाता है। यह एक गंभीर समस्या है, जो फैलोपियन ट्यूब को नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि, अस्थानिक गर्भावस्था (Ectopic Pregnancy) के कारण फैलोपियन ट्यूब में रुकावट तो नहीं आती, लेकिन ट्यूबल डिजीज और पीआईडी (पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज) की समस्या जरूरी हो सकती है (7)।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के कारणों को जानने के बाद अब हम जानेंगे इससे संबंधित जोखिम कारकों के बारे में।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के अधिक जोखिम में कौन हैं?
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के अधिक जोखिम की बात की जाए, तो ऐसे लोगों को इस समस्या के प्रति अधिक सावधान रहना चाहिए।
- पेट से संबंधित बीमारी कोलाइटिस और एपेंडिसाइटिस से ग्रस्त लोगों में फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का जोखिम अधिक होता है (4)।
- जिन लोगों की पेट से संबंधित सर्जरी हुई है, उनमें इस समस्या के होने की आशंका अधिक रहती है (4)।
- यौन संक्रमण से ग्रस्त महिलाओं को भी यह समस्या हो सकती है। इसलिए, उन्हें अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है (3)।
अब लेख में हम आपको इस समस्या से बचाव के उपायों के बारे में बताएंगे।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट से बचाव के उपाय
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट की समस्या से बचाव के उपायों को निम्न बिन्दुओं के माध्यम से समझा जा सकता है (3) :
- महिला या उसका साथी किसी यौन संक्रामक बीमारी का शिकार है, तो उसे जल्द से जल्द इसका इलाज कराना चाहिए। वहीं, अगर महिला इस बीमारी से ग्रस्त है, तो उसे इस बीमारी के इलाज के बाद यौन अंगों में आने वाली सूजन को कम करने के बारे में चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
- साथी के साथ सुरक्षित संबंध स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।
- अगर किसी कारणवश आपने गर्भपात करवाया है, तो उसके बाद यौन अंग में आने वाली सूजन का उचित उपचार कराया जाना चाहिए।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट से बचाव के बारे में जानने के बाद अब हम इस स्थिति में गर्भधारण की संभावनाओं के बारे में चर्चा करेंगे।
क्या फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज के साथ गर्भवती होना संभव है?
जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि फैलोपियन ट्यूब गर्भधारण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इसी की मदद से किसी भी महिला के सक्रिय अंडे निषेचित होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक प्रत्येक महिला में दो फैलोपियन ट्यूब होती हैं। अगर इनमें से एक खुली है, तो गर्भधारण की संभावना बनी रहती है, लेकिन दोनों ट्यूब के पूर्ण रूप से बंद होने की स्थिति में गर्भधारण की सभी संभावनाएं खत्म हो जाती हैं। इस स्थिति में चिकित्सक की सलाह और सही इलाज की जरूरत होती है (8)।
आगे लेख में हम फैलोपियन ट्यूब में रुकावट से संबंधित निदान के बारे में बात करेंगे।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का निदान कैसे किया जाता है?
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के निदान की बात करें, तो इसके लिए कई प्रकार के टेस्ट किए जा सकते हैं। इनमें से कुछ जरूरी टेस्ट के बारे में हम आपको बता रहे हैं :
- हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राम या एचएसजी : फैलोपियन ट्यूब में रुकावट की जांच करने का यह आसान तरीका है। बता दें कि यह रेडियोलॉजी के तहत किया जाने वाला टेस्ट है। इसमें फैलोपियन की अच्छी तरह से जांच की जाती है कि उसमें किसी प्रकार की क्षति, सूजन या फिर पूरी तरह से बंद तो नहीं है। इस प्रक्रिया के माध्यम से यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि फैलोपियन ट्यूब में कोई रुकावट है या नहीं (9)।
- लैप्रोस्कोपी : लैप्रोस्कोपी एक प्रकार की सर्जरी है, जिसमें छोटा-सा चीरा लगाकर गर्भाशय, अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया में शरीर में एक कैमरा युक्त डिवाइस शरीर के अंदर डाला जाती है, जो चीजों को बड़ा करके दिखाता है (10)।
- सोनोसाल्पिंगोग्राफी : फैलोपियन ट्यूब में रुकावट को जांचने के लिए यह प्रक्रिया काफी सरल, आसान और लैप्रोस्कोपी के मुकाबले नॉन इनवेसिव (बिना चीरा होने वाली जांच) है। इसकी मदद से फैलोपियन ट्यूब में होने वाली सूजन, क्षति या अन्य किसी समस्या का सरलता से पता लगाया जा सकता है। अगर इस टेस्ट के जरिए फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के बारे में पता चलता है, तो उसकी पुष्टि कि लिए लैप्रोस्कोपी का इस्तेमाल किया जाता है (11)।
- एंडोवैजिनल सोनोग्राफी : फैलोपियन ट्यूब में तरल पदार्थ के कारण आने वाली रुकावट का पता लगाने के लिए इस तरीके को इस्तेमाल में लाया जाता है। बता दें कि इस टेस्ट के माध्यम से खासकर फैलोपियन ट्यूब से संबंधित डिस्टल ट्यूबल ब्लॉकेज (अंडाशय के करीबी भाग) और प्रोक्सिमल ट्यूब ब्लॉकेज (गर्भाशय के पास वाले भाग) का पता लगाने का यह बेहतर विकल्प माना जाता है (12)।
- लेप्रोस्कोपिक क्रोमोपर्ट्यूबेशन : यह प्रक्रिया फैलोपियन ट्यूब में आने वाली रुकावट को जांचने के लिए बेहतरीन मानी जाती है। बता दें कि यह एक ऐसी जांच है, जिसमें दो जांचों की प्रक्रियाओं को एक साथ अपनाया जाता है। एक है लैप्रोस्कोपी और दूसरी है क्रोमोपर्ट्यूबेशन की प्रक्रिया। सबसे पहले लैप्रोस्कोपी की प्रक्रिया को अपनाया जाता है। इस प्रक्रिया के बारे में लेख के इसी भाग में 2 नंबर पॉइंट में विस्तारा से बताया गया है। अगर इस प्रक्रिया में ट्यूब में आने वाली रुकावट का पता नहीं चलता है, तो अधिक गहराई से जांच करने के लिए क्रोमोपर्ट्यूबेशन की प्रक्रिया को अपनाया जाता है। इसमें इंडिगो कारमाइन या मेथिलीन ब्लू का इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने विशेष रंग के कारण जांच को आसान बना देते हैं। रंग के कारण ब्लॉकेज वाली जगह का पता लगाना आसान हो जाता है (11)।
लेख के आगे के भाग में हम फैलोपियन ट्यूब से संबंधित घरेलू उपचारों के बारे में बात करेंगे।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के लिए घरेलू उपचार
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट से संबंधित कुछ घरेलू उपचार भी हैं, जिनके बारे में हम आपको थोड़ा विस्तार से बताएंगे।
- विटामिन सी : विशेषज्ञों के मुताबिक फैलोपियन ट्यूब में रुकावट की समस्या के लिए विटामिन सी का उपयोग काफी लाभकारी साबित हो सकता है। बताया जाता है कि यह नॉन-एंजायमेटिक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है, जो स्त्री रोग संबंधी विकार जैसे – पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (जननांग से संबंधित एक हार्मोनल विकार) और एंडोमेट्रियोसिस (गर्भाशय के टिशू का बाहर की ओर यानी फैलोपियन ट्यूब की ओर बढ़ना) में फायदेमंद साबित साबित हो सकता है (13)। लेख में ऊपर बताया है कि एंडोमेट्रियोसिस के कारण फैलोपियन ट्यूब में रुकावट पैदा हो सकती है। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ (संतरा, ग्रेपफ्रूट, कीवी आदि) इस समस्या से निजात पाने के लिए प्रयोग किए जा सकते हैं (14)।
- हल्दी : हल्दी का उपयोग भी फैलोपियन ट्यूब से संबंधित रुकावट में सहायक साबित हो सकता है। दरअसल, इसमें करक्यूमिन नाम का एक पॉलीफेनॉल (रसायन जो पौधों में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होता है) पाया जाता है। इस पॉलीफेनॉल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लेमेटरी के साथ-साथ एंटी-एंडोमेट्रीयोटिक प्रभाव पाए जाते हैं। बता दें एंटी-एंडोमेट्रीयोटिक प्रभाव एंडोमेट्रियोसिस (गर्भाशय के टिशू का बाहर की ओर यानी फैलोपियन ट्यूब की ओर बढ़ना) की समस्या को कम करने का काम करता है। इस कारण यह माना जा सकता है कि हल्दी का उपयोग फैलोपियन ट्यूब में रुकावट की समस्या को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है (13)।
- चेस्ट ट्री बेरी : चेस्ट ट्री बेरी (विटेक्स एग्नस-कास्टस) का उपयोग मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के लिए किया जाता है। साथ ही यह भी माना इसका इस्तेमाल करने से एंडोमेट्रियल लाइनिंग (गर्भाशय के टिशू) भी स्वस्थ्य व नियंत्रित रहती है। एंडोमेट्रियल लाइनिंग के प्रभावित होने से एंडोमेट्रियोसिस की समस्या हो सकती है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि चेस्ट ट्री बेरी का उपयोग फैलोपियन ट्यूब से संबंधित रुकावट के लिए किया जा सकता है (15)।
- अदरक : हल्दी की ही तरह अदरक में भी एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। आमतौर पर इसका इस्तेमाल अनियमित मासिक धर्म की समस्या से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। साथ ही यह एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी सहायक माना जाता है (15)।
- ब्लैक हॉ : ब्लैक हॉ एक झाड़ीनुमा औषधीय पौधा है, जिसमें कई गुणकारी मिनरल्स के साथ कैल्शियम, आयरन और जिंक प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका उपयोग अनियमित मासिक चक्र को ठीक करने के साथ-साथ एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से निजात पाने में भी किया जाता है (15)। ध्यान रहे कि जिन लोगों को एस्प्रिन से एलर्जी होती है या किडनी में पथरी की समस्या है, उन्हें इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
- लहसुन : एक शोध में पाया गया है कि पेफ्लोक्सासिन (एंटीबायोटिक) के साथ लहसुन का इस्तेमाल फैलोपियन ट्यूब के स्वास्थ्य को बनाए रखने में कारगर साबित होता है। इस कारण ऐसा माना जा सकता है कि इसका उपयोग फैलोपियन ट्यूब में रुकावट को दूर करने में सहायक साबित हो सकता है (16)।
- शतावरी : शतावरी ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल महिलाओं में हार्मोनल गड़बड़ी को ठीक करने के साथ-साथ प्रजनन अंगों को पोषण देने में भी किया जा सकता है। इससे उनकी प्रजनन क्षमता बढ़ती है (17)। चूंकि, प्रजनन अंगों में फैलोपियन ट्यूब काफी अहम होती है, इसलिए यह माना जा सकता है कि इसका उपयोग फैलोपियन ट्यूब संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी किया जा सकता है। फिलहाल, शतावरी को लेकर फैलोपियन ट्यूब में रुकावट से संबंधित कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
- अश्वगंधा : विशेषज्ञों के मुताबिक अश्वगंधा का उपयोग महिलाओं के विभिन्न विकारों जैसे – बांझपन, अनियमित मासिक चक्र व मासिक चक्र के दौरान अधिक रक्तस्त्राव आदि के लिए किया जाता है (17)। मासिक चक्र में अधिक रक्तस्राव होने से फैलोपियन में सूजन और रुकावट की समस्या होने की आशंका रहती है (2)। इसलिए, यह माना जा सकता है कि इसका उपयोग इस समस्या में भी सहायक साबित हो सकता है।
- अशोक के पेड़ की छाल : अशोक के पेड़ की छाल में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो मासिक चक्र के दौरान अधिक रक्तस्राव, गर्भाशय के टिशू में खराबी आने, यूटेराइन फाइब्रॉयड (गर्भ के टिशू का बढ़ना) जैसी समस्या को रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं (17)। वहीं, एक अन्य शोध में इस बात की पुष्टि होती है कि फाइब्रॉयड फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का कारण बनते हैं (18)। इस कारण ऐसा माना जाता है कि आशिक के पेड़ की छाल फैलोपियन ट्यूब में रुकावट की समस्या को दूर करने में मददगार साबित हो सकती है।
- लोधरा पेड़ की छाल : विशेषज्ञों के मुताबिक लोधरा पेड़ की छाल का उपयोग मेनोरेजिया (मासिक चक्र के दौरान अधिक रक्तस्राव) और यूटेरिन डिसऑर्डर (गर्भाशय से संबंधित विकार) जैसे – फाइब्राॅयड और एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से निजात पाने के लिए किया जा सकता है। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि लोधरा पेड़ की छाल फैलोपियन ट्यूब में आने वाली रुकावट को दूर करने में सहायक साबित हो सकती है (17) (19)।
- एलोवेरा का उपयोग : एलोवेरा जिसे घृत कुमारी के नाम से भी जाना जाता है, कई औषधीय गुणों से युक्त होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसमें कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में एस्ट्राडियोल नामक एस्ट्रोजन हार्मोन को बढ़ाने का काम करते हैं (17)। वहीं, एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि एस्ट्राडियोल के कारण फैलोपियन ट्यूब संबंधी विकारों को दूर करने और ट्यूब में आने वाली रुकावटों को कम करने में सहायता मिल सकती है (20)। इस कारण ऐसा माना जा सकता है कि एलोवेरा का उपयोग फैलोपियन ट्यूब से संबंधित रुकावट को दूर करने में भी मददगार साबित हो सकता है।
- सुपारी : बताया जाता है कि सुपारी महिलाओं के जनन अंगों के लिए लाभदायक हो सकती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि इसमें कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो महिलाओं में रजनोवृत्ति (मासिक चक्र का बंद होना) की समस्या को ठीक करने में सक्षम हो सकते हैं (17)। इस लिहाज से ऐसा कहा जा सकता है कि फैलोपियन ट्यूब (जो महिला जनन का ही एक हिस्सा है) में आने वाली रुकावट से छुटकारा पाने के लिए भी इसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
नोट:- यहां हम स्पष्ट कर दें कि सुपारी बेशक जनन अंगों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है, लेकिन फैलोपियन ट्यूब से संबंधित इसके पुख्ता प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
- डांग क्वाई :डांग क्वाई को फीमेल जिनसेंग के नाम से भी जाना जाता है। इसे महिला संबंधी रोगों के लिए एक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। वहीं, इसके संबंध में यह भी कहा जाता है कि इसका उपयोग एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से निजात दिलाने में कारगर साबित हो सकता है (21)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि फैलोपियन ट्यूब से संबंधित रुकावट को दूर करने के लिए डांग क्वाई का इस्तेमाल लाभकारी परिणाम दे सकता है।
- जिनसेंग :एक शोध के मुताबिक माना गया है कि जिनसेंग में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इन्हीं गुणों में एक यह है कि जिनसेंग एंडोमेट्रियल सेल्स (गर्भाशय से संबंधित कोशिकाएं) की मरम्मत और उन्हें पुनर्जीवित करने का काम करता है (22)। बता दें कि एंडोमेट्रियल सेल्स का असामान्य रूप से विस्तार एंडोमेट्रिओसिस जैसे विकार से संबंधित होता है (23)। इस कारण ऐसा माना जा सकता है कि जिनसेंग का उपयोग फैलोपियन ट्यूब में रुकावट की समस्या को दूर करने में सहायक साबित हो सकता है।
- रूबर्ब : रूबर्ब की जड़ का इस्तेमाल फैलोपियन ट्यूब में रुकावट की समस्या को दूर करने के लिए किया जा सकता है। दरअसल, इसकी जड़ में एक विशेष प्रकार का तत्व लिंडलेइन पाया जाता है। इसमें एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण के साथ-साथ बुखार को कम करने की क्षमता होती है। वहीं, इस पर किए गए शोध में पाया गया कि यह अपने इन्हीं गुणों के कारण मासिक चक्र से जुड़ी कुछ समस्याओं के साथ एंडोमेट्रियोसिस के जोखिमों को कम करने में सहायक है (24)।
- अरंडी का तेल : अरंडी के तेल की सिकाई फैलोपियन ट्यूब की रुकावट को दूर करने में उपयोगी मानी जा सकती है। बताया जाता है कि इसका उपयोग अनियमित मासिक चक्र और फैलोपियन ट्यूब में आने वाली समस्याओं को प्राकृतिक रूप से दूर करने में सहायक साबित हो सकता है (25)।
घरेलू उपचार के बारे में जानने के बाद हम बात करेंगे फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के इलाज के बारे में।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का इलाज कैसे किया जाता है? | Fallopian Tube Kholne Ka Ilaj
फैलोपियन ट्यूब का उपचार होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक तरीके से किया जा सकता है, जो इस प्रकार है :
1. सामान्य उपचार
- नॉनसर्जिकल फैलोपियन ट्यूब रीकैनलाइजेशन– उपचार का यह तरीका खासकर प्रोक्सिमल ट्यूब ब्लॉकेज (गर्भाशय के पास वाले हिस्से में आने वाली रुकावट) को दूर करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इस उपचार के बाद इस समस्या से ग्रस्त महिला गर्भधारण करने में सक्षम हो सकती है (26)।
- पेल्विक फिजिकल थेरेपी– यह एक नॉन इनवेसिव (बिना चीरा) थेरेपी है। माना जाता है कि यह उपचार काफी हद तक महिलाओं को इस समस्या से निजात दिलाने में सक्षम है (27)।
- सैल्पिन्गोस्टॉमी– उपचार का यह तरीका तब उपयोग में लाया जाता है, जब फैलोपियन ट्यूब में रुकावट हयड्रोसलपिंक्स (महिला संबंधी एक विकार, जिसमें फैलोपियन ट्यूब में पानी भर जाता है) की वजह से आती है। इसमें फैलोपियन ट्यूब में भरे तरल को निकालने के लिए एक छेद किया जाता है। इस छेद के सहारे भरे हुए तरह को बाहर निकाल कर फैलोपियन ट्यूब में आने वाली रुकावट को दूर किया जाता है (28)।
- फिमब्रियोप्लास्टी– फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का पता चलने के बाद इस प्रक्रिया को इस्तेमाल में लाया जाता है। बता दें फिमब्रियोप्लास्टी एक प्रकार की लैपरोस्कोपिक विधि है, जिसमें फैलोपियन ट्यूब को पुनर्जीवित करने का काम किया जाता है (29)।
2. होम्योपैथी उपचार
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट को दूर करने में होयोपैथिक उपचार भी काफी हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है। बता दें कि गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय से संबंधित विकारों को दूर करने के लिए कुछ खास दवाइयों का उपयोग किया जाता है (17), जो इस प्रकार है :
- सेपिया
- गॉसिपियम और नेट्रम म्यूर
- एग्नस कास्टस
3. आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेदिक उपचार भी फैलोपियन ट्यूब में रुकावट को दूर करने में काफी सहायक माना जाता है। इसमें कुछ औषधीय गुण वाले पौधों या फलों का उपयोग किया जाता है, जिनके बारे में आपको ऊपर दिए गए घरेलू उपचार में विस्तार से बताया गया है। वहीं, आयुर्वेद में फैलोपियन ट्यूब संबंधी विकारों को दूर करने के लिए उत्तर बस्ती को काफी सटीक और लाभकारी माना गया है। बता दें कि उत्तर बस्ती इलाज की एक प्रक्रिया है, जिसमें कई प्रकार के औषधीय तेलों को योनी मार्ग से जनन अंगों तक पहुंचाया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस प्रक्रिया में एपमार्गाकाशरा, वाता कफाश्मका और त्रिदोशागना जैसी औषधियों का इस्तेमाल लाभकारी साबित होता है (30) (31)।
फैलोपियन ट्यूब से संबंधित सभी उपचारों के बारे में जानने के बाद अब हम इसकी सर्जरी पर आने वाली लागत के बारे में जानेंगे।
भारत में फैलोपियन ट्यूब में रुकावट को दूर करने वाली सर्जरी की लागत
फैलोपियन ट्यूब से संबंधित सर्जरी पर आने वाली लागत की बात करें, तो सामान्य रूप से इसमें 33 हजार से 71 हजार तक खर्च हो सकते हैं। शहर और अस्पताल के आधार पर यह खर्चा कम या ज्यादा हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरी ट्यूब अनब्लॉक हुई हैं या नहीं?
जैसा कि आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि यह एक ऐसी समस्या है, जिसके सामान्य रूप से कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते। गर्भधारण के लिए किया जाने वाला प्रयास ही एकमात्र विकल्प है।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट कैसे प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है?
जैसा कि आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि फैलोपियन ट्यूब महिला के जनन अंगों का एक मुख्य हिस्सा है। इसकी सहायता से ही अंडाशय से गर्भ तक सक्रिय अंडे जाते हैं और निषेचित होते हैं। यही गर्भधारण की प्रक्रिया का अहम भाग है। फैलोपियन ट्यूब में रुकावट आ जाने की स्थिति में सक्रिय अंडे निषेचन प्रक्रिया से नहीं गुजर पाते। फलस्वरूप, गर्भधारण नहीं हो पाता, जिसे हम सीधे तौर पर प्रजनन क्षमता को प्रभावित होना कह सकते हैं।
अगर आप भी गर्भधारण न कर पाने की समस्या से जूझ रही हैं, तो हो सकता है कि ऐसा फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के कारण हो रहा हो। ऐसे में फैलोपियन ट्यूब से संबंधित इन्फेक्शन और गर्भाशय से संबंधित सर्जरी की स्थिति में विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। वहीं, इस स्थिति में सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने पर भी विशेष जोर दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, दोनों ही फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने की स्थिति में बिना देर किए अपने चिकित्सक से आईवीएफ (कृतिम गर्भधारण प्रक्रिया) के बारे में राय लेनी चाहिए।
References
1. Assessing tubal damage By Ncbi Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.
2. Pelvic Inflammatory Disease (PID) By Dhss
3. Tubal subfertility By Ncbi
4. What Causes Female Infertility? By Edu
5. Hydrosalpinx Management Before Intracytoplasmic Sperm Injection By Clinicaltrials
6. Endometriosis By Womenshealth
7. Diagnosis and management of ectopic pregnancy By Ncbi
8. Questions and Answers about Infertility and its Treatment By health New York
9. Hysterosalpingography By Medlineplus
10. Laparoscopy By Edu
11. Comparison of sonosalphingography and laparoscopy in evaluation of tubal patency in infertility patients By Edu
12. Accuracy of endovaginal sonography for the detection of fallopian tube blockage. By Ncbi
13. Female Infertility and Antioxidants By Edu
14. Vitamin C By Ods
15. Community Experiences