मेनिनजाइटिस : इलाज से बेहतर सावधानी

Written by MomJunction MomJunction
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माता-पिता बनना एक सुखद अनुभव होता है। इसी के साथ शिशु के प्रति आपकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं और प्राथमिकताएं भी बदल जाती हैं। आपकी बेफिक्री आपके बच्चे की परवाह और देखभाल में तबदील हो जाती है। अगर मैं अपनी बात करूं, तो मैं भी ऐसे माता-पिताओं में से एक हूं। मैं भी अपने शिशु के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहती हूं। अगर मेरे बच्चे को हल्का बुखार भी हो, तो मैं तुरंत बुखार के लक्षणों के संबंध में जानकारी जुटाने में लग जाती हूं। अन्य माता-पिता की तरह मैं भी अपने बच्चे को जरूरी टीके लगवाने में लापरवाही नहीं बरतती।

मेरे जुड़वां बच्चे हैं और टीकाकरण का खर्च बहुत अधिक है, फिर भी अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए मैं उन्हें हर टीका लगवाती हूं। मैं इसलिए अपने बच्चों को टीक नहीं लगवाती कि मैं टीकाकरण का खर्च उठाने में सक्षम हूं, बल्कि इसलिए लगवाती हूं, ताकि मेरे बच्चों के पास कोई भी बीमारी न फटके। ऐसा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि कुछ घातक बीमारियां के लक्षण सामान्य लगते हैं और हम उसे नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में सभी माता-पिता को बच्चों से जुड़ी हर समस्या की जानकारी रखना जरूरी है। मेरी बातें आपको कुछ अटपटी लग सकती हैं, लेकिन मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि बच्चे के टीकाकरण को अनदेखा न करें। बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा माता-पिता द्वारा दिया गया सबसे अनमोल उपहार है। अब जब बच्चों के टीकाकरण की बात चल रही है, तो मैं आपको विशेष रूप से सनोफी पेस्ट्यूर द्वारा दी जाने वाली मेनिनजाइटिस वैक्सीन के बारे में जरूर बताना चाहूंगी। सनोफी पेस्ट्यूर कंपनी के पास 40 साल का अनुभव है। यह कंपनी रीसर्च के आधार पर वैक्सीन और स्वास्थ्य सुरक्षा में विशेषज्ञ की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

अगर बात करें मेनिनजाइटिस की, तो यह एक दुर्लभ और हानिकारक संक्रमण है। यह बीमारी सामान्य सर्दी-जुकाम से शुरू होती है और आसानी से एक बच्चे से दूसरे बच्चे में फैल सकती है। मेनिनजाइटिस की चपेट में ज्यादातर 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे चपेट में आते हैं। इसके अलावा, वो बच्चे भी इसका शिकार हो सकते हैं, जो इस संक्रमण से प्रभावित लोगों के संपर्क में आते हैं। मेनिनजाइटिस में संक्रमण मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है या रक्तप्रवाह में चला जाता है। अगर वक्त रहते इसका पता नहीं चला या इलाज नहीं हुआ, तो 48 घंट के अंदर मरीज की मृत्यु हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका इलाज करने के बाद भी बच्चे के साथ आजीवन कुछ न कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लगी रहती हैं।

मेनिनजाइटिस के शुरुआती लक्षणों में बुखार, थकान, भूख न लगना, दौरे पड़ना, सिर के नर्म स्थान पर सूजन और बच्चे का लगातार रोना आदि शामिल हैं। बेशक, आपको ये लक्षण आम बुखार जैसे लगेंगे, लेकिन ये मेनिनजाइटिस का संकेत भी हो सकते हैं। यही कारण है कि बच्चे को इस घातक बीमारी से बचाने के लिए मनिनजाइटिस का टीका लगवाना जरूरी है।

आंकड़ों की बात करें, तो 2016 में भारत में मेनिनजाइटिस के 3251 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 205 घातक थे। 2017 में 3087 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 146 की मृत्यु हो गई। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि लड़कियों की तुलना में लड़के इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित हुए हैं। वहीं, देशभर में इसके सबसे ज्यादा मरीज पश्चिम बंगाल में पाए गए हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश, बिहार, ओडिशा और कर्नाटक का नंबर आता है। ये आंकड़े डरा देने वाले तो है ही, साथ ही चिंताजनक भी हैं।

नीचे हम आपको नवजात शिशुओं को मेनिनजाइटिस से बचाने के कुछ तरीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं –

  • शिशुओं को संक्रमित व्यक्ति से दूर रखें। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति से शिशु को आसानी से हो सकती है और गंभीर रूप ले सकती है।
  • जितना हो सके बच्चों को भीड़-भाड़ और मच्छर वाली जगह से दूर रखें।
  • ध्यान रहे कि बच्चों को छूने से पहले, उनका खाना बनाने से पहले या उनकी बोतल भरते व साफ करने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धाे लें।
  • गर्भावस्था के 35वें से 37वें सप्ताह के बीच की गर्भवती महिलाओं का ग्रुप बी स्ट्रेप टेस्ट किया जाना चाहिए। अगर टेस्ट का परिणाम पॉजिटिव हो, तो डॉक्टर की सलाह पर एंटीबायोटिक दवाएं लेनी चाहिए।
  • बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को मेनिंगोकोकल कंजुगेट वैक्सीन देनी चाहिए, जिसे एमसीवी 4 (MCV4) भी कहा जाता है। यह 11 वर्ष से ऊपर के बच्चों को दिया जाता है। वहीं, एमएमआर (MMR) वैक्सीन 9 से 15 महीने के बच्चों को और फिर 4 से 6 साल के बच्चों को दिया जाता है।

सनोफी पेस्ट्यूर के टीके की कीमत लगभग 5 हजार रुपये है। बेशक, कई लोगों को यह कीमत महंगी लगेगी, लेकिन याद रखें कि यह कीमत आपके बच्चे की जान से ज्यादा महंगी नहीं है।

नोट : यह रोग के बारे में जानकारी का पहला लेवल है। अगर आपको इस विषय में और जानकारी चाहिए, तो इसमें डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं। डॉक्टर की सलाह आपके लिए मार्गदर्शन का काम करेगी। हम इस लेख के माध्यम से बस इतना कहना चाहते हैं कि लोगों को इस बीमारी के बारे में पता होना चाहिए, खासकर उन लोगों को जो देश के उन हिस्सों में रहते हैं, जहां मेनिनजाइटिस के कई मामले सामने आए हैं।

Author: Chaitra

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