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जायफल एक जाना माना मसाला है। रोजमर्रा की जिंदगी में इसका उपयोग आम बात है। इसे दादी-नानी कभी रसोई घर में मसाले के रूप में तो कभी किसी दवा के रूप में इस्तेमाल करती रहती हैं। महिलाओं के साथ ही कई बार इसे बच्चों को भी खिलाया जाता है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि जायफल बच्चों लिए सुरक्षित है या नहीं। मॉमजंक्शनके इस आर्टिकल में हम इसी विषय पर बात करेंगे। यहां हम आपको बताएंगे कि किस उम्र के बाद बच्चे जायफल खा सकते हैं और कितनी मात्रा में उन्हें यह दिया जा सकता है। साथ ही हम बच्चों की डाइट में जायफल शामिल करने के तरीके भी बता रहे हैं। इन सभी जानकारियों के लिए अंत तक पढ़ें आर्टिकल।
लेख के शुरुआत में जानते हैं कि आखिर जायफल है क्या।
जायफल क्या है?
जायफल एक तरह का मसाला है, जो जायफल के पेड़ से मिलता है। जायफल के पेड़ का वैज्ञानिक नाम मिरिस्टिका फ्रेग्रेंस है, जो एक सदाबहार वृक्ष है। इससे जायफल और जावित्री दो तरह के मसाले मिलते हैं। जायफल इस वृक्ष का बीज होता है, जिसका स्वाद थोड़ा मीठा और सुगंध तीव्र होती है। भारतीय रसोई में इसका उपयोग बर्फी, खीर और गरम मसाला बनाने के लिए सामग्री के रूप में किया जाता है। यह खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी बेहतरीन होता है।
जायफल से जुड़ी अन्य बातों से पहले जान लेते हैं कि जायफल बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं।
क्या जायफल शिशुओं के लिए सुरक्षित है?
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA)के अनुसार, जायफल और उससे बने तेल को आमतौर पर खाद्य सामग्री के रूप में सुरक्षित माना गया है (1)। यह शिशुओं के लिए कितना सुरक्षित है, यह स्पष्ट नहीं है। इसी वजह से बच्चे को जायफल देने से पहले एक बार बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।
आगे हम जानेंगे बच्चों को जायफल किस उम्र में दिया जा सकता है।
बच्चों को जायफल कब से देना शुरू करें
बच्चों को जायफल कब दे सकते हैं, इस पर स्पष्ट शोध उपलब्ध नहीं हैं। हां, इतना जरूर कहा जा सकता है कि जब बच्चों को ठोस आहार देना शुरू कर दिया जाता है, तब डॉक्टर की सलाह पर उन्हें जायफल दिया जा सकता है। बहुत थोड़ी मात्रा में इसका पाउडर या पेस्ट बच्चों को फलों के जूस, सब्जियों की प्यूरी और सूप में दिया जा सकता है। यह आहार को एक नया स्वाद और सुगंध दे सकता है।
लेख के अगले हिस्से में हम बता रहे हैं कि बच्चों के लिए जायफल की उचित मात्रा क्या है।
बच्चों को जायफल की कितनी मात्रा देनी चाहिए ?
अमेरिकन एसोसिएशन फॉर क्लिनिकल केमिस्ट्री (एएसीसी) के अनुसार, जायफल की 5 से 20 ग्राम मात्रा लेने से विषाक्तता हो सकती है (2)। इसी वजह से इसके सेवन की मात्रा के बारे में डाइटिशियन से जरूर पूछें। सामान्य तौर पर बताया जाता है कि एक छोटी चुटकी जायफल पाउडर बच्चे के लिए काफी होती है। इससे ज्यादा जायफल बच्चे को नहीं देना चाहिए।
आगे जायफल में मौजूद पोषक तत्वों पर एक नजर डाल लेते हैं।
जायफल के पोषक तत्व
जायफल खनिज और पोषक तत्वों से समृद्ध मसाला है। इसके एक टेबल स्पून यानी 2.2 ग्राम मात्रा में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में हम आगे बता रहे हैं (3)।
- यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। इसमें 11.6 कैलोरी ऊर्जा होती है।
- इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व फाइबर भी होते हैं। इसकी मात्रा क्रमशः 0.128 ग्राम, 1.08 ग्राम और 0.458 ग्राम है।
- इसमें 0.799 ग्राम वसा होता है। साथ ही इसमें 1.67 माइक्रोग्राम फोलेट पाया जाता है।
- जायफल में 4.05 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.067 मिलीग्राम आयरन, 4.03 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 4.69 मिलीग्राम फास्फोरस और 7.7 मिलीग्राम पोटैशियम भी होता है।
- इसमें विटामिन-सी 0.0066 मिलीग्राम, विटामिन-ए 0.11 माइक्रोग्राम व विटामिन बी-6 की 0.004 मिलीग्राम मात्रा होती है।
अब जानिए कि इन पोषक तत्वों से समृद्ध जायफल के सेवन से बच्चों को क्या फायदे हो सकते हैं।
बच्चों के लिए जायफल के लाभ
जायफल में औषधीय गुण से भरपूर कई केमिकल कंपाउंड होते हैं, इसलिए सदियों से इसका उपयोग स्वस्थ रहने के लिए लोग करते आ रहे हैं (4)। आगे जानते हैं कि बच्चों को जायफल के क्या फायदे होते हैं।
- अपच से राहत : जायफल पाचन तंत्र को ठीक करने की पारंपरिक औषधि है। शहद और जायफल का मिश्रण गैस व अपच आदि समस्याओं से आराम दिला सकता है (5)। बस ध्यान दें कि शहद एक साल से ज्यादा उम्र वाले बच्चों को ही देने की सलाह दी जाती है (6)। इसी वजह से इस मिश्रण को 12 माह से ऊपर के बच्चों को ही दें।
- प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए : ताजे जायफल में लिगन्नस (Lignans) कंपाउंड होता है, जो शरीर में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव डाल सकता है। इस प्रभाव के कारण इम्यूनिटी शरीर की जरूरत के हिसाब से कार्य करती है। इसी वजह से जायफल को बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए फायदेमंद माना जाता है (5)।
- पेट फूलना कम करे :अक्सर बच्चों को पेट फूलने व दर्द की शिकायतहोती है, जिसे जायफल का सेवन करके दूर किया जा सकता है। जायफल में कार्मिनेटिव प्रभाव होता है, जिससे पेट फूलने और दर्द की समस्या से राहत मिल सकती है (5)।
- ओरल हेल्थ :जायफल में मौजूद युगेनॉल कंपाउंड दांतों के दर्द में राहत देता है (5)। साथ ही जायफल का इस्तेमाल मसूड़ों में होने वाली बीमारी जैसे पेरियोडोंटाइटिस इंफेक्शन में दवा के रूप में उपयोग किया जाता है (7)। यही कारण है कि जायफल को बच्चों के ओरल हेल्थके लिए अच्छा माना जाता है।
- पोषक तत्वों से समृद्ध : जैसा की हमने ऊपर बताया है कि जायफल पोषक तत्वों से समृद्ध खाद्य पदार्थ है। इसमें मिनरल्स, विटामिन्स, ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व फाइबर होते हैं। ये सभी पोषक तत्व बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। उदाहरण स्वरूप इसमें मौजूद विटामिन-ए आंखों के लिए, विटामिन-सी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और विटामिन-ई नसों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।
आगे इस लेख में हम बच्चों को जायफल देते समय बरतने वाली सावधानियों के बारे में बता रहे हैं।
छोटे बच्चे को जायफल देते समय क्या सावधानी बरतें
यहां हम कुछ बातें बता रहे हैं, जिनका ध्यान बच्चे को जायफल देते समय रखना बेहद जरूरी है। छोटी-सी भी गलती का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, इसलिए नीचे दी गई बातों पर जरूर गौर करें।
- बच्चे के लिए जायफल का पाउडर व पेस्ट बनाने से पहले उसे अच्छे से साफ पानी से धो लें।
- जायफल बच्चे को देने से पहले उसे पीसकर उसका पेस्ट बनाएं। ध्यान रहे उसमें कोई साबूत टुकड़े न हों।
- अगर बाजार से जायफल पाउडर खरीद रहे हैं, तो उसे थोड़ा हाथ में लेकर सूंघे। उसकी खुशबू अगर कम हो या न हो, तो समझ जाएं वो नकली या खराब जायफल है। ऐसा जायफल बच्चों को न खिलाएं।
- बच्चों को एक छोटी चुटकी से ज्यादा जायफल पाउडर या पेस्ट न दें। जैसा कि हमने बताया कि इसकी अधिक मात्रा से विषाक्तता हो सकती है, इसलिए इस बात पर जरूर ध्यान दें।
- बच्चों को जायफल उसी आहार में मिलाकर दें, जो वह पहले से खा रहा हों। इससे बच्चे पर जायफल का प्रभाव पहचानने में आसानी होगी।
- अगर जायफल खाने में बच्चा असहज महसूस करने लगे, तो उसे जायफल खिलाना बंद कर दें।
- जायफल खाने के बाद बच्चे को कोई एलर्जी हो जाए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- बच्चों को कभी भी साबूत जायफल न दें और हो सके, तो उसे बच्चे की पहुंच से दूर रखें। यह बच्चे के गले में अटक सकता है।
- बाजार में मिलने वाले खुले जायफल पाउडर का उपयोग न करें। जायफल को घर में ही पीसकर इस्तेमाल करें।
- घर में जायफल पाउडर या पेस्ट बनाते समय सिलबट्टे या फिर मिक्सर-ग्राइंडर को भी अच्छे से साफ कर लें।
अब हम बता रहे हैं कि बच्चों को जायफल कैसे दिया जाना चाहिए।
छोटे बच्चे को जायफल कैसे दें?
बच्चों को जायफल पाउडर या पेस्ट बनाकर ही दें। इसके लिए सबसे पहले जायफल और सिल बट्टे को धो लें। दोनों को साफ करने के बाद जायफल को सिल बट्टे में डालकर कुछ बूंद दूध या पानी डालें और बट्टे को घुमा-घुमा कर जायफल का पेस्ट बनाए या पाउडर बना लें। पाउडर या पेस्ट तैयार होने के बाद आप इसे बच्चे के आहार में कुछ इस प्रकार शामिल कर सकते हैं।
- दूध के साथ
- शहद के साथ
- सेरेलक में मिलाकर
- हलवा आदि मिठाई में मिलाकर
- सूप में मिलाकर
स्वाद में हल्का मीठा और मनमोहक खुशबू वाला यह मसाला बच्चे को उम्र के हिसाब से संयमित मात्रा में दिया जाए, तो यह फायदेमंद हो सकता है। यह मसाला कई तरह के पोषक तत्वों से परिपूर्ण है, जिस वजह से बच्चे को बीमारी से बचाने और उसे स्वस्थ रखने में यह अहम योगदान दे सकता है। बस बच्चे को जायफल देने से पहले लेख में दी गई सावधानियों का ख्याल जरूर रखें। साथ ही अगर बच्चे को इसे खाने के बाद किसी तरह की एलर्जी या असहजता हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हम उम्मीद करते हैं कि जायफल से संबंधित सभी जानकारियां आपको इस लेख से मिल गई होंगी। ऐसी अन्य जानकारियों के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।
References
1. Nutmeg By NCBI
2. Nutmeg By AACC
3. Spices, nutmeg, ground By USDA
4. Chemical diversity and pharmacological significance of the secondary metabolites of nutmeg (Myristica fragrans Houtt.) By NCBI
5. Nutmeg: A review on uses and biological properties By Researchgate
6. Botulism By CDC
7. Achievable therapeutic effects of myristica fragrans (NUTMEG) on periodontitis a short review By Researchgate
8. Antioxidant, antimicrobial, and health benefits of nutmeg By JPR
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