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एक नवजात शिशु कम से कम छह महीने तक मां के दूध पर निर्भर रहता है। इसके बाद उसे दूध के साथ-साथ ठोस आहार की भी जरूरत होती है। हर माता-पिता चाहते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ उनके शिशु को सही पोषण मिले। इस स्थिति में दलिया शिशु के लिए संपूर्ण आहार हो सकता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम न सिर्फ बच्चों के लिए दलिया के फायदे बताएंगे, बल्कि बेबी के लिए दलिया बनाने की विधि भी आपके साथ शेयर करेंगे।
दलिया क्या है?
दलिया सेहतमंद आहार है, जो टूटे हुए अनाज से बनता है। दलिया कई तरह के होते हैं, लेकिन कुछ सामान्य परंतु प्रसिद्ध अनाज जो दलिया में उपयोग होते हैं, वो हैं – गेहूं, बाजरा, चावल, जई व मकई। भारतीय घरों में गेहूं का दलिया बहुत ही सामान्य है। इसमें कई पौष्टिक तत्व जैसे – विटामिन, मिनरल व आयरन होते हैं, जो शिशु के लिए लाभकारी हो सकते हैं। इस लेख में हम गेहूं के दलिये की बात कर रहे हैं, जिसे कच्चे गेहूं के दानों को अच्छी तरह से पीसकर बनाया जाता है। यह खाने में स्वादिष्ट होता है और जब शिशु ठोस आहार का सेवन करना सीखते हैं, उस वक्त शिशु के लिए यह अच्छा भोजन है।
क्या दलिया शिशुओं के लिए अच्छा है?
जब माता-पिता अपने शिशु को कुछ नई चीज देना शुरू करते हैं, तो उसके लिए वो कई बार सोचते हैं। ऐसे में जब दलिया की बात आती है, तो उनके मन में यह सवाल आता है कि क्या यह उनके शिशु के लिए सुरक्षित है? यह बहुत ही आम सवाल है और इसका जवाब है कि हां यह शिशु के लिए सुरक्षित है। दलिया पोषक तत्वों का खजाना है, इसके सेवन से आहार की गुणवत्ता बढ़ती है और मोटापे का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है। इसलिए, इसे शिशु के पूरे दिन के आहार में शामिल करना चाहिए (1)।
बच्चे को दलिया कब देना चाहिए ?
आप छह महीने की उम्र से शिशु को दलिया दे सकते हैं (2)। यह बच्चे के लिए पहले ठोस खाद्य पदार्थों में से एक हो सकता है।
बच्चे को दलिया के फायदे
1. कब्ज के लिए फायदेमंद
दलिया फाइबर से भरपूर होता है। इसी कारण है कि यह कब्ज की समस्या से राहत दिला सकता है। जब किसी को कब्ज होती है, तो डॉक्टर दलिया को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं और इससे शिशुओं को भी फायदा हो सकता है (3)।
2. रोग प्रतिरोधक शक्ति के लिए दलिया
शिशु बहुत नाजुक होते हैं और वो जल्द बीमार हो सकते हैं। ऐसे में उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना जरूरी है। दलिये में एक प्रकार की शर्करा होती है, जिसे बीटा-ग्लूकन कहा जाता है। यह रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ा सकती है (4)। इसका नियमित सेवन बढ़ते बच्चों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
3. गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग के लिए
कुछ बच्चों को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स (Gastroesophageal reflux disease-GERD) रोग होता है। यह पाचन संबंधी समस्या है। इसके लिए दलिया सही आहार के रूप में साबित हो सकता है। उन्हें मोटी प्यूरी के रूप में भोजन देना होता है और ऐसे में दलिया अच्छा गाढ़ा आहार हो सकता है ( (5)।
4. मोटापे के जोखिम को कम कर सकता है
दलिया के सेवन से शिशु को कई तरह के पोषक तत्व जैसे – विटामिन, आयरन, कैल्शियम व मैग्नीशियम मिलते हैं। इससे शिशु न सिर्फ स्वस्थ रहते हैं, बल्कि मोटापे का जोखिम भी कम हो सकता है (1)।
बच्चों के लिए गेहूं का दलिया बनाने का तरीका। दलिया बनाने की विधि
अब जब आप दलिया के इतने फायदे जान गए हैं, तो जाहिर सी बात है कि इसे अपने शिशु की डाइट में शामिल करना चाहेंगे। हालांकि, हर शिशु का स्वाद एक जैसा नहीं होता है, किसी को मीठा पसंद है, तो किसी को नमकीन। इसलिए, हम नीचे बेबी के लिए विभिन्न प्रकार के दलिया बनाने की विधि शेयर कर रहे हैं।
1. मीठा दलिया (लापसी)
सामग्री :
- आधा कप दलिया (broken wheat dalia)
- घी आधा चम्मच
- दूध दो कटोरी
- चीनी या गुड़ (स्वादानुसार)
- चार से पांच काजू या बादाम (वैकल्पिक)
- पानी (आवश्यकतानुसार)
बनाने की विधि :
- एक पैन में घी डालकर काजू या बादाम को भून लें और अलग रख दें।
- उसी पैन में दलिया को एक से दो मिनट तक भूनें, जब तक कि उससे खुशबू नहीं आती है।
- अब इसमें दूध डालकर अच्छे से उबालें।
- फिर इसे 10 से 15 मिनट के लिए उबलने दें और बीच-बीच में इसे चलाते रहें। अगर दलिया मोटा होगा, तो इसे पकने में थोड़ा वक्त लग सकता है।
- जब यह अच्छे से पक जाए, तो इसमें चीनी या गुड़ मिला लें।
- आप चाहें तो इसमें इलाइची पाउडर भी मिला सकते हैं।
2. सेब दलिया
सामग्री :
- आधा कप दलिया
- आधा या एक सेब कद्दूकस या पीसा हुआ
- एक से दो चम्मच घी
- आधा कप चीनी
- तीन से चार कप पानी
- एक चम्मच इलायची पाउडर
- कुछ काजू और बादाम
बनाने की विधि :
- सेब को छिल लें और उसे काटकर मिक्सी में डाल दें।
- अब उसमें थोड़ा पानी डालें और उसका पेस्ट या प्यूरी बना लें।
- फिर एक कड़ाई में घी गर्म करें।
- उसके बाद उसमें दलिया डालकर उसे पांच से दस मिनट तक भूनें, जब तक कि दलिया भूरा न हो जाए।
- इसमें थोड़ा पानी मिलाएं और मध्यम आंच पर दलिये को पकने दें।
- उसके बाद इसमें चीनी और इलायची पाउडर डालकर पांच मिनट तक पकने दें।
- इसी बीच एक अलग बर्तन में काजू और बादाम को घी डालकर भून लें।
- उसके बाद दलिये में सेब की प्यूरी मिलाकर उसे पकने दें।
- फिर परोसने से पहले इसमें काजू-बादाम मिला दें।
- ध्यान रहे काजू-बादाम के टुकड़े छोटे हों, ताकि आपके शिशु के गले में न अटकें और वो आसानी से इसका सेवन कर सके।
3. दलिया उपमा
सामग्री :
- आधा कटोरा दलिया
- तेल या घी एक चम्मच
- आधा चम्मच सरसों के बीज
- जीरा (आवश्यकतानुसार)
- आठ से दस करी पत्ते
- आधा कप कटी हरी सब्जियां (गाजर, बीन्स, आलू, शिमला मिर्च)
- एक चौथाई कप हरे मटर
- नमक (स्वादानुसार)
- पानी (आवश्यकतानुसार)
बनाने की विधि :
- एक पैन में दलिये को भून लें और तब तक भूनें, जब तक कि उसमें से खुशबू न आने लगे।
- फिर एक कड़ाई में घी गर्म करके उसमें सरसों के बीज, जीरा और करी पत्ता डालें।
- जब वो गर्म हो जाए, तो इसमें सब्जियां डाल दें।
- अब इसमें पानी, हल्दी और नमक मिलाकर उबलने दें।
- धीरे-धीरे इसमें दलिया मिलाएं और साथ ही उसे चलाते रहें, ताकि उसमें गांठ न पड़े।
- अगर आप इसे कुकर में बना रहे हैं, तो कुकर का ढक्कन बंद कर इसे धीमी आंच पर एक से दो सीटी लगाएं।
- अगर आप कड़ाई में बना रहे हैं, तो 10 से 15 मिनट के लिए इसे ढक दें या तब तक पकाएं, जब तक कि यह नर्म न हो जाए।
- अगर आपको लगे कि इसमें और पानी डालने की जरूरत है, तो इसमें पानी डाल दें।
4. दलिया खिचड़ी
सामग्री :
- आधा कप दलिया
- आधा कप मूंग दाल
- आधा कप चावल
- आधा चम्मच जीरा
- एक चौथाई चम्मच हींग
- कसा हुआ अदरक 1/2 चम्मच
- एक छोटा बारीक कटा प्याज
- एक छोटा बारीक कटा टमाटर
- दो कप कटी हुई हरी सब्जियां (आलू, गाजर, गोभी, मटर आदि)
- एक चम्मच तेल या घी
- आधा चम्मच हल्दी
- नमक (स्वादानुसार)
- पानी (आवश्यकतानुसार)
बनाने की विधि :
- दाल, चावल और दलिये को अच्छी तरीके से धो लें और आधे घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें।
- कुकर में तेल या घी को गर्म करें।
- इसमें जीरा डालें और जब यह गर्म होने लगे, तो इसमें हींग व अदरक डालकर कुछ देर के लिए हल्का तलें।
- अब इसमें बारीक कटे प्याज डालकर भूने। फिर इसमें टमाटर डालें और जब तक अच्छे से पक न जाए, इसे तलते रहें।
- फिर सारी कटी सब्जियां डालकर कुछ देर के लिए तलें।
- अब दाल, चावल और दलिये से पानी छानकर उसे कुकर में डालें।
- फिर हल्दी-नमक मिलाएं।
- इसे तब तक तले, जब तक कि सब ठीक से मिल न जाए।
- अब इसमें चार से पांच कप जितनी जरूरत हो, उतना ही पानी मिलाएं और फिर ढक्कन बंद कर तीन से चार सिटी लगाएं।
- ध्यान रहे कि दलिया खिचड़ी थोड़ी गीली होनी चाहिए। अगर ढक्कन खोलने के बाद आपको लगे कि पानी सूख गया है, तो आप इसमें थोड़ा पानी मिला सकते हैं।
5. दलिये की खीर
सामग्री :
- आधा कटोरा दलिया
- एक या डेढ़ चम्मच घी
- दो कप दूध
- चीनी या गुड़ दो चम्मच
- दो से तीन इलायची
- 10 से 12 काजू और बादाम
- 10 से 12 किशमिश
- पानी (आवश्यकतानुसार)
बनाने की विधि :
- एक पैन में घी गर्म करके काजू और बादाम को भूनकर रख लें।
- अब उसी पैन में दलिये को तब तक भूनें, जब तक कि उसमें से खुशबू न आने लगे।
- अब उसमें दूध मिला लें और उबलने दें।
- इसे कम से कम 10 से 15 मिनट के लिए उबलने दें और अगर दलिया मोटा है, तो थोड़ी ज्यादा देर तक पकने दें और बीच-बीच में चलाते रहें।
- जब यह अच्छे से पक जाए, तो इसमें चीनी या गुड़ मिलाएं।
- आप चाहें तो अपनी आवश्यकतानुसार इसमें और दूध या पानी मिला सकते हैं।
- अंत में आप इसमें इलायची या इलायची पाउडर और काजू-बादाम मिला लें।
6. दूध और शहद दलिया
सामग्री :
- आधा कटोरा दलिया
- दो से तीन कप दूध
- शहद स्वादानुसार
बनाने की विधि
- एक पैन में दूध गर्म करें और जब वो उबलने लगे, तो उसमें दलिया मिला दें।
- दलिये को अच्छे से पकने दें और इसी बीच में आप इसे थोड़ा-थोड़ा चलाते रहें, ताकि गांठ न पड़े।
- जब दलिया अच्छे से पक जाए, तो इसे उतारकर इसमें शहद मिला लें।
आशा करते हैं कि ऊपर दी गई बच्चों के लिए दलिया बनाने की विधि आपके काम आएगी। इतना ही नहीं, ये स्वादिष्ट दलिया रेसिपी आपके शिशु को भी पसंद आएगी और शुरुआत से ही आपके शिशु को सभी जरूरी पोषक तत्व भी मिलेंगे। तो इनमें से चुनें अपने बच्चे के लिए उनके स्वाद के अनुसार पसंदीदा रेसिपी और शामिल करें अपने बच्चों के आहार में।
References
1. Cooked oatmeal consumption is associated with better diet quality, better nutrient intakes, and reduced risk for central adiposity and obesity in children 2–18 years: NHANES 2001–2010 by NCBI
2. Starting Solids for Infants by Framingham
3. Constipation by ucsfhealth
4. The biological activity of beta-glucans by NCBI
5. Oatmeal: The Safer Alternative for Infants Children Who Need Thicker Food by healthy children