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बच्चे के विकास के लिए न सिर्फ स्वस्थ आहार, बल्कि शारीरिक रूप से सक्रिय रहना भी जरूरी होता है। इसके लिए आउटडोर गेम को सबसे बेहतर माना गया है। खेलने से न सिर्फ बच्चे शारीरिक रूप से एक्टिव रहते हैं, बल्कि उनके मानसिक स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है (1)। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों के लिए आउटडोर गेम के विकल्प लेकर आए हैं। इस लेख में हमने एक या दो नहीं, बल्कि 30 आउटडोर गेम के नाम और उन्हें खेलने का तरीका बताया है। साथ ही यहां आउटडोर गेम खेलने के फायदे की जानकारी भी रिसर्च के आधार पर दी गई है।

शुरू करें पढ़ना और जानें कि घर के बाहर कौन-कौन से खेल खेले जा सकते हैं।
बच्चों के लिए 30 घर के बाहर खेले जाने वाले खेलों के नाम
बच्चों का आउटडोर गेम्स खेलना काफी जरूरी होता है। इससे उन्हें कई तरीके के फायदे मिलते हैं। इन फायदों के बारे में हम लेख में आगे जिक्र करेंगे। इससे पहले मजेदार 30 आउटडोर गेम्स के नाम और उन्हें खेलने के तरीके पढ़ें।
1. ट्रेजर आइलैंड
बच्चों के लिए आउटडोर गेम्स में शामिल ट्रेजर आइलैंड काफी पुराना खेल है। इसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस गेम में बच्चों को छिपाए गए खजाने को ढूंढना होता है। खेल के दौरान किसी एक वस्तु को खजाने के रूप में छिपा दिया जाता है। फिर छिपाने वाला व्यक्ति दोनों टीम को खजाना ढूंढने के लिए कुछ क्लू (सुराग) देता है। उन्हीं के आधार पर टीम के बच्चों को वह खजाना ढूंढना होता है। इसे मजेदार बनाने के लिए खजाने को ढूंढने के लिए एक समय भी निर्धारित किया जा सकता है। इसके तहत जो भी टीम पहले और कम समय में खजाना ढूंढती है, उसे विजयी घोषित किया जाता है।
खेलने का तरीका :
- इस गेम को खलने के लिए 4 से 6 बच्चों की जरूरत होती है।
- सबसे पहले दो टीम बनाई जाती है, जिसके लिए बराबर खिलाड़ी बांटे जाते हैं। उदाहरण स्वरूप, 2-2 या 3-3। ये संख्या इससे अधिक भी हो सकती है।
- फिर दोनों टीम के एक-एक खिलाड़ी या किसी अन्य सदस्य को कोई खजाना बाहर एक सीमित दायरे में छुपाना होगा।
- इसके बाद उस खजाने को ढूंढने के लिए दोनों टीम के बच्चों को कुछ हिंट देंगे।
- हिंट के तौर पर पहेलियां बुझाई जा सकती हैं।
- इस दौरान खेल से जुड़े नियम भी बताने होंगे, जैसे – कितने समय में उन्हें खजाना ढूंढना है और कितनी दूरी तक जाना है।
- फिर मिली हिंट के हिसाब से जो पहले खजाना ढूंढता है, वो विजेता टीम घोषित हो जाती है।
2. छुपन-छुपाई
इस खेल को दादा-नाना के जमाने से ही जाना जाता है। इसमें जितने बच्चे इकट्ठा होते हैं, उतना मजेदार ये खेल बन जाता है। खेल शुरू करने के लिए किसी एक बच्चे को चुना जाता है, जिसे डेन कहा जाता है। डेन का काम सबको ढूंढना होता है। इस दौरान बाकी के सारे बच्चे कहीं-न-कहीं छिप जाते हैं। इस दौरान सबको ढूंढने के लिए चुना गया बच्चा सभी छुपा हुए बच्चों को ढूंढता है। जब वो सबको ढूंढ लेता है, तब जिसे उसने सबसे पहले पकड़ा होता है, वो ही अगली बार डेन बनकर दूसरों को ढूंढता है।
खेलने का तरीका :
- इस खेल को खेलने के लिए बच्चे का एक ग्रुप होना चाहिए।
- इसके बाद अक्कड़-बक्कड़ के जरिए पहली बार खेल में सबको ढूंढने वाले बच्चे यानी डेन को चुना जाता है।
- फिर बाकी बचे सभी बच्चे अलग-अलग जगहों पर छुप जाते हैं, जिन्हें डेन वाला बच्चा ढूंढ़ता है।
- जिस बच्चे को वह सबसे पहले ढूंढ़ता है, अगली बार उसे ही डेन बनाया जाता है।
- इससे पहले डेन बने बच्चे को खेल में शामिल हुए सारे बच्चों को ढूंढना होता है।
- खेल में यह भी ध्यान रखना होगा कि कोई छुपा हुआ बच्चा पीछे से आकर डेन वाले बच्चे को धप्पा न कर दे। ऐसा होने पर खेल के अगले राउंड में भी उसे बच्चे को डेन बनकर छुपे हुए लोगों को ढूंढना होता है।
3. स्टापू

अक्सर छोटी उम्र के बच्चे यह खेल खेलते हैं। इस खेल को लंगड़ी टांग भी कहा जाता है, क्योंकि इस खेल के दौरान जमीन पर चौकोर (स्क्वायर) आकार के खाने पर एक टांग से ही जाना होता है। बच्चों में प्रचलित यह खेल किसी ग्रुप के साथ या फिर अकेले भी खेला जा सकता है। इस खेल के दौरान लंगडी करते हुए स्टापू तक पहुंचने से बच्चों में पैर का बैलेंस बनाने की क्षमता को बढ़ सकती है।
खेलने का तरीका :
- इसके लिए एक जमीन पर एक बड़ा बॉक्स बनाएं।
- फिर उसमें चित्र की तरह 8 डिब्बों बनाएं।
- अब एक समतल पत्थर लें, जिसे स्टापू कहते हैं।
- अगर खेल में दो बच्चे शामिल हैं, तो पहले कौन खेलेगा इसके लिए टॉस कर लें।
- दो से अधिक बच्चे के साथ खेल खेलने पर अक्कड़-बक्कड़ करके यह सुनिश्चित कर लें कि पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर कौन खेलेगा।
- इसके बाद बच्चे को सबसे पहले वाले डिब्बे में स्टापू फेंकना होगा और लंगड़ी करते हुए उसे दूसरे डिब्बे में जाना होगा।
- वहां से एक खाने वाले डिब्बे में एक टांग पर और दो खाने वाले डिब्बे में दो पैर से आना होगा।
- सभी डिब्बे में पहुंचने के बाद पलटकर उस ओर आना होगा जहां सबसे पहले पत्थर फेंका था।
- पत्थर यानी स्टापू से पहले वाले खाने में खड़े होकर हाथ में इसे उठाकर बाहर फेंक दें।
- कुछ खेल में स्टापू वाले खाने में जाकर ही खिलाड़ी उस पत्थर को पैर से खिसकाते हुए बाहर निकालता है।
- जब स्टापू बाहर निकल जाए, तो उसी पर कूदना होगा।
- इस दौरान अगर बच्चे का पैर या स्टापू डिब्बों की रेखा पर पड़ जाता है, तो उसे आउट माना जाएगा।
- इसके अलावा, अगर खेल के बीच में बच्चे ने दोनों पैर में किसी से भी रेखा को छू लिया, तो भी उसे आउट माना जाता है।
4. हंट मिस्ट्री

एक खेल आपने पढ़ा खजाना ढूंढने वाला। उसी से मिलता-जुलता यह खेल है। इसे बच्चे किसी भी पार्क में खेल सकते हैं। इस खेल में बच्चों को किसी खास पौधे, पक्षी या अन्य वस्तु को ढूंढना होता है।
खेलने का तरीका :
- बच्चो को किसी पार्क या खेल के मैदान में ले जाएं।
- वहां पार्क में मौजूद किसी भी खास वस्तु के बारे में पहेलियां या कुछ हिंट देते हुए बताएं।
- अब पहेली के हिसाब से बच्चों को उस चीज को ढूंढने के लिए कहें, जिसका क्लू उसे दिया है।
- इस गेम की खास बात यह है कि इसे बच्चे ग्रुप में भी खेल सकते हैं और अगर बच्चों का कोई ग्रुप नहीं है, तो माता-पिता खुद ही अपने बच्चे के साथ इसे खेल सकते हैं।
5. चोर-पुलिस

बच्चों को अक्सर चोर-पुलिस जैसे खेल खेलने में काफी आनंद आता है। इस खेल को खेलने के लिए दो टीम की जरूरत होती है, जिसमें से एक टीम चोर बनती है और दूसरी पुलिस। इसमें चोर वाली टीम कहीं छुप जाती है, जिसे फिर पुलिस वाली टीम को ढूंढना होता है।
खेलने का तरीका :
- इस खेल को खेलने के लिए 5-10 बच्चों की जरूरत होती है।
- सबसे पहले दो टीम बनाने के लिए टॉस करके यह फैसला लेना होगा कि कौन पुलिस या चोर वाली टीम में होगा।
- इसके बाद चोर टीम कहीं छुप जाएगी और पुलिस बनी टीम को उन्हें ढूंढना होगा।
- जब पुलिस टीम, चोर टीम के सारे बच्चों को ढूंढ लेगी, तो फिर अगली बार चोर टीम को पुलिस और पुलिस टीम को चोर बनना होता है।
- फिर दोबारा एक दूसरे को ढूंढकर खेल इसी तरह जारी रहता है।
6. पिट्ठू (सितोलिया)

बच्चों के बीच लोकप्रिय खेलों में पिट्ठू भी शामिल है। यह एक ऐसा खेल है, जिसे बच्चे पूरा दिन किसी मैदान में या घर के बाहर की गली में खेल सकते हैं। इस खेल में पत्थरों से एक पिरामिड बनाया जाता है और फिर उसे गेंद से तोड़कर खेल खेला जाता है।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले अक्कड़-बक्कड़ करके यह तय करें कि कौन सा बच्चा गेंद से पिरामिड को तोड़ेगा यानी कौन डेन बनेगा।
- जब डेन बना बच्चे पिरामिड तोड़ता है, तो बाकी के सभी बच्चों को मिलकर उन पत्थरों का दोबारा पिरामिड बनाना और उसे टूटने से बचाना होगा।
- इस दौरान डेन बना बच्चा लगातार गेंद से वह पिरामिड तोड़ने की कोशिश करता है और खेल में शामिल बच्चे पर भी गेंद से निशाना साधता है।
- गेंद फेंकते समय जिस भी बच्चे को यह सबसे पहले लगती है, वो ही अगली बार डेन बनता है।
- अगर डेन बने बच्चे के गेंद फेंकते-फेंकते ही पिट्ठू का पिरामिड बन गया, तो खेल खत्म हो जाता है।
- उसके बाद दोबारा से किसी बच्चे को डेन चुनकर खेल शुरू किया जाता है।
7. पकड़म-पकड़ाई

पकड़म-पकड़ाई भी एक अच्छा आउटडोर गेम है, जिसे खेलने में बच्चों को काफी मजा आता है। इसमें किसी एक बच्चे को खेल में शामिल अन्य बच्चों को पकड़ना होता है। डेन बना बच्चा सबसे पहले जिसको भी पकड़ता है, वो गेम के दूसरे राउंड में डेन बनता है।
खेलने का तरीका :
- इस खेल को दो से तीन बच्चे आराम से एक साथ खेल सकते हैं।
- यह खेल किसी खुले मैदान या पार्क में खेलना चाहिए, ताकि किसी चीज से चोट लगने का खतरा कम हो।
- खेल में अक्कड़-बक्कड़ करते हुए उस बच्चे को चुनना होगा, जो सबसे पहले डेन बनकर सबको पकड़ेगा।
- इसके बाद सभी बच्चे एक गोलाई बनाकर खड़े हो जाएं, जिसके बीच में डेन वाले बच्चे को खड़ा होना होता है।
- फिर डेन बने बच्चे को 1 से 5 या 10 सेकंड तक गोल-गोल घूमना होगा। इस गिनती के दौरान ही अन्य बच्चों को वहां से भागना होता है।
- इसके बाद डेन बना बच्चा सभी का पीछा करते हुए जिस भी बच्चे को सबसे पहले पकड़ता है, वो ही खेल को आगे बढ़ाते हुए सबको पकड़ता है।
8. खो-खो

खो-खो एक पारंपरिक खेल है। इसे बच्चे स्कूल में भी खूब मन लगाकर खेलते हैं। इस खेल से जुड़े कई टूर्नामेंट भी आयोजित होते हैं। इसे बच्चों के बड़े समूह के साथ खेला जाता है। इस दौरान दो टीमों में बंटकर बच्चे एक दूसरे को पकड़ते हैं।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले बच्चों को दो समूह में बांटना होगा।
- फिर टॉस की मदद से फैसला लें कि पहली बार कौन सी टीम खेलने के लिए मैदान में जाएगी।
- अब मैदान के किसी एक हिस्से में दो बड़ी सी रेखा खींच लें।
- इन रेखाओं के बीच में एक टीम के सदस्यों को बैठना होता है।
- बैठने वाली टीम का एक सदस्य आगे की तरफ और दूसरा पीछे की तरफ मुंह करके बैठता है। इसी तरह से पूरी टीम बैठती है।
- कायदे से एक टीम में बैठने वाले 9 खिलाड़ी होते हैं।
- फिर दूसरी यानी भागने वाली टीम के सदस्य मैदान में आते हैं।
- इन्हें पकड़ने के लिए बैठी हुई टीम में से एक सदस्य उसके पीछे दौड़ता है।
- दौड़ते समय बैठी हुई टीम के सदस्य एक-दूसरे को छूकर उठाते हैं और खुद बैठ जाते हैं।
- फिर जिसे छुआ जाता है वो सामने वाले को पकड़ने के लिए दौड़ता है।
- यह सिलसिला तबतक चलता है जबतक दौड़ने वाली टीम के सारे सदस्य को न पकड़ लिया जाए या फिर समय सीमा खत्म न हो जाए।
- टाइम खत्म होते ही बैठने वाली टीम फिर दौड़ने के लिए मैदान पर उतरती है।
9. बैडमिंटन

बैडमिंटन रैकेट से खेला जाने वाला एक खेल है। इसे खेलने के लिए दो खिलाड़ियों की जरूरत होती है। इस खेल को पार्क या घर के सामने की खाली जगह पर भी खेला जा सकता है। मैदान में अगर नेट लगा हो, तो बैडमिंटन खेलने का और मजा आता है। वरना इसे आपस में दोस्तों के साथ बिना नेट लगी हुई जगह पर भी खेल सकते हैं।
खेलने का तरीका :
- बैडमिंटन खेलने के लिए बैडमिंटन किट की जरूरत होगी, जिसे मार्केट से आसानी से खरीद सकते हैं।
- अगर पार्क में खेल रहे हैं, तो लगभग 10 से 15 फीट की दूरी के बीचों-बीच एक रेखा खींचें।
- फिर इसके दोनों तरफ दोनों खिलाड़ी को खड़े होकर खेलना होगा।
- इसे खेलने के लिए बैडमिंटन से हवा में कॉक (चिड़ी) को रखना होता है।
- दोनों ही खिलाड़ियों को कोशिश करनी होती है कि चिड़ी का निशाना इतना तेज हो कि वह सामने वाले खिलाड़ी की तरफ हवा में उड़ते हुए जाए।
- इस दौरान चिड़ी जिस भी खिलाड़ी की तरफ जमीन पर गिरती है, वो खेल में एक पॉइंट हार जाता है।
- इसी तरह 10-10 पॉइंट का यह गेम खेल सकते हैं।
10. क्रिकेट

क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक माना जाता है। यह खेल खेलने के लिए व्यस्क और छोटे बच्चे दोनों ही काफी उत्साहित होते हैं। इसे खेलने के लिए दो टीम की जरूरत होती है। आगे जानिए क्रिकेट कैसे खेला जाता है।
खेलने का तरीका :
- क्रिकेट खेलने के लिए एक बल्ला (बेट), गेंद और छह डंडियों की जरूरत पड़ेगी। इन डंडियों का इस्तेमाल स्टंप बनाने के लिए किया जाता है।
- साथ ही खेल खेलने के लिए ओवर तय किया जाता है।
- क्रिकेट के नियमों को देखा जाए, तो दोनों टीम में 11-11 सदस्य होने चाहिए। हालांकि, बच्चों के खेल में इस नियम को मानना इतना जरूरी नहीं है।
- अब खेल शुरु करने के लिए बच्चों को दो टीम में बांट लें।
- फिर ग्राउंड का हिस्सा तय करें कि कहां खेलना है और कितनी दूरी से सामने वाला बॉलिंग करेगा।
- यह तय होने के बाद बैटिंग और बॉलिंग वाली जगह पर स्टंप लगाएं और उसकी कुछ दूरी पर रेखा खींचें।
- अब टॉस करके यह तय करें कि पहले कौन-सी टीम मैदान में बल्लेबाजी के लिए उतरेगी।
- इसी दौरान ओवर भी तय कर लें कि कितने ओवर का मैच खेलना है।
- टॉस होने के बाद बल्लेबाजी करने आ रही टीम से दो खिलाड़ियों को मैदान में आना होगा।
- दोनों ही खिलाड़ी स्टंप के दोनों ओर अपने-अपने बल्ले के साथ खड़े होते हैं।
- फिर दूसरी टीम का एक खिलाड़ी गेंदबाजी करता है, जिसका निशाना सामने लगा हुआ स्टंप होता है।
- बल्लेबाजी कर रहे खिलाड़ी को सामने से आ रही गेंद को स्टंप पर लगने से रोकना और शॉट मारकर रन के लिए दौड़ना होता है।
- अगर इस दौरान गेंद या बल्ला स्टंप पर लग जाए, तो खेल रहा खिलाड़ी आउट हो जाता है।
- इसके बाद टीम का नया सदस्य अपनी पारी खेलने आता है।
- इसी तरह जब सारे खिलाड़ी आउट हो जाते हैं या ओवर खत्म हो जाए, तो दूसरी टीम के खेलने की बारी आ जाती है।
- क्रिकेट मैच को जीतने के लिए दूसरी टीम को पहली टीम द्वारा बनाए गए रन से एक रन अधिक बनाना होता है।
- वहीं, पहली टीम को सामने वाली टीम को कम रनों पर समेटने की कोशिश करनी होती है।
- इस तरह जो भी टीम इस खेल में सबसे अधिक रन बनाती है, वो विजेता घोषित होती है।
11. कबड्डी

उत्तर भारत में कबड्डी काफी लोकप्रिय खेल है। क्रिकेट की ही तरह इस खेल को खेलने और देखने दोनों में ही काफी आनंद आता है। इसमें सांस रोककर कबड्डी-कबड्डी बोलते हुए खेल खेलना होता है। इसे कैसे खेलते हैं, यह नीचे विस्तार से समझें।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले बच्चों के समूह को दो टीमों में बांट लें।
- अब लगभग 8 से 10 फीट के मैदान के बीच में एक सीधी रेखा खींचें।
- इसके बाद दोनों टीम एक-एक किनारे को अपने क्षेत्र के तौर पर चुनती है।
- इस खेल में दोनों ही टीम से एक-एक करके खिलाड़ी बारी-बारी से खेलते हैं।
- खेल शुरू करने के लिए सबसे पहले टॉस करके यह चुनना होगा की पहले कौन सी टीम का सदस्य खेलने जाएगा।
- फिर चुना हुआ सदस्य अपनी सांसों को रोककर कबड्डी-कबड्डी बोतले हुए दूसरी टीम के क्षेत्र में जाता है।
- उसे पॉइंट पाने के लिए दूसरी टीम के किसी एक या उससे ज्यादा सदस्य को छूकर वापस आना होता है।
- इस दौरान दूसरी टीम भरपूर प्रयास करती है कि वह उनके क्षेत्र में आए खिलाड़ी को सांस टूटने तक अपने ही क्षेत्र में रोककर रखे। वो ऐसा करने में कामयाब होते हैं, तो वह खिलाड़ी आउट माना जाता है।
- अगर सामने वाली टीम के हिस्से में गया खिलाड़ी दूसरी टीम के किसी सदस्य को छूकर वापस अपनी टीम में आ जाता है, तो दूसरी टीम के उस सदस्य को आउट माना जाता है।
- इसी तरह फिर दूसरी टीम के सदस्य सामने वाली टीम के क्षेत्र में कबड्डी-कबड्डी कहते हुए जाते हैं।
- दोनों टीम के खिलाड़ियों के आउट न होने या फिर समय सीमा समाप्त न होने तक यह खेल चलता रहता है।
12. गिल्ली डंडा

गिल्ली-डंडा भी काफी प्रचलित खेल है। इसे खेलने के लिए एक बड़े डंडे और छोटी सी लकड़ी की बनी गिल्ली की जरूरत होती है। फिर उस डंडे से गिल्ली को मारा जाता था, जिससे वह उछलती है। जब गिल्ली उछलती है, तो उसे गेंद की तरह जोर से हिट करना होता है।
खेलने का तरीका :
- इसे खेलने के लिए किसी टीम की जरूरत नहीं होती है।
- इसे बच्चा अकेले या दोस्तों के साथ मिलकर भी खेल सकता है।
- गिल्ली डंडा खेलने के लिए हर बच्चे को एक-एक मौका दिया जाता है।
- गिल्ली को जो भी उछालने के बाद डंडे से मारकर सबसे दूर फेंकता है, उसे ही विजेता माना जाता है।
- ध्यान रखें कि सावधानी से न खेलने पर यह खेल खतरनाक भी हो सकता है, क्योंकि गिल्ली से चोट लग सकती है।
13. फुटबॉल

फुटबॉल का क्रेज आज के युवाओं में अधिक देखा जाता है। बच्चे भी इसे बड़ी आसानी से खेल सकते हैं। इसे खेलने के लिए घास वाला खुला मैदान और दो टीम का होना जरूरी होता है। कायदे से इस खेल में प्रत्येक टीम के पास 11-11 खिलाड़ी होने चाहिए, लेकिन बच्चों को इस नियम पर इतना गौर करने की जरूरत नहीं है। 5-5 की एक टीम भी बच्चे खेलने के लिए बना सकते हैं।
खेलने का तरीका :
- फुटबॉल खेलने के लिए स्टेडियम नहीं है, तो इसे खेलने के लिए घास वाले पार्क या मैदान के किसी खाली व बड़े हिस्से को चुनें।
- बस इस खेल को संकुचित जगह पर न खेलें, ताकि खेलने से अन्य लोगों को परेशानी न हो।
- घास वाली जगह चुनने के बाद उसके दोनों किनारे पर एक-एक रेखा खींचें।
- ये रेखा फुटबॉल से गोल करने वाली रेखा होगी।
- मैदान के बीच में भी एक गोलाकार रेखा बनाएं, जहां से दोनों टीम के सदस्य गेम खेलना शुरू करेंगे।
- खेलते हुए सभी खिलाड़ी फुटबॉल को पैरों से मारते हैं।
- इस दौरान दोनों टीम अपने गोल पोस्ट पर गेंद को आने से बचाते हैं और सामने वाले के गोल पोस्ट पर बॉल डालती हैं।
- टीम का जो भी सदस्य सामने वाले के गोल पोस्ट पर फुटबॉल पहुंचाता है, उसे एक पॉइंट मिल जाता है।
- इस मैच की समय सीमा तय करना जरूरी है।
14. कंचे

छोटी-छोटी कांच की गोलियों के खेल अक्सर गली और नुक्कड़ों में बच्चे खेलते हुए दिख ही जाते हैं। इन कांच की गोलियों से दूसरी गोली पर निशाना लगाया जाता है। यह खेल एकदम निशानेबाजी की ही तरह होता है। सही निशाना लगाने वाले को वो कंचे मिल जाते हैं।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले जमीन पर एक बिंदु बनाएं।
- फिर दो हाथ की दूरी पर एक रेखा खींचें।
- इसके बाद बिंदु वाली जगह से मुट्ठी भर कांच की गोलियों को खींची गई रेखा के उस पार फेंकना होता है।
- फिर दूसरे साथी द्वारा बताए गए किसी भी एक कंचे पर निशाना लगाना होगा।
- इस दौरान एक कांच को उंगली के ऊपरी हिस्से से छोड़ते हुए निशाना लगाया जाता है।
- अगर उस गोली पर निशाना लग गया, तो अगली पारी भी वो निशाना लगाने वाला ही खेलेगा।
- निशाना चूकने पर दूसरे बच्चे की बारी आ जाती है।
- कुछ खेलों में बच्चे जितने कंचों पर सही निशाना लगाता है, वो सारे कंचे खेल के अंत में उसके हो जाते हैं।
15. रस्साकशी

रस्साकशी खेल भी बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय है। इसे खेलने के लिए भी दो समूहों की जरूरत होती है, जिनका एक-एक लीडर होता है। यह लीडर टीम के सभी सदस्यों द्वारा मिलकर चुना जाता है। इसके बाद दोनों लीडर अपनी-अपनी टीम में बाकी सदस्यों का चुनाव करते हैं। फिर दोनों समूहों के बीच एक रस्सी को खीचा जाता है (रस्साकशी), जो भी रस्सी अपनी तरफ खींच लेता है, उसे ही विजेता माना जाता है।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले सभी बच्चों को मिलकर टीम से दो लोगों को लीडर के तौर पर चुनना होगा।
- इसके बाद दोनों लीडर अपनी-अपनी टीम में बच्चों को शामिल करते हैं।
- खेल शुरू करने के लिए जमीन पर एक सीधी रेखा बनाई जाती है। उस रेखा के दोनों तरफ दोनों टीमों को एक रस्सी पकड़कर खड़ा होना पड़ता है।
- फिर उस रस्सी को दोनों तरफ की टीम अपना पूरा जोर लगाकर अपनी-अपनी तरफ खींचती है।
- जब कोई एक टीम दूसरी टीम या रस्सी को पूरी तरह से अपने हिस्से में खींच लेती है, तो उसे विजयी माना जाता है।
- इस दौरान अगर किसी टीम का पैर रेखा के दूसरी तरफ चला गया, तो वो हार जाती है।
16. नदी-पहाड़ और बर्फ-पानी
बच्चों के खेल हमेशा से ही काफी उछल-कूद वाले होते हैं। नदी-पहाड़ और बर्फ-पानी भी उन्हीं में से एक खेल है। इस खेल में बच्चों को लिए गए नाम की तरह एक स्थान को चुनकर उस पर चढ़ना होता है। इसके बारे में आप नीचे विस्तार से पढ़ सकते हैं।
खेलने का तरीका:
- सबसे पहले अक्कड़-बक्कड़ करके किसी एक बच्चे को जगह का नाम बोलने वाला काम देना होगा।
- फिर खेलने वाले मैदान में नदी-पहाड़ और बर्फ-पानी जैसे नामों से कुछ-कुछ वस्तुओं या स्थानों को अंकित किया जाता है।
- उदाहरण स्वरूप, सीढ़ी को पहाड़, किसी बेंच को पानी और पत्थर को बर्फ को मान लिया जाता है।
- उसके बाद चुना गया बच्चा इनमें से किसी एक का नाम बोलता है, जिसके बाद सभी बच्चों को उसी नाम की जगह पर जाना होता है।
- जैसे, अगर चुने गए बच्चे ने पहाड़ का नाम लिया है, तो बाकी सभी बच्चों को पहाड़ के रूप में चुनी गई ऊंची जगह पर जाकर चढ़ना होगा।
- इसी तरह अगर बच्चे ने बर्फ बोलने पर सभी बच्चों को स्टैच्यू की तरह खड़ा होना होगा या बर्फ के लिए कोई जगह चुनी गई है, तो उस पर खड़ा होना होगा।।
- खेल के दौरान अगर कोई बच्चा समतल स्थान पर होता है या बर्फ बोलेने के बाद कोई बच्चा हिलता-डुलता है, तो वह खेल से आउट हो जाता है।
- फिर वो इन जगहों के नाम लेता है और बाकी बच्चे खेलते हैं।
17. टिपी-टिपी टॉप
टिपी-टिपी टॉप यह एक मजेदार गेम है, जो हर छोटे बच्चे को काफी पसंद होता है। इसमें “टिपी-टिपी टॉप, व्हाट कलर यू वांट” बोलना होता है। इसके बाद डेन देने वाला बच्चे एक रंग का नाम लेता है, जिसके बाद बाकी बच्चों को उसी रंग की वस्तु को पकड़ना होता है। अगर ऐसा किसी बच्चे ने नहीं किया और डेन देने वाले बच्चे ने उसे पकड़ लिया, तो फिर वह बच्चा आउट माना जाता है। वैसे तो सुनने में यह काफी मजेदार और आसान है, लेकिन बच्चे काफी होशियार होते हैं। वो अक्सर ऐसे ही रंग का नाम लेते हैं, जो आस-पास मौजूद नहीं होते हैं।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले डेन देने वाले बच्चे को चुनें।
- फिर बाकी बच्चों को एक-दूसरे का हाथ पकड़कर डेन देने वाले बच्चे के चारों तरफ गोल-गोल घूमना होगा।
- घूमते हुए उन सभी बच्चों को मिलकर 3 बार “टिपी-टिपी टॉप व्हाट कलर यू वांट” बोलना होता है।
- इसके बाद डेन देने वाला बच्चा एक रंग का नाम लेता है।
- जैसे ही वह रंग का नाम बोलता है, सभी बच्चों को भागकर उस रंग की किसी वस्तु को पकड़ना होता है।
- फिर डेन वाला बच्चा उन सभी के पीछे दौड़ता है और जिसने भी उसके चुने हुए रंग को नहीं पकड़ा होता, वो उसे दौड़कर छूता है।
- इससे उस रंग को न पकड़ने वाला बच्चा आउट हो जाता है।
- इस तरह अगली बार वह बच्चा डेन बनकर “टिपी-टिपी टॉप, व्हाट कलर यू वांट” बोलता है।
- फिर यही सारी प्रक्रिया दोहराई जाती है।
18. लंगड़ी-टांग
बच्चों के हर काम की तरह ही उनके खेलों के भी अटपटे और चटपटे नाम होते हैं। उन्हीं में से एक लंगड़ी टांग भी है। इस खेल में एक बाउंड्री के अंदर बच्चों को खेलना होता है।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले एक बाउंड्री बनाएं।
- अब खेल शुरू करने के लिए दो टीम बनानी होगी।
- फिर उसमें पहली टीम से एक बच्चा डेन चुना जाता है, जो दूसरी टीम के बच्चों को पकड़ता है।
- डेन बने बच्चे को लंगड़ी टांग पर कूदते हुए दूसरी टीम के किसी एक सदस्य को पकड़ना होता है।
- इस खेल को खेलते हुए डेन से बचकर भाग रहा बच्चा अगर बाउंड्री से बाहर निकलता है, तो वो खेल से बाहर हो जाता है।
- वहीं, लंगड़ी टांग से डेन ने किसी बच्चे को बाउंड्री के अंदर पकड़ लिया, तो वो भी आउट माना जाता है।
- इसके अलावा, लंगड़ी टांग वाले बच्चे द्वारा अपना दूसरा पैर नीचे रखने पर वो भी गेम से आउट हो जाता है।
- फिर दूसरी टीम से डेन बना बच्चा पहली टीम के बच्चों को पकड़ता है।
- इस खेल को बिना टीम बनाए भी खेला जा सकता है।
19. लंबी कूद (लॉन्ग जम्प)
यह गेम बच्चों के लिए न सिर्फ मजेदार है, बल्कि उनकी शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। इस खेल में बच्चों को एक स्थान से कूदना होता है और वह कितना लंबा कूद सकता है, यह बात उसे विजेता बनाती है।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले एक सीधी रेखा खींचें।
- फिर उस रेखा से एक-एक करके सारे बच्चे अपनी क्षमता अनुसार लम्बी कूद लगाते हैं।
- इस दौरान हर बच्चे के कूदने के बाद उस जगह पर एक रेखा खींची जाती है।
- इससे यह पता लगता है कि किसने कितनी लंबी कूद लगाई है।
- फिर सभी रेखाओं का आंकलन करके सबसे लंबा कूदने वाले बच्चे को विजयी घोषित किया जाता है।
20. ऊंची छलांग (हाई जम्प)
ऊंची छलांग भी लम्बी कूद की ही तरह है। बस इस खेल में कूद की लम्बाई की जगह, छलांग की ऊंचाई को मापा जाता है।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले दो डंडों को मैदान के एक-एक किनारे में गाड़ लें।
- फिर उनपर एक निश्चित ऊंचाई के लिए रस्सी बांधें।
- अब इसी रस्सी के ऊपर से सभी बच्चों को कूदना होगा।
- इस रस्सी को बिना छुए, जो बच्चा अपनी छलाग लगाता है, उसे इस राउंड में पास माना जाता है।
- इसके बाद जब सारे बच्चे एक-एक करके छलांग लगा लेते हैं, तो रस्सी की ऊंचाई थोड़ी बढ़ा दी जाती है।
- फिर पहले राउंड में पास हुए बच्चों को दोबारा से इस रस्सी के ऊपर से कूदना होता है।
- इसी तरह हर राउंड में रस्सी को और ऊपर किया जा सकता है।
- अंत में जो सबसे ऊंची छलांग लगाता है, वो इस खेल का विजेता घोषित हो जाता है।
21. आंख-मिचौली
वैसे तो आंख-मिचौली घर में भी खेली जा सकती है, लेकिन खुले मैदान में इसे खेलने का मजा ही कुछ और होता है। इस खेल में खिलाड़ी की आंखों पर एक पट्टी बांधी जाती है, जिसके बाद उसे अन्य खिलाड़ियों को पकड़ना पड़ता है। इस दौरान डेन दे रहे खिलाड़ी को अपने सुनने की क्षमता का उपयोग करके सामने वाले को पकड़ना होगा।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले अक्कड़-बक्कड़ करके डेन देने वाले खिलाड़ी को चुना जाता है।
- फिर उसकी आंखों पर पट्टी बांध दें। पट्टी इस तरह बांधें कि उसे कुछ दिखाई न दे।
- अब उसे दो से तीन बार गोल-गोल घुमाएं और फिर छोड़ दें।
- इसके बाद बाकी के सभी खिलाड़ियों को उसके आस-पास रहते हुए इधर-उधर भागना होता है और डेन बने खिलाड़ी को उन्हें पकड़ने का प्रयास करता है।
- जब वो किसी एक खिलाड़ी को पकड़ लेता है, तो वो डेन बनकर आंखों में पट्टी लगाता है और दूसरे खिलाड़ियों को पकड़ता है।
22. रस्सी-कूद
इस खेल में दो बच्चे रस्सी पकड़कर आमने-सामने खड़े हो जाते हैं और रस्सी को एक खिलाड़ी के ऊपर से निकालते हुए गोल-गोल घुमाते हैं। फिर उस खिलाड़ी को बिना रस्सी छुए उसके ऊपर से कूदना होता है।
खेलने का तरीका :
- सबसे पहले दो बच्चों को एक रस्सी लेकर उसकी लंबाई की दूरी पर खड़ा होना होगा।
- इसके बाद एक खिलाड़ी रस्सी के बीच के हिस्से में खड़ा होगा।
- फिर दोनों खिलाड़ी उस रस्सी को बीच में खड़े खिलाड़ी के पैर से घुमाते हुए सिर से निकालते हैं।
- इस दौरान उस खिलाड़ी को पैर के पास रस्सी के आने पर कूदना होता है।
- साथ ही उसे यह भी ध्यान रखना होगा कि रस्सी उसके पैरों को न छुए।
- बगल में खड़ा एक अन्य खिलाड़ी इसकी गिनती करता है कि वह कितनी बार रस्सी से कूदा है।
- जैसे ही रस्सी पैर में लगती है, तो कूदने वाला खिलाड़ी आउट हो जाता है।
- इसके बाद एक-एक करके सभी को इसी तरह रस्सी से बचते हुए कूदना होता है
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