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नवजात शिशु के लिए मां का दूध ही संपूर्ण आहार होता है। छह महीने तक उसे केवल मां का दूध ही दिया जाता है। छह महीने के बाद उसे ठोस आहार देना शुरू किया जाता है। इसके बाद बच्चे से धीरे-धीरे मां का दूध छुड़ाना जरूरी हो जाता है, ताकि उसे ठोस आहार की आदत पड़े और उसे सभी पोषक तत्व मिल सकें। कई बार तमाम कोशिशों के बाद भी बच्चे का दूध नहीं छूट पाता। अगर आप भी अपने शिशु का दूध नहीं छुड़ा पा रही हैं, तो मॉमजंक्शन का यह लेख आपकी मदद करेगा। इस लेख में हम आपको बच्चों का दूध छुड़ाने के उपाय बताएंगे।

आइए, सबसे पहले जानते हैं कि बच्चों का दूध छुड़ाने का सही समय क्या है।

बच्चे का दूध छुड़ाने का सही समय

शिशु का दूध छुड़ाने का कोई विशेष समय नहीं होता (1) छह महीने की उम्र तक के शिशु को मां के दूध के साथ ही थोड़े-बहुत ठोस आहार देने की शुरुआत की जा सकती है। इससे बच्चे का विकास दर अच्छा हो सकता है और उसे उचित पोषण भी मिल सकता है (2)। वहीं, कम से कम 12 महीने की उम्र या जब तक मां और बच्चे की इच्छा हो, तब तक शिशुओं के लिए मां का दूध एक महत्वपूर्ण भोजन होता है (3)। इसके अलावा, शिशु के द्वारा खाए गए ठोस आहार को पचाने के लिए भी ब्रेस्ट मिल्क की जरूरत पड़ सकती है। वहीं, मां के दूध में कई प्रकार के प्रोटीन होते हैं, जो शिशु के पाचन को बेहतर कर सकते हैं (4)। इसलिए, शिशु का दूध छुड़ाने के लिए मां को कम से कम उसके एक साल तक का होने का इंतजार करना चाहिए।

मां स्तनपान छुड़ाने की कोशिश क्यों करती है?

कई कारण हैं, जिनकी वजह से मां शिशु का स्तनपान छुड़ाने की कोशिश करती है। नीचे हम इन्हीं कारणों के बारे में बता रहे हैं (5) :

  • जब मां को लगता है कि उचित मात्रा में ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन नहीं हो रहा है, जिस कारण शिशु असंतुष्ट रहता है, तो ऐसे में स्तनपान छुड़ाना बेहतर समझा जाता है।
  • कुछ महिलाएं डिलीवरी के कुछ समय बाद से वजन कम करने की योजना बनाती हैं, जिसके लिए उन्हें डायटिंग करनी पड़ती है। इसके लिए भी वो स्तनपान छुड़ाने की कोशिश करती हैं।
  • जैसे-जैसे शिशु बड़ा होने लगता है, उसे ज्यादा पोषण की जरूरत पड़ती है। ऐसे में केवल ब्रेस्ट मिल्क उसके संपूर्ण विकास के लिए काफी नहीं होता। इस कारण से महिला स्तनपान छुड़ाकर ठोस आहार की तरफ रुख करती हैं।
  • कुछ महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें होती हैं, जिसके चलते वो स्तनपान नहीं करा पातीं। ऐसे में स्तनपान रोकने का फैसला लिया जाता है।
  • अगर महिला कामकाजी है, तो मेटरनिटी लीव के बाद उसे अपने काम पर लौटना होता है, जिस कारण वो नियमित रूप से स्तनपान नहीं करा पाती। स्तनपान छुड़ाने की यह भी एक मुख्य वजह है।
  • कुछ महिलाएं सामाजिक या शारीरिक कारणों से अपने बच्चे की स्तनपान आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं होती हैं। ऐसे में वो बच्चे को दूध पिलाना बंद कर सकती हैं।
  • कुछ बच्चे स्तनपान के दौरान मां के स्तनों पर काट लेते हैं, जिससे उन्हें काफी दर्द होता है। ऐसे में महिला स्तनपान कराना छोड़ देती है।

आइए, अब उन टिप्स के बारे में जानते हैं, जो शिशु के स्तनपान की आदत को छुड़ाने में मदद करेंगे।

बच्चे को स्तनपान करने से कैसे रोकें?

ज्यादातर महिलाएं इस बात से परेशान रहती हैं कि बच्चे को स्तनपान करने से कैसे रोकें। अगर आप भी बच्चे को स्तनपान बंद कराने की कोशिश में हैं, तो नीचे दिए गए उपाय आपकी मदद कर सकते हैं :

  1. बच्चे को तैयार करें : बच्चे को दूध छुड़ाने के लिए तैयार करना जरूरी है। स्तनपान छुड़ाने से पहले उसे बोतल से दूध पिलाने की आदत डालें, फिर धीरे-धीरे स्तनपान कराना कम करें।
  1. ठोस आहार दें : बेशक, बच्चे के लिए मां का दूध संपूर्ण पोषण होता है, इसलिए स्तनपान छुड़ाने से पहले उसे अन्य आहार देने की आदत डालें, ताकि उसे जरूरी पोषण अन्य खाद्य पदार्थों से मिलते रहें।
  1. ब्रेस्ट पर दबाव न डालें : जब बच्चा मां का दूध पीता है, तो निप्पल काफी संवेदनशील हो जाते हैं। ऐसे में आप केवल पीठ के बल ही सोएं और ध्यान दें कि ब्रेस्ट पर ज्यादा दबाव न पड़े। ऐसा करने से स्तनों में दूध बनने की प्रक्रिया कम होने लगती है, जिससे बच्चा आसानी से दूध छोड़ पाता है।
  1. बच्चे का ध्यान भटकाएं : जब आपको लगे कि बच्चा स्तनपान करना चाहता है, तो उसका ध्यान किसी अन्य चीज में लगाने की कोशिश करें। इसके लिए आप उसके साथ खेल सकती हैं, उसके लिए गाना गा सकती हैं या उसे बाहर घुमाने भी ले जा सकती हैं।

बच्चे को रात में स्तनपान करने से कैसे रोकें?

  1. बच्चे को थोड़ा दूर सुलाना : स्तनपान छुड़ाने के लिए आप बच्चे से थोड़ी दूरी बनाकर सो सकती हैं। जब आप बच्चे के पास सोती हैं, तो वह स्तनपान के लिए जिद कर सकता है।
  1. पैसिफायर : आप रात के समय कुछ देर के लिए बच्चे को पैसिफायर (कृत्रिक निप्पल) चूसने के लिए दे सकते हैं। इससे स्तनपान की आदत धीरे-धीरे कम होने लगती है। ध्यान रहे कि पैसिफायर का इस्तेमाल लगातार नहीं करना चाहिए (6)
  1. शाम के समय उसे अच्छी तरह खिलाएं : आपका बच्चा अगर ठोस आहार लेता है, तो उसे शाम के समय अच्छी तरह ठोस आहार खिलाएं। इसके अलावा, आप रात के समय सोने से कुछ देर पहले भी उसे बोतल से अच्छी तरह दूध पिलाएं।

बच्चे का दूध छुड़ाने में कितना समय लगता है?

एक बच्चे को स्तनपान छोड़ने में सप्ताह से लेकर कुछ महीनों तक का समय लग सकता है (7) यह इस पर निर्भर करता है कि स्तनपान छुड़ाने की कोशिश के दौरान आपका बच्चा किस तरह की प्रतिक्रिया देता है। आप उसकी प्रतिक्रिया के अनुसार ही उसका स्तनपान छुड़ाने की कोशिश करें। कुछ बच्चे स्तनपान न कराने पर बहुत रोते हैं। ऐसे में आपको तुरंत न रोककर धीरे-धीरे इस प्रक्रिया पर चलना चाहिए।

लेख के इस भाग में हम कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं।

स्तनपान छुड़ाने की युक्तियां और घरेलू उपाय

आप कुछ घरेलू उपचार अपनाकर भी अपने बच्चे के स्तनपान की आदत छुड़ा सकती हैं। नीचे हम आपको स्तनपान छुड़ाने की कुछ युक्तियां बता रहे हैं :

  • अधिकतर शिशु सिर्फ मां के स्तनों को देखकर ही स्तनपान करने की जिद्द करने लगते हैं। ऐसे में आप शिशु के सामने कपड़े न बदलें या फिर स्नान न करें।
  • अगर आपका बच्चा समझने लायक हो गया है, तो उसे समझाने की कोशिश करें कि अब उसे मां का दूध नहीं पीना चाहिए। इसके अलावा, यह भी बताएं कि किस तरह उसके दांतों से मां को दर्द होता है।
  • अगर आपको लगता है कि बच्चे को मां के दूध की जरूरत है और आप स्तनपान नहीं कराना चाहतीं, तो आप पंप की मदद से ब्रेस्ट मिल्क स्टोर कर सकती हैं। फिर इसे जरूरत पड़ने पर चम्मच से शिशु को पिला सकती हैं।
  • अगर आप किसी विशेष कुर्सी या जगह पर बैठकर उसे स्तनपान कराती हैं, तो अब बच्चे के सामने उस कुर्सी पर न बैठें। बच्चे की दिनचर्या में बदलाव लाने की कोशिश करें, ताकि उसका ध्यान स्तनपान से दूर हो सके।
  • आप पत्तागोभी के पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। आप पत्तागोभी के एक-एक पत्ते को ब्रा के अंदर स्तन पर रखें। ऐसा कुछ लोगोंं का मानना है कि पत्ता गोभी के पत्तों से ब्रेस्ट मिल्क सूख जाता है। मॉमजंक्शन इस तथ्य की वैज्ञानिक पुष्टि नहीं करता है।

आगे जानिए, अगर बच्चा अभी भी मां का दूध पीना चाहता है, तो क्या करें?

अगर बच्चा अभी भी स्तन दूध मांगता है, तो क्या करें?

शिशु 12 महीने के बाद अपना रुझान ठोस आहार पर करने लगता है। अगर, फिर भी आपका बच्चा मां का दूध मांग रहा है, तो आप नीचे दिए गए तरीके अपना सकती हैं :

  • आयुर्वेद कहता है कि निप्पल पर नीम और वचा जैसी कड़वी जड़ी-बूटी लगाने से फायदा हो सकता है। अगर शिशु इसे चाटता भी है, तो उसे इससे कोई नुकसान नहीं होगा। साथ ही इसके कड़वा स्वाद के कारण वह स्तनपान करने से दूर हो सकते हैं।
  • अगर बच्चा दूध छुड़ाने की तमाम कोशिशों के बाद भी स्तन दूध मांग रहा है, तो आप उसके खाद्य पदार्थों में बदलाव करें। हो सकता है कि आप जो भी चीज उसे खाने को दे रही हैं, वो उसे पसंद न आ रही हो। ऐसे में आप अलग-अलग चीजें उसे खिलाएं और जानने की कोशिश करें कि उसे सबसे ज्यादा क्या-क्या पसंद आ रहा है। उसे जो भी पसंद आ रहा है, उसे वही खाने के लिए दें। ऐसे में उसके मुंह से स्तन दूध का स्वाद हटेगा।
  • अगर आपके बच्चे को कोई विशेष चीज खाना पसंद है, तो उसे रोजाना एक समय पर वही चीज दें। धीरे-धीरे उसे समझ आएगा कि इस समय उसे अपनी पसंद की चीज मिलेगी, जिसके लिए वो आतुर रहेगा।
  • आप कभी-कभी बच्चे को खुद से न खिलाते हुए घर के किसी अन्य सदस्य को उसे खाना खिलाने की जिम्मेदारी दें। ऐसे में बच्चा ब्रेस्ट मिल्क की मांग कम करने लगेगा।

इस विषय के संबंध में और जानकारी के लिए यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें।

जब आप स्तनपान कराने से रोकते हैं, तो क्या होता है?

स्तनपान छुड़ाना आसान काम नहीं है। बच्चे को इसकी आदत छोड़ने में तो परेशानी होती है, लेकिन मां को भी कई समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। नीचे हम बता रहे हैं कि जब आप स्तनपान कराने से रोकती हैं, तो क्या-क्या होता है :

  • स्तनों में वृद्धि – कभी-कभी स्तनपान रोकने से स्तनों में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, कुछ महिलाओं को स्तनों में दर्द भी होने लगता है।
  • मूड स्विंग – जब स्तनपान रोक दिया जाता है, तो प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटॉसिन हार्मोन कम होने लगते हैं। ऐसे में हार्मोनल बदलाव के चलते महिला को तनाव व मूड स्विंग जैसी समस्या होने लगती है (8)
  • वजन बढ़ना – स्तनपान कराने वाली महिला को रोजाना 500 अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत पड़ती है। ऐसे में उसकी भूख भी बढ़ जाती है। इसके बाद महिला स्तनपान कराना तो छोड़ देती है, लेकिन उसकी भूख कम नहीं होती। ऐसा करने से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है (9)
  • अधिक मासिक धर्म – आमतौर पर, जब तक आप स्तनपान करती हैं, तब तक आपको मासिक धर्म नहीं होता है। इस स्थिति को लेक्टेशनल एमेनोरिया कहा जाता है, जिसे स्तनपान बांझपन भी कहा जाता है। ऐसे में जब आप स्तनपान कराना छोड़ देती हैं, तो आपको भारी ब्लीडिंग हो सकती है (10)

यहां जानें क्या बच्चे को मां दूध पीने की आदत छुड़ाने के लिए दवाएं ले सकते हैं या नहीं।

बच्चों को दूध छुड़ाने की दवा

बच्चों का दूध छुड़ाने के लिए आपको जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। बात आए दवा की, तो डॉक्टर से सलाह लिए बिना इससे संबंधित दवा खुद से न लें और न ही अपने बच्चे को दें। अगर डॉक्टर को ठीक लगता है, तो वह स्तनपान की आदत छुड़ाने के लिए कोई दवा दे सकते हैं।

इस भाग में भी है जरूरी जानकारी, जरूर पढ़ें।

वीनिंग के बाद स्तनपान फिर से शुरू करना

एक अंतराल के बाद दोबारा स्तनपान शुरू करने को रिलैक्टेशन कहा जाता है (11)। यह तभी हो सकता है, जब आपको स्तनपान बंद कराए हुए ज्यादा दिन न हुए हों। यह सबसे प्रभावी तब होता है, जब शिशु छह महीने या उससे कम उम्र का हो। एक साल से ज्यादा उम्र के बच्चे की महिला के लिए यह काफी कठिन हो जाता है। ऐसे में रोजाना 10 बार 20-20 मिनट के लिए बच्चे को स्तनपान कराएं, ताकि बच्चे तक दूध पहुंच सके। इसके बावजूद, ब्रेस्ट मिल्क की आपूर्ति पहले की तरह नहीं होती।

अंत में जानें कि मां के स्तनों का दूध कब पूरी तरह से सूख जाता है।

स्तनों का दूध कब पूरी तरह सूख जाता है?

स्तनपान बंद करने के कुछ दिनों के बाद से ही स्तनों का दूध धीरे-धीरे कम होने लगता है। पूरी तरह से दूध सूखने में किसी को कुछ सप्ताह, तो किसी को एक या दो साल का समय लग सकता है। किसी-किसी के साथ ऐसा भी हो सकता है कि स्तनपान छुड़ाने के बावजूद स्तनों से दूध की एक-दो बूंदें निकलें। ऐसे में अगर आपको स्तनपान कराने के लंबे समय बाद भी स्तनों में दर्द या अन्य कोई अजीब लक्षण दिखाई दे, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

उम्मीद है कि इस लेख में आपको स्तनपान रोकने के टिप्स मिल गए होंगे, जिन्हें आप आजमा सकती हैं। इस लेख में दिए गए ये तरीके यकीनन आपके काम आएंगे और आप बच्चे की स्तनपान की आदत को धीरे-धीरे कम कर पाएंगी। आप ब्रेस्टफीडिंग रोकने की जल्दबाजी न करें। धीरे-धीरे और प्यार से इस प्रक्रिया को अपनाएं। साथ ही बच्चे को भरपूर पोषण देते हुए स्तनपान छुड़ाएं।

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