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कई बार बच्चों को काबुली चने के सेवन को लेकर माता-पिता के मन में दुविधा पैदा हो सकती है। दरअसल, शिशुओं के अतिरिक्त पोषण के लिए मां के दूध के अलावा अन्य खाद्य और पेय आहार की जरूरत होती है। इनकी पूर्ति के लिए डॉक्टर कई फलों, सब्जियों और अनाज के सेवन के लिए कह सकते हैं। ऐसे में क्या बच्चे के आहार में काबुली चना शामिल किया जा सकता है या नहीं, इसे लेकर पेरेंट्स में असमंजस की स्थिति बन सकती है। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख के माध्यम से हम बच्चों में काबुली चने के सेवन से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।

सबसे पहले यह जान लेते हैं कि शिशुओं को काबुली चने यानी छोले का सेवन कराना कितना सही है।

क्या शिशु को काबुली चने (छोले) खिलाना सुरक्षित है?

हां, शिशुओं के लिए काबुली चने यानी छोले का सेवन सुरक्षित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी फूड गाइडलाइन रिपोर्ट में बच्चों के आहार में काबुली चने को शामिल करने के बारे में बताया गया है (1)। इसके अलावा, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में बच्चों में प्रोटीन और अमीनो एसिड की जरूरत को पूरा करने के लिए काबुली चने का आटा खिलाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, काबुली चना में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, मैंगनीज, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, सोडियम, जिंक और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो बच्चों को कुपोषण से बचाकर उनके विकास में मदद कर सकते हैं (2)

आगे जानते हैं बच्चों को काबुली चने खिलाने का सही समय।

छोटे बच्चों को काबुली चने देना कब शुरू करें?

डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार, शिशु को शुरुआती छह महीने सिर्फ मां के दूध का सेवन कराना चाहिए। छह महीने के बाद डॉक्टर की सलाह पर उनके आहार में सॉलिड फूड यानी ठोस पदार्थ और सेमी सॉलिड फूड को शामिल किया जा सकता है। इस लिस्ट में काबुली चने का नाम भी शामिल है (1)। ऐसे में छोटे बच्चों के लिए काबुली चने का सेवन सुरक्षित माना जा सकता है। बस इसकी मात्रा का खास ख्याल रखें।

आगे हम काबुली चने के पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं।

काबुली चना की न्यूट्रिशनल वैल्यू

काबुली चना में मौजूद पोषक तत्व बच्चों की सेहत और विकास के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं। यहां हम काबुली चने में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (3):

  • 100 ग्राम काबुली चने में पानी 60.21 ग्राम, ऊर्जा 360 कैलोरी, प्रोटीन 17 ग्राम, कुल फैट 5 ग्राम और कार्बोहाइड्रेट 60 ग्राम होता है।
  • वहीं, 7.6 ग्राम फाइबर, 4.8 ग्राम शुगर, 202 मिलीग्राम कैल्शियम, 2.89 मिलीग्राम आयरन, 48 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 168 मिलीग्राम फास्फोरस की मात्रा की काबुली चने की 100 ग्राम की मात्रा में पाए जाते हैं।
  • पोटैशियम 291 मिलीग्राम, सोडियम 7 मिलीग्राम, जिंक 1.53 मिलीग्राम, विटामिन सी 1.3 मिलीग्राम, थियामिन 0.116 मिलीग्राम, राइबोफ्लेविन 0.063 मिलीग्राम और नियासिन 0.526 मिलीग्राम की मात्रा 100 ग्राम काबुली चने में मौजूद होते हैं।
  • इसके साथ ही 100 ग्राम काबुली चने से विटामिन बी – 6 0.139 मिलीग्राम, फोलेट 172 माइक्रोग्राम, विटामिन ए 1 माइक्रोग्राम, विटामिन ए 27 IU, विटामिन ई 0.35 मिलीग्राम, विटामिन के 4.0 माइक्रोग्राम प्राप्त किया जा सकता है।
  • 100 ग्राम काबुली चने में फैटी एसिड कुल सैचुरेटेड 0.269 ग्राम, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.583 ग्राम, फैटी एसिड और टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 1.156 ग्राम की मात्रा होती है।

काबुली चने के पोषक तत्वों के बाद जानते हैं कि छोटे बच्चों को काबुली चने खिलाने के क्या लाभ हो सकते हैं।

शिशु के लिए काबुली चने के फायदे

काबुली चने का सेवन बच्चों के लिए सुरक्षित है, इस बात से तो आप वाकिफ हो चुके हैं। यहां हम बच्चों के आहार में काबुली चने को शामिल करने के फायदों के बारे में बता रहे हैं।

  • पोषक तत्वों की पूर्ति: काबुली चने का सेवन बच्चों में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार काबुली चने में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, मैंगनीज, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, सोडियम, जिंक और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा पाई जाती है। काबुली चने में पाए जाने वाले ये पोषक तत्व बच्चों में कुपोषण की समस्या को दूर करने में काफी हद तक मददगार हो सकते हैं (2)
  • कब्ज से दिलाए राहत: बच्चों में कब्ज की समस्या होना आम बात है (4)। इस समस्या को कम करने के लिए काबुली चना सहायक हो सकता है। दरअसल, चने में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के साथ मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बना सकती है (5)
  • मस्तिष्क के लिए: बच्चों के मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने के लिए भी काबुली चने का सेवन लाभकारी हो सकता है। इस विषय पर हुई एक रिसर्च के अनुसार काबुली चने में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी पोषक तत्व माना जाता है (6)। ऐसे में बच्चों के मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी काबूली चने को उपयोगी माना जा सकता है।
  • पाचन तंत्र को ठीक रखे: काबुली चने का सेवन बच्चों के पाचन तंत्र को ठीक रखने में भी मददगार हाे सकता है। जैसा कि लेख में पहले ही बताया गया है कि इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। बता दें, फाइबर पाचन संबंधी समस्या जैसे बच्चों में डायरिया और गैस की समस्या को कम करने में लाभकारी हो सकता है (5)। इसलिए, बच्चों के आहार में काबुली चने को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।
  • आंखों के लिए: बच्चों की आंखों को स्वस्थ रखने के लिए भी काबुली चने का सेवन लाभदायक हो सकता है। एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि काबुली चने में अच्छी मात्रा में जिंक पाया जाता है। बता दें, जिंक रेटिना को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है (7)
  • हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए: हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए कैल्शियम को प्रमुख पोषक तत्व माना जाता है (8)। वहीं, काबुली चने में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है, जो बच्चों में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के साथ ही हड्डियों को मजबूती प्रदान कर  सकता है (2)
  • एनीमिया से बचाव के लिए: दुनिया भर में बच्चों को एनीमिया की परेशानी होना एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है, जिसका एक प्रमुख कारण रक्त में आयरन की कमी है (9)। वहीं, चने में आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो आयरन की कमी को पूरा कर एनीमिया के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकता है (2)

काबुली चने के फायदे के बाद शिशुओं के लिए काबुली चने के नुकसान के बारे में जानते हैं ।

शिशुओं के लिए काबुली चने के साइड-इफेक्ट्स

जहां एक ओर शिशुओं के लिए काबुली चने के फायदे कई हैं। वहीं, इसके कुछ नुकसान भी हैं, जिनके बारे में लेख में नीचे जानकारी दे रहे हैं:

  • काबुली चने में टैनिक जैसे कुछ एंटी-न्यूट्रीशनल कंपाउंड्स होते हैं, जो शरीर में कुछ पोषक तत्वों के अवशोषण को कम कर सकते हैं (10)। इस कारण काबुली चने का अधिक मात्रा में सेवन बच्चे में पोषक तत्वों की कमी का कारण बन सकता है।
  • कुछ शिशुओं में काबुली चने का सेवन एनाफिलेक्सिस का कारण बन सकता है। यह एक गंभीर एलर्जी की समस्या है। इसके होने पर नाक व होंठों में सूजन, उल्टी और पेट में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं (10)
  • फाइबर से भरपूर काबुली चने का अधिक मात्रा में सेवन करने से गैस, पेट फूलने और पेट दर्द जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है (3) (11)

लेख के इस हिस्से में बच्चों के लिए काबुली चने को चयन करने और सुरक्षित रखने के तरीके बता रहे हैं।

बच्चों के लिए काबुली चने कैसे चुनें और उन्हें कैसे स्टोर करें?

बच्चों के लिए काबुली चने का चुनाव करते समय नीचे दी गई बातों को जरूर ध्यान में रखें।

  • चने खरीदते समय ध्यान रखें कि इसके प्राकृतिक रंग में किसी तरह की असमानता न हो। यदि दिखने में काबुली चने खराब लग रहे हो, तो बिल्कुल न खरीदें।
  • काबूली चने खरीदते वक्त यह जरूर जांच कर लें कि इसमें घुन या अन्य कीड़े न लगे हो।
  • पैकेट वाले छोले खरीद रहे हैं, तो एक बार पैकिंग पर लिखी एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें।
  • काबुली चने को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए एयर टाइट डिब्बे में स्टोर करके रखें।
  • काबुली चने को खरीदने के 6 महीने के भीतर इस्तेमाल कर लेना चाहिए। लंबे समय तक इसे स्टोर करने से ये सूख जाते हैं, जिन्हें पकाने में ज्यादा समय लग सकता है।

काबुली चने का चुनाव और स्टाेरेज की जानकारी के बाद जानते हैं इसे पकाने के कुछ टिप्स।

काबुली चने पकाने के आसान व उपयोगी टिप्स

काबुली चने को आसान और सुरक्षित तरीके से पकाने के लिए नीचे कुछ टिप्स दे रहे हैं, जो कुछ इस तरह हैं:

  • छोले या काबुली चने को रातभर पानी में भिगोकर रखना चाहिए। कच्चा और अधपके छोले बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • काबुली चने को भिगोने से पहले इन्हें तीन से चार पानी में हाथों से रगड़कर साफ करें।
  • काबुली चने पानी को सोख लेते हैं और आकार में बढ़ जाते हैं। इसलिए इन्हें भिगोते समय सही मात्रा में पानी उपयोग करें। जैसे आधा कप छोले पका रहे हैं तो इसमें कम से कम दो कप पानी होना चाहिए।
  • कई बार छोले अच्छे से पकते नहीं हैं, जो बच्चे के गले में अटक सकते हैं। इसलिए हमेशा इसका सेवन प्यूरी के रूप में कराएं।
  • चूंकि शिशुओं का पाचन तंत्र संवेदनशील होता है, इसलिए शुरुआत में एक या दो चम्मच काबुली चने का ही सेवन कराएं।

लेख में आगे बच्चों के लिए काबुली चने की कुछ आसान रेसिपी के बारे में बताया जा रहा है।

बच्चों के लिए घर के बने काबुली चने की 3 रेसिपी

नीचे बच्चों के लिए काबुली चने से तैयार आसान और टेस्टी रेसिपी दे रहे हैं, जिन्हें आप घर पर ही झटपट बना सकती हैं। साथ ही बच्चे भी इन्हें चाव के साथ खाएंगे।

1. उबली हुई सब्जियों के साथ हुमस

Hummus with Steamed Vegetables
Image: Shutterstock

सामग्री: 

  • दो चम्मच पके हुए छोले
  • आधा चम्मच नींबू का रस
  • एक लहसुन की कली
  • चुटकीभर नमक

बनाने का तरीका:

  • सबसे पहले एक ब्लेंडर में नींबू का रस, लहसुन और छोले डालें। इसे दरदरा पीस लें।
  • अब इसमें थोड़ा सा पानी डालें और एक चिकना पेस्ट मिलने तक ब्लेंड करें। एक बार ब्लेंड हो जाने के बाद, मिश्रण को लगभग दस मिनट के लिए ऐसा ही छोड़ दें।
  • हुमस बनकर तैयार है, इसे एक सर्विंग बाउल में डालें। इसे अपने बच्चे को उबली या पकी हुई सब्जियों के साथ परोसें।

नोट: ध्यान रखें डॉक्टर एक साल से कम उम्र के बच्चों के आहार में नमक और चीना शामिल करने से मना करते हैं।

2. काबुली चने और वेजिटेबल प्यूरी

Chickpeas and Vegetable Puree
Image: Shutterstock

सामग्री:

  • तीन चम्मच काबुली चने, रात भर भिगो कर निथारे हुए
  • आधा टमाटर बारीक कटा हुआ
  • एक गाजर, मैश की हुई
  • एक-दो क्यूब कद्दूकस किया हुआ पनीर
  • आधा आलू कटा हुआ

बनाने का तरीका:

  • सबसे पहले कुकर में एक कप पानी डालकर काबुली चने को 5-6 सीटी होने तक अच्छे से पकाएं।
  • इसके बाद बाकी सब्जियों को डालकर 2 सीटी और लगवाएं।
  • कुकर से भांप निकलने के बाद अतिरिक्त पानी निकालकर काबुली चने और सब्जियों को मैश कर लें।
  • चाहें तो सभी चीजों को एक ब्लेंडर में डालकर ब्लेंड कर लें।

3. काबुली चने और मटर की प्यूरी

Chickpea and Pea Puree
Image: Shutterstock

सामग्री:

  • आधा कप काबुली चना (रातभर भिगोए हुए )
  • दो बड़े चम्मच फ्रेश मटर
  • एक लहसुन की कली बारीक कटी हुई
  • एक चुटकी जीरा
  • एक छोटा चम्मच तेल

बनाने का तरीका:

  • सबसे पहले कुकर में दो कप पानी के साथ काबुली चने को 6 सीटी आने तक पकाएं।
  • इसके बाद  कुकर में एक कप पानी और हरी मटर डालकर 2 सीटी तक पकाएं।
  • अब कुकर में छोले और मटर के साथ ही बरीक कटा लहसुन और जीरा डालकर चलाएं।
  • पकने के बाद इसे ब्लेंडर में डालें और मैश कर लें।
  • इसे एक बॉउल में निकालकर बच्चे को परोसें।

छोटे बच्चों को काबुली चने का सेवन कराना चाहिए या नहीं, लेख को पढ़ने के बाद इसे लेकर आपका कोई संशय नहीं होगा। काबुली चना निस्संदेह बच्चे के लिए एक अच्छा पौष्टिक खाद्य हो सकता है। इसमें मौजूद मैक्रोन्यूट्रिएंट्स और अन्य पोषक तत्व बच्चों को विभिन्न तरह से स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं, जो बढ़ते बच्चों के लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि आप पहली बार बच्चों को काबुली चना देने का विचार कर रहे हैं, तो इसके लिए बाल विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं। साथ ही काबुली चने की मात्रा का खास ख्याल रखें। अधिक मात्रा में काबुली चने का सेवन बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

References